दोस्तो, मेरा नाम नवीन है.
मैं मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव का हूँ और एक सामान्य परिवार से हूँ.
मेरी कद काठी नॉर्मल ही है.
मेरे लंड का साइज 6.3″ है.
मैं दिखने में काफी आकर्षक हूँ.
दोस्तो, मेरा भाई मुझसे करीब 3 साल छोटा है और वह बिल्कुल0 लड़कियों की तरह दिखता है. उसकी कमर बिल्कुल पतली है, गुलाबी होंठ, घुंघराले बाल मतलब वह पूरी लड़की ही है.
बस बनाने वाले ने उसकी टांगों के बीच में चुत नहीं लगाई है.
मेरे भाई की सुंदरता की भी जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है.
उसके दूध भी लड़कियों के जैसे ही उठे हुए हैं.
यह बात उस दिन की है, जब हमारे घर कुछ मेहमान आए हुए थे.
मेहमानों के आने से हमारे घर में सोने के लिए बहुत कम जगह बची थी.
मेरी मॉम और डैड ने मेरे भाई से कहा- आज तुम नवीन के रूम में सो जाओ.
उसने ओके बोला और जाकर मेरे कमरे में सो गया.
मेरी मॉम और जितनी भी महिला मेहमान थीं, वे सब मॉम डैड वाले कमरे में आ गईं.
एक और कमरा था … जिसमें छोटा भाई सोता था, उसमें सभी मर्द लोग सो गए.
मैं अपने कमरे में आया और देखा तो मेरा छोटा भाई सो रहा था.
एक तो मुझे इस बात पर बड़ा गुस्सा आता है कि जब भी कोई घर में ज्यादा आया, तो उसे मेरे कमरे में ही घुसा दिया जाता है, फिर चाहे वह मेहमान हो या कोई और हो.
अपनी इसी नाराजगी के साथ मैंने बड़बड़ाते हुए अपने रात में पहनने वाले लोवर और बनियान पहने और बिस्तर पर लेट कर सो गया.
उसके बाद जो हुआ, वह मुझे हैरान कर देने वाला था.
शायद आप लोग समझ चुके होंगे.
जी हां दोस्तो, बिल्कुल सही पकड़ा है आपने … वही हुआ था.
उस वक्त रात के करीब 2 बज रहे होंगे.
मुझे ऐसा लगा कि मेरे पेट पर कोई कीड़ा सा रेंगता हुआ मेरे शॉर्ट के अन्दर घुसता जा रहा है.
मैंने सोचा कि ऐसे ही होगा, तो मैंने नींद में होने की वजह से ज्यादा कुछ नहीं किया और सोने की कोशिश करने लगा.
मगर मुझे कहां नींद आ सकती थी.
जब नसीब में सुनहरी रात लिखी हो, तो कैसे चूक हो सकती थी.
दुबारा से सरसराहट हुई तो मैंने हाथ लगाया.
यह एक हाथ था जो मेरे छोटे भाई का था.
मैंने सोचा कि शायद इसने सपने में कुछ देखा होगा और रख दिया होगा.
तो मैंने उसके हाथ को उठा कर अलग कर दिया और दुबारा से सो गया.
कुछ मिनट बाद मुझे फिर वही अहसास हुआ.
तो मैंने देखने के लिए हाथ को आगे किया ही था और अभी मैं कुछ करता, उससे पहले ही उसने मेरे लोवर के अन्दर हाथ डाल दिया और मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगा.
मुझे यह सब देख कर एक बड़ा सा झटका लगा और मैं उससे कुछ भी बोल नहीं सका.
वह लगातार मेरे लंड को आगे पीछे करने लगा.
मेरा लंड खड़ा हो चुका था.
मुझे भी मजा आने लगा था.
और इसी बात का फायदा उठा कर वह नीचे आ गया.
उसने मेरे लोवर को उतार दिया, तो मुझे लगा कि शायद यह मेरा लंड देख कर सो जाएगा … पर वह तो कुछ और ही करने लगा.
पहले तो उसने मेरे लंड के टोपे को नीचे करके उस पर एक किस किया.
उसकी इस हरकत से मैं और ज्यादा हैरान हो गया.
फिर वह अपनी जीभ को मेरे लंड के चारों ओर चक्कर घुमाने लगा.
मुझे गजब की सनसनी हो रही थी, मेरी हालत खराब हो रही थी.
वह इतने से ही नहीं रुका, उसने मेरे सुपारे को अपने मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगा.
मैंने भी न चाहते हुए अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाए और अपने छोटे भाई के सर को पकड़ लिया.
अब मैं उसके सर को जोर जोर से अपने लंड की तरफ आगे पीछे करके अपना लंड उसके मुँह में देने लगा.
वह भी मस्त हो गया था कि मैं उसका साथ देने लगा था.
कुछ देर तक अपने भाई से अपना लंड चुसवाने के बाद मैंने उससे कहा- गांड में लेगा क्या?
वह हंसने लगा.
मैंने कहा- प्लीज यार एक बार!
तो उसने कहा- भाई आपके लिए मैं कब से यही सोच रहा था कि कब आपका लंड मेरी गांड में जाए … और आज ये सपने की तरह लग रहा है.
उसकी बात पूरी होने से पहले मैंने उसे अपने ऊपर खींचा और बेतहाशा किस करने लगा.
अब वह भी मुझे किस करने लगा.
हम दोनों ही पूरी शिद्दत से एक दूसरे के चुंबन ले रहे थे.
कभी मैं उसका नीचे वाला होंठ चूसता, तो कभी ऊपर वाला.
वह भी कुछ इसी तरह से मेरे होंठ चूसने लगा.
मैंने देखा कि वह तो पहले से ही नंगा है.
तो मैंने कहा- वाह बेटा आज पूरी प्लानिंग करके आया है!
वह हंसने लगा और मुझसे बोला- अब करोगे भी या बातें करते रहोगे मेरी जानेमन!
मैंने कहा- हां मेरी जान, करता हूँ.
तब मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों में रख लिए और अपने लंड में थूक लगा कर उसे चिकना करने लगा.
वह बड़ी वासना से लंड को देख रहा था.
अपना लंड चिकना करने के बाद मैंने उसकी गांड में भी थूक लगाया और अपने लंड का सुपारा उसकी गांड में घिसने लगा.
वह सुपारे की गर्मी पाकर मचलने लगा. वह व्याकुल भाव से बोला- इतना क्यों तड़पा रहे हो मेरी जान … पेल डालो ना और आज अपने भाई को अपनी बीवी बना लो … फाड़ दो अपनी बीवी की गांड!
उसके मुँह से यह सब सुनते ही मुझे जोश और भी चढ़ने लगा.
बस फिर क्या था, मैंने अपना लंड उसकी गांड में रख कर एक जोर का धक्का दे मारा.
मेरा लंड फिसल गया तो उसने एक लंबी सांस ली और बोला- भाई पेल भी दो न … अब मत तड़पाओ!
मैंने थोड़ा और थूक लगाया और दुबारा से टोपा सैट किया.
अब मैंने फिर से एक जोर से शॉट मारा और मेरा सुपाड़ा गांड के पहले छल्ले को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया.
उसकी एक जोर की चीख निकल गई.
मैंने जल्दी से उसके मुँह में हाथ रख दिया ताकि कोई उसकी आवाज न सुन सके.
वह कलप रहा था.
मैंने दूसरा झटका भी दे मारा और मेरा आधा लंड उसकी गांड में घुसेड़ दिया.
उसकी आंखों में आंसू आ गए थे.
यह देख कर मैंने उससे पूछा- लग रही है क्या?
उसका उत्तर सुनने के लिए मैंने उसके मुँह से हाथ हटाया तो वह कराहता हुआ बोला- हां भाई, आपका बहुत मोटा है … प्लीज निकाल लो … मुझे आपसे नहीं मरवानी है.
मैंने कहा- देख भाई, आधा अन्दर चला गया है, तुम बस थोड़ा सा और सहन कर लो … फिर तुझे भी मजा आएगा.
मगर वह लंड निकालने की जिद करने लगा और मुझसे छूटने की कोशिश भी करने लगा.
मैंने उसे कस कर पकड़ा और फिर से उसके मुँह में हाथ रख कर एक और झटका दे मारा.
इस बार मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में घुस गया और वह मुझसे छूटने की भंयकर कोशिश करने लगा.
मैंने उसे और जोर से पकड़ा और उसके मुँह को बन्द करके उसके बूब्स को चूसने लगा.
साथ ही मैंने अपने लंड को उसकी गांड में उसी तरह पड़े रहने दिया.
कुछ देर बाद जब मैंने देखा कि अब वह कुछ रिलैक्स हो गया है, तो मैं अपना लंड आगे पीछे करने लगा.
वह फिर से छूटने की कोशिश करने लगा.
पर अबकी बार उसके चेहरे में वह पहले वाले दर्द की जगह एक मुस्कान थी.
शायद वह मुझसे कह रहा था कि आज फाड़ ही दो.
मैंने उससे बोला- देख चिल्लाना मत, वर्ना कोई न कोई आ जाएगा!
उसने हां में सिर हिला दिया.
मैंने हाथ अलग करके अपने हाथ उसकी कमर पर रख दिए और उसकी चुदाई चालू कर दी.
वह भी गांड उचका उचका कर अपना जवाब देते हुए कहने लगा- और अन्दर तक डालो.
मैंने धकापेल मचा दी … उसके टिकोरे पकड़ कर उसकी गांड फाड़ने वाली स्टाइल में बजानी शुरू कर दी.
कुछ देर बाद मैंने फिर से पूछा- अब लग तो नहीं रही है न?
उसने कहा- अब क्या पूछ रहे हो, जब लग रही थी … तब तो छोड़ा नहीं. अब तो ऐसा लग रहा है कि बस फाड़ दो … बहुत मजा आ रहा है भाई.
मैंने पोजीशन चेंज की और उसे डॉगी स्टाइल में करके उसके पीछे आ गया. मैंने पीछे से अपने लंड को एक ही झटके में उसकी गांड में पूरा घुसेड़ दिया.
वह आह करता हुआ बोला- अब आराम से पेलो … गांड फाड़ने के बाद क्या और फाड़ोगे?
मैंने यह सुनते ही एक जोर का झटका दिया और उसे चोदते हुए कहा- साली रण्डी चुपचाप चुद और मजा लेने दे बहन की लौड़ी!
वह मेरे मुँह से गाली सुनकर और मस्त हो गया और खुद को लड़की समझते हुए मुझसे कहने लगा- आह मेरी जान मैं आपकी रंडी हूँ आज से … आप मुझे जैसे भी चोदना चाहेंगे चोद लीजिएगा … बस अब मैं आपकी बीवी ही हूँ, मुझे कभी अपने लंड से अलग मत करना!
मैंने उसकी गांड का मजा लेते हुए उससे पूछा- साली छिनाल, पहली बार घोड़ी कब बनी थी और सवारी किसने की थी?
वह हंस दिया और कहने लगा- मेरी जानेमन, पहली बार मेरे छेद की ओपनिंग मेरे टीचर रमेश सर ने की थी.
मैंने कहा- ओ तेरी की … वह ठरकी रमेश मादरचोद … उसने तेरी गांड की ओपनिंग की थी?
मेरा भाई गांड हिलाते हुए बोला- हां क्यों … क्या आप उसकी ठरक को जानते हैं?
मैंने कहा- अबे साले … वह तो पूरे स्कूल में अब तक न जाने कितने लौडों को अपने लौड़े का शिकार बना चुका है.
इसी तरह की बातों का सिलसिला चलता रहा और मेरा भाई मेरे लंड की दुल्हन बन गया.
हम दोनों ने उस रात बहुत से आसनों में गांड चुदाई का मजा लिया.
मिसनरी, डॉगी और उसको अपने लंड के ऊपर बैठा कर खूब पेला.
आखिरी में मैंने उसको पलंग के सहारे खड़ा करके कुतिया बनाया और घपाघप चोदा.
बहुत देर तक मैंने उसकी गांड मारी.
बाद में मैंने उसकी ही गांड में अपना गाढ़ा गर्म रस भर दिया.
वह भी गांड मरवा कर बहुत खुश था. वह कह रहा था- आज से मैं आपकी बीवी हूँ, मुझे रोज रात को चोदना.
बस क्या था … मैंने भी बोल दिया- हां आ जाना रोज, अपने खसम से चुदवाने!
उसके बाद हम दोनों के बीच गांड चुदाई का मस्ती भर सिलसिला चालू हो गया.
अब हम दोनों एक ही रूम में शिफ्ट हो गए और हर रोज चुदाई होने लगी.
एक दिन मैंने उससे पूछा- और किस किस से गांड मरवाई है?
तो उसने बताया कि उसके फ्रैंड के साथ भी गांड मरवा चुका है. हम दोनों एक दूसरे की गांड मारते हैं. पहली बार उसी ने मुझे रमेश सर से चुदवाया था.
मैंने कहा- तो उसकी भी दिलवा न!
मेरे भाई ने मुझे उसकी गांड दिलाने के लिए भी हां बोल दिया