दोस्तो, मैं 26 साल का हूँ. मेरा कद कम है मगर मेरा लंड बड़ा है. यह लगभग 6.5 इंच का है.
अभी मेरी शादी भी नहीं हुई है.
मेरे परिवार के सभी लोग एक साथ रहते हैं. मेरी बुआ घर में सबसे बड़ी हैं. उसके बाद बड़े पापा, फिर मेरे पापा.
बुआ के सबसे बड़े लड़के की शादी बहुत पहले हो गई थी. मैं घर में सबसे छोटा हूँ.
मेरी बुआ के लड़के की लड़की मेरी भतीजी है. वह अभी 18 साल की है. उसका एक छोटा भाई भी है.
अब आज मैं आपको अपनी भतीजी के बारे में थोड़ा बता देता हूँ.
वह थोड़ी शरारती है और खुले विचारों की है. वह मेरी भानजी जैसी शर्मीली नहीं है और किसी से कुछ भी कह देती है … कहने से पहले कुछ सोचती ही नहीं है.
यह बात तब की है जब मेरे बड़े पापा के लड़के की शादी थी.
मैं अपनी भानजी को चोद चुका था तो मुझे कुंवारी कली को चोदने में मजा आने लगा था.
एक कुंवारी चूत फाड़ने के बाद मेरे लौड़े की तड़फ बढ़ गई थी और मैं अपनी भतीजी की तरफ कामवासना से देखने लगा था.
वह अपने फर्स्ट एयर के एग्जाम होने के बाद घर आ गई थी.
मेरी जॉब का ज्वाइनिंग लेटर आ गया था, तो मैं भी अपनी जॉब पर चला गया था.
मुझे शुरुआत में छुट्टी नहीं मिल रही थी क्योंकि मैंने अभी अभी ही जॉइन किया था.
मैं केवल शादी के दिन ही पहुंच पाया था.
उधर मैंने देखा कि मेरी भानजी और मेरी भतीजी दोनों एक जगह खड़ी होकर कुछ बात कर रही हैं.
मैं अपनी भानजी को तो वैसे ही चोद चुका था, तो मैंने मौका देखा और उसको खींच कर छत पर ले गया.
मैंने उससे कहा- चलो एक बार और चोदने दो.
उसने मना कर दिया कि मुझे टाइम नहीं है. काम करना पड़ता है.
वह बहाने बनाने लगी.
मैंने जिद की.
तो उसने कहा कि शादी के बाद जो करना है, कर लेना मगर अभी नहीं!
मैंने नहीं देखा था कि मेरी भतीजी पीछे पीछे आ रही थी.
वह बोली- चाचा, आपको अंकिता से छत पर क्या चाहिए?
अंकिता मेरी भानजी का नाम था.
मैंने बात टाल दी और कह दिया कि कुछ नहीं.
इसके बाद मैं बारात में गया और शादी से वापिस आ गया.
मैं भानजी को चोदने का समय निकालने की जुगत में था कि कब इसकी चूत चोद दूं.
मगर भतीजी हमेशा उसके साथ रहती तो मौका नहीं मिल रहा था.
शादी के बाद मैंने भईया का बेडरूम सजाया.
उसमें मेरी भानजी, मैं और भतीजी सबने साथ दिया.
मैं और भानजी एक दूसरे से बात कर रहे थे कि जब भईया भाभी चले जाएंगे तो हम भी अपनी सुहागरात यहीं मनाएंगे.
तभी मैंने देखा कि मेरी भतीजी हमको ही देख रही है.
मेरे भईया के बेडरूम में अभी अभी एसी लगा था तो मैं उसको चालू करके ठंडक का मजा लेकर बाहर आ गए.
कुछ देर बाद भैया भाभी अन्दर चले गए.
मैं, भानजी, भतीजी और मेरा भांजा हम सब छत पर सोने चले गए.
सबने चादर ले लीं और सोने लगे.
बीच में भतीजी लेटी थी और उसके बाद भानजी सो रही थी.
मैंने देखा कि सभी लोग सो गए हैं तो मैं भानजी के पास जाकर लेट गया और उसके दूध चूमने लगा.
उसके चूचे दबाने लगा, जिससे उसकी नींद खुल गई.
वह भी कामातुर थी तो अपना एक हाथ मेरे लोवर में डाल कर मेरे लंड को मसलने लगी.
थोड़ी देर में मेरी भतीजी जग गई.
मैं जल्दी से अपनी जगह सोने चला गया.
फिर मेरी नींद लग गई तो मैं सीधा सुबह उठा.
मैंने देखा भानजी कपड़े ले जा रही थी और मेरी तरफ गुस्से में देख रही थी.
मैंने पूछा- क्या हो गया?
वह बोली- रात में फिर से नहीं आ सकते थे क्या? मैं रात भर जागती रही.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, आज रात में कर लेंगे.
उसने कहा- मुझे आज जाना है, पापा आ रहे हैं.
अब मैंने सोचा कि क्या करूँ.
उस दिन कुछ नहीं हो सका.
मेरी भानजी भी चली गई.
अब मेहमानों में केवल दीदी, बुआ और भतीजी बची थीं.
अगले दिन भाभी को भी जाना था.
भैया भी सरकारी जॉब में थे तो उनको भी जाना था.
मैं आज भईया के बेडरूम में सोने गया था.
गर्मियों के दिन थे तो एक रूम में मम्मी पापा … और एक में बड़ी मम्मी, बुआ और दीदी थीं.
एक जगह बड़े पापा सो रहे थे.
भतीजी बची थी तो सब लोग कूलर की हवा में सो रहे थे.
मैं और भतीजी भईया के रूम में मूवी देख रहे थे और एसी चला रहे थे.
हम दोनों ने एक कंबल से खुद को ढक लिया और मूवी देखने लगे.
एक घंटा बाद मूवी में रोमांटिक सीन आने लगा.
मेरी भतीजी मुझसे पूछ रही थी- क्या आपकी कोई जीएफ है!
हमारे बीच बातें चलती रहीं.
लगभग 11 बजे तक हम दोनों की सामान्य बातें सेक्सी बातों में बदल गईं.
उसने मुझसे पूछा- क्या आपने कभी सेक्स किया है या नहीं?
मैंने ना में सिर हिलाया और कहा- अभी तक तो नहीं.
मगर वह बोली- आप झूठ बोल रहे हो. एग्जाम दिलाने अंकिता को ले गए थे तो उसके साथ क्या किया था! उसने मुझे सब बता दिया है.
यह सुनकर मैंने उससे पूछा- उसने क्या बताया है?
वह बताने लगी.
मैं अपने एक हाथ से उसकी चूची के निप्पल को मसलने लगा और दूसरे हाथ से उसके लोवर पर से जांघों पर फेरने लगा.
वह भी कुछ नहीं बोली.
मैं और तेज तेज करने लगा.
फिर उसने भी अपना हाथ मेरे लोवर में घुसा दिया.
वह बहुत तड़फ रही थी क्योंकि मेरी भानजी ने मेरा काम कर दिया था.
वह भले ही चली गई थी लेकिन मेरे लिए चूत का इंतजाम कर गई थी.
थोड़ी देर यह सब करते करते हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े निकाल दिए और चूमाचाटी करने लगे.
मैं उसके एक एक अंग को भूखे कुत्ते की तरह चाटने लगा.
वह मेरे लंड को हाथ में लेकर हिला रही थी.
कुछ समय बाद मैंने उसको लंड चूसने को बोला तो साली झट से मान गई.
मुझे लगा कि लौंडिया खेली खाई है.
खैर … हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और लंड चूत की चुसाई का सुख लेने लगे.
करीब दस मिनट तक यह सब ऐसे ही चलता रहा.
इसके बाद मेरी भतीजी की चूत ने पानी निकाल दिया जिसे मैंने मुँह से पूरा साफ कर दिया.
अब मेरा लंड भी पानी छोड़ने वाला था.
मैंने उससे कहा कि मैं कहा निकालूँ?
उसने कहा- मुँह में डाल दो.
मैंने पूरा वीर्य उसके मुँह में भर दिया और उसको पिला दिया.
इसके बाद मैंने उसको फिर से लंड को हिलाने के लिए कहा और मैंने उसकी चूत में एक उंगली की.
चूत तो कसी लग रही थी.
कुछ देर के बाद मैंने पास से बॉडी लोशन लिया और दो उंगलियों पर लेकर चूत के छेद पर लगा दिया.
इसके बाद मैंने भतीजी की चूत में दोनों उंगलियां चलाईं.
मैं आपको बता नहीं सकता कि साली की चूत इतनी टाइट थी कि इतनी कसी चूत तो मैंने भानजी की भी नहीं देखी थी.
मैं जैसे ही उंगली अन्दर को करता, वैसे ही उसके मुँह से दर्द भरी आवाज निकलने लगती.
इससे मैं समझ गया था कि चूत सीलपैक ही है.
इसने या तो ब्लू फिल्म से लंड चूसना सीखा है या किसी लड़के का लंड चूसा है.
कुछ देर के बाद मेरा लंड फिर से तन गया.
अब मैं अपनी भतीजी की दोनों टांगों के बीच में आ गया और लंड को चूत पर रगड़ने लगा.
साली की चूत कुछ ज्यादा ही टाइट थी, जिससे लंड को छेद में जाने से दिक्कत हो रही थी.
तभी मुझे भानजी की पहली चुदाई याद आ गयी.
उसकी चूत से बहुत सारा खून गिरा था तो बेड और कपड़े गंदे हो गए थे.
उस वक्त तो हम दोनों होटल में थे मगर अभी मामला घर पर होने वाला था, तो चादर के खून से सबको पता चल जाएगा.
उधर मेरी भतीजी बोले जा रही थी- जल्दी डालो … अब नहीं रहा जा रहा है.
मैंने उससे कहा- इधर नहीं, छत पर चलो.
वह बोली- अब कपड़े पहनने पड़ेंगे.
मैंने उसको कंबल में लपेटा और उसके व अपने कपड़े लेकर छत पर चला गया.
उधर उसको वहीं एक दरी पर लिटाया और फिर से एक दूसरे के अंगों को चूमने लगे.
मैंने भतीजी के मुँह में उसकी पैंटी और ब्रा को घुसेड़ दिया और उसकी चूत पर बॉडी लोशन लगा दिया.
फिर अपने लंड पर भी लोशन लगाया और जल्दी से उसकी चूत पर लंड का सुपारा लगा कर एक जोर से धक्का दे दिया.
मेरा आधा लंड उसकी चूत के अन्दर घुसता चला गया.
मेरी भतीजी दर्द के कारण मरी जा रही थी और उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे.
वह मुझे हटा रही थी मगर मैं जबरदस्ती उसके ऊपर चढ़ा रहा.
मैं उसके निप्पल दबाने लगा और उसको मुँह और होंठ पर किस करने लगा.
इससे उसको शांति मिलने लगी.
मैंने मौका देख कर एक और झटके से लंड को पूरा पेल दिया.
उसे बहुत दर्द हुआ और वह चिल्लाती रही.
इस बार उसकी चूत से खून निकलने लगा.
कुछ रुक कर मैंने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करना शुरू कर दिया और स्पीड भी बढ़ा दी.
अब भतीजी भी मेरा साथ पूरा सहयोग देने लगी.
उस देसी गर्ल ने चूत चुदाई का बहुत मज़ा लिया.
हम दोनों लगभग 20 मिनट तक चुदाई का मजा लेते रहे.
जब वीर्य निकलने को हुआ तो जोश जोश में मैंने उसकी चूत में ही लंड रस डाल दिया.
मैंने रात को उसे एक बार और चोदा.
फिर 3 बजे के आस-पास नीचे आकर सो गए.
उसके बाद मैंने नीचे कमरे में भी बड़े आराम से भतीजी की मर्जी से चोदा.
जब सुबह मैं 8 बजे उठा तो सब लोग मेरी भतीजी से पूछ रहे थे कि क्या हुआ, चलते क्यों नहीं बन रहा है.
मेरी गांड फट गई.
उसने बताया कि रात को वह बाथरूम में गिर गई थी तो पैर में चोट लग गई है.
उसने मेरी ओर देख कर आंख मार दी.
मैं समझ गया कि ये देसी गर्ल तो बड़ी खिलाड़िन है.
अब मुझे भी जॉब पर जाना था, तो चला गया.
अब जब भी मैं आता हूँ, तो दीदी के पास भानजी को पेलने जाता हूँ और बुआ के पास भतीजी को पेलने जाता हूँ.
कभी कभी भतीजी मेरे घर आ जाती है, तो मैं उसको चोदने आ जाता हूँ.
अब तो भतीजी और भानजी के साथ आए दिन चुदाई का मजा मिलने लगा है.
सच में कुँवारी चूत की चुदाई का मजा कुछ और ही है.
एक बात जरूर करना चाहता हूँ कि कुँवारी लड़कियों को भी अपनी चूत अपने घर में ही किसी के लंड से चुदवाने का मन रहता है.