मेरा नाम नरेश कुमार है. मैं LLB कर रहा हूँ. वैसे मैंने आर्मी रैली का फिजिकल कर दिया है. मेरी हाईट 5’7″ है.
मेरा लंड सामान्य से काफी लंबा और तीन इंच मोटा है.
मेरी गर्लफ्रेंड का नाम शिवानी है. उसका फिगर 32-30-34 का है.
हम दोनों प्यार से एक दूसरे को जान कह कर बुलाते हैं.
मेरी गर्लफ्रेंड मुझे कुछ दिनों से पागल बना रही थी.
वह हमेशा मेरे घर ही आती थी और किस-विस करके चली जाती थी.
मैं उसके साथ कुछ जोर जबरदस्ती करता तो चिल्लाने लग जाती थी.
मेरे घर में किसी को पता न चल जाए, उस वजह से मैं उसको छोड़ देता था.
यही सिलसिला लगातार दो महीने चला.
वह आती और किस करके निकल जाती.
मेरे अन्दर आग लग रही थी क्योंकि उसके जाने के बाद मुझे मुट्ठ मारकर सोना पड़ता था.
मैंने सोचा कि यार ऐसे तो काम नहीं चलेगा … गर्लफ्रेंड होते हुए भी मुट्ठ मारनी पड़ रही है.
एक दिन मेरी गर्लफ्रेंड के रिश्तेदारों में किसी की मौत हो गई तो उसके मम्मी पापा वहां शोक प्रकट करने गए थे.
उसके घर पर कोई नहीं था.
रात को 11 बजे उसने कॉल की और बोली- कहां हो?
मैंने कहा- अपने घर में ही हूँ और यार … सो रहा हूँ!
वह बोली- मेरा मन भी नहीं लग रहा है. मेरे घर पर कोई नहीं है.
मैंने सोचा कि आज इसे चोदने का सही मौका है. मैंने बातों बातों में उसे सैट कर लिया.
वह बोली- आ जाओ … लेकिन ऊपर ऊपर से कराऊंगी. मुझे और ज्यादा में डर लगता है!
मैंने कहा- पक्का वादा … ऊपर ऊपर से ही करूंगा मेरे बाबू … मेरी जान!
उसने कहा- ओके … आ जाओ.
उसका घर मेरे घर से कुछ ही दूरी पर था, तो मैं पैदल पैदल चल कर कुछ ही मिनट में वहां पहुंच गया.
उसने मुझे अन्दर लेकर मुख्य दरवाजा बंद कर लिया.
हम दोनों की यह खासियत थी कि जब भी हम अकेले में मिलते तो चिपक कर गले लगते थे.
पर ऐसा मौका बहुत कम मिलता था और मिलता भी था तो कम समय के लिए मिलता था.
आज समय की कोई दिक्कत ही नहीं थी.
हम दोनों ने एक दूसरे को गले से लगा लिया.
मैंने काफी देर तक उसको अपने आलिंगन में लिए रखा.
उसने भी मुझको जोर से पकड़ लिया और एकदम से चिपट गई.
फिर मैं उसे किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी.
मैं अपने एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था, जिससे उसको Xxx लव का नशा सा चढ़ने लगा था.
उसे मैं बस किस करता रहा, उसकी चूत और गांड पर हाथ फेरता रहा था.
उसकी चूत भभक कर गर्म हो रही थी.
उसने आंखें बंद की हुई थीं.
मैंने पूछा- जान क्या हो रहा है?
उसने कहा- कुछ नहीं, तुम बस करते रहो, अच्छा लग रहा है.
मैं करता रहा.
उसके होंठों को चुंबन, मम्मों को हाथ से दुलार और हौले हौले से दबा कर प्यार करता गया.
कुछ देर बाद मैंने कहा- जान, आज दे दे!
उसने कहा- तुमने वादा किया है कि नीचे से कुछ नहीं करोगे!
मैंने कहा- हां वादा किया है तभी तो पूछ रहा हूँ.
वह खिलखिला दी.
मैंने उसकी रजामंदी समझ कर उसे जबरदस्ती उठाया और बेड पर पटक दिया.
उसने इतरा कर कहा- देखो लो, मैं चिल्ला भी सकती हूँ?
मैंने कहा- अच्छा तो आज चिल्ला ही ले मेरी जान … आज यह मेरा घर नहीं है, तेरा घर है. आजू बाजू में पता पड़ेगा तो तेरी जिम्मेदारी है, मेरी नहीं!
यह कह कर मैं उसकी सलवार का नाड़ा खोलने लगा.
वह लगातार मुझे रोक रही थी.
मैंने कहा- साली खोलने देती है या तोड़ दूँ?
उसने फिर से इठला कर कहा- खुद तो खोल नहीं पा रहे और धमकी मुझे दे रहे हो!
मैंने एक झटके में उसका नाड़ा खोल दिया.
उसकी सलवार सरकी तो उसने सलवार पकड़ते हुए कहा- अरे यार जान, मुझे डर लग रहा है!
मैंने कहा- बाबू कुछ नहीं होगा.
यह कहते हुए मैंने अपना सवा आठ इंच का लंड बाहर निकाल दिया.
वह लंड देख कर एकदम से खड़ी हो गई और बोली- इतना बड़ा लेना मेरे बस की बात नहीं है!
मैंने कहा- अपने जानू पर विश्वास नहीं है क्या?
वह चुपचाप लेट गई.
फिर मैंने जैसे ही लंड को उसकी चिकनी चूत पर लगाया, वह अपनी चूत को सलवार से ढकने लगी.
मैंने गाली देते हुए कहा- बहन की लौड़ी, ड्रामा कर ले पूरा … रखे रहो अपनी भोसड़ी को और इसकी पूजा कर लेना, फांक में अगरबत्ती घुसेड़ लेना. अब मैं जा रहा हूँ.
मेरा गुस्सा देख कर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मूक नजरों से मनुहार करने लगी.
फिर वह मान गई और बोली- तुझे मेरी कसम है, जरा सा चुभा कर निकाल लेना!
मैंने कुछ सोचा और कहा- मेरी बात समझ ले … मुझे तेरी फिक्र रहती है. तुझे मजा न आए तो कहना और आज नहीं तो कल, एक बार तो तुझे दर्द झेलना ही होगा!
उसने मरी सी आवाज में ओके बोला.
मैंने उसकी चूत पर लंड रखा तो उसने शर्मा कर अपना मुँह छिपा लिया और बोली- जान शर्म आ रही है.
मैंने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और उसकी बुर में पेल दिया.
पहले झटके में दो इंच लंड चूत में घुसा ही था कि उसकी नानी मर गई.
वह तड़फ कर बोली- जान आह लग रही है.
मैं रुक गया और सोचा कि यदि लंड बाहर निकाल दिया, तो यह दुबारा नहीं घुसेड़ने देगी.
मैंने पूरी दम के साथ धक्का मारा और अपना लंड पूरा का पूरा बुर के अन्दर डाल दिया.
वह जोर से चिल्लाई- उई मम्मी रे फट गई मेरी … आह.
मैंने झट से उसका मुँह बंद कर दिया और उसे किस करने लगा.
उसने मेरा मुँह अलग हटा दिया और किस नहीं करने दिया.
वह गुर्रा कर बोली- जल्दी से निकाल अभी इसे … नहीं तो मैं चिल्ला रही हूँ!
उसकी आंखों में आंसू थे.
नीचे उसकी बुर फट चुकी थी, जिस वजह से मेरा अंडरवियर और पैंट खून में सन गए थे.
मैंने लंड नहीं निकाला.
वह चिल्लाने लगी.
मैंने कहा- घर बुला कर मरवा दे साली … बस यही काम रह गया है.
यह सुनकर वह एकदम से चुप हो गई.
मैंने उसके मुँह पर हाथ रखा और जोर जोर से झटके देने लगा.
उसकी आंखों में सिर्फ आंसू थे और वह मुँह बन्द होने से हल्की मरी सी आवाज में सिसकारियां ले रही थी ‘उई सीई आह उह आह जान मर गई प्लीज चोद दो … आह ओह जान लग रही है.’
मैं सिर्फ शॉट पर शॉट मारे जा रहा था.
वह आंखों से आंसू और मुँह से सिसकी निकाल रही थी.
कुछ समय बाद वह चुप हो गई और चुदने के मजा लेने लगी.
बीस मिनट तक लगातार चुदाई से मेरा माल निकलने वाला था तो स्पीड के कारण मुझे रुका नहीं गया और सारा माल उसकी बुर में छूट गया.
मैं एकदम से अलग होकर हट भी गया लेकिन क्या होता … अब तो जलेबी शीरा पी चुकी थी.
मैंने उसको खड़ा किया, तो उसकी बुर से खून और लंड से निकला वीर्य दोनों टपक रहे थे.
उसने अचानक से मुझे थप्पड़ लगा दिया और बोली- अभी निकल मेरे घर से!
मैंने उसे गले से लगा लिया.
उसने मुझे अलग हटा दिया और रोने लगी.
मैंने उसको पुनः गले से लगाया.
अबकी बार वह मेरे गले से लग कर जोर जोर से रोने लगी और बोली- तूने मुझसे कोई दुश्मनी निकाली है!
मैं उसे चुप करवा कर किस करने लगा, उसे गोद में उठाए रहा क्योंकि बेड खून से खराब हो गया था. मैं उसे बस किस करने में लगा रहा.
कुछ मिनट के बाद मेरा फिर से मूड बन गया.
मैंने कहा- जान प्लीज एक बार और!
उसने साफ मना कर दिया.
मैंने कहा- चुदाई तो तेरी होगी, प्यार से कराएगी तो कोई दिक्कत नहीं … वरना जबरदस्ती वाली चुदाई तूने देख ही ली कि कितनी दुखदायक होती है मेरी चुदाई!
यह सुनकर वह हंस दी और प्यार से चुम्मी करने लगी.
मैंने उसे किस करते हुए पूछा- सच सच बताना … मजा आया था न!
वह हंस दी और शर्मा गई.
मैं उसे दुबारा से गर्म करने लगा.
यह तो सबही को मालूम है कि पहल लड़का ही करता है, लड़की तो साथ भी कम ही देती है.
मैं उसके बूब्स पीने लगा.
वह मादक भाव से आह करती हुई बोली- जान, तू मुझे छोड़ेगा तो नहीं?
मैं उसे लिटाते हुए बोला- पागल है क्या … तू जान है मेरी!
मैं उसके बूब्स पीने लगा.
फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और लंड को दुबारा से उसकी बुर पर रखा.
लंड लगाते वक्त मैंने देखा कि उसकी बुर सूज गई थी.
मैंने आराम से लंड डाला और चोदने लगा. इस बार उसे दर्द कम हो रहा था.
मैं भी आराम आराम से शॉट मारने लगा.
वह आह उह करती हुई लंबी लंबी सांसें ले रही थी और गांड उठा कर चुदवा रही थी.
धकापेल चुदाई चलने लगी.
वह भी नीचे से अपने चूतड़ उठा उठा कर मेरे लंड का जबाव दे रही थी और खास बात यह कि उसकी कसमसाहट बता रही थी कि उसे चुदवाने में मजा आ रहा है.
इसी बीच मैं दुबारा से उसकी बुर में झड़ गया.
वह गाली देती हुई बोली- अगर मैं प्रेग्नेंट हुई न … तो मईया चुद जाएगी तेरी … बता रही हूँ.
मैंने कहा- बस तू एक बार पेट से होकर दिखा, मैं घर से उठा ले जाऊंगा और शादी कर लूँगा.
इस पर वह हँसती हुई बोली- जान है तू मेरी!
बस वह किस करने लगी क्योंकि वह किस में तो एकदम एक्सपर्ट थी.
वह बोली- तूने इतना दर्द दिया है, मेरा भी फर्ज़ बनता है कि आधा दर्द तुझे भी दूँ!
इतना कहते उसने मेरे निचले होंठ को अपने दांतों से दबाया और जोर से खा गई, साली ने छोड़ा ही नहीं.
मेरे होंठ से खून निकाल दिया, सूज गया था होंठ!
अब वह बोली- हिसाब बराबर!
मैंने कहा- ओके, अब तू मम्मी बनेगी, तब इसका हिसाब मैं बराबर करूंगा!
इसी बीच उसने मुझे गले से लगाया और घड़ी में समय देखा, तो सुबह के 5 बज गए थे.
मैंने उसे देखा, तो उससे चला भी नहीं जा रहा था,
वह बिस्तर के चादर आदि को ठीक करने में लग गई.
मैं उसके घर से निकल कर सुबह की दौड़ लगाने प्ले ग्राउंड में पहुंच गया.
कुछ देर बाद उधर से जब मैं अपने दो दोस्तों के साथ घर लौट रहा था, तब उसके घर के सामने से निकला.
वह दरवाजे पर झाड़ू लगाती हुई दिखाई दी.
मैंने उसे चिढ़ाते हुए एक रसिया गाना गाना शुरू कर दिया- रात बलम ने ऐसी ऐसी मारी, कोई न आयो बचावे कू …
वह मेरी तरफ देखती हुई गुस्साई और उसने मेरे व मेरे साथ चल रहे दोस्तों पर पानी डाल दिया.
मैं उधर से हंसते हुए आगे बढ़ गया.
उसके बाद मैंने उसे लगातार एक साल तक चोदा.
दिन में या रात में जब भी मौका मिला, मैंने उसकी रगड़ कर चुदाई की.
उसके बाद उसने अपनी दीदी को भी चुदवाया मुझसे.
उसकी दीदी को बच्चा नहीं हो रहा था तो उसने मुझसे उन्हें चुदवा दिया.