मेरा नाम अंशुल है, मैं 19 साल का लड़का हूँ और दो महीने पहले ही मेरा इंजीनियरिंग कॉलेज में अड्मिशन हुआ है.
मैं बहुत ही शर्मीला किस्म का लड़का हूँ इसलिए मैं हर किसी से पहले बात करने में शर्माता हूँ.
मेरी इसी कमी के कारण मेरे ज़्यादा दोस्त भी नहीं हैं.
हमारे सीनियर्स ने फ्रेशर्ज़ पार्टी अरेंज की थी.
उस दिन जो हुआ, वह मेरी जिंदगी में एक अलग ही किस्म का रोमांच लाने वाला अनुभव हुआ था.
मेरी क्लास में निनाद नाम का लड़का है, वह भी 19 साल का है.
वह नियमित रूप से जिम जाने वाला बंदा है इसी लिए उसकी बॉडी बहुत सेक्सी और हॉट है.
उसका शारीरिक आकार बहुत ही सही है और उसके मसल्स पर तो समझो, मैं फिदा हूँ. मुझे उसकी बॉडी बहुत ही हॉट लगती है.
मैं जब भी उसे देखता हूँ तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है.
कॉलेज में एक दिन वह क्लास में मेरे ठीक बगल में बैठा था.
उसके अपने बाजू में बैठे होने से न जाने क्यों मेरा लंड एकदम टाइट हो गया.
मैं जब अपने लंड को अड्जस्ट करने लगा, तब उसका ध्यान मुझ पर गया और उसने मुझे अपने लौड़े को सहलाते हुए देख लिया.
उसी समय मेरी उससे नजरें मिल गईं और हम दोनों मूक भाव से एक दूसरे को देख कर चुप रह गए.
ऐसे ही एक दो बार और हुआ था.
हमारी फ्रेशर्ज़ पार्टी की रात को मेरी उससे बात हुई.
मेरे कुछ फ्रेंड्स बाहर ड्रिंक्स करने जाने वाले थे.
उन्होंने मुझसे पूछा तो पहले मैंने मना कर दिया.
पर जब निनाद ने मुझसे कहा- साथ चलो न!
तो मैंने कहा- मैं ड्रिंक नहीं करता.
इस पर उसने कहा- मैं भी ड्रिंक नहीं करता, बस साथ चलेंगे.
मैंने हां कर दी.
हम दोनों उनके साथ चले गए.
फिर जब सारे दोस्तों ने ड्रिंक्स करना शुरू किया तो निनाद ने मुझसे बाहर घूमने चलने को कहा.
मैंने भी हां कर दी.
मैं उसकी कार में बैठ गया.
कार में वह ड्राइव कर रहा था.
कुछ दूर चलने पर उसने मुझसे मज़ाक करना शुरू कर दिया- अंशु तेरी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
मैं- नहीं, तुम्हारी?
निनाद- नहीं, तू दिन में कितनी बार हिलाता है?
मैं चुप था; मैं शर्मा गया था.
उसे पता था कि मैं ऐसी बातें नहीं करता हूँ, इसलिए जानबूझ कर मुझे छेड़ रहा था.
निनाद- अबे लड़की की तरह शर्मा क्या रहा है? बता दे न …!
मैं- कभी कभी.
निनाद- कभी किसी लड़की को नंगी देखा है?
मैं- नहीं!
निनाद- और किसी लड़के को?
यह सुनते ही मैं अचकचा गया कि यह क्या सवाल हुआ?
मैं- नहीं.
निनाद- पॉर्न देखता है?
मैं- कभी कभी मन किया, तो देख लेता हूँ.
निनाद- मेरे साथ चलेगा? आज रात सीन जमाते हैं!
मैंने पहले समझा नहीं कि क्या करना है.
पर निनाद ने पूछा था तो मैंने हां कर दी!
हम दोनों उसके घर चले गए.
उसके घर में सबसे ऊपर वाले हिस्से में उसका कमरा था.
हम दोनों वहां आ गए.
उसने लैपटॉप निकाला और एक पॉर्न वीडियो शुरू कर दिया.
हम दोनों अगल बगल में बैठे पॉर्न देख रहे थे.
उसने अपनी टी-शर्ट उतार कर साइड में रख दी और मेरी जांघ पर हाथ फेरते हुए बोला- आज तुझे कुछ दिखाता हूँ.
मैं तो उसकी टॉप बॉडी को देखता ही रह गया.
उसने अपने लैपटॉप पर गे पॉर्न लगा दिया.
मैं यह देख कर हैरान हो गया.
निनाद- ये वाली मूवी देखते हैं … तुझे भी पसंद है ना!
यह सुनते ही मैं डर गया … पर अन्दर से मुझे भी मज़ा सा आ रहा था.
निनाद- मुझे पता है … मुझे देख कर तेरा खड़ा हो जाता है.
मैं- ये तुम क्या कह रहे हो. ऐसा कुछ नहीं है!
निनाद- डर मत, मैं किसी को नहीं बताऊंगा!
मैं- पक्का ना … मुझे नहीं पता पर तुम्हें देख कर मुझे कुछ हो जाता है.
इतना कहते ही निनाद मेरे पास आया और उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए.
मेरे पूरे जिस्म में जैसे करेंट सा दौड़ गया.
मेरा लंड टाइट हो गया और पैंट के ऊपर से लंड का उभार साफ दिखायी देने लगा था.
मुझे कुछ समझ में ही नहीं आया कि क्या करूँ.
मैं बस एक जगह बुत बन कर बैठा रहा.
निनाद के होंठ मेरे ऊपर के होंठ को चूस रहे थे और अब उसने मेरे नीचे के होंठ को चूसना शुरू कर दिया.
मुझे बहुत मज़ा आने लगा.
वह सांस लेने के लिए एक पल को रुका और मेरी आंखों में देख कर मुस्कुराया.
मेरी भी मुस्कान निकल गयी और आंखें शर्मा गईं.
उसने एक बार मेरे सिर पर से अपना हाथ घुमाया और मेरे बालों को आगे से पीछे करके मेरे सिर को एक साइड घुमा लिया.
उसने फिर से एक बार मुझे किस करना चाहा.
इस बार मेरा भी मन उसको चूमने को किया तो मैंने भी अपने होंठ उसके सामने कर दिए.
यह मेरी ज़िंदगी का पहला किस था.
मैंने अपना पूरा मुँह जैसे निनाद के हवाले कर दिया था.
इस बार मैं भी उसके होंठों को चूसने लगा.
मुझे साथ देता देख निनाद और जोश में आ गया.
अब हम दोनों की जीभों ने एक दूसरे को प्यार करना शुरू कर दिया.
निनाद मेरे होंठों को काटने लगा.
वह दर्द बड़ा मीठा था.
मेरी मादक सिसकारियां और दर्द से निकली आहें उसको और ज्यादा कामुक बना रही थीं.
कुछ देर की चूमाचाटी और स्मूचिंग करने के बाद उसने मेरी गर्दन पर काटना और चूसना शुरू कर दिया.
मैं मदहोश हो गया और मैंने खुद को मानो उसके हवाले कर दिया था.
तभी उसने अपना एक हाथ झट से मेरे पैंट के ऊपर से लंड पर रख दिया और मेरे लंड को दबाने लगा.
अब मैं सातवें आसामान पर था.
उसने मेरी गर्दन से चूमते हुए नीचे आना शुरू किया और मेरे सीने को चूमना चाहा.
पर मेरे कपड़े बीच में आ रहे थे.
उसने मेरी जैकेट और टी-शर्ट उतार दी.
यह देख कर मैंने भी उसके कपड़े हटा दिए.
वह भी ऊपर से नंगा हो गया था.
उसने फिर से मेरा लंड दबाया और मेरे निप्पल चूसने और काटने लगा.
मैं अब इस सबको एंजाय कर रहा था और उसे अपने निप्पल चूसने देने के लिए अपना सीना उसके होंठों में देने की कोशिश कर रहा था.
वह मस्ती से मेरे एक निप्पल पर अपनी जीभ से लिकलिक कर रहा था.
आनन्द से अतिरेक होते हुए मैंने अपने दोनों हाथों को उसके सिर पर कर दिया और उसके बालों को अपने हाथ से सहलाने लगा था.
कभी मैं उसकी पीठ पर भी अपने हाथ देर देता, जिससे हम दोनों का आलिंगन हो रहा था और एक दूसरे के जिस्म की गर्मी से हम दोनों ही गर्म होने लगे थे.
कुछ देर बाद उसने उठ कर अपनी अलमारी में से एक ड्रिंक निकाली और दो गिलासों में भर दी.
मैंने उससे पूछा तो उसने कहा- मैं हमेशा नहीं पीता हूँ, पर आज हम दोनों एक दूसरे के नशे में डूब जाएँगे.
उसकी इस बात से मुझे अच्छा लगा.
फिर उसने मेरे होंठों से गिलास लगा कर मुझे ज़बरदस्ती शराब पिलाई.
यह एक स्वादिष्ट शराब थी.
इसमें सौंफ का स्वाद था.
उसे पीते ही मेरा सिर घूमने लगा.
इससे पहले कि मैं कुछ समझ सकूँ, उसने मेरी पैंट के बेल्ट को ढीला करके निकाल दिया और मेरी पैंट की चैन सरका दी.
उसने हाथ अन्दर डालना चाहा तो मैंने उसके हाथ को पकड़ना चाहा.
पर अब मेरा सिर घूम रहा था तो मैं कुछ कर ही न सका.
उसने बिजली की फुर्ती से मेरी पैंट के अन्दर हाथ डाला और अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे टट्टों और लंड को मसलने लगा.
मैं नशे की मस्ती में था और उसके हाथ से मुझे मेरे लंड में मज़ा आने लगा.
उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया और अपने हाथ से मेरे लंड को मसलना जारी रखा.
फिर उसने उठ कर मेरी पैंट को मेरी कमर से नीचे सरकाया और कुछ ही सेकेंड्स में पैंट को मेरे पैरों से निकालते हुए मेरे जिस्म से अलग कर दिया.
अब मैं उसके सामने सिर्फ़ अंडरवियर में था.
उसने उठ कर अपनी जीन्स उतार दी और अब वह भी अपनी फ्रेंची में था.
उसकी जिम वाली हॉट और सेक्सी बॉडी मेरे सामने थी.
उसको देखते ही मेरे लंड से प्रीकम निकल आया और उस प्रीकम ने मेरी चड्डी पर धब्बा बना दिया.
निनाद ने वापस मेरे लंड को पकड़ा और मसलने लगा.
मैंने भी अपना हाथ उसके लंड पर रखा तो मेरी आंखें हैरत से बड़ी हो गईं.
उसकी चड्डी के ऊपर से उसका लंड एक बहुत बड़े केले जैसा दिख रहा था.
मेरे एक हाथ में उसका लंड नहीं समा पा रहा था.
उसने मुझे बेड पर लिटाया और मेरे मुँह के सामने आ गया.
फिर उसने मुझसे अपने लंड को मुँह में लेने का इशारा किया.
मैंने अपनी उंगलियों से उसकी अंडरवियर को थोड़ा नीचे किया तो उसका आठ इंच लंबा और तीन इंच मोटा लंड मेरे होंठों पर टच हो गया.
मैं तो इतने बड़े लंड को देखकर हैरान हो गया था.
मैं हल्की हंसी से बोला- क्या तू इससे भी कसरत करवाता है?
निनाद- इसको किसी कसरत की जरूरत नहीं … ये तो बस आज तेरी जरूरत है!
इतना कहते ही उसने अपने लंड को मेरे मुँह में डाल दिया.
पहले तो मैं नहीं ले पाया … पर बार बार अन्दर बाहर करने की वजह से थोड़ी देर में मैं सहज हो गया.
अब निनाद मेरे ऊपर बैठ कर मुझसे अपना लंड चुसवा रहा था.
थोड़ी देर में वह लेट गया और मैं उसके दोनों पैरों के बीच बैठ गया.
मैंने उसकी चड्डी पूरी तरह से उतार दी.
निनाद अब मेरे सामने पूरी तरह से नंगा लेटा हुआ था और अभी भी मुझे ये सपना ही लग रहा था.
मैंने निनाद के लंड को दोनों हाथों से पहले हैंडजॉब दिया और बाद में अपने मुँह में लेकर ब्लोजॉब देना शुरू कर दिया.
मुझे उसके लंड का साइज़, लंड की खुशबू और साथ ही उसके लंड के प्रीकम का स्वाद पसंद आने लगा.
अब तो मेरा मन उसे अपने मुँह से निकालने का कर ही नहीं रहा था.
कुछ देर बाद निनाद ने मुझे रोका.
उसने मुझे पकड़ा और बेड पर धक्का दे दिया.
मैं कुछ समझ पाता कि उसने मेरी चड्डी को कमर से पकड़ कर ऐसा खींचा कि एक ही झटके में मेरी चड्डी को मेरे पैरों से बाहर निकाल दिया.
मैं उसके सामने नंगा था.
मुझे अपने सारे कपड़े उतार कर बहुत अच्छा लग रहा था.
मैं पहले कभी किसी के सामने नंगा नहीं हुआ था और आज निनाद के साथ रहने से मेरा कपड़े पहनने का मन भी नहीं कर रहा था.
उसने बाजू के ड्रॉवर से वैसलीन की डिब्बी निकाली और काफी ज्यादा सी वैसलीन उंगलियों से निकाल कर अपने लंड पर लगाई.
फिर उसने मेरे दोनों पैरों को फैला दिया और वैसलीन मेरी गांड के छेद पर और उसके आजू बाजू में लगा दी.
मुझे पता था कि मुझे बॉय आस सेक्स में दर्द होगा, पर आज तो मुझे मेरे निनाद से चुदवाना ही था.
मैंने उसे सब कुछ करने दिया.
उसने मेरी गांड के छेद पर अपना लंड रखा और मुझे लिप किस किया.
फिर वह धीरे से दाब देता हुआ अपने लंड को मेरी गांड के अन्दर डालने लगा.
पहले 2-3 बार तो दिक्कत हुई, पर बाद में उसने एक तेज झटका दे दिया.
इस बार उसके लंड का टोपा मेरी गांड के पहले छल्ले को चीर कर अन्दर फंस चुका था.
गांड में हुए दर्द से मेरी चीख निकल गयी.
मैं- आह प्लीज़ निनाद … निकाल लो … बहुत दर्द हो रहा है!
निनाद- आज तो तुझे चोद कर रहूँगा मेरी जान!
मैं- आह निनाद तुम्हारा बहुत बड़ा है … मेरी गांड फट जाएगी!
निनाद- तेरी गांड ही तो फाड़नी है आज ताकि मेरी रानी अब से हर रोज मुझसे चुदवाएगी
मैं- नहीं निनाद प्लीज़ … मैं मर जाऊंगी.
मेरे मुँह से ‘मर जाऊंगी.’ निकला तो निनाद जोर से लंड को अन्दर पेलता हुआ बोला- आह मेरी रानी मर जाएगी … मेरे लौड़े को बिना सुख दिए तू कैसे मर सकती है मेरी रंडो!
अब तो उसने मेरी एक नहीं सुनी और धकापेल मचाते हुए उसने एक और तेज झटका मार दिया.
इस बार उसने अपना आधा लंड मेरी गांड में ठांस दिया था.
मुझे ऐसा लग रहा था मानो मेरी गांड में गर्म रॉड घुस गया हो.
चूंकि गांड में चूत के जैसी चिकनाई नहीं निकलती है इसलिए सिर्फ वैसलीन की चिकनाई से ही युक्त लंड मुझे बेहद कसावट के साथ घुसता हुआ महसूस हो रहा था.
मैं उसके नीचे दबा हुआ था और उससे छूटने की मेरी हर कोशिश असफल हो रही थी.
वह मेरे होंठों को किस कर रहा था ताकि मैं चिल्ला ना सकूँ.
मेरे पैर हवा में थे और मेरी गांड में उसका लंड घुसा हुआ था.
तभी उसने मेरे होंठों को दबा कर एक और तगड़ा झटका दे दिया और उसका पूरा लंड मेरी गांड की जड़ तक अन्दर घुसता चला गया.
वह पूरा लौड़ा पेल कर मेरे ऊपर चढ़ा हुआ था और मुझे चूम रहा था.
कुछ देर तक हम दोनों एक ही स्थिति में पड़े रहे.
उसके लौड़े ने मेरी गांड में जगह बना ली थी और अब मुझे अपने दर्द में राहत मिलने लगी थी.
उसने मेरी कराह और छटपटाहट को कम होते देखा तो अपने लंड को मेरी गांड में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
मैं पहली बार गांड चुदवा रहा था तो दर्द ज़्यादा हो रहा था.
मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे थे.
उसके हर एक शॉट के साथ मेरे मुँह से आवाज़ निकल रही थी.
थोड़ी देर बाद मुझे थोड़ा मीठा सा मज़ा आने लगा पर दर्द अभी भी हो रहा था.
निनाद बेखौफ होकर मेरी गांड मारने लगा.
अब तो उसने स्पीड भी बढ़ा दी थी.
मैं- नीनू प्लीज़ यार … मेरी गांड पर रहम करो प्लीज.
निनाद- जान … मुझे आज तेरी गांड मारने में बहुत मज़ा आ रहा है … प्लीज रोक मत मेरी जान … अपने यार को सुख ले लेने दे प्लीज!
मैं- आह तेरा लंड बहुत बड़ा है यार … मुझे दर्द हो रहा है!
निनाद- पहली बार ले रही हो न … अब तो तेरी हर रोज मारूँगा तो तुझे … और तेरी गांड को मेरे लौड़े की आदत पड़ जाएगी!
मैं- आह … आह … नीनू … यार … अहहह.
निनाद ने मेरे गाल चूम कर कहा- बोल ना एक बार कि मेरी गांड मार ले जानू!
उसकी इस बात से मुझे अन्दर से खुशी हुई और मैं इतने दर्द में भी कह उठी- आह नीनू मेरी जान … मेरी गांड मार ना … आह और ज़ोर से मार … फाड़ दे आज … अपनी रंडी बना कर चोद मुझे … चोद दे नीनू … आहह … ह.
निनाद यह सुन कर और जोश में आ गया.
कुछ 15 मिनट तक मेरी गांड का तबला बजाने के बाद उसने मेरी गांड के अन्दर ही अपने लंड का माल निकाल दिया.
उसके गर्म गर्म माल को मैं अपने अन्दर महसूस कर पा रहा था.
धीरे धीरे उसका वीर्य मेरी गांड से बाहर निकल आया.
निनाद ने टिश्यू दिया, तो मैंने उसे साफ कर दिया.
कुछ देर तक हम दोनों नंगे ही एक दूसरे के साथ लेटे रहे.
आधा घंटा बाद उसने मुझे उल्टा लिटा दिया और मेरे दोनों पैरों को फैला कर वापस गांड के छेद पर अपना लंड लगा दिया.
उसने मेरे हाथों को मेरे ही नीचे दबा दिया.
मेरे पैरों को उसने अपने पैरों से लॉक किया और अब एक ही झटके में आधा लंड मेरी गांड में ठांस दिया.
मैं आह करके कराही … तो अगले ही झटके में उसका पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया था.
मैं नीचे दबा हुआ तड़प उठा.
मुझे ऐसा लग रहा था कि किसी ने गर्म गर्म लोहे की तलवार मेरी गांड में पेल दी हो.
पूरा लंड पेल कर उसने फिर से मेरी चुदाई शुरू कर दी.
लंड अन्दर बाहर होने लगा और मेरी चीखें व सिसकारियां पूरे कमरे में गूंजने लगीं.
इस बार मेरी चुदाई लंबी चली.
उसने बीस से पच्चीस मिनट तक मुझे ऐसे ही चोदा.
मेरा शरीर अकड़ गया था और उसका लंड मुझे अपनी गांड में चलता हुआ सा महसूस हो रहा था.
उसने फिर एक बार अपनी स्पीड बढ़ाई और कुछ मिनट तक जम कर चुदाई के बाद पूरा माल मेरी गांड के ऊपर व मेरी पीठ पर पिचकारी के जैसे निकाल दिया.
मैं अब हिल नहीं पा रहा था.
तो निनाद ने मेरी गांड को और मेरे ऊपर पड़े हुए लंड रस को टिश्यू पेपर से साफ किया.
उस रात निनाद ने मुझे अपनी बलिष्ठ भुजाओं में भर कर अपने सीने से चिपका कर सुला लिया.
सुबह जब मेरी आंख खुली तो मैंने खुद को बिल्कुल नंगा निनाद के बगल में लेटा पाया था.
निनाद भी मेरे बाजू में नंगा पड़ा था.
यह देख कर मुझे बहुत खुशी हुई.
मैं एक और बार हॉर्नी हो गया और उसके लंड को अपने हाथ से सहलाने लगा.
उतने में निनाद की आंख खुली और मुझे अपना लंड सहलाते देख कर वह कामोन्माद से भर गया.
निनाद का एक और बार गांड चोदने का मन हो गया.
उसने मुझे एक साइड लिटा दिया और मेरे पीछे से मेरे एक पैर को उठा दिया.
मैंने भी मस्ती से अपनी टांग उठा कर अपने हाथ से पकड़ ली.
उसने अपने फौलादी लंड को मेरी गांड में घुसेड़ दिया.
सुबह सुबह मेरी गांड एक और बार निनाद से चुदने लगी.
सुबह सुबह निनाद की पॉवर कुछ ज्यादा ही जोर मार रही थी और रात में दो बार झड़ने के कारण उसके लौड़े में गजब की सख्ती थी.
लगभग आधा घंटा तक अपने लौड़े से मेरी गांड की मालिश करने के बाद निनाद ने कहा- मेरा रस कभी भी निकल सकता है, जानू इस बार तू मेरा घी पी ले.
मैंने आज तक कभी किसी का वीर्य नहीं पिया था पर न जाने क्यों मुझे निनाद में अपना सैंया दिख रहा था, सो मैं मान गई.
उसने लंड को मेरी गांड से निकाला, उसे टिश्यू पेपर से साफ करने के बाद उसने मेरे मुँह में अपना लंड दे दिया.
मैं नंगा बैठ कर उसका लंड चूस रहा था.
वह भी मेरे मुँह को ही चोदने लगा और कुछ ही देर में उसका वीर्य मेरे मुँह में निकलने लगा.
उसे पता था कि पहली बार में मैं पूरा वीर्य नहीं पी पाऊंगा इसलिए उसने मेरे मुँह को कस कर पकड़ा हुआ था और अपना लंड मेरे मुँह में गले तक दबा दिया था.
उसके गर्म गर्म वीर्य को मैं अपने गले में उतरता महसूस कर पा रहा था.
थोड़ी देर में जब उसने अपना लंड मेरे मुँह से बाहर निकाला तो बचा हुआ वीर्य मैं आराम से पी गया.
मैंने उसके लंड को चाट कर ही साफ कर दिया और शरारत में वह मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगा.
वैसे तो रात भर में मेरा भी दो बार निकल चुका था पर अब सुबह सुबह निनाद ने अपने हाथों से एक और बार मेरा रस अपने हाथों में निकाला और उसी रस को मेरे जिस्म पर लोशन के जैसे लगा दिया.
फिर हम दोनों साथ में नहाये और तैयार हो गए.
वह रात मुझे अपने इस जीवन में हमेशा याद रहेगी.
इसके बाद हम दोनों को जब भी वक़्त मिलता, मैं उसका लंड अपने मुँह में जरूर ले लेता हूँ.
ज्यादा समय और सुरक्षित जगह मिलने पर मैं उसकी घोड़ी भी बन जाता हूँ.
अब उसके लंड को मेरी गांड की … और मुझे उसके लंड की आदत हो गयी है.
इसके अलावा निनाद के कुछ फ्रेंड्स भी थे, जिनके साथ भी मैंने मज़ा किए थे.
हालांकि मेरी गांड का छेद तो सिर्फ़ निनाद के लौड़े के नाम से ही मस्त होता है.