मेरा नाम रेहान है. मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 23 साल है. मेरा कद 5’7″ है.
अम्मी अब्बू और चाचा चाची सब लोग एक साथ ही रहते हैं. चाचा का निकाह हुए दो साल हो गए थे अभी तक नूरी चाची को औलाद का सुख नहीं मिला था.
अब्बू और चाचा की अपनी अपनी दूकान है. मैं अब्बू के साथ अपनी दुकान पर बैठता हूँ.
नूरी चाची मेरी अम्मी की बहन भी हैं, उस रिश्ते से वे मेरी खाला भी हैं.
हमारा पूरा परिवार साथ बैठ कर खाना खा रहा था. हमारा लंच का खाना खत्म होने वाला था, तभी मेरे अब्बू उठ कर चले गए.
चाची चाचा से बोलीं- चलो ना आज मूवी देख कर आते हैं!
लेकिन चाचा दुकान चलाते हैं तो चाचा ने कहा- दो दिन बाद संडे है, तब चलेंगे … अभी मैं दुकान जा रहा हूँ और आज रात को मुझे माल लेने बाहर भी जाना है. तुम चाहो तो रेहान के साथ जाकर देख आओ.
चाचा की इस बात पर चाची कुछ नाराज़ सी हो गईं.
तभी मेरी अम्मी बोलीं- हां नूरी यह भी ठीक है, तू रेहान के साथ चली जा ना!
इस पर चाची मान गईं.
चाची मुझसे बोलीं- कब चलेगा रेहान?
मैंने कहा- शाम में 6 से 9 वाला शो देखने चलते हैं.
चाची बोलीं- हां ठीक है.
मैं- शाम तक मैं भी दुकान से फारिग होकर आ जाऊंगा!
चाचा बोले- हां यही ठीक रहेगा.
चाची बोलीं- ठीक है.
सब लोग अपने अपने काम में लग गए.
जब शाम हुई तो मैं दूकान से आकर रेडी हो गया और मैंने चाची को आवाज़ लगाई- चलो, नहीं तो मूवी निकल जाएगी!
चाची बोलीं- हां बस आ रही हूँ.
कुछ देर बाद चाची आईं और हम दोनों निकल गए.
मॉल में जाने के बाद चाची बोलीं- टिकट ले लो.
मैं टिकट लेने गया, तो हाउस फुल हो गया था इसलिए टिकट नहीं मिला.
मैंने चाची से बताया कि टिकट तो नहीं मिले … अब क्या करें?
चाची मुँह बना कर बोलीं- सारा मूड ऑफ हो गया.
मैंने कहा- दूसरी मूवी का टिकट ले लूँ?
वे बोलीं- हां ठीक है, ले लो.
तो मैंने BA पास का टिकट ले लिया.
चाची पूछने लगीं- यह मूवी कैसी है?
मैंने कहा- मुझको नहीं मालूम है.
चाची बोलीं- ठीक है, चलो देखते हैं.
फिर हम दोनों हॉल में अन्दर आ गए और मूवी देखने लगे.
दस मिनट देखने के बाद एक चुंबन का सीन आया तो मुझे सनसनी होने लगी.
मूवी देखने वाले और भी लोग बैठे थे वे मजा लेते हुए चिल्लाने लगे और गालियां देने लगे- चोद दे … लंड पेल दे उसकी चूत में!
उनकी इस तरह की आवाजें आईं तो मैं सकपका गया और मैंने चाची की तरफ़ देखा.
चाची मस्ती से मूवी देख रही थीं.
कुछ देर के बाद ऐसा लगा कि कोई मेरे लंड को सहला रहा है.
मैंने देखा तो चाची मेरे लंड को पैंट के ऊपर से ही हिला रही थीं.
इससे पहले मेरे और चाची के बीच ऐसा कुछ नहीं था.
मैं कुछ बोलता, तब तक चाची ने मेरा हाथ उठा कर अपनी चूत पर रख दिया.
तब भी मैं कुछ नहीं बोला, बस हाथ को उनकी टांगों के बीच में रखे हुए बैठा रहा.
तभी इंटरवल हो गया.
चाची बोलीं- चलो रेहान घर चलें.
यह सुनकर मेरा दिमाग खराब हो गया, मैंने कहा- अभी तो मूवी बाकी है न!
चाची बोलीं- नहीं बस अब और देखने का मूड नहीं है, तुम बाइक लेकर आओ.
यह कह कर चाची उठ कर बाहर जाने लगीं.
मैं भी उठ गया और पार्किंग से अपनी बाइक लेकर गेट के पास आ गया.
अब हम दोनों घर जाने लगे.
कुछ ही देर में हम दोनों घर पहुंच गए.
हमें आया देख कर अम्मी बोलीं- क्या हुआ. बड़ी जल्दी आ गए तुम दोनों? मूवी ठीक नहीं थी क्या?
मैं कहा- अरे बकवास मूवी थी.
चाची बोलीं- हां आपा, देखने में मन ही नहीं लगा.
अम्मी कुछ नहीं बोलीं और उधर से चली गईं.
चाची मेरे कान में बोलीं- आज रात को घपाघप के लिए तैयार रहना.
मैंने कुछ नहीं कहा और बाहर निकल गया.
बाहर आकर मैंने पनवाड़ी से एक सिगरेट ली और सुलगा कर सेक्सी चाची की वासना के बारे में सोचने लगा कि चाची को चोदूं या नहीं!
कुछ देर बाद मैं वापस आया और टीवी देखने लगा.
रात होने पर सब लोग आ गए. सबने खाना आदि खाया और सब लोग सोने जाने लगे.
मैं भी अपने कमरे में आ गया.
रात के दस बजे चाची मेरे कमरे में आईं और बोलीं- रेहान … सो गया क्या?
मैं बोला- नहीं चाची, नींद नहीं आ रही है.
चाची बोलीं- अच्छा, मैं सुला दूँ क्या?
मैं कुछ नहीं बोला.
चाची मेरे पास आकर बैठ गईं.
उसी वक्त उनके फोन पर चाचा का फ़ोन आ गया.
वह भी वीडियो कॉल आया था.
चाची ने कॉल उठाया और चाचा से बात करने लगीं.
चाचा बोले- कहां पर हो तुम?
चाची बोलीं- रेहान के पास!
चाचा बोले- वहां क्या कर रही हो?
तो चाची बोलीं- बाथरूम गई थी, तो मैंने देखा कि रेहान के कमरे की लाइट चालू है, तो मुझे लगा कि यह बिना बत्ती बुझाए सो गया है.
चाचा बोले- ठीक है.
चाची बोलीं- ठीक है, मैं कमरे में जाती हूँ, उधर बात करेंगे.
तब चाची मुझसे कुछ दूर हो गईं.
चाचा बोले- काफ़ी हॉट लग रही हो, पास में होता तो तुम्हें खूब चोदता!
मैंने यह सुन लिया.
चाची ने मोबाईल से मुँह हटाया और मेरी तरफ़ देख कर आंख मार दी.
अब वे अपने कमरे में चली गईं.
मैं समझ गया कि अब चाचा चाची नंगे होकर सेक्स चैट करेंगे.
चाची के जाते ही मैंने दरवाजा बंद कर लिया और सोने का नाटक करने लगा.
कुछ देर बाद मेरा मन नहीं माना तो मैं चाची के कमरे के पास गया और देखा.
चाची के कमरे का दरवाजा खुला हुआ था.
चाचा अपना लंड हाथ में लेकर चाची को दिखा रहे थे. चाची औंधी लेट कर अपने दूध दबा रही थीं.
उसके बाद वे कपड़े उतार कर ब्रा और पैंटी में हो गईं.
चाची के सामने आईना लगा हुआ था तो उसमें उन्होंने मुझे देख लिया.
कुछ देर बाद चाची ने चाचा को चुम्मी दी और फ़ोन कट हो गया.
अब चाची मुझको देख कर उंगली के इशारे से बुलाने लगीं.
मुझको मालूम ही नहीं था कि चाची मुझको देख चुकी हैं.
मैं उनके पास आ गया और मैंने उनकी गांड को दबा दिया.
चाची ने कहा- तुम तो जवान हो गए हो मेरे रेहान राजा … आ जाओ आज तुम्हारा फीता काट देती हूँ.
यह कह कर चाची ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच कर बाजू में लिटा लिया.
मैं जब तक कुछ समझ पाता, तब तक चाची ने पलटी मारी और मेरे मुँह में अपनी चूत रख दी.
वे मेरे मुँह पर अपनी चूत रगड़ने लगीं और बोलीं- चल मेरी चूत चूस … तेरे चाचा ने मेरी चूत में आग लगा दी है और दिन में तूने सेक्स मूवी दिखा कर मेरी चूत में आग लगा दी थी. मादरचोद अब मेरी चूत भभक रही है … चल अब जल्दी से चूत को चोद कर ठंडी कर भोसड़ी के … आह पहले चाट मां के लौड़े आह जल्दी जल्दी चाट ऊं ऊं … आह घुसेड़ न अपनी जीभ चूत में आह!
मैं पिल पड़ा और चाची की चिकनी चूत चाटते चाटते ही मैंने अपना लंड पैंट से बाहर निकाल लिया.
चाची ने मेरा लंड देखा तो तुरंत 69 में घूम गईं और लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मुझे लंड चुसवाने में मजा आने लगा था.
चाची भी पक्की छिनाल रांड की तरह लौड़े को चूस रही थीं.
उन्होंने लंड को चूस चूस कर लाल कर दिया.
उसके बाद वे घूम कर मेरे सामने आ गईं और अपने एक मम्मे को मेरे मुँह में दे दिया.
वे अपने दूध चुसवाती हुई गाली देने लगीं- ऊऊ हू … ओह मादरचोद चूस बहन के टके … आह चोद कुत्ते आह आज मेरी चूत फाड़ दे हरामी.
मैं उनकी दोनों चूचियों को चूसने लगा और निप्पल को दांतों से पकड़ कर खींचते हुए काटने लगा.
चाची की चीखें निकलती रहीं और वे गाली देती हुई मुझसे अपनी चूचियों का हलवा बनवाती रहीं.
कुछ देर बाद चाची बोलीं- बहन के लौड़े, इतना लंबा लंड लिए घूमता है तू … मुझे एक बार दिखला तो देता साले … अब तक न जाने कितनी बार तेरे लौड़े पर झुला झूल चुकी होती.
मैंने कहा- क्यों चाचा के लंड पर झूला झूलने में मजा नहीं आता है क्या?
वे बोलीं- अरे तेरे चाचा का लंड है ही नहीं … उसकी टांगों में तो कटी हुई लुल्ली है.
मैं आप पाठिकाओं को बता दूँ कि मेरा लंड पूरे आठ इंच का है और यह किसी खीरे के जैसे मोटा है … सुपारा भी बिना छिलके के एकदम लाल है.
कुछ देर बाद चाची बोलीं- अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. तू मेरी चूत में अपना लौड़ा पेल दे जल्दी से और घपाघप चालू कर दे.
मैंने भी पोज बनाया और चाची की दोनों टांगें ऊपर उठा कर चूत के छेद पर लंड टिका दिया.
चाची लंड लीलने के लिए गांड हिलाने लगीं.
मैंने शॉट मार दिया और एक बार में ही अपना आधा लंड चाची की चूत में उतार दिया.
चाची एकदम से चीखने लगीं और चिल्लाती हुई बोलीं- ऊऊ हू ओह मार दिया रे … आह मादरचोद … आराम से चोद न बहन के लौड़े … मैं कहीं भाग नहीं रही हूँ … आह फट गई मेरी चूत आह अपना लंड बाहर निकाल साले … आह.
मैंने कहा- क्या हुआ बहन की लौड़ी … बहुत चिल्ला रही थी लंड लेने के लिए … अब क्या हुआ गांड फट गई रंडी तेरी … साली आज तो मैं तुझे अपनी रांड बना कर ही रहूँगा … आह चाचा का साले का लंड वास्तव में लुल्ली ही है … उसने तेरी चूत को अब तक चौड़ा ही नहीं किया … बड़ा मजा आ रहा है कुतिया तेरी लेने में … आह बस कुछ देर बर्दाश्त कर ले साली कुतिया … ऊओह.
मैं लगा रहा और चाची के मुँह पर हाथ रख कर मैंने एक दूसरा झटका दे दिया.
तो चाची की आंखों से से आंसू आ गए.
वे छटपटाती हुई इशारे से बोलीं- अब नहीं बस कर … आह.
मैंने उनके मुँह से हाथ हटाया तो वे रोने लगीं और फफकती हुई बोलीं- अब तुझसे कभी नहीं चुदवाऊंगी … भोसड़ीवाले मादरचोद … तूने मेरी चूत फाड़ दी है आह ऑह साले मर गई … ऊऊह.
कुछ देर तक मैं चाची की चूत में लंड पेले पड़ा रहा और उन्हें चूमता सहलाता रहा.
इसके बाद उन्हें दर्द में कुछ आराम हुआ, तो बोलीं- अब चोद ना मादरचोद … अब चोदने का न्यौता दूँ क्या!
तो मैंने कमर आगे पीछे करते हुए चाची को चोदना चालू कर दिया.
मैंने उनसे पूछा- चाचा नहीं चोदते क्या आपको?
तो उन्होंने कहा- तेरे चाचा का इतना लंड नहीं है … वह तो साला चूत में अपनी लुल्ली डालकर पुल्ल पुल्ल करेगा और अपना पानी फेंक देगा. आज तेरे लंड से मुझे चैन मिल गया है.
मैंने चाची के दूध मसलते हुए कहा- अभी तो कह रही थीं कि चूत फट गई है, बाहर निकाल लो!
चाची हंसने लगीं और बोलीं- पहली बार में तो दर्द होता ही है मेरी जान!
उसके बाद तो चाची ने अपनी गांड उठा उठा कर जो चुदाई करवाना शुरू की, मेरे लौड़े को तो समझो तरन्नुम आ गई.
चाची मस्ती से चूत चुदवाने लगीं.
उनकी चुदाई से पूरे कमरे में घप घप फ़च फ़च के अलावा चाची की ‘आह आह और जोर से मेरे शेर पेल दो आह … मजा आ गया’ की आवाजें आ रही थीं.
मैं 20 मिनट तक ऐसे ही ताबड़तोड़ चोदता रहा.
चाची अपने बदन को अकड़ाती हुई बोलीं- आह, क्या कर रहा है … मेरा तो दो बार निकल गया है … तेरा अब तक क्यों नहीं हुआ मादरचोद … क्या दवा खाकर आया है?
मैंने कहा- रुक जा मेरी रंडी कुतिया साली … बस अब होने वाला है … आह मेरा अब निकलने वाला है जल्दी बोल … कहां निकालूँ?
चाची बोलीं- चूत में निकाल दे आह.
मैं- ओह निकल गया … ले साली कुतिया ऊओह!
हम दोनों एक साथ स्खलित हो गए.
वे मेरे सीने से चिपक कर अपनी सांसें नियंत्रित करने लगीं.
उस रात मैंने चाची को एक बार और चोदा.
अब चाचा जब भी घर से बाहर जाते हैं, मैं चाची की चूत का भोसड़ा बनाने के लिए उनके ऊपर चढ़ जाता हूँ और चाची को भी मेरे साथ अपनी चूत ढीली करवाने में मजा आता है.