मेरा नाम अंकित है. मैं मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर से हूँ.
मेरा कद पांच फुट छह इंच है और मेरे लंड की लंबाई सामान्य भारतीय लोगों की तरह ही है.
मैं एक प्राइवेट कंपनी में सेल्स डिपार्टमेंट में काम करता हूँ. इधर मेरी नई नई जॉब लगी थी. मेरी पोस्टिंग सिंगरौली में थी.
तब मेरी उम्र तेईस साल की थी लेकिन तब तक मैंने किसी के साथ सेक्स नहीं किया था.
पढ़ाई करते समय मैंने कई लड़कियों को प्रपोज किया था, लेकिन कोई लड़की पटी ही नहीं.
यह बात दिसंबर महीने की है.
मुझे एक अनजान नंबर से कॉल आया.
दूसरी तरफ से बहुत प्यारी आवाज में किसी लड़की ने अपनी किसी फ्रेंड को कॉल किया था पर गलती से उसने मुझे कॉल कर दिया था.
दूसरी तरफ से उसने कहा- हैलो!
मैंने भी जवाब देते हुए हुए हैलो कहा.
दूसरी तरफ- मुझे महिमा से बात करना है!
मैंने जवाब देते हुए कहा- आप कौन?
दूसरी तरफ से उसने अपना नाम मोना बताया.
पहली बार मुझे उसका नाम पता चला.
मैंने औपचारिक रूप से उसको बता दिया कि उसने गलत नंबर लगाया है. मैंने उसे अपना नाम भी बता दिया और बात यहीं खत्म हो गई.
लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.
एक दिन शाम को मैंने ऐसे ही उस नंबर पर एक सामान्य सा चुटकुला भेज कर एस एम एस वाला मैसेज कर दिया.
वहां से रात में उसका कॉल आया और उसने पूछा- कौन?
मैंने उसको याद दिलाई और इसी तरह से हमारी बातचीत शुरू हो गई.
उसने बताया कि वह सतना में रह कर पढ़ाई कर रही है.
उस समय उसके बारहवीं के एग्जाम आने वाले थे.
मैं समझ गया कि लड़की की उम्र अठारह उन्नीस के आस पास की होगी.
धीरे धीरे हमारी बातचीत रोज होने लगी.
न मैंने उसे देखा था और न उसने मुझे!
उसके पास की-पैड वाला फोन था तो फोटो भी नहीं मांग सकता था.
बातों बातों में मैंने कहा- तुम अपनी पिक अपनी सहेली के फोन से मुझे भेज दो.
उसने अगले दिन मुझे अपनी सहेली के फोन से पिक भेज दी.
क्या गजब की सुंदर पिक थी.
पहले तो मुझे लगा कि इसने किसी और की पिक भेज दी होगी.
लेकिन जब मैंने उसी नंबर पर वीडियो कॉल किया … तब यकीन हुआ कि वाकयी वह बहुत सुंदर है.
उसका कद पांच फुट तीन इंच का था.
कमर अट्ठाइस इंच की और चूचे एकदम सेब से गोल गोल थे.
जरूर तीस इंच साइज की ब्रा आती होगी.
उसे देख कर तो मुझे पहली नजर में ही उससे प्यार हो गया.
इसी तरह हमारी रोज फोन पर बातचीत होने लगी.
एक दिन मैंने उसे फोन पर प्रपोज कर दिया.
उसने भी हां कर दिया.
मैं जल्द से जल्द उससे मिलना चाहता था … लेकिन मैं सिंगरौली में था और वह सतना में.
हमारा मिलना बहुत मुश्किल था.
उसके एग्जाम खत्म होने के बाद मैंने उससे कहा कि मैं सतना आकर मिलना चाहता हूँ.
उसने भी हां कर दिया.
चुदास दोनों तरफ थी लेकिन मुश्किल ये थी कि सतना में वह रूम लेकर रह रही थी और बाहर मिलने वह डर रही थी.
फिर एक दिन मैंने कहा कि तुम्हारे रूम पर ही मिल लेते हैं.
उसने हां कहते हुए प्लान बनाया कि रात में ग्यारह बजे जब सब सो जाएं, तब आ जाना.
मैंने मिलने के लिए सिंगरौली से बस की टिकट कर ली और शाम को सतना पहुंच गया.
मुझे अन्दर से डर भी रहा था कि कैसे उसके कमरे पर जाऊंगा.
लेकिन लंड महाराज तो सारा रिस्क लेने को रेडी थे तो शाम में सतना पहुंच कर इधर उधर घूमने लगा.
मैंने मेडिकल स्टोर से कंडोम ले लिए और ग्यारह बजे का इंतजार करने लगा.
फिर उसके बताए हुए पते पर पहुंच कर उसको रात में कॉल किया.
उसने एक बार में ही कॉल पिक किया और कहा- मैंने बाहर की लाइट बंद कर दी है और मैं गेट पर खड़ी हूँ.
जैसे ही मैं उसके कमरे में पहुंचा, उसने झट से दरवाजा बंद किया और अपने कमरे में अन्दर ले गई.
वह सतना में एक रूम एक किचन और अटैच बाथरूम वाले घर में रहती थी.
उसके साथ उसकी सहेली भी थी.
मैंने उसकी सहेली को देख कर इशारे से मोना से कहा- मैं तो तुम्हारे साथ अकेले में मिलना चाहता था … ये कवाब में हड्डी कहां से आ गई?
उसने इशारे से मुझे चुप रहने को कहा.
हम तीनों लोगों ने साथ में खाना खाया.
फिर मोना बोली- मैंने तुम्हारे बिस्तर किचन में लगा दिए हैं.
मैं भी बुरा सा मुँह बना कर किचन की तरफ चल दिया और लेट गया.
थोड़ी देर में मोना धीरे से मेरे पास सा गई और उसने किचन का गेट लगा दिया.
पहली बार में किसी लड़की के साथ बिस्तर में था.
हम लोग धीरे धीरे आपस में प्यार भरी बात कर रहे थे.
मैंने उसको अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसके प्यारे प्यारे होंठों पर किस किया.
तो उसने भी मेरा साथ दिया.
मैंने अपने हाथ उसके बूब्स की तरफ किए तो उसने रोकना चाहा.
लेकिन मैंने उसको अपनी कसम देते उसे मना करने से रोक दिया.
अब मैंने धीरे से उसके टॉप को उतार दिया.
उसने अन्दर एक स्पोर्ट्स ब्रा पहनी थी.
मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दबा रहा था और किस किए जा रहा था.
वह भी बहुत प्यार से अपने हाथों को मेरे बालों पर हाथ फेर रही थी.
मैं समझ चुका था कि ये भी गर्म हो चुकी है क्योंकि उसने बहुत जोर से मुझे पकड़ रखा था.
वह मुझे इस तरीके से अपनी ओर खींच रही थी जैसे अपने अन्दर ही घुसेड़ लेगी.
मैंने धीरे से उसकी ब्रा उतारी और अपनी टी-शर्ट लोअर आदि सब उतार दिया और उससे चिपक गया.
मैं उसे लगातार किस किए जा रहा था. कभी होंठों पर, कभी गले पर, कभी बूब्स पर!
फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.
उसने लंड पकड़ कर उसको ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया.
मैंने भी उसके लोअर और पैंटी को एक साथ उतार दिया और किस करते करते उसकी चूत पर अपने होंठों को लगा दिया.
उसकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे, जैसे कुछ दिन पहले ही साफ किए हों.
मैं चुत पर चुम्मी करने लगा और एक हाथ से उसके मम्मों को भी दबाता जा रहा था.
अपने होंठों से मैं उसकी चूत को लगातार चूस रहा था और एक हाथ से उसके हाथ को पकड़े हुए था.
फिर धीरे से मैंने एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी.
तो वह एकदम से मचल उठी.
मैंने उसको छोड़ा नहीं बल्कि उसकी चूत को और तेज़ी से चूसने लगा.
चूत चूसते चूसते ही उसका पानी निकलने लगा तो भी मैंने मुँह नहीं हटाया और सारा रस पी गया.
वह एकदम से शिथिल हो गई थी.
मैंने अपना मुँह पौंछा और फिर से उसके होंठों पर किस करने लगा.
वह धीरे धीरे मेरे लंड को हिला रही थी और मैं एक हाथ से उसकी चूत में उंगली कर रहा था.
मैंने उससे अपना लंड मुँह में लेने को कहा.
तो उसने मना कर दिया.
फिर थोड़ा मनाने पर वह मान गई.
मैंने अपना लंड उसके मुँह में दिया, वह लंड को कुछ कम अच्छे से मुँह ले रही थी.
शायद उसे लंड का स्वाद अच्छा नहीं लग रहा था.
कुछ देर बाद उसने मुँह से लंड निकाल दिया और मुझे किस करने लगी.
मैं समझ गया कि अब उसकी चूत को लंड चाहिए.
मैंने लंड पर कंडोम लगाया और धीरे से उसकी चूत में डालने लगा.
पहली बार में उसकी चूत में लंड नहीं गया.
उसने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और चूत के मुँह पर लगा कर धक्का लगाने को कहा.
मैंने जैसे ही धक्का लगाया, उसकी चीख निकल गई.
मैं एकदम से डर गया और उसके मुँह पर हाथ रख दिया.
फिर मैं ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा.
उसकी चूत फट चुकी थी.
मैंने धीरे धीरे उसे किस करना चालू किया.
और जब उसका दर्द कम हुआ, तो मैंने चुदायी शुरू कर दी.
मैंने धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया और मोना भी पूरी तरह से मेरा साथ देने लगी.
वह अपनी कमर हिलाने लगी और किचन में हमारी चुदाई की आवाज गूंजने लगी.
हम लोग पसीने से पूरे लथपथ हो चुके थे और चुदायी के नशे में एकदम चूर हो चुके थे.
पन्द्रह मिनट तक ऐसी ही ताबड़तोड़ चुदायी के बाद उसने एकदम से मुझे अपनी ओर तेज़ी से खींचा और होंठों को काट लिया.
मैं समझ गया कि वह झड़ गई है.
मैंने और तेज़ झटके देने शुरू कर दिए.
थोड़ी देर में मेरा पानी निकल गया.
मैंने कंडोम निकाल कर फेंक दिया और बिस्तर की बेडशीट पर नजर डाली तो वह पूरी लाल हो चुकी थी.
हम दोनों ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुरा दिए.
उसने बेडशीट हटाई और साथ में नंगे एक दूसरे के साथ चिपक कर लेट गए.
मैं उसके साथ पूरे दो दिन उसी के किचन वाले रूम में रहा.
दिन में मैं किचन से बाहर आ जाता था और उसके कमरे में अपने मोबाइल के साथ समय पास करता रहता था.
इन दो दिनों में मेरी उसकी सहेली से कोई बात नहीं हुई और ना ही मुझे बाहर जाने की परमीशन मिली.
जैसे ही दिन में मोना की सहेली कमरे से बाहर जाती थी, हम दोनों एक दूसरे के साथ बाथरूम में घुस कर सेक्स करने लगते थे.
मोना की सहेली ने शायद यह बात तय कर रखी थी कि कमरे के बेड पर सेक्स नहीं होगा.
पता नहीं क्या समझौता था उन दोनों में … पर मुझे चुदाई से मना नहीं किया गया था.
इस तरह से जब भी मौका मिला, हम दोनों ने खूब चुदायी की.
मोना भी अपनी सारी कामनाएं पूरी करने को आतुर थी.
वह किसी अनजान दोस्त के साथ सेक्स की सारी कसरत कर लेना चाह रही थी.
पहली बार हॉट वर्जिन सेक्स पोर्न के समय जरूर उसने मेरे साथ कुछ संकोच जाहिर किया था लेकिन एक बार लंड चूत में लेने के बाद तो मानो वह मेरी रंडी बन गई थी.
उसने पोर्न मूवी में जो कुछ भी देखा था, वह मुझे बताया और मैंने उसके साथ वैसे ही सेक्स किया.
बाथरूम सेक्स में उसे घोड़ी बना कर चोदा और उधर ही गांड में शैंपू लगवा कर उसने गांड का छेद भी खुलवा लिया.
मैंने भी पहली बार गांड मारी थी तो उसकी गांड मारते समय मुझे भी अपने लंड को लहूलुहान करवाना पड़ा था.
वह शायद अपनी गांड में कुछ कुछ लेती रहती थी, जिस वजह से उसे गांड मरवाने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई.
उसकी सहेली को मालूम था कि मैं मोना को चोदने आया हूँ तो वह मेरे साथ बात नहीं करती थी.
शायद उसका ब्वॉयफ्रेंड भी इसी तरह उसे चोदने आता था.
यह बात मैंने मोना से इशारे में पूछी थी, तो उसने हंस कर कहा था कि उसके पास उसका दोस्त है.