मैं यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 33 साल है। मेरी हाइट 5’6″ है। लंड का साइज नॉर्मल ही है। पर मेरा स्टेमिना काफी अच्छा है, और कंट्रोल भी। ये बात साल 2016 की है। मैं फेसबुक इस्तेमाल कर रहा था। तभी मुझे एक आईडी सजेशन में दिखी।
मैंने देखा एक बड़ी ही सेक्सी लेडी की फोटो लगी हुई थी। मुझे लगा फेक आईडी तो नहीं, इसलिए मैंने पूरी आईडी खंगाल डाली। तो देखा वहां पे उसी लेडी के फोटो भरे हुए थे। इससे मुझे लगा आईडी शायद असली हो सकती थी। मैंने तुरन्त प्रभाव से उसे रिक्वेस्ट भेज दी।
ये बात जून 2016 की है। मुझे आज भी याद है, और ठीक 2 दिन बाद मेरी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट हो गई। मैंने देखा बन्दी ऑफलाइन थी, तो कोई मैसेज नहीं किया। रात को मैं फोन चला रहा था। साढ़े 9 बज रहे थे। मैंने देखा ग्रीन सिग्नल था चैट में, और बन्दी ऑनलाइन थी। मैंने एक-दम मैसेज किया, एक अच्छी सी फ्लावर फोटो के साथ।
उसने 5 से 10 मिनट में ही हेलो लिख कर भेजा। हमारी बात शुरू हुई। शहर की बात हुई तो पता चला वो लोकल ही थी। उसका नाम नीलम था। बातें करते-करते उसने मेरी पढाई वगैरह स्कूल कॉलेज वगैरह के बारे में पूछा, तो मैंने बता दिया कि कहां पढ़ता था।
अब उसे जैसे ही स्कूल का नाम बताया, वो एक-दम और रुचि लेने लगी। बात करने में उसने बताया वो वहां पे हिस्ट्री टीचर थी। फिर उसने मेरा सन वगैरह पूछा। तो बात-बात में निकला कि वो मुझे पढ़ा चुकी थी, और 8 क्लास तक मेरी टीचर रही थी। पर मैं भूल चुका था।
फिर उसने मुझे काफी याद दिलाया पर मुझे याद नहीं आया। अगले दिन उसने मुझे एनुअल फंक्शन की एक फोटो भेजी जिसमें वो और मैं एक साथ थे। अब मुझे कुछ-कुछ याद आने लगा। वो मुझसे बात करके बड़ी खुश थी, मैंने ये महसूस कर लिया था।
इसी बात का फायदा उठा कर मैंने उसका नम्बर मांग लिया। उसने एक-दम बेझिझक दे दिया। अब हम व्हाट्सअप पे बातें करने लगे। फोन कॉल पे बातें होने लगी। दिन-दिन भर मैं उससे लगा रहता, और वो मेरे से, जैसे और कोई काम ही ना हो।
एक दिन वो बोली: मैं कल तुम्हारे घर की तरफ आऊंगी। बाजार में मिलोगे?
मैंने कहा: हां-हां, पर किस टाइम आओगी?
वो बोली: जब तू कहे तब आउंगी।
मैंने कहा: मैं रात को बताता हूं कब आना है।
मैं ये मन बना चुका था उसे अपनी रंडी बना कर रखना था। ऐसे माल को मैं नहीं छोड़ सकता था, और कल मौका था, जो हो जाये पूरी पी जाऊंगा। मैं औरतों से बात करते समय बोल्ड होकर बात करता हूं, बिना शरमाये। मैंने रात को उसे कहा कल दोपहर 1 बजे आना। मेरे घर पे कोई नहीं होगा। उसने कहा ठीक है।
वो अगले दिन ठीक 1 बजे के आस-पास आ गई। मैं उसे अपने साथ अपने प्राइवेट कमरे में ले गया जो बन्द रहता है। मैंने बाहर से एक गेट पर ताला लगा कर उस कमरे का दूसरा गेट अंदर से बंद कर दिया, और अंदर बैठ गया उसके साथ। तांकि कोई आये तो सब को ताला देख कर लगे कमरा खुला हुआ नहीं था।
वो मेरे साथ कमरे में बैठ गई। मैं पानी की 2 बोतल फ्रिज से पहले ही लेकर आ गया था। मैंने उसे पानी पिलाया, और हमारी बात चलती रही। हम सोफे पर बैठे थे। मैं उससे थोड़ा दूर था।
तो वो बोली: कहां दूर बैठा है? पास आ मेरे।
मैं उसके पास चला गया।
वो बोली: तू मुझे बचपन से बड़ा पसंद है। तू मेरी क्लास का सबसे अच्छा स्टूडेंट था। मेरी हर बात मानता था।
ऐसे ही हमारी बातें होते-होते मैंने एक-दम कहा: नीलम तू बड़ी हॉट है।
उसे ये मैंने पहले ही बोल दिया था अब हम दोस्त है, तो तू कह कर बात करेंगे। वो भी मान गई थी। जब मैंने कहा तू हॉट है, तो वो शर्मा सी गई। मैंने कमरे की लाइट बन्द कर दी।
वो बोली: लाइट क्यों बन्द की?
तब मैंने कहा: बाहर रोशनी देख कर कोई भी समझ लेगा अंदर कोई है।
इसलिए अब वो चुप रही। अंधेरे का फायदा उठा कर मैं उससे चिपक गया, और उसे सोफे पर ही लिटा दिया। ये तो मैं जान गया था ये मेरे से चुदने आई थी। तभी एक-दम चुप थी, और साथ देगी जरूर मेरा।
फिर मैंने उसे लिटा कर उसे किस करना शुरू किया। वो तो पूरे इंतजार में थी, जैसे एक-दम मेरे मुंह में जीभ डाल-डाल कर चूसने लगी। उसका फिगर मैं बताना भूल गया। उसकी लम्बाई 5’5″ थी। उसके चूचे 40″ और गांड 44″ थी। ये मैंने जब पूछा तब उसने बताया था, और वो बड़ी ही सुंदर थी।
मैं अब उसके होंठ, और वो मेरे होंठ कुत्ते जैसे चाट और चूस रही थी। मेरा थूक उसके मुंह में, उसका थूक मेरे मुंह में भरा पड़ा था, और बाहर भी निकल रहा था। दोनों जानवर बने हम लगे पड़े थे। कोई होश नहीं था।
मैंने एक-दम उसे खड़ी करके लाइट जला दी।
वो एक-दम से बोली: अब क्यों जला दी? अब कोई नहीं देखेगा क्या?
तब मैंने बोल दिया: ये सब तो बहाना था तुझे चूसने का।
और उसके मुंह मे अपनी एक उंगली दे दी। वो तो किसी चुदास रांड जैसे मेरी उंगली चूसने लगी, जैसे कोई भूखी लौड़ा चूस रही हो। मैं तो एक-दम गरमा गया। मैंने एक-दम से उसे नंगी करना शुरू कर दिया। उसने पूरा साथ दिया और नंगी हो गई। मैंने भी जल्दी से अपने आपको नंगा किया और उसपे टूट पड़ा।
उसके मस्त बड़े-बड़े चूचों को खाना शुरू कर दिया। मैं उसके राइट बूब को दांत मार-मार के चूसता रहा, और लेफ्ट वाले को जोर-जोर से दबाता रहा। नीचे मेरे लौड़े का फटने जैसा हाल था, पर मैं लगा रहा।
उसके दोनों चूचे कम से कम आधे घंटे तक चूस-चूस कर लाल कर दिए, जिससे वो एक बार झड़ गई, और मुझे कस के पकड़ लिया। फिर मैं उसके पैर के पास गया, और उसके पैरों को चाटने लगा और पैर चाटता हुआ ऊपर बढ़ने लगा।
ऊपर आने पर मैंने उसे उल्टा करके उसकी कमर को चाटा। ऊपर से नीचे तक जीभ फिरा-फिरा के फिर चाटता हुआ उसके कूल्हों पर गया, और उसकी गांड पे काट लिया जिससे वो आह आह करने लगी। पर मुझे मजा आ रहा था।
मैंने अब उसकी गांड चाट-चाट कर गीली कर दी, और जीभ गांड के अंदर घुसा के चाटने लगा। वो पूरी मस्त होकर आवाजें निकाल रही थी। मैंने फिर उसके हाथ चूमे और उन्हें चूसता हुआ बगल तक गया, और बगल चाटने लगा। वो एक-दम पैर पटकने लगी। फिर मैं उसके कान चूसने लगा। उसकी हालत बिगड़ गई पूरी। फिर मैं उसके पेट पर आया चूसते हुए, और उसकी नीचे चूत तक आते-आते किस करने लगा।
मैंने फिर उसकी गुलाबी चूत खोली जो एक-दम क्लीन थी और उसमें मुंह लगा कर अमृत पीने लगा चूत का अमृत। अब वो पागल हो गई एक-दम और मेरा सर दबाने लगी। कम से कम 20 मिनट तक बिना रुके चूत चूसता रहा मैं, और वो 2 बार झड़ गई। मैं सब पी गया और उसकी चूत के दाने को मुंह में लेकर चूसता ही रहा। अब उसकी हवस चरम पे थी। उसने मुझे ऊपर खींचा और बैठ गई।
मुझे खूब किस करने लगी गाल पे, माथे पर, सीने पे, और फिर उसने मेरे लंड को पकड़ कर चूमा और मेरे आंड मुंह मे लेके चूसने लगी। बड़ा मजा आ रहा था। फिर वो नीचे से ऊपर तक मेरा लौड़ा उसने खूब चाटा, और फिर एक-दम मुंह में गप्प करके ले लिया, और हलक तक लेकर चूसने लगी। मुझे सबसे ज्यादा पसंद लंड चुसाई ही है। मैं अब पागल हो रहा था, और उसका सर पकड़ कर गालियां देते हुए मुंह चोद रहा था।
मैं कह रहा था: रंडी, बहन की लौड़ी, मादरचोद, आज से तू मेरी गुलाम है। खा मेरा लौड़ा भोंसड़ी की।
और वो गाली सुन कर जोश मैं और तेजी से लौड़ा चूसने लगी। सर हिला-हिला के मैं भी जोर-जोर से धक्के मारने लगा। अब मेरा निकलने वाला था। मैंने तेज-तेज झटके मारने शुरू किए, और उसके मुंह में सब माल निकाल दिया। वो सब पी गई। फिर मैंने थोड़ा पानी पिया, और सुस्ताने लगा। पर ये रंडी मेरे सामने बैठ कर चूत में उंगली कर रही थी।
ये देख कर मैं गर्म हो गया, और फिर लौड़ा मुंह में दे दिया। वो नीचे से चूत मसल रही थी। ऊपर से लौड़ा चूस रही थी अंदर तक लेकर, और पूरा लंड उसके थूक में नहा गया था। फिर मैंने जब देखा लौड़ा पूरे रूप में आ गया था, तब मैंने उसे लिटा कर उसकी चूत पर लौड़ा रगड़ना शुरू किया, और मौका देखते ही धक्का मार दिया।
अब धकाधक चुदाई शुरू हो गई। चूत खुली हुई थी। लंड अंदर-बाहर हो रहा था आराम से। मैं उसे मुंह मे थप्पड़ मार-मार के चोद रहा था, और नीलम मुझे गालियां दी रही थी-
नीलम: भोसड़ी के, और जोर से फाड़ मेरी चूत। खा जा मुझे मेरी जान।
मैं अपने काम पे लगा रहा, और थक गया। अब मैंने उसे ऊपर बिठा लिया और वो कूद-कूद कर चुदने लगी। लग रहा था जैसे मक्खन में लंड डाल दिया हो। वो उछल-उछल कर चुद रही थी, और बीच बीच में अपने बड़े-बड़े मम्मे मुझे पिला रही थी। ऐसे ही काफी देर तक चुदाई के बाद हम साथ में झड़ गए, और हांफते हुए साथ साथ लेट गए। उस दिन मैंने उसकी 2 बार चूत मारी, और 2 बार ही लंड का पानी पिलाया। शाम 8 बजे तक मैं उसके साथ चुदाई खेल खेलता रहा।
फिर वो घर चली गई। हमने अगले दिन फ़िल्म देखने का प्लान बनाया, और उसे वहां पर भी कोने की सीट लेकर खूब चूसा।
हम 5 महीने साथ रहे कभी मिलते तो चुदाई करते फिर वो दिल्ली शिफ्ट हो गई और हमारी सेक्स यात्रा बीच में रुक गई।
5 महीने में मैंने उसे जब मौका मिला तब पेला। फिर उसके बाद मैं 1 साल तक अकेला रहा बिना चूत के.