पारुल- “श्रुति, कहां है तू? सुबह से ढूँढ़ रही हूं तुझे, कहां चली गयी थी तू?” श्रुति- “मामा, मैं वोह अंदर, कमल चाचू से गाण्ड मरवा रही थी, बताइये क्या काम था मुझसे?” पारुल- “क्या कहा? तू चाचू से गाण्ड मरवा रही थी, शरम नहीं आयी तुझे। वहां तेरे पापा हाथ में लण्ड लिये तेरी … Continue reading कहानी घर घर की चुदाई की
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