नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम सुनील है. यह मेरा बदला हुआ नाम है.
मेरी उम्र 22 साल है. मैं दिखने ठीक-ठाक हूं.
मैं राजस्थान के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं.
बात आज से कुछ समय पहले यानि पहले लॉकडॉउन की है.
उस समय मैं घर रह कर ही अपनी पढ़ाई कर रहा था.
लॉकडाउन के कारण शहर वाले लोग गांव में आने लगे थे.
इसी के चलते ही मेरी चाची भी गांव में वापस आ गई थीं.
उन दोनों की शादी कुछ ही समय पहले हुई थी.
गांव में आने के बाद चाचा को शराब पीने की आदत हो गई.
लॉकडाउन में हमारे गांव में कच्ची शराब मिलने लगी थी जिस कारण चाचा दिन भर शराब पीकर पड़े रहते थे.
चाचा की शराब पीने की आदत से चाची भी परेशान हो चुकी थीं.
उन दोनों में दिन भर लड़ाई होने लगी थी.
यूं ही दिन बीतने लगे.
रोज रोज की लड़ाई से परेशान चाची को पापा अपने घर ले आए.
वे हमारे घर के काम करने लगीं.
शादी के बाद अब जाकर मैं और चाची इतना पास आए थे.
चाची की शादी को कुछ साल हो गए थे, तब भी उन्हें कोई संतान नहीं थी.
चाची शहर की थीं और वह शहर में ही रहती थीं … लेकिन वे लॉकडाउन के कारण गांव में आ गई थीं.
चाची दिखने में काफी सुंदर थीं और उनका फिगर कमाल का था.
वे दिखने में किसी हीरोइन से कम नहीं थीं.
एकदम दुबली पतली सी और अपने शरीर का अच्छे से ध्यान रखने वाली चाची बिल्कुल दीपिका पादुकोण जैसी लगती थीं.
आज भी वे मस्त माल दिखती हैं.
धीरे धीरे मैं और चाची पास आने लगे.
मैं टाइम पास के लिए उनके साथ लूडो खेलता था और उनसे डबल मीनिंग बातें भी कर लेता था.
जैसे चाची आप खोलो, मैं आपकी मारता हूँ.
लेकिन मेरी बातों को चाची नादानी भरी बातें समझ कर नजरअंदाज कर देती थीं.
जब उन्होंने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की तो मेरी हिम्मत बढ़ने लगी.
मैं अब हमेशा ही उनसे डबल मीनिंग बातें करने लगा.
चाची भी मेरी बातों को सुनकर मुस्कुराने लगती थीं.
एक दिन मेरे पापा ने चाची से कहा- तुम पढ़ी लिखी हो, थोड़ा बहुत इस नालायक को भी पढ़ा दिया करो!
चाची ने हामी भर दी और वे मुझे पढ़ाने लगीं.
इस बात को लेकर भी मैं चाची से डबल मीनिंग बातें करने लगा.
मेरी किताब में एक चैप्टर सेक्स को लेकर भी था जिसमें पुरुष व मादा के प्राइवेट पार्ट को स्केच के जरिए दिखाया गया था.
चाची ने मुझसे पूछा- बताओ क्या समझ नहीं आ रहा है?
मैंने जानबूझ कर वही चैप्टर समझाने को कहा.
चाची मुझे समझाने लगीं.
मैंने चाची से पूछा- सच में महिलाओं का प्राइवेट पार्ट ऐसा ही होता है?
तो उन्होंने कहा- तुमने नहीं देखा क्या?
मैंने कहा- नहीं!
उन्होंने कहा- क्या तुम्हारी गर्लफ्रेंड की भी नहीं है?
मैंने कहा- कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है!
यह बात सुनकर वे हंसने लगीं.
मैंने उनसे कहा- आप इस चैप्टर का प्रैक्टिकल करवा दो.
उन्होंने मेरे गाल पर धीरे से चपत लगाई और कहा- तुम अभी छोटे हो.
मैंने कहा- किधर से छोटा हूँ … आप बताओ तो मैं कोशिश करूंगा कि उधर से बड़ा हो जाऊं!
इस पर चाची हंस दीं और बात आई गई हो गई.
अब मैं चाची को नंगी देखने के बहाने ढूंढने लगा.
एक बार मैंने बाथरूम में फोन का कैमरा चालू करके लगा दिया जिससे उनका नंगा बदन रिकॉर्डिंग में आ गया.
जब मैं रिकॉर्डिंग देख रहा था, तो हैरान रह गया.
चाची नंगी होकर अपने बूब्स दबा रही थीं और चूत में उंगली कर रही थीं.
मैं समझ गया कि भूसा, आग की लौ दिखाने के इंतजार में है. बस एक चिंगारी दिखाने की जरूरत है.
मैंने उन्हें अपना लंड दिखाने की बात मन में ठान ली.
एक दिन जब वे मुझे पढ़ा रही थीं तो मैंने प्रैक्टिकल की बात शुरू कर दी.
लेकिन वे कुछ बोल ही नहीं रही थीं.
मैंने वीडियो शुरू करके मोबाइल उनके सामने रख दिया.
वे वीडियो देख कर उसे डिलीट करने की बात कहने लगीं.
मैंने उनसे कहा- मैं तो इसे डिलीट नहीं करूंगा!
इससे वे नाराज हो गईं और वहां से उठ कर चली गईं.
अगले दिन मेरा परिवार बुआ की लड़की शादी में भात लेकर जाने वाला था.
लेकिन चाची नहीं जा रही थीं.
मैंने भी जाने से मना कर दिया, बहाना बना दिया- मेरी तबियत ठीक नहीं है.
पापा ने मुझे घर में ही रहने को बोल दिया और कहा- घर का और चाची का ख्याल रखना. हम लोग दो दिन बाद आएंगे.
मैं बहुत खुश था कि आज रात चाची के साथ अकेला रहूँगा तो मामला सैट हो सकता है, सेक्सी चाची सेक्स कथा बन सकती है.
शाम को चाची ने खाना बनाया.
मैंने खाना थोड़ा जल्दी खा लिया और बाहर घूमने चला गया.
जब मैं आया तो चाची खाना खा रही थीं.
वे मुझे देख कर पूछने लगीं- कहां गया था?
मैं- ऐसे ही बाहर घूमने गया था. वैसे भी घर में मुझसे बात करने वाला है कौन!
इस पर चाची बोलीं- मैं हूं ना!
मैंने उनकी बात का कोई जबाव नहीं दिया और अपने कमरे में जाकर फोन चलाने लगा.
थोड़ी देर चाची मेरे कमरे में आईं.
उनके हाथ में पानी का जग था.
वे बोलीं- मुझे अकेले सोने में डर लगता है. मैं यहीं सो जाऊंगी.
यह कह कर चाची मेरे बेड पर लेट गईं.
थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद चाची मुझसे कहने लगीं- तुम नाराज क्यों हो?
मैंने उनसे कहा- उस दिन आप भी तो नाराज हुई थीं.
थोड़ी देर कुछ बातें करने के बाद चाची बोलीं- क्या सच में तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?
मैंने ना में गर्दन हिला दी.
उन्होंने फिर से पूछा कि इसका मतलब तुमने कभी सेक्स भी नहीं किया?
मैंने बोला- मैंने सेक्स आज तक नहीं किया … मैं कुंवारा हूँ.
इसके बाद चाची कुछ नहीं बोलीं और करवट लेकर सोने लगीं.
मुझे नींद नहीं आ रही थी.
थोड़ी देर बाद जब चाची सो गईं तो मैंने चाची की तरफ करवट कर ली.
अब चाची की गांड मेरी तरफ थी और मैं चाची के पास सरकता चला गया.
जब मैंने देखा कि चाची गहरी नींद में हैं तो मैं उनके मम्मों को हाथ में लेकर दबाने लगा.
चाची के रसीले दूध दबाने से मेरा लंड खड़ा हो गया था और वह चाची की गांड में घुसने की कोशिश करने लगा.
मैं चाची के मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा, जिससे चाची की आंख खुल गई.
इसका पता मुझे तब लगा, जब चाची ने पीछे हाथ करके मेरा लंड पकड़ लिया.
मैं एकदम से डर गया.
चाची उठ क
र बैठ गईं और मुझसे बोलने लगीं- तू बिना प्रैक्टिकल के मानेगा नहीं!
मैंने कहा कि हां चाची प्लीज एक बार कर लेने दो!
इस पर चाची कुछ नहीं बोलीं.
वे मेरे पेट में गुलगुली करने लगीं.
मैंने चाची के गाल पर एक किस कर दिया.
चाची ने कोई विरोध नहीं किया.
तो मैं और आगे बढ़ गया और चाची को लिप किस करने लगा.
अब तो चाची भी मुझे पागलों की तरह की चूमने लगीं और मेरे कपड़े खोलने लगीं.
मैं समझ गया कि भूसे ने आग पकड़ ली है; मैं भी चाची के ब्लाउज और कपड़ों को खोलने लगा.
थोड़ी ही देर में मैं और चाची नंगे हो चुके थे.
चाची मेरा लंड देख कर बहुत खुश थीं.
उनकी आंखों में एक अलग ही चमक थी.
चाची मेरे लंड को हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगीं.
मैं उनके एक दूध को मुँह में भर कर चूसने लगा.
चाची ने सही पोजीशन सैट की और वे मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैं लगातार चाची को किस करने लगा और उनके बूब्स को दबाने लगा.
थोड़ी देर में चाची बहुत गर्म हो गईं और मुझसे चूत चोदने की विनती करने लगीं.
मैंने भी ज्यादा देर ना करते हुए आसन सैट किया और चाची के दोनों के पैरों के बीच में आ गया.
मैं उनके पैरों को ऊपर करके चूत पर लंड रगड़ने लगा.
चाची बिना पानी के मछली के जैसे तड़पने लगीं और मुझसे जल्दी से लंड पेलने को बोलने लगीं.
मैं भी ज्यादा टाइम ना लेते हुए लंड को चूत में घुसाने लगा.
लेकिन वह चूत में जा नहीं रहा था, बार बार फिसल रहा था.
मैंने थोड़ा सा थूक लंड पर लगाया और चाची की चूत में घुसाने लगा.
मेरे लंड का टोपा चाची की चूत में घुस गया और चाची दर्द से चिल्लाने लगीं.
मैंने चाची के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मम्मों को अपने हाथों से दबाने लगा.
चाची छोड़ने का बोलने लगीं लेकिन मैं अब पीछे नहीं हट सकता था.
मैंने चाची की बातों अनसुना करते हुए एक और झटका दे दिया.
जिससे मेरा आधा से ज्यादा लंड चाची की चूत में घुस गया.
मैंने उनके होंठों को अपने होंठों से लॉक किया हुआ था, नहीं तो चाची बहुत जोर से चिल्ला देतीं.
मैं कुछ समय के लिए रुक गया और चाची मुझे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगीं.
लेकिन मैं मजबूती से चाची के ऊपर पड़ा रहा और उनके बदन को सहलाता रहा.
थोड़ी देर बाद चाची शांत हुईं तो मैंने एक और झटका मार दिया.
इस बार मेरा पूरा लंड चाची की चूत में उतर गया था.
चाची को दर्द हो रहा था और वह छटपटा रही थीं.
लेकिन मैं लंड पेले हुए रुका रहा और मम्मों को दबाता रहा.
थोड़ी देर में जब चाची का दर्द कुछ कम हुआ तो वे गांड उचका कर इशारा करने लगीं और मैंने झटके लगाने शुरू कर दिए.
मुझे एक्सप्रेस बनने में जरा भी समय नहीं लगा, मैं जोर जोर से झटके लगाने लगा.
उधर चाची भी गांड उठा उठा कर मेरा लंड लेने लगीं.
चाची को मजा आने लगा.
मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
थोड़ी देर में चाची का शरीर अकड़ने लगा और वे मुझे पकड़ने कर आह आह करने लगीं.
मादक आवाजें करती हुई चाची झड़ गईं.
लेकिन मैं अभी नहीं झड़ा था. मैं लगातार झटके देता रहा.
चाची दोबारा गर्म होने लगीं और मुझे तेज तेज करने को बोलने लगीं.
मैंने चाची को डॉगी स्टाइल में आने को बोला और उनके कुतिया बनते ही लंड घुसेड़ कर झटके देने लगा.
थोड़ी ही देर में चाची फिर से अपने चरम पर पहुंच गईं और झड़ने लगीं.
चाची के झड़ने से चूत कुछ ज्यादा ही गीली हो गई थी.
इस कारण लंड जल्दी जल्दी फिसल रहा था और अब मेरा भी निकलने को होने लगा था.
मैंने चाची से पूछा- कहां निकालूँ?
चाची ने कहा- अन्दर ही निकाल दो, मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनना चाहती हूं.
मैं भी स्पीड बढ़ाते हुए चाची की चूत में झड़ गया.
चाची मुझे किस करने लगीं.
इसके बाद जब भी हम दोनों को मौका मिलता, हम लोग चुदाई शुरू कर देते.