Thursday, November 21, 2024
Hindi Midnight Stories

अधूरी प्यास – पूरी चुदाई से भरी कहानी

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम रिंकी शाह है, मैं कानपुर (यूपी) से हूं और अब दिल्ली में बस गई हूं मेरा नाम रितेश शाह है आज। माई आपको बताता हूं कि कैसे माई रितेश से रिंकी बन गई और ये कहानी माई लड़की बन कर लिख रही है हुक्युकी अब माई लड़की की तरह ही रहती हूं अब ज्यादा आपको बोर ना करते हुए मैं अपनी सच्ची कहानी सुनाती हूं इस वक्त मैं 34 साल की हूं मेरा शरीर थोड़ा स्वस्थ है ये घाटना आज से 20 साल पहले की है जब मैं 9वीं में पढ़ता था शूरू से ही पढने में होशियार था बचपन में मेरा शरीर बिल्कुल गोलू मोलू की तरह था माई ज्याद अलादको से दोस्ती नहीं थी मेरा एक दोस्त था जिसका नाम सरफराज था वो मुस्लिम परिवार से था और हम दोनों एक ही मोहल्ले में रहते थे एक ही मोहल्ले में रहने के कारण मेरी उससे अच्छी दोस्ती थी हम एक ही स्कूल में पढ़ते थे इसलिए एक ही साथ पढ़ते थे वो मुझसे उम्र में दो साल बड़ा करते थे उस समय पर मुझे सेक्स की जया द अंजानकारी नहीं थी एक दिन उसके यहां एक रिश्ता आया वो सरफराज के डर के अंकल थे उनको कानपुर में कोई काम था उनका नाम सहजाद था वो 5.7″ लंबे टैगदे और बॉडी बिल्डर के जैसे थे माई अक्सर उनके यहां खेलना और अपने जिले के साथ पढ़ाई करने जाता था वो मुझे देख कर बड़े प्यार से मेरा गाल सहलाते मेरे कंधे मसलते मुझे किस करते उस समय पर पता नहीं मेरे बॉडी में बहुत तेज सेंसेशन होता था दिल करता था कि बस मसलते रहे मुझे बहुत अच्छा लगता था एक दिन शाम को मैं उनके घर गया और अपने दोस्त के साथ पढ़ाई करने लगा तभी वो आए और पूछने लगे कि क्या हो रहा है पढ़ई कैसी चल रही है वो मेरे पास बैठ गए और मेरी पीठ सहलाने लगे मुझे गुदगुदी होने लगी और मेरे आला कुछ-कुछ होने लगा तभी सरफराज की मम्मी आई और बोली के बेटा चलो खाना खा लो खाना तैयार है तो मैं उठ कर अपने घर जाने लगा तो अंकल बोले कि यहीं पर कहना खा लो हमारे साथ तो मैं भी उनके साथ बैठ गया खाना खाने खाना खा कर सब बातें करने लगें और हम फिर अपनी पढ़ाई में लग गए थोड़ी देर बाद माई बोला कि अब घर जा रहा हूं तो सरफराज बोला अरे यार इतनी रात को क्या घर जाएगा यहीं तो जा हम सब छत पर सोने वेले है क्योंकि उस दिन गर्मी बहुत थी तो मैं भी मन गया और हम सब का बिस्तार ऊपर छत पर लग गया और हम सोने लगे मेरा सफराज का और सहजाद अंकल का बिस्तार एक जगह लगा था हम सोने लगे तो माई सरफराज और सहजाद अंकल के बीच सोया था मुझे सोते ही नींद आ गई निंद में सोते हुए मेरी बैक सहजाद अंकल के तरफ हो गई थी रात के समय मुझे एहसास हुआ कि कोई मेरी पेट पर हाथ फिर रहा था मेरी नींद खुल गई जब मैंने अपनी पोजीशन देखी तो मुझे बड़ी शर्म आई कि मेरी उनकी तरफ लेती हुई थी और मेरी गांड उनको दोनों जांघों के बीच में थी और उनका हाथ मेरे पेट पर था उनका इस तरह से सहलाना मेरे अंदर एक हलचल सी पैदा कर रही थी और उनका टाइट लंड मेरे लोअर के ऊपर से मेरी गांड की छेद पर लग रहा था जो मुझे एक अनोखा ही सुख दे रहा था मैं भी मस्त होने लगी थी फिर मैंने ध्यान से उनकी तरफ देखा तो पाया के वो तो सो रहे पार अब मेरी आंखों से निंद गायब हो चुकी थी और मेरा आदमी कुछ करने को कर रहा था मैं उनके और करीब बैठ गई और अपने हाथ को बढ़ा कर उनके लंड पर राखी तो मेरे पैर शरीर में एक करंट सा दौड़ गया उनका लंड बहुत ही लंबा और मिटा था और फुल टाइट खड़ा था मैं सोच रही थी कि मैं क्या करूँ क्योंकि उनका लंड मुझे उनकी या आकर्षित करा रहा है था जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने अपने जोड़े के पास पड़ी चादर उठाई और उनको अपने लंड को एक ही चादर में कैद कर लिया अब हमारे बाहर से कोई नहीं देख सकता था फिर मैंने अपने हाथों से उनके लंड को सहलाना शुरू किया उनका लंड और तन कर टाइट हो गया था फिर मैंने अपने लोअर को नीचे खींच कर अपने झांघो तक किया और उनके लंड को पकड़ कर अपनी गांड के छेद पर रगड़ने लगा मुझे बहुत ही मजा आ रहा था जब सोचने लगी जब रगड़ने में इतना मजा आ रहा है तो अंदर जाएगा तो कितना मजा आएगा ये सोचते ही मेरा रोम रोम फड़कने लगा माई ये सोच कर ही विचलिट होने लगी पर अभी भी वो वैसे ही सोए हुए थे फिर मैंने उन्हें देखा और अपने मुंह से थूक निकल कर अपने हाथो से उनके लंड को गिला करने लगी उनके लंड को गिला करने के बाद मैंने उनके लंड को अपनी गांड के छेद पर टीका दिया और अपने अंदर लेने की कोशिश करने में कामयाब नहीं हो सकते

पा रही थी क्योंकि ये मेरा पहला समय था जो मैं कर रही थी फिर से कोशिश करती रही कोशिश में उनका सुपाड़ा अचानक मेरी गांड में घुस गया और मुझे एक तेज़ दर्द का झटका लगा मेरी गांड दर्द करने लगी और मेरी आँखों में पानी आ गया गया था माई वैसे ही पड़ी रही उनके लंड का सुपाड़ा नहीं निकला डर रहिथी की नकल पर भी देखेगा यही सोच रही थी कि तभी अंकल थोड़ा हिले और अपने आपको थोड़ा आगे ढकेल दिया जिसे उनका लंड मेरी गांड में आधा घेस गया था मेरी तो जैसी जान हाय निकल गयो थी मेरी मुँह से चीख निकलते-निकलते रह गई थी क्योंकि उससे पहले ही मैंने अपने हाथ से अपना मुंह कस लिया था और बीच लिया था तो मेरी चीख मेरे ही गले में अटक गई थी, इतनी देर बाद मुझे लगा कि अंकल हिल रहे हैं और उनका बच्चा हुआ लंड भी धीरे धीरे अंडर हो रहा है मुझे ये सब बड़ा ही तकलीफ दे रहा था फिर भी माई अब चुप चाप पड़ी हुई थी थोड़ी देर बाद मुझे भी मजा आने लगा और मैं सिसकारी लेना चाहती थी पर सब लोग ऊपर ही सोए हुए थे सभी को हमारी चुदाई का पता चल गया था इसलिए मैंने अपनी सिस्कारी अपनी अंदर ही दबा ली थी इधर उनका धक्का धीरे-धीरे मेरी गांड में लग रहा था अब उनका लंड थोड़ा और टाइट हो गया था और अचानक मुझे मेरी गांड में कुछ गड़बड़ हुई क्योंकि मैं उस वक्त तक ये नहीं जानती थी कि ये चुदाई क्या होती है ये सब बातें मुझे बाद में पता चली उनका वीर्य मेरे अंदर पड़ा हुआ था और लंड भी अंदर ही था दस मिनट बाद ही उन्हें अपना लंड मेरी गांड से निकला जैसे ही उनहोन लंड निकला माई घूम कर देखी तो वो अब भी सोने का नाटक ही कर रहे थे माई उठी और लोअर ऊपर कर के बाथरूम जाने लगी मेरी जोड़ी लड़खड़ा रहे थे माई बाथरूम में जा कर अपने को साफ किया तब मुझे मुझसे कहा गया था कि कैसे मैंने इतने मोटे लंड को अपने अंदर ले लिया था सफाई करने के दौरान मेरी गांड से खून भी बहुत निकला था मैं डर गई थी के कहि मेरी गांड तो नहीं फट गई फिर मैं धीरे-धीरे आकर अपनी जगह पर सो गई सपने ने भी वही सब माई देख रही थी सुबह उठी तो फ्रेश मेहसूस कर रही थी सब ठीक था पर मेरी गांड में दर्द था फिर मैं अपने घराकर तैयार हुई और स्कूल में चली गई सारा दिन ऐसी सोच में डूबी रही के मुझे रात में क्या हो गया था मैं कैसे ये सब कर गई स्कूल खत्म होने के बाद मैं घर आई तो पता चला कि मम्मी के किसी रिश्तेदार का निधन हो गया है और मम्मी पापा वाहा जेन की तयारी कर रहे थे मम्मी मुझे भी साथ चलने के लिए बोल रही थी तो पापा ने मना कर दिया कि स्कूल मिस होगी और ढाई लॉस होगा, इसलिए तुम यहीं रहो और पढ़ाई पर ध्यान दो और अनहोन सरफराज की मम्मी को बोल दिया कि मेरा ख्याल रखे वो लोग दो दिन में लौट आएंगे जब सहजाद अंकल को पता चला तो वो बड़े खुश हुए और आंटी को बोला के माई रितेश के घर पर ही सो जाऊंगा कुकी घर पूरा खाली है और कोई चोर आ कर चोरी भी कर सकता है फिर हम अपने घर आ गए घर आने के बाद सहजाद अंकल ने मुख्य दरवाजे को अच्छी तरह से बंद कर दिया फिर मुझे ले कर सोफ़े पर आ गए और वो पूछने लगे की रात में मजा आया तो माई शर्म से सर नीचे झुका ली उन्हें मेरे सर ऊपर उठाया और मेरे होठों पर किस किया तो माई बोल पड़ी अंकल सॉरी माई आज से दोबारा ऐसा अनाही करुंगी आप मुझे माफ कर दीजिए और जाने दीजिए मेरी बातों का अनपार कोई असर नहीं हो रहा था वो तो मुझे गरम करने में लगे हुए थे और मेरे बगीचे पर मेरे गालों पर किस करते थे जा रहे थे मेरी पीठ सहलते जा रहे थे उनकी हरकतों से मैं भी गरम हो रही थी फिर उन्हें मेरी टीशर्ट निकाल दी और मेरे शरीर को देखने लगे मैंने अपने सर को झुका लिया था फिर उन्हें मुझे नंगा किया मेरा लोअर और कच्छा भी उतार दिया मेरा शरीर गोरा था और मैं थोड़ी स्वस्थ भी थी फी उन्हें मुझे फ्रेंच किस करनी शुरू कर दी और मेरे बदन को यहा वाह मसलने लगे और मुझे चूमने लगे बहुत देर तक वो मुझे चूमते चटाते रहे फिर वो भी अपना कपड़ा निकाल कर वही सोफ़े पर रख दिया अब तक 7एनकी हरकतों से माई गरम हो गई थी फिर वो किचन से तेल की बोतल उठा कर लाए और उसे मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया फिर उसे मेरी गांड पर अच्छे से तेल लगा कर अपने लंड को तेल से पूरा तार कर दिया और मेरे पीछे आ घुटनो के बाल बैठ कर मेरे गांड पर अपना लंड लगा दिया माई सास रोक कर अब उनके धक्के के इंतजार करने के बाद उन्हें एक करार शॉट मारा और उनका आधा लंड मेरी गांड में घुस गया माई दर्द से बहुत तेज चीख आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ

सुपाड़े को अंदर रख कर एक और जोरदार शॉट मारा एस बार उनका लंड पूरा जार तक मेरे अंदर घुस गया था और मैं दर्द से इतने कोर से निकली थी कि मेरी आवाज पूरे घर में गूंज गई आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआजाआआजाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआजाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआजाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआजाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ कैसे जा रहा है क्कआलल्ल लल्ल्लूउ म्म्म्म्आ्आ्इइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ मम्माआअर्र्र्र ज्ज्ज्जाआउउउंन्न्न्ग्ग्गिइइइ बब्बाआआहहुउउउत्तत्त दद्ददाआआर्र्र्डडडडडडडडडडडडडडडड hhhhhooo rrrraaaaaahhhhhaaaaa hhhhaaaaaaiiiiiii nnnnniiiilllllaaaallllllll lllllllloooooo pppppllllzzzzz और माई ये कहते कहते बेहोश हो गई थोड़ी देर बाद मुझे होश आया तो मुझे एहसास हुआ कि अभी भी अंकल का लंड मेरे अंदर घुसा हुआ है और अंकल वैसे ही खड़े खड़े मुस्कुरा रहे हैं मेरी गांड में बहुत तेज़ दर्द हो रहा था फिर थोड़ा ये अंकल उसकी पोजीशन में रहे और फिर थोड़ी देर बाद धक्का लगाना शुरू कर दिया मुझे बहुत दर्द हो रहा था आआआहहहहह और मेरी आँखें से। आंसू निकल रहे थे थोड़ी देर बाद मुझे भी मजा आने लगा दर्द के साथ मजा भी आ रहा था और मैं मजा और दर्द से आआआआह्ह्ह्ह कर रही थी फिर अंकल बड़ी तेजी से मुझे चोदने लगे आआआह्ह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह की आवाज पूरी तरह से गूंज रही थी। थप थप की आवाज से पूरा रूम गूंज गया था अचानक अंकल तेज तेज शॉट मारने लगे और थोड़े ढक्को के बाद उनका गरम गरम पानी मेरे अंदर गिर गया और वो मेरे पीठ पर हनफ्ते हुए गिर पफे और ऐसे ही पड़े रहे उनका लंड अभी भी मेरी गांड में घुसा हुआ था और वो मेरे ऊपर पड़े पड़े लंबी लंबी सासे ले रहे थे थिडी डेर बाद वो उठे और अपना लंड मेरी गांड में से निकले लगे लंड निकलते हुए उन्हें मेरे डोनो चूतरो को कैसे आपस में चिपका दिया था और वैसे हाय चिपकाये हुए अपना लंड निकला लंड निकालने के बाद भी मेरे चूतरो के डोनो भागो को कस के चिपकाये हुए हाय राखे जिसे उनका वीर्य मेरे नीचे हलचल मचा रहा था आधे घंटे तक वैसे ही रखने के बाद उनको मुझे छोरा माई कांपते टैंगो के साथ उठी और बाथरूम जा कर अपनी गांड की सफ़ाई जब वापस आई तो मुझसे सही से चला भी नहीं जा रहा था आज जब चुडसी हुई तो पता चला कि असली चुदाई क्या होती है फिर अंकल कपड़े पहन कर तैयार हो गए और बोले कि तुम आराम करो मैं मार्केट से आता हूं और वो मार्केट चले गए और मैं अपने कपड़े पहन कर वही सोफ़े पर ही लेट गई आज की जबरदस्त चुदाई से माई बहुत थक गई थी और मेरे शुद्ध बदन और गांड में दर्द हो रहा था लेते लेते हाय पता नहीं कब मुझे नींद आ गई पता नहीं कितनी देर तक सोती राही किसी के जगने पर मेरी आंख खुलिवो अंकल थे वो मुझे जगा रहे थे माई उठी तो देखी की रात 8:30 हो रहा था और मुझे भूख भी लग रही थी और बदन भी दर्द कर रहा था मैंने अंकल से बोला कि मेरे बदन में और मेरे पीछे बहुत दर्द है तो वो बोले कि मैं दवा लाया हूं तुम खाना खा लो फिर दवा खा लेना मैं ताजा हुई और हमने साथ में बैठ कर खाना खाया चाचा सरफराज के घर से खाना टिफिन में पैक कर के लेये थे हमने खाना खत्म किया फिर उन्हें दिया मुझे तीन टैबलेट दी और बोला कि खा लो तो मैंने पूछा अंकल ये इतनी सारी दवाई तो वो बोले कि तुम्हारे लिए है खा लो जल्दी अच्छी हो जाओगी मैंने वो दवा लेकर खा ली फिर उन्हें मुझे दूध गरम कर के दिया पाइन कोमैने दूध भी पी ली फिर एक बार बोला कि मैं तुम्हारे लिए कुछ लाया हूं और मुझे एक पैकेट पकड़ा दिया और बोले कि खोल कर कर देखो जब मैंने पैकेट खोल कर देखा तो मैं बिल्कुल चकित रह गई हमें एक बहुत ही सुंदर सी ड्रेस थी और उसके साथ लाल रंग की ब्रा पैंटी लिपस्टिक विग और बहुत तरह के आभूषण वो बोले कि इसे पहन कर दिखाओ ये तुम पर बहुत अच्छा लगेगा मैंने मन कर दिया की माई ये सब नहीं पहन सकती ये सब तो लेडीज आइटम है और मैं लेडीज नहीं हूं तो वो हंसने लगे और बोले कि मेरी जान 1/2 घंटा साबर कर लो फिर तुम खुद ही ये सारे पहन कर मेरे पास आओगी मैं उनकी बात को समझ नहींउर वो चुपचाप सोफे पर बैठ गए लगभाग 45 मिनट के बाद मुझे शुरू करने लगा और मेरी आंखे खराब होने लगी मेरे शरीर का दर्द और मेरी गांड का दर्द अचानक कहीं गायब हो गया और उसकी जगह पौर बदन में मस्ती छाने लगी ऐसा लगने लगा कि कोई मुझे पकड़ के खूब जोरो से रगड़ डाले मसल डाले मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी गांड को कोई सख्त चीज चाहिए लेकिन अंकल की तरफ देख कर बोली हां मुझे क्या हो

रहा है इस पर अंकल मुस्कुराते हुए बोले कि कुछ नहीं बस तुम्हें थोड़ी मस्ती चढ़ेगी और तुम खुद चुदने के लिए बेचैन हो जाओगी, ये सूरज कर चौक गई उनकी बात भी सही थी धीरे-धीरे मेरी इच्छा बढ़ती जा रही थी मैं चाह रही थी कि अंकल मुझे रौंदडाले मेरी प्यास को शांत कर डाले पर अंकल वही अलग सोफे पर ही बैठे थे और मुस्कुरा रहे थे माई धीरे-धीरे उनके पास सरकने लगी तबजी वो बोले मेरे पास आना है तो ये सबपहन कर आना होगा नहीं तो मेरे पास मत आना माई ये सुन कर बहुत ही परेशान हो गई इधर मेरे शरीर में वासना की आग प्रबल होती जा रही थी मेरा मस्तिक काम नहीं कर रहा था कि माई क्या करू दू मिनट सोचने के बाद मैं वो सब सामान उठा कर अंदर चली गई और अपना टीशर्ट और लोअर उतार कर अपना नंगा बदन शीशे में देखने लगी फिर मैंने हाथ मुंह धोया और ब्रा पेंटी पहन ली ब्रा के अंदर दो कॉटन के छोटे-छोटे बॉल्स रख लीजिए जो सामान के साथ थे फिर मैंने फ्रॉक पहनी फिर हाथो में कंगन नाक में नोज पिन कानो ईयर रिंग गले में मोतियों की माला आंखो में काजल लगाया होंटो पर लिपस्टिक लगाई हल्का सा मेकअप किया फिर विग लगाई वो विग मात्र कंधे के थोड़ा नीचे तक था फिर मैं तैयार हो कर जब अपने आप को शीशा में देखा तो देखते ही रह गई, गजब लग रही थी, बिकुल गुड़िया की तरह, रूम से बाहर निकली और सोफे के पास जा कर खड़ी हो गई अंकल मुझे देखते ही बिल्कुल पागल हो गए वो बोलने लगे तुम बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही हो आओ मेरे भगवान में बैठो माई चुप चाप जा कर उनके भगवान में बैठ गई और वो मेरी तारीफ करने लगे, मैं भी अपनी तारीफ सुन कर खुश हो गई इधर अंकल मुझे सहलाने लगे और उनके सहलाने से मैं और गरम हो गई अंकल मुझे सहलाते रहे और धीरे धीरे मेरे होठों को चूसने लगे पाइन लागे, मैं भी उनके साथ देनी लगी और मैं भी उनका होंथ चूसने लगी हम दोनों के होंथ एक दूसरे से चिपके हुए थे तभी अंकल का एक हाथ मेरी ब्रा पर आ गया और वहा वो दबाने लगे थोड़ी देर हम अलग हुए और अंकल मेरे फ्रॉक को निकालने लगे फ्रॉक निकाल कर फिर मुझे देखने लगे और मेरे बदन को सहलाने लगे और मेरा काम वासना में बुरी तरह तड़पने लगी अब अंकल ने भी अपने कपड़े उतार दिए और पूरे नंगे हो गए उनका लंड पूरा तरह से खड़ा था जिसे मैंने देख कर डर भी रही थी और रोमांस भी हो रही थी फिर अंकल बोलर जाओ मेरे लिए एक गिलास दूध ले कर आओ माई चुपचाप किचन में चली गई और एक गिलास में दूध डाल कर ले आई उनको दूध का गिलास उठा लिया और दो टेबलेट खा कर वो दूध पी लिया मैं कुछ समझ नहीं पाई और अंकल से पूछा ये कैसी दवा है तो अन्होने बोला कि ये बाद में तुम्हें पता चलेगा एक टेबलेट हल्की नीली रंग की थी और एक लाल रैंक की माई अभी तक असमंजस में थी कि आखिर अंकल ने दवाइ क्यों खाई तभी अचानक मेरे दिमाग मेरे दिमाग ये विचार उबरा की कही ये सेक्स के लिए तो नहीं ये सोचते ही मेरा पूरा शरीर गैंगना गया सारे रोए खड़े हो गए मतलब आज मेरा कचूमर बनाने वाला था उधर अंकल का लंड और भी तेज़ झटके लेने लगा था अंकल बोले कि चल इधर आ और मेरा लंड अपने मुँह में ले कर चूस तो मैंने मना कर दिया इस पर अंकल गुस्सा हो गए और लगे गली देने साली नखरा करती है अपने से चुदवाती है और अब नाटक कर रही है और अन्होने मेरे गाल पर एक ज़ोरदार तमाचा जद दिया माई बिलकुल लेकिन बानी खादी थी उनके तमाचे से माई सोफ़े पर गिर गई मेरा गाल लाल हो गया था और उनके उंगलियों के निशान मेरे गाल पर छप गए थे फिर वो बोले अभी चुस्ती है या दो चार और फटके माई डर गई और अपने गाल पर हाथ रखे हुए ही उनके पास खिसक गई और उनके लंड को सहलाने लगी तो बोले कि मुंह में ले कर इसे चुस चुस चुस कर इसका माल निकाल दे मैं डरती हूं उनके लंड के सुपाड़े को अपने होठों से लगाया और धीरे धीरे उसपर जीभ फिराने लगी मुझे अच्छा नहीं लग रहा था फिर भी मजबूरी में करना पड़ रहा था वो बोले पूरा अंदर तक ले मेरा लंड अपने मुँह में मेरा सर पकड़ कर लगे धक्के

एतना ज्यादा वीर्य इस पहले दो चुदाई में नहीं निकला था जितना इस बार निकला था वीर्य छूटने के बाद वो मेरे बदन पर सो गए और उनका लंड अभी भी मेरे अंडर ही था अचानक ही उन्हें कुछ याद आया और उनके हाथ बढ़ा कर तकिये के लिए एक टैबलेट की स्ट्रैप निकली और उसमें से एक गोली निकाल कर देते हुए बोले इसे चूसो मैंने माना किया तो अनहोनीजबरदस्ती मेरे मुंह में डाल दी और अपने होठों से मेरे होठों को ऊपर से लॉक कर दिया के कहीं माई टैबलेट थुक ना दू टैबलेट मेरे मुंह में आते हाय घुलने लगी और वो मेरे मुँह के अन्दर हाय चाँद दूसरे में घुल गयी पर मैंने अन्दर नहीं निगला ये देख कर अंकल ने मेरा नाक बंद कर दिया और मुंह पर वो अपना मुंह भी नहीं हटा रहे थे माई सास लेने के लिए चटपटाने लगी पर अंकल मेरे ऊपर ही थे तो मैं ज्यादा आहिल भी नहीं पा रही थी थोड़ी देर में अंकल ने मेरा मुंह छोड़ और मैंने तुरंट सास लाने के लिए मुंह खोल दिया और जैसे उसने सास अंदर ली तो वो दावा भी मेरे अंदर चली गई दिसे देख कर अंकल खुश हो गए मैं अपर नाराज होते हुए कहा कि ये आपने मुझे कौन सी दवा खिलाई है और क्यों खिलाई है तो वो बोलने लगे कि तुम बहुत अच्छे हो अगर तुम लड़की होती तो मैं तुमसे शादी कर लेता पर टेंशन मत लो मैं तुमसे ही शादी करूंगा पर लड़की बनाने की प्रक्रिया है ये क्लॉटिंग टैबलेट है तुम्हारे अंदर जो मेरा वीर्य है वो इस गोली से क्लॉट कर जाएगा थोड़े दिनों में तुम्हारी गांड बिकुल लड़की जैसी हो जाएगी जैसे उनके निकले होए हैमाई ये सुन कर डर गई और फिर सोचने लगी क्या ऐसा हो सकता है वही पर मेरे अंदर छुपी एक लड़की ने जन्म लिया और मैं भी चाहने लगी ऐसा हो अंकल का लंड अभी तक मेरे अंदर ही था अब वो अपना लंड बाहर निकालेगी लगे लंड निकलते हुए उनको ने फिर मेरी चूतरो के पेटो को कस के दबा कर

चपका दिया और उनका वीर्य बाहर ना आ सका ऐसे ही पोजीशन में मुझे आधे घंटे तक रखा फिर मुझे छोरा मैं उठ कर बाथरूम गई पर हेयरनी हुई के अंकल के वीर्य की एक बूंद भी मेरे अंडर से नहीं निकली यानि के सारी वीर्य मेरे अंडर ही सूखी गई थी माई फ्रेश हो कर आई और अंकल के पास लेट गई उनका लंड अब भी वैसा ही खड़ा था वो फिर मेरे ब्रा को ऊपर कर के मेरे सपत छतियो को मालने लगे थोड़ी देर बाद उठ कर बाहर आ गए और एक तेल की शीशी ले कर आए हमसे थोड़ा तेल मेरे छत पर गिरा कर उसका मर्दन करने लगे मैं फिर से गरम हो गई पता नहीं उनके हाथों में ऐसा क्या जड़ो था जो लगते ही मेरा तन बदन पूरा लहराने लगता था मैं अब पूरी तरह से एस3 तैयार थी उन्हें फिर मुझे चोदना शुरू किया और कई आसनो से चोदा जब उनका वीर्य निकला तो फिर उन्हें वैसा ही किया जैसा पहले किया था पर इस बार गोली नहीं दी थी मैं वैसे ही बिस्तार पर पड़ी रही और मेरा बदन से खेलते रहे सारी रात यहीं चलता रहा उस रात उन्हें मुझे 6 बार चोदा और सारा पानी मेरे अंडर हाय रखा और पानी बहार भी नहीं आ रहा था सुबह माई जब सो कर उठी तो माई उनके बदन पर वैसी सोई पड़ी थी उनके बाहो में और इतनी चुदाई होने से मेरा पूरा बदन जैसा टूट रहा था तभी वो फिर उठ गई सुबह सुबह भी उन्हें एक राउंड और चोदा फिर माई टॉयलेट गई और स्टूल के लिए टॉयलेट पेन पर बैठ गई टॉयलेट किया मैं देख रही थी और हेयरन भी थी कि आखिर उनका सारा वीर्य कहां गया टॉयलेट के साथ भी नहीं निकला फिर माई नहा कर बाजार आई और अपने कपड़े पहनने लगी तो अंकल बोले कि पहले आला ब्रा और पैंटी पहनो फिर बनियान पहन कर के टैब टीशर्ट पहनो माई तैयार हुई और मार्केट के तार निकल गए फिर हमने नाश्ता किया और घर आए तो अंकल ने मुझे फिर से टैबलेट दी और बोला कि खा लो इसे मैंने बोला कि जबतक आप नहीं बताएंगे, मैं नहीं खाऊंगी तो उन्हें बताऊंगा कि ये ब्रेस्ट इम्प्लांट करने वाली दवा है तो मैं नहीं समझती तो उन्हें बुलाना समझा है इस दावे से तुम्हारी छती भी लड़कियाँ जैसी हो जाएगी, माई ये सूरज कर दंग रह गई और सोचने लगी के ये अंकल मेरे साथ क्या करना चाहते हैं तभी मेरे अंडर दबी हुई लड़की मेरे सामने आने लगी और कहने लगी के मत सोच खा ले इसे अच्छा मोका नहीं मिलेगा तू तो लड़की ही है तुझे ये अवसर मिल रहा है खा ले सोच मतफिर मैने वो दावा खा ली दो दिन बाद मेरे माता पिता आ गये पर इन दो दिनों में मुझे अंकल ने इतना चोदा था कि मैं अब बिना चुदाई के रह भी नहीं सकती थी

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