Thursday, November 21, 2024
Hindi Midnight Stories

गर्म लड़की का गैंग बैंग का सपना पूरा हुआ

मेरा नाम सीमा मुजाल्दा है और मैं अभी कॉलेज में पढ़ाई करती हूँ।
मेरा फिगर 32 34 36 है।

मैं 19 साल की हूँ, सुन्दर और आकर्षक हूँ.
मेरी चूत भी बहुत ही कोमल है.

गांड पीछे से बहुत उभरी हुई है मेरी!
जिससे गाँव के सारे लड़के मेरे दीवाने थे.

मैं पढ़ने में अच्छी हूँ तो कॉलेज में मुझे एक स्कालरशिप मिली थी तो मैंने उस पैसे एक मोबाईल खरीदा।
फ़िर फ़ेसबुक पर एक आईडी बनायी।

कुछ दिन बाद मेरी आईडी पर किसी रमेश वाघेला ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी तो मैंने स्वीकार कर ली।
उससे बात करने पर पता चला कि वह हमारे ही कॉलेज का था.
तो हमारी दोस्ती और गहरी हो गयी।

फ़ेसबुक पर हम खूब बात करने लगे।
कुछ ही दिनों में हमारे बीच सेक्स चैट भी होने लगी।

एक दिन रमेश ने मेरे पास एक पोर्न चुदाई वीडियो भेजा।
वीडियो देखकर मैंने ‘मस्त है’ रिप्लाई दिया।

तो रमेश ने मुझे ‘थैंक्स’ बोला और अब हम और भी खुल गए।

रमेश ने एक दिन पूछा– तेरा साईज क्या है?
मुझे भी उसके साथ बात करने में बहुत मजा आ रहा था तो मैंने बता दिया कि मेरा साईज 32-34-36 है।

फ़िर वह बोला– तू बहुत सेक्सी है मेरी जान! कभी मेरे कमरे पर आना, तुझे जन्नत की सैर करवाऊंगा।
मैंने भी हाँ बोल दिया।

अगले दिन जब मैं कालेज गयी तो सीधे उसके कमरे पर चली गयी।
वहां जा के मैंने अपने हाथों से खाना बनाया।

फ़िर हम दोनों ने साथ में खाना खाया, फ़िर टीवी देखने लगी।
अचानक बिजली चली गयी तो मैंने डर के कारण रमेश को कस के पकड़ लिया और रमेश ने भी मुझे पकड़ लिया और वह शरारत करने लगा।

उसने मेरी चूची को दबाना शुरू किया.

फ़िर बिजली आ गयी तब मैंने भी उसके होंठों को चूम लिया।

वह अपनी एक हाथ से मेरी चूत सहलाने लगा।
मैं भी उसके पैंट के ऊपर से ही उसके लण्ड को सहलाने लगी।
धीरे-धीरे रमेश का लण्ड लोहे जैसा हो गया।

रमेश जोश में आ गया और वह मुझे गाली देने लगा– सीमा, आज तू मेरी रखेल है! आज तो तेरी चूत चोद–चोद कर भोसड़ा बना दूंगा!

रमेश ने अपना पैंट निकाल दिया और पूरा नंगा हो गया।
उसका लण्ड 7 इंच का था, उसको देखते ही मेरी आँखें तो फटी की फटी रह गयी।

रमेश ने मेरे मुंह में लण्ड ठूस दिया।
मैं ‘मुउ … मुउ’ करने लगी।

उसने फ़िर मेरे कपड़े उतार दिये और मैं भी उसके सामने पूरी नंगी हो गई।
फ़िर उसने अपने लण्ड को मेरे गले तक उतार दिया।

10 मिनट तक मैंने उसके लंड को चूसा, मुझे बहुत ही मजा आया!

फ़िर मैं बोली– रमेश, अब और मत तड़पा, मेरी चूत में अपना लण्ड डाल दे और अपनी रखेल समझ कर मेरी चूत का भोसड़ा बना दे।
उसने मेरी गांड पर दो चांटे मारे तो मेरी गांड लाल हो गयी।

फ़िर रमेश ने बोला– सीमा, आज तो तेरी गांड भी चोदूंगा और चूत भी! फ़िर तू बार–बार मेरे पास ही चुदाने आएगी! रंडी बना दूंगा चोद–चोद कर!

उसने यह सब कहते हुए मेरी चूत पर अपना 7 इंच का लण्ड सेट किया और एक ही बार में आधा लण्ड मेरी चूत में उतार दिया।

मैं कराह उठी और ‘ऊऊ … ईई’ करने लगी।
फ़िर उसने पूरा 7 इंच का लण्ड मेरी चूत में उतार दिया।

मेरी तो चूत फटी जा रही थी।
चूत से खून निकलने लगा और असहनीय दर्द हुआ।

मैं रो पड़ी तो उसने बोला– कुछ नहीं हुआ, अभी थोड़ी देर में ठीक हो जायेगा!
फ़िर उसने धीरे–धीरे पेलना शुरू किया और दर्द कम होता गया।
तब मैं भी नीचे से गांड उठा–उठा कर मजे लेने लगी।

वह समझ गया और अपनी गति बढ़ा दी।
पूरे कमरे में छप–छप की आवाज गूंजने लगी, मानो ऐसा लग रहा था कि मैं जन्नत की सैर कर रही हूँ।

मैं ‘ईई … ऊऊ … आआ’ करने लगी और मजे लेने लगी।

उसने 15 मिनट तक मेरी चूत खूब बजाई।
मैं अब तक दो बार झड़ चुकी थी।

फ़िर उसने बोला– वीर्य तेरी चूत में डाल रहा हूँ!
और पिचकारी मार दी।

मेरी चूत उसके वीर्य से लबालब भर गयी।

10 मिनट बाद उसने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरी गांड पर लपक के दो चांटे मारे, मेरी तो गांड पूरी लहर गयी।
पर फ़िर भी मुझे बहुत मजा आ रहा था।

वह सरसों का तेल लाया और मेरी गांड पर बहुत सारा तेल डाल दिया।
मैंने उसका लण्ड चूसा और खड़ा कर दिया।

फ़िर उसने मेरी गांड पर अपना लण्ड सेट किया और पेल दिया.
मेरी गांड बिलबिला उठी।
मैं तो ‘ईई … ऊऊ’ करने लगी।
मेरी तो जान ही निकल गयी थी।

वह मुझे गाली देते हुए चोद रहा था।

10 मिनट चोदने के बाद उसने अपना वीर्य मेरी गांड में ही छोड़ दिया।
हम रात भर नंगे ही सोये रहे।

सुबह आँखें खुली तो मुझे महसूस हुआ कि कुछ मेरी गांड में दब रहा था।
पीछे देखा तो रमेश ने मुस्कुरा दिया।

वैसे तो मेरी गांड और चूत दोनों दर्द कर रही थी, फ़िर भी रमेश ने मेरी गांड में अपना लण्ड पेल दिया।
मैं भी दर्द से कराह उठी पर मजा भी आने लगा।

10 मिनट चोद कर वीर्य मेरे गांड में ही डाल दिया।
फ़िर हम दोनों नहाकर कॉलेज साथ में चले गये।

शाम को उसने फ़िर रोक लिया और बोला– सीमा, चलो यार आज कुछ नया करेंगे!
फ़िर मैंने भी ‘ठीक है’ कह दिया।

शाम को कमरे पर मैंने खाना बनाया और दोनों ने साथ में खाना खाया।
फ़िर उसने कहा– सीमा, आज कैसे चुदवाना पसंद करोगी‽

तब मैं बोली– मेरी गांड, चूत व मुंह में एक साथ लण्ड चाहिए।

उसने चौकते हुए बोला– तू इतनी बड़ी रंडी एक ही रात में कैसे बन गयी?
तब मैंने कहा– हाँ, मुझे एक साथ ग्रुप में चुदवाना है।

उसने अपने दोस्तो को कॉल किया और महेंद्र, मनीष, जयन और अजय को बुला लिया।
फ़िर रमेश ने उनको बोला– बियर भी ले आना!

फोन रखने के बाद वह मुझे बोला– तू नहाकर तैयार हो जा!

और उसने एक सिग्रेट जला ली, सिग्रेट खत्म होते–होते मैं तैयार हो गयी।

कुछ देर में अजय, जयन, मनीष और महेंद्र चारों एक साथ आ गये और बियर भी लाये थे।

रमेश ने उन्हें देखते ही बोला– आओ अजय, महेंद्र, जयन और मनीष!
चारों एक साथ बोले- हाँ यार!

और फ़िर रमेश से पूछा– रमेश भाई, यह कौन है?
रमेश ने कहा– यह ही तो तुम्हारे आने का कारण है, इसी के लिये तो बुलाया है तुम लोगों को!
फ़िर जयन ने कहा– पर परिचय तो करवा दो रमेश भाई!

‘हाँ यार … मैं तो भूल ही गया!’ रमेश ने कहा और अजय, जयन, मनीष और महेंद्र से मेरा मेरा परिचय करवाया और उनका परिचय मेरे से।
आगे रमेश ने कहा– सीमा, ये सभी मेरे कमीने दोस्त है!

सभी हँस पड़े, फ़िर अजय ने बियर निकाली और 6 पैग बनाये और सभी पीने लगे।
तभी रमेश ने उनको कान में पूरी बात बता दी।

अजय आकर मेरे बगल में बैठ गया और मेरी चूची दबाने लगा तो मैं उठी और उसकी गोद में बैठ गयी।
उसका लण्ड खड़ा हो गया और मेरी गांड में दबने लगा।

फ़िर महेंद्र खड़ा हुआ और मेरा सलवार उतार दिया।
तब अजय ने मेरा नाड़ा खिंच कर ढीला कर दिया और मनीष ने कुर्ते को खिंच कर उतार दिया।

मैं ब्रा और पैंटी में अजय की गोद में बेठी रही।
फ़िर अजय ने मेरी ब्रा को भी खोल दिया और मम्मों को आजाद कर दिया।

तब रमेश ने मेरी पैंटी को फाड़ दिया और चारों के सामने मुझे नंगी कर दिया।
रमेश ने ज्यादा बियर पी ली थी तो वह सो गया।

फ़िर चारों अपने–अपने कपड़े निकाल कर अपने–अपने लण्ड को मेरे सामने कर दिया।
चारों का लण्ड 6–7 इंच के बराबर था।

फ़िर अजय ने अपना लण्ड मेरे मुंह में ठूंस दिया और बाकी तीनों भी अपना–अपना लण्ड हिलाने लगे।
अजय ने लण्ड गले तक उतार दिया, मैं ‘ईई … उउ …’ करने लगी।

कुछ देर बाद जयन ने अजय के लंड निकालते ही अपना लण्ड मेरी मुंह में ठूंस दिया।
फ़िर अजय ने गांड पर चार–पांच चाटे लपक के मारे और गाली देने लगा– माँ–बाप पढ़ने भेजते और तू यहां चुदवाने आती है बहनचोद रंडी!

जयन ने भी चार–पाँच चाटे लपक के मेरे गाल पर मारे, मेरी तो जान ही निकल गयी।
अजय ने मेरी गांड में लण्ड पेल दिया तो जयन भी चूत पर आकर लण्ड सेट किया और पेल दिया।
मुंह में मनीष ने लण्ड ठूंस दिया।

इस तरह से मैं चूत, गांड व मुंह तीनों में एक साथ लण्ड ले रही थी।
यह मेरा पहला अनुभव था।

महेंद्र मम्मों के साथ खेल रहा था।
रमेश तो सो ही गया था।

वे चारों दोस्त मिल कर मुझे किसी रंडी की तरह चूत गांड पेल रहे थे।

अजय जब झड़ने को आया तो मेरे मुंह के पास आ गया और गले के नीचे तक अपना लण्ड उतार कर पिचकारी मार दी।
सारा का सारा वीर्य गले से नीचे उतर गया।

फ़िर मनीष ने गांड में अपना लण्ड पेल दिया।
इस तरह से मुझे बारी–बारी से बहुत देर तक उन सभी ने चोदा।

फ़िर सभी ने मेरे मुंह में वीर्य की अपनी–अपनी पिचकारी मार दी।
मैं भी सारा वीर्य पी गयी।

फ़िर हम सभी सो गये।

सुबह नहाकर मैं कॉलेज चली गयी और फ़िर कॉलेज से सीधे अपने कमरे पर चली आई।

मेरी गांड और चूत दोनों बहुत दर्द कर रही थी लेकिन मजा भी यादगार था।

अब मैं अपना रूम खाली करके रमेश के रूम पर ही शिफ्ट होने का सोच रही हूँ।

अजय, महेंद्र, जयन और मनीष इन सभी का मोबाईल नम्बर भी ले लिया है।

जब भी चुदवाना होगा तब चुदवा लूंगी।

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