मेरा नाम राज है और मैं कोलकाता से हूँ।
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है।
आशा है आपको जंगल सेक्स विद कॉलेज गर्ल की कहानी अच्छी लगेगी!
मैं हमेशा से हवस का पुजारी रहा हूँ।
मेरी लंबाई 6 फीट है और लण्ड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है जो किसी भी औरत की चूत का भोसड़ा बना दे।
अब ज्यादा वक़्त न जाया करते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ।
बात कुछ महीने पहले की है।
त्यौहारों का समय था वह!
हमारे कॉलेज में छुट्टी मिली थी तो मैं अपने घर ओडिशा जाने के लिए मैंने अपनी कार निकाली और चलने लगा।
मुझे रात में यात्रा करना बहुत पसंद है तो मैं रात के 9 बजे कॉलेज से निकला।
रात के लगभग 11 बज रहे थे, मैं धीमी आवाज में गाने बजा रहा था और 40 की रफ़्तार पर अपनी गाड़ी को चला रहा था।
तभी मुझे सामने रोड पर एक लड़की खड़ी हुई नजर आई जो लिफ्ट माँग राही थी।
पहले तो मुझे लगा कि वह चुड़ैल है क्योंकि बचपन से वैसी ही कहानियां सुनी रखी है।
फिर सोचा ‘नहीं यार कोई लड़की भी हो सकती है, जिसे मदद चाहिए होगी।’
तब तक मेरी गाड़ी उसके करीब पहुँच गई थी तो मैंने उसके पास अपनी गाड़ी खड़ी की।
फिर मैंने अपने गाड़ी का शीशा नीचे किया और बोला– जी आप कौन हैं और इतनी रात को यहां क्या कर रही हैं?
लड़की– जी मेरा नाम रायमा है। मैं अपने घर ओडिशा जा रही थी पर बस बीच रास्ते में ही खराब हो गई तो मैं लिफ्ट मांग रही हूँ अगले बस स्टैंड तक के लिए।
मैंने थोड़ी और पूछताछ करने के बाद उसे अपने साथ गाड़ी में बिठा लिया और हम चल पड़े।
फिर हम बातें करने लगे।
महिला– मेरा घर भुवनेश्वर में है।
मैं– मेरा घर भी तो भुवनेश्वर में है, तुम अगर चाहो तो मेरे साथ चल सकती हो।
उसने पहले तो मना किया पर बाद में मान गयी।
थोड़ी देर बाद वह सो गई।
शुरू में तो मेरी नियत उसके प्रति खराब नहीं थी।
परंतु उसका फिगर 34-28-36 देख कर मेरी नियत डगमगा जरूर गई थी।
मैंने कार चलाते हुए अपने एक हाथ को उसकी जांघ पर रख दिया और हल्के से सहलाने लगा।
पैंट के अंदर मेरा लण्ड भी खड़ा होने लगा।
उसे सोती हुई देख कर मैंने उसकी चूची पर अपना हाथ रख दिया और हल्के से उसे दबाने लगा।
तभी एक गाड़ी अचानक से सामने से आ गई तो उस गाड़ी की लाइट वजह से उसकी आंख खुल गई।
मैंने जब उसे वापस देखा तो वह मुझे ही देख रही थी और मेरा हाथ उसकी एक चूची पर था।
मुझे लगा कि आज तो मेरी खैर नहीं!
फिर वह बोली– आप यह क्या कर रहे हैं?
मैं– सॉरी, मैं थोड़ा बहक गया था, मुझे माफ कर दीजिए!
रायमा – माफी नहीं, सजा मिलेगी!
और यह बोलते हुए वह हँसने लगी।
फिर वह बोली– मैं आपके ही कॉलेज में कला स्ट्रीम की छात्रा हूँ और मैं बहुत समय से आपको पसंद करती हूँ!
आगे वह बोली– मुझे पता चला कि आज आप अपने घर जाने वाले थे तो मैं आपके दोस्त से सारी जानकारियां इकट्ठा करके आपका ही इंतज़ार कर रही थी।
यह बात सुन के मेरी तो मानो लॉटरी लग गई हो।
मैंने उसे पूछा– क्या मैं तुम्हें इतना पसंद हूँ?
उसने कहा– तुमसे चुदने को मैं न जाने कब से बेताब हूँ।
मेरी खुशी का तो ठिकाना ना रहा।
आगे एक जंगल का रास्ता था तो मैंने गाड़ी उस तरफ ले ली।
कुछ दूर आगे बढ़ने के बाद एक झाड़ के पीछे गाड़ी खड़ी कर के केबिन लाइट चालू कर दिया।
अब मैं उसे चूमने लगा।
वह भी मेरा साथ दे रही थी।
हमारी चूमाचाटी 10 मिनट तक चली और मैं उसकी टॉप के ऊपर से ही उसकी चूची दबा रहा था।
फिर हम पीछे वाली यात्री सीट पर आ गए।
आते ही मैंने उसे चूमना शुरू कर दिया।
मैं उसके होंठ, गाल, गर्दन सभी जगह पर चूम रहा था।
फिर मैंने उसका टॉप निकाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूची को चूसने लगा।
अब हवस मेरी माथे पर चढ़ गई थी तो मैंने उसकी ब्रा निकाल दी।
क्या मस्त … चूचियां थी।
एकदम सफेद और बीच में काले रंग की निप्पल।
मैं बारी–बारी से दोनों चूची को चूसने लगा।
वह बस सिसकारियाँ ले रही थी– आह … राज, चूस लो इन्हें!
और मेरा सर अपने चूचियों के ऊपर दबा रही थी।
मेरे पैंट के अंदर मेरा लण्ड पूरा तन गया था।
ऐसा लग रहा था कि अभी वह मेरा पैंट फाड़ के बाहर निकल आएगा।
तभी वह पैंट के ऊपर से ही लंड को सहलाने लगी।
धीरे–धीरे करके उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए।
मेरे लण्ड को देखते ही बोली– तेरे लिये मैं ना जाने कितनी तड़पी हूँ, न दिन में और न ही रात में मुझे नींद आती है! आज तुझे अपने अंदर ले के शांत हो जाऊंगी।
फिर मेरे लंड को चूसने लगी।
वह ऐसा लण्ड चूस रही थी कि मुझे लगा कि मैं स्वर्ग का देवता हूँ।
करीब 10 मिनट तक चूसने के बाद मैं उसके मुंह में ही झड़ गया और वह सब पी गयी।
फिर मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया और उसकी चूत देखी तो देखता ही रह गया।
क्या चूत थी … एकदम सफेद, एक भी बाल नहीं और अंदर से पूरा गुलाबी।
मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसकी चूत को चाटने लगा।
वह सिर्फ सिसकारियां ले रही थी और मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी।
करीब 5 मिनट के बाद वह मेरे मुंह मैं ही झड़ गयी।
स्वाद में चूत का रस थोड़ा नमकीन था, मैं उसे पूरा पी गया।
फिर हम 69 की अवस्था में आ गए और एक दूसरे को चूसने लगे।
थोड़ी देर तक चूसने के बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया।
इस बार मैंने उसके बैग से क्रीम निकाल कर अपने लण्ड पर लगाई और उसकी चूत पर भी लगाई।
अब उसकी चूत पर अपना लंड सेट किया और एक जोरदार झटके के साथ उसकी चूत में अपना आधा लंड घुसा दिया।
वह दर्द से चीख पड़ी।
दर्द मुझे भी हुआ क्योंकि मेरा भी पहली बार ही था।
फिर कुछ देर ऐसे ही रहे और एक–दूसरे को चूमते हुए पड़े रहे।
थोड़ी देर में जब दर्द शांत हुआ तो मैंने उसकी चूत में एक और धक्का लगाया तो उसकी चूत में लंड पूरा चला गया।
फिर वह अपनी गांड उठाने लगी तो मैंने चुदाई शुरू कर दी।
गाड़ी पूरी हिल रही थी और शांत जंगल में सिर्फ पच–पच की आवाज गुंज रही थी।
फिर मैंने उसे डॉगी पोज़ में आने को कहा और उसे चोदने लगा।
लगभग 10 मिनट चोदने के वाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।
फिर मैंने अपना लण्ड निकाला तो देखा लंड खून से लथपथ था।
तो मैंने पानी से उसे साफ किया और वैसे ही आ के गाड़ी मैं बैठ गया।
वह आकर मेरी गोदी में बैठी तो मेरा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा।
मेरा लण्ड उसकी गांड को छू रहा था।
फिर वह पलट गई और मेरे लण्ड को चूसने लगी।
इस बार मैंने उसकी चूची के बीच में अपना लण्ड रख के उसकी चूचियों को चोदने लगा।
यार क्या मस्त अनुभव था।
अभी भी उस जंगल सेक्स को याद करके लंड खड़ा हो जाता है।
फिर मैंने उसे उठाया और अपने लंड पर बैठा लिया।
वह लण्ड पर ऊपर नीचे होने लगी और चुदने लगी।
करीब 15 मिनट बाद मैं फिर से झड़ गया।
फिर हम ने घड़ी देखा तो रात के 2 बज रहे थे।
फिर हम दोनों ने अपने–अपने कपड़े पहने और आगे वाली सीट पर आ के बैठ गए।
उसने कहा– आज सारी तमन्ना पूरी हो गई! मैं हमेशा से आपसे चुदने की ताक में रहती थी। इस वज़ह से मैं हर रोज आपके बारे में सोच कर फिंगरिंग करती थी!
यह सब सुनने के बाद मैंने उसे चूमा।
फिर हम घर के लिए चल पड़े।