साहब सिंह की हवेली में हर समय तीन ख़ूबसूरत हसीन बहाने की हंसी मज़ाक की आवाज़ ही सुनाई देती थी। एह तीन हसीन बहाने साहब सिंह के स्वर्गीय भाई का निशाना थे। लेकिन इन तीन लड़कियों का बाप साहब सिंह ही थे। दस हसीन बहानों का नाम नीता (25 साल), निधि (22 साल) और नंदिनी (20 साल) थीं। तीन बहनों का फिगर बहुत ही सेक्सी है। उनकी चूंची और चूतर बहुत फुले फुले थे और कोई भी मर्द उनको देख कर अपने आप को रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है। इनके बाप का सहारा में बहुत दब-दबा था और इसलिए लोई लरका इनकी तरह अपनी आंख उठा कर देखने की भी हिम्मत नहीं करता। इसिलिये एह तीन बहाने अभी तक कुवारे ही थे और अपना काम अपनी उंगली या बैगन से चलते थे। हम सब एक दिन कार में सवार होकर कॉलेज जराहे थे। कार चला रही है निधि। कार ने अचानक जोर से तोड़ दिया मार एकैक रुक गई। पीछे बैठी नीता और नंदिनी ने निधि से पूछे, “क्यों क्या बात है, तुमने अचानक कार क्यों रोक दी।” निधि बोली, “क्यों चिल्ला रही हो. कार के सामने का नजारा तो देखो. कितना नसीला नजारा है. तब नीता और नंदिनी ने सामने देखी कि कार के सामने बिच सरक पर एक कुत्ता और कुतिया गांड गांड मिला कर चिपके हुए थे, यानि कि वो कुत्ता और कुतिया चुदाई कर रहे थे और अपनी अपनी जीविका निकाल कर हनफ रहे थे। नीता और नंदिनी चहक कर बोली, “वाह! क्या हसीन नजारा है।” निधि बोलीं, ”हमसे तो किस्मत वाला एह कुतिया भी है। क्या मस्ती से अपनी चूत चुदवा रही है।” तब नीता और नंदिनी ने एक साथ बोली, “हां हमारे चाचा साहब सिंह के डर के मारे कोई लरका हमें घास भी नहीं डालता। लगता है कि अपनी नसीब में कुमारी ही रहती है और अपनी चूत का आग अपनी उंगलियों से ही बुझाती है।” तीनो के दिमाग में तब एक आइडिया आया। निधि ने कार प्रोफेसर अमित के घर के तरफ मोर दिया। प्रोफेसर अमित की उम्र उस समय 35 साल है और उनकी शादी अभी नहीं हुई थी। वो बहुत ही रंगीन मिजाज के मतलब वो एक बहुत चोदू आदमी था। उनका लंड 7″ और मोटा 4″ का था और वह कॉलेज की लगभग सभी लर्की और मैडम को मालूम था। उनको अपना लंड और अपनी चुदाई की कला पर बहुत गर्व था और कॉलेज काई लार्कियन और मैडम उनसे अपनी चूत चुदवा चुकी थीं। अमित इन सब लार्कियन और मैडम को बातों बातों में फंसा कर अपने घर ले जाया करता था और फिर उनको नंगी करके उनकी चूत चोदा करता था। प्रोफेसर अमित छोरी-चोरी इन बहानो की जवानी घूरा करता था और एह बात इन तीन बहानो को मालूम था। तीन बहाने अपनी कार में प्रो. अमित के घर के सामने जा कर रोके। प्रोफेसर अमित हमारे समय अपने घर पर ही थे और एक लुंगी पहन कर अपना लंड सहलाते हुए एक ब्लू फिल्म देख रहे थे। प्रोफेसर अमित ने तीन बहनों को कार से उतरते देखा और जान बुझ कर टीवी बंद नहीं किया। उन्हें ऐसा दिखाया गया कि उन्हें इन लोगों का आने की बात मालूम ही नहीं है। टीवी पर हमारे समय एक गरमा गरम चुदाई का सीन चल रहा था जिस में एक आदमी दो लड़के को अपने लंड और अपने जीव से चोद रहा था। लारकेन अपनी चूत चूड़ा के समय अपनी अपनी कमर उछाल कर लंड और जीव अपनी चूत में ले रही थे। टीनो बहाने सिधे प्रो. अमित के कामरे पहुंच गई। प्रोफेसर अमित ने तीन बहनों को देख कर घबराहट का नाटक करने लगा फिर उठ कर टीवी बंद कर दिया और बोला, “अरे! अचानक तुम लोग इंहा कैसे?” तीनो बहाने एक साथ प्रो. अमित से पूछा, “सर, आप टीवी पर क्या देख रहे हैं?” प्रोफेसर अमित ने उन तीनों बहनों के चेहरे देख कर उनके मन की बात पहचान ली और उनसे पूछा, “हम जो कुछ टीवी पर देख रहे थे, क्या तुम लोग भी देखना चाहोगे?” तीनो बहाने एक साथ अपनी अपनी सर हिला कर हमी भर दे। प्रो. अमित ने फिर टीवी पर कर दिया और सब लोग पलंग और सोफ़ा पर बैठ कर ब्लू फ़्लिम देखने लगे। अमित एक सोफे पर बैठे थे और उनकी बगल वाली सोफे पर निधि और नंदिनी बैठी थीं और पलंग पर नीता बैठी थीं। उधर प्रोफेसर अमित ने देखा कि ब्लू फिल्म की चुदाई का सीन देख कर तीनो बहनों का चेहरा लाल हो गया और उनकी सांसें भी जोर जोर से चल रही थीं। उनके सांसों के साथ-साथ उनकी चूंचियां भी उनके कपड़े के अंदर उठ बैठ रही थीं। क्या हसीं नज़ारा था. एक साथ तीन जोरे चुन्चें एक साथ उठ बैठ रहे थे और सांसे गर्म हो रहे थे। कुछ देर के बाद नीता, जो बहनो में सबसे बड़ी थी, अपना हाथ अपने बदन पर, चूंची पर फेरने लगी। प्रोफेसर. अमित उठ कर निता के पास पलंग पर बैठ गए। उन्हें पहले नीता के सिर पर हाथ रखा और एक हाथ से उसके कंधों को पकड़कर लिया। इसे नीता का चेहरा प्रो. अमित के सामने हो गया. अमित ने धीरे से नीता के कानो पस अपना मुंह रख पूछा, “काय बहुत गर्मी लग रही है, पंखा चला दूं? नीता बोली, “नहीं तीखा है,” और फिर अमित सर के चेहरे को आँखे गर कर देखने लगी। अमित पलंग से उठ कर पंखा फुल स्पीड में चला दिया। पंखा चलते ही नीता की साड़ी का आंचल उरने लगा और उसकी दोनों चूंचियां साफ साफ दिखने लगीं। अमित फिर पलंग पर नीता के बगल में अपनी जगह बैठ गई। नीता का एक हाथ अपने हाथ में ले लिया और धीरे से पूछा, “क्या मैं तुम्हारे हाथ को चूम सकता हूँ?” नीता एह सुनते ही पहले अपनी बहनों की तरफ देखी और फिर अपने हाथ अमित के हाथों में ढीला चोर दिया। अमित ने भी फुर्ती से नीता का हाथ कींच कर उसकी हथेली पर एक चुम्मा दे दिया। चुम्मा दे कर वो बोले, “बहुत मीठे हैं तुम्हारे हाथ और हमें मालूम है कि तुम्हारे होठों का चुम्मा इससे भी मीठा होगा।” एह कह कर अमित नीता के आँखो में देखने लगे। नीता तो पहले कुछ नहीं बोली, फिर अपने हाथ अमित के हाथों से खींचते हुए अपना मुंह उनको पास कर दिया और बोली, “जब आपको मालूम है कि मेरे होठों का चुम्मा और भी मीठा होगा और आपको शुगर की बीमारी नहीं है, तो देर किस बल्ले की और मीठा खा लीजिये।” नीता की बात सुन कर अमित ने अपना होंथ नीता के होंथ पर रख दिया। फिर उन्हें अपने होठों से नीता के होंठ खोलते हुए नीता का निचला होंठ चूसने लगे। नीता अपने होंथ चुसाई से गर्म हो कर अमित के कंधों पर अपना सिर रख दिया। अमित ने नीता का रिएक्शन देख कर धीरे से अपना हाथ बारह कर नीता की एक चूंची ब्लाउज के ऊपर से पकड़ लिया। अमित एक हाथ से नीता की एक चूंची सहला रहे थे और दूसरे हाथ से उसकी चूत पर फेर रहे थे। नीता उनकी इस हरकत पर पहले तो थोड़ी कसमसी और अपनी बहनों के तरफ देखती हुई उसने भी अमित को जोर से अपनी बाहों में भींच लिया। अमित अब नीता के दोनों चूंची पर अपना दोनो हाथ रख दिया और नीता के दोनो चूंची को पकड़ कर मसलने लगा। एह पहली बार था कि कोई मर्द का हाथ नीता के शरीर को छू रहा था। वो बहुत गर्म हो गई और उसकी सांसे जोर जोर से चलने लगी। अमित नीता के चूंची को मसलते हुए नीता को होठों को चूमने लगा। अमित इधर नीता को चोदने की तैयारी कर रहा था कि उसने देखा कि निधि और नंदिनी भी अपना अपना बदन संभाल रही हैं और अमित और नीता के चल रहे जवानी का खेल देख रहे हैं। अमित समझ गया कि वो अब तीनो बहनों से कुछ भी कर सकता है और एह तीनो बहनो अब उसके काबू में है और वो जो भी चाहेगा वही कर सकता है। अमित ने फिर से अपना ध्यान नीता के शरीर पर डाला।
अमित ने नीता की चूंचियों को ब्लाउज के ऊपर से मसलते हुए अपना हाथ उसके ब्लाउज के अंदर ले गया और जोर जोर से नीता की दोनों चूंचियों को पकड़ कर दबाने लगा। कभी-कभी वो अपने दो उंगली के बीच नीता की चूची को लेकर मसल रहा था और नीता अमित के कंधों से लिपटी चुप चाप आंखें बंद करके अपनी चूंचियां मालवा रही थीं। अमित ने फिर धीरे-धीरे नीता की ब्ल्यूज़ और ब्रा को खोल दिया और नीता की कस-कस चूंचियों को देखने लगा। नीता तब अपनी आंख अमित के आंख में डाल कर पूछी, “सर, कैसा है हमारी चुन्चियां, आपको पसंद है?” अमित ने नीता की चूंचियों को देख कर पहले ही पागल सा हो गया था और उसकी चूंचियों को सहलाते हुए बोला, “नीता रानी, तुम हमारे पसंद नापसंद पूछ रही हो? अरे आज तक मैंने इतनी सुंदर चुनी कभी नहीं देखा है। तुम्हारी चूंची बहुत सुंदर है और एह हमको पागल बना रहे हैं। इनको देख कर मैं आपको रोक नहीं पा रहा हूँ। नीता बोली, “मेरी चूंची देख कर आपको क्या हो रहा है?” अमित ने बोला,”हाय! मैं अब तुम्हारी इन चूंचियों को चूसना और काटना चाहता हूं, और एह कह कर नीता की एक चूंची अपने मुंह में भर लिया और मजे ले कर चूसने लगा। अपनी चूंची की चुसाई शुरू होती ही नीता पगला सी गई और अपनी हाथ बरहा कर अमित का लंड उसके पेंट के ऊपर से ही पक कर मरोर्न लगी। नीता की गर्मी देख कर अमित अपना हाथ से अपना पैंट उतार दिया और फिर से नीता की एक चूंची को मुंह में लेकर चूसने लगा और दूसरी चूंची अपने हाथों में लेकर मसलने लगा। नीता अब अपने आप को रोक नहीं पाई और अपने हाथ में अमित का अंडरवियर उतार दिया। अमित का अंडरवियर उतारते ही अमित का 7″ का लंड बाहर आ गया, आप अपने आप को इस हसीना में लगा मानो कि अपना सलाम बजा रहा हो। तीनो बहाने अमित का लम्बा और मोटा लंड देख कर दंग रह गया। अमित अब नीता को अपने भगवान से उठाया और फिर पलंग पर लिटा दिया। नीता को लिटाने के बाद अमित ने नीता का साड़ी को उसकी कमर से खींच कर निकाल दिया और नीता पलंग पर सिर्फ पेटीकोट पहनने लगी थी। अमित ने नीता का बुर को उसके पेटीकोट के ऊपर से पकड़ कर दबाने लगा। नीता का बुर अपने हाथों से दबते हुए उसने नीता के पेटीकोट का नारा खोल दिया। नीता ने भी पेटीकोट का नारा खुलते ही अपनी कमर ऊपर कर दी जिसे अमित उसके पेटीकोट को उसके चूतर से नीचे आसनी से निकाल सके। अमित ने नीता का पेटीकोट उसके फुले फुले चूतर के नीचे कर दिया और फिर उसको नीता के जोड़े से अलग कर पलंग के नीचे फेंक दिया। अब नीता अमित के सामने अपने गुलाबी रंग की पैंटी पहन कर लेती थीं। अमित अब अपना मुँह नीता के बुर के पास ले गया और उसकी पैंटी के ऊपर से उसको चूमने लगा। इधर अमित नीता को नंगा कर रहा था उधर नीता भी चुप नहीं थी। नीता ने अमित का लंड हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी और फिर उसके लंड का सुपारा खोल कर उसको अपने मुंह ले लिया और जीव से चाटने लगी। अब अमित का लंड अब और भी खतरनाक हो गया है। तबतक अमित, निता का बुर उसकी पैंटी के ऊपर से ही अपनी नाक लगा कर खुश रहा था और चूम रहा था। जैसे ही नीता ने अमित का लंड अपने मुँह में भर लिया, अमित ने नीता की पैंटी भी उतार दी, नीता को पूरी तरफ से नंगी कर दिया। नीता नंगी होने से अब शर्मा रहीं थीं और अपना चेहरा अमित के साथ बातचीत में छुपा लिया। इस दौरान अमित ने नीता की चूची को चूसना फिर से चालू कर दिया। नीता की चूंची अब पत्थर के समान होने लगी। तब अमित ने नीता को फिर से बिस्तर पर रख दिया और नीता की बुर को अपने जीवन से चटाने लगा। उसने अपनी जीव नीता के बुर के अंदर बाहर कटने लगा। अपनी बुर में अमित का जीव घुसते ही नीता को बहुत मजा आने लगा और वो जोर से अमित का सर अपने बुर के ऊपर पाकर दबने लगी और थोड़ी देर के बाद अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगी। अमित जो की चुदाई के मामले में बहुत माहिर था, समझ गया कि अब नीता अपनी बुर में उसका लंड पेलवाना चाहती है। उसने नीता का मुंह चूम कर धीरे से कहा, पर मुंह रख कर पूछा, “हाय! नीता रानी, अपनी कमर क्यों उछल रही हो? क्या तुम्हारी चूत में कुछ हो रहा है?” नीता बोली, “हां मेरे सर, अरे
नहीं मेरे राजा तुम सही कह रहे हो, मेरी चूत में चिटियाँ रेंग रहे हैं। मेरी सारी बदन टूट रहा, अब तुम ही कुछ करो।” फ़िर अमित ने पूछा, “क्या तुम अपनी चूत हमारे लंड से चुदवाना चाहती हो?” नीता ने बोली, “अरे मेरे कपरे सब उतार दिये और अपने भी कपरे भी उतार दिये और अब भी पूछते हो क्या हम लोग चुदाई करेंगे?” “ठीक अब हम तुमको छोड़ेंगे, लेकिन पहले थोड़ा दर्द होगा पर मैं तुम्हें बहुत ही प्यार से धीरे-धीरे चोदूंगा और तुमको दर्द नहीं होने दूंगा,” अमित ने नीता से बोला। एह सूरज कर अमित उठा और नीता के दोनों जोड़ी उठा कर घुटन से मोर दिया और दोनों जोड़ी को अपने हाथों से फैला दिया। फिर उसने ढेर सारा थूक अपने हाथ में लेकर पहले अपने लंड में लगाया, फिर निता के बुर पर लगाया। थूक से सना बुर की मुँह पर अपने खड़े लंड को रखा और धीरे से कमर को आगे बढ़ा कर अपना सुपारा नीता के बुर में घुसा दिया और नीता के ऊपर चुप चाप परा रहा। थोरी देर के बाद जब नीता नीचे से अपनी कमर हिलाने लगी तो अमित ने धीरे धीरे अपना लंड नीता की बुर में डालना शुरू किया। नीता की बदन दर्द से कपने लगी और वो चिल्लाने लगी, “बाहर निकलो, मेरी बुर फटी जा रही है। नमस्ते! मेरी बुर फटी जा रही है। तुमको कह रहे थे कि थोरी सी दर्द होगी और तुम आराम आराम से चोदोगे। मुझसे नहीं चुदवाना है, तुम अपना लंड बाहर निकालो।” अमित ने नीता के मुँह में अपना हाथ रख कर बोला, “बस रानी बस, अभी तुम्हारा दर्द ख़त्म हो जाएगा और तुम्हें मजा आने लगेगा। बस थोरी सी और बर्दाश्त करो।” “नमस्ते! मेरी बुर पहती जा रही है और तुम कह रहे हो कि थोरी और बर्दास्त करो। आरे मुझे नहीं चुदवानी है अपनी बुर, तुम अपना लौड़ा मेरी बुर से बाहर निकालो,” नीता बोली और उसकी आंख से आंसू आ गये। इतनी देर में अमित ने अपना कमर उठा कर एक जोर जोर से धक्का मार दिया और उसने मुझे चोदा कि उसका सारा का सारा लंड निता की बुर में घुस गया है और निता की बुर से खून निकल रहा है। नीता मारे दर्द के डूबने लगी और अमित को अपने हाथों से अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगी। लेकिन अमित ने नीता को मज़बूती से पकारे हुए थे और उसका हाथ नीता के मुंह के ऊपर था इसी के लिए नीता कुछ ना कर सकी, बस तरस कर रह गयी। अमित ने अपना लंड नीता की बुर के अंदर ही थोरी देर के लिए रहने दिया। उसने नीता की एक चूंची को अपने मुंह में लेकर जीव से सहलाना शुरू कर दिया और दूसरी चूंची को हाथ से सहलाना शुरू कर दिया। थोरी देर बाद नीता की दर्द गायब हो गया, अब उसे मजा आएगा और नीचे से अपना कमर ऊपर नीचे करना शुरू किया जाएगा। अमित अब धीरे-धीरे अपनी कमर हिला हिला कर अपना लौड़ा नीता की बुर में अंदर-बाहर करने लगा। नीता ने भी अब जोरदार धक्के देना शुरू किया और जब अमित का लंड उसकी बुर में होता तो नीता उसे कस कर लेती और अपनी बुर को सिकोड़ लेती थी। अब अमित समझ गया कि निता को अब मजा आने लगा है तो उसने अपनी कमर को ऊपर खींच कर अपना लंड पूरा का पूरा निता की बुर से बाहर निकाल लिया, सिर्फ अपना सुपारा अंदर चोर देता और फिर से अपने लंड के साथ निता की बुर में पेल दे रहा था। नीता बुरी तरफ अमित से लिपटी हुई थी और अमित को अपने हाथ और जोड़ी से जाकर रखा था। सारे कमरे में नीता और अमित की सिसकारियाँ और उनकी चुदाई की आवाज़ गूंज रही थी। नीता अपने मुँह से “आह! आह! ओह! ओह! हाँ! हाँ! और जोर से, और जोर से हन हन ऐसे ही अपना लंड मेरी बुर में पेलते रहो,” बोल रहे थे। अमित फुल स्पीड से नीता की बुर में अपना लंड अंदर-बाहर करके उसको चोद रहा था और नीता बुरी तरफ से अमित से चिपकी हुई थी। इतनी देर से नीता की बुर चोद रहे अमित अब झड़ने वाला था और उसने अब 8-10 धक्के काफी जोरदार लगाए और अमित के लौड़े से ढेर सारा पानी नीता की बुर में गिरा और समा गया। अमित के झरने के साथ ही नीता की बुर ने भी पानी चोर दिया और उसने अपने हाथ की जोड़ी से अमित को पकड़ लिया। अमित हफ़्ते हुए नीता के ऊपर गिर गया और थोड़ी देर तक दोनो एक दूसरे से चिपक रहे। फिर नीता उठ कर अपनी बुर में हाथ लगा बाथरोम की तरफ भाग गई। अमित इस समय बुरी तरफ से थक चुका था और बिस्तर पर पड़ा हुआ था, लेकिन उसका लंड अभी भी खरा था। उदार निधि और नंदिनी डोनो एक दूसरे को बुरी ट्रैफ से चूम रहे थे। अमित अपनी जगह से उठ कर
उनदोनो के पास चला गया और निधि के चिकने जोड़े पर अपना हाथ फेरने लगा। निधि जो पहले ही मदहोश थी अपनी जोड़ी पर अमित का हाथ लगती ही अपने आप पर काबू नहीं रख सकी। निधि ने नंदिनी को चोर कर अमित के तरफ मुर कर दिया और उसके सामने अमित बिल्कुल नंगा अपना खरा लंड लेने के लिए तैयार हो गया। अमित एक बार फिर चोदने के मूड में था। निधि ने अमित का चूतर को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर अपने मुँह उसके लंड पर रगड़ने लगी। अमित का लंड अब भी नीता की चूत की चुदाई से बड़ा हुआ था। अमित ने भी निधि को अपने दोनों हाथों में बंद कर चूमने लगा। अमित का हाथ निधि के नंगे सेक्सी शरीर पर घूम रहा था, उसका हाथ निधि की चूंची पर गया और वो उन खरी-खरी चूंचियों को अपने हाथों में ले कर मसलने लगा। निधि अपनी पसंद पर अमित का हाथ छोड़ गई और जोश में आ गई और अपनी हाथ अमित की लौ पर रख दी। अमित का लंड निधि की मुट्ठी में खाया हो अमित निधि का एक चूंची अपने मुंह में भर कर चूसने लगा और दूसरी चूंची अपने हाथ में लेकर उसकी चूची मसलने लगा। थोरी देर तक निधि अमित के लंड को अपने हाथों में लेकर उसका सुपारा को खोला और बंद किया फिर एक बार उसके सुपारे को अपने मुंह में भर कर चाटने लगी। जैसे ही निधि ने अमित का लंड अपने मुँह में लिया वैसे ही अमित खरे खरे अपना कमर हिला कर अपना लंड निधि के मुँह के अंदर पेल और बोला, “ले ले मेरी रानी, मेरा लंड अपने मुँह में लेकर इसको खूब चूसो फिर से बुरा में मई इसको तुम्हारी छूट में डाल दूंगा इसे छुऊंगा।” निधि ने अपने मुँह से अमित का लंड निकाल कर बोली, “बस सिर्फ हमारी चूत से ही अपना लंड चूसोगे, गांड से नहीं? मैतो तुम्हारा लंड अपनी चूत और गांड से खाऊंगी। क्या तुम मुझको अपना लंड दोनों छेदो से खिलाओगे ना?
थोरी देर के बाद, अमित निधि को पलंग पर ले जाकर चित कर के लेता दिया और उसके जोड़े के पास बैठ कर उसकी शलवार को खोलने लगा। शलवार खोलने में निधि ने अमित को मदद की और अपनी चूत को उठा कर अपनी शलवार को अपनी गांड से नीचे कर के अपनी जोड़ी से अलग कर दिया। फिर अमित ने निधि की पैंटी भी उतार दिया और उसकी पैंटी उतार दी ते ही निधि की गुलाबी कुंवारी चूत उसकी चमकते चिकनी जांघों के बीच चमकाने लगी। निधि की गुलाबी चूत को अमित अपना दम साधे देखने लगा और अपने जीवन होठों में फिरने लगा। अमित झुक कर निधि की चूत पर चुम्मा दिया और अपना जीव निकल कर उसकी चूत की घुंडी को तीन-चार बार चाट दिया। फिर अमित ने निधि की टैंगो को फेलाया और ऊपर उठा कर घुटन से मोर दिया और अपना लंड निधि के चूत के दरवाजे पर रख दिया। थोरी देर के बाद अमित ने अपना लंड निधि की चूत के ऊपर रगड़ने लगा और निधि मारे चुदास से अपनी कमर उठा कर अमित का लंड अपने चूत में लेने की कोशिश करती रही। जब निधि से नहीं रहा गया तो वो बोली, “अब क्यों तरसते हो, कबसे तुम्हारा लंड अंदर लेने के लिए मेरी चूत बेकार है और तुम अपना लंड सिर्फ मेरी चूत के ऊपर ही रगर रहे हो। अब जल्दी करो और मुझको चोदो, फिर दो मेरी कुंवारी चूत को। आज मैं लड़की से औरत बनाना चाहती हूं, अब ज्यादा परेशान मत करो। जल्दी से मुझे चोदो और मेरी चूत की आग को बुझाओ।” निधि की इतनी सेक्सी मिन्नत सुनते ही अमित एक तकिया बिस्तर से उठा कर निधि की चूत के नीचे लगा दिया, जिसकी निधि की चोट और ऊपर हो गई और खुल गई। तब अमित ने एक जोर का धक्का अपने लंड से निधि की चूत में मारा और उसका पूरा लंड निधि की चूत में अंदर तक घुस गया। निधि के मुंह से गाल निकल गए और उसकी चूत से खून निकलने लगा, लेकिन इस्तेमाल इस बात का पता ही नहीं चला। निधि ने अमित को जोरो से जकड़ लिया और अपनी टांग अमित के कमर पर कस ली। अमित ने निधि की एक चूची चूसते हुए एक हाथ से दूसरी चूची को मसलने लगा। धीरे धीरे निधि का दर्द कम होने लगेगा और उसकी गर्मी फिर बढ़ने लगेगी जिसे वो अपना कमर ऊपर नीचे करने लगेगी। अमित ने भी अब अपनी कमर चला कर निधि की चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा। थोरी देर के बाद निधि बोली, “क्या कर रहे हो? और जो से चोदो मुझे, अने दो तुम्हारा पूरा लंड मेरी चूत में। मेरी चूत में अपना लंड जार तक पेल दो। और जोर जोर से धक्का मारो।” एह सुनते ही अमित ने फुल स्पीड से चुदाई शुरू कर दिया और बोलने लगा, “क्या मेरी रानी, चुदाई कैसी लग रही है। चूत की आग बुझ रही है कि नहीं?” निधि नीचे से अपनी कमर उछालते हुए बोली, “अभी बात मत करो और मन लगा कर मेरी छूट मारो। चुदाई के जितना चाहे बात कर लेना, अभी मुझे तुम्हारा पूरा का पूरा लंड मेरी चूत को खिलाओ। इस समय मेरी चोट बहुत भूखी है और उसको बस लंड का ठोकर चाहिए।” अमित और निधि इस समय एक दूसरे को जोर से अपने हाथ और जोड़ी से जैकरे हुए थे और दोनों फुल स्पीड से एक दूसरे को अपने अपने लंड और चूत से धक्का मार रहे थे। पूरे कामरे में उनकी सिसकियाँ और चुदाई की आवाज़ गूंज रही थी। निधि की चोट बहुत पानी चोर रही थी और इसी के लिए उसकी चूत से अमित के हर धक्के के साथ बहुत आवाज निकल रही थी। निधि अचानक बहुत जोरो से अपनी कमर उछालने लगी और वो फिर निधल हो कर बिस्तर पर अपने हाथ जोड़ी फेल कर ढीली हो गई। निधि अब झर चुकी थी और हमें और चोदने की हिम्मत नहीं है। अमित ने भी निधि के झार जाने के बाद जोर-जोर से चार-पांच धक्के लगाए और निधि की चूत के अपना लंड घुसाकर निधि के ऊपर गिर गया। अमित भी झर चुका था और अब निधि के ऊपर आंख बंद करके लेता था और फैन हो रहा था। थोरी डेर के बैड अमित ने अपना लंड निधि की चूत से बहार निकला और लंड के बाहर निकलते ही निधि की चूत से ढेर सारा सफ़ेद गाढ़ा पानी निकलने लगा। निधि एह देख कर चूत में अपनी पैंटी खोंस कर उठ कर बाथरूम की तरफ भागेगी। प्रोफेसर. अमित काफ़ी थक चुके थे. उसने आज लगतार दो कुंवारी लड़कियों के साथ चुदाई कर चुक्का था। उन्हें अपना मुंह घुमा कर देखा कि नीता और नंदिनी आपस में मिले थे। नीता नंदिनी के चूंची उसकी कपरे के ऊपर से ही दबा रही थी। नीता ने नंदिनी के कपड़े बहुत ढीले कर दिए थे और नंदिनी के कपड़े आधे खुले हुए थे। नीता ने नंदिनी के जींस और टी-शर्ट उतार दिया था और अब नंदिनी सिर्फ अपनी ब्रा और पैंटी में थी। नंदिनी के चूंची बहुत हाय सेक्सी थी। उसकी चुन्ची बहुत नंगे तो नहीं पर थे बहुत गथे उउर गोल गोल था। उसकी चूची समय बिल्कुल फूल कर खारा और करक हो गई थी। नंदिनी की एक चूची नीता ने अपने मुंह में लेकर चूसने लगी और अपनी हाथ नंदिनी के जांघों के बीच में घुमाने लगी। नीता ने फिर नंदिनी की पैंटी भी उतार दी और अपने मुँह नंदिनी की चूत पर रख दिया। थोरी देर के बाद नीता अपनी जीविका निकाल कर नंदिनी की चूत के अंदर कर दिया। नंदिनी इतना गरम हो गई कि अपने हाथों से अपने निप्पल मसल रही थी। एह सब देख कर अमित के अंदर बसना का ज्वार फिर से एक लगा और चुदाई के लिए उसका लंड फिर से गरम होने लगा। वो उठ कर नीता और नंदिनी के पास पहुंच गया और दो बहनों की कम लीला ध्यान से देखने लगी। डोनो बहानो को देखते हुए उसने अपना हाथ नंदिनी के चूंचे पर रख दिया और उसकी चूची अपने हाथों में लेकर अपनी उंगलियों की बीच रख कर मसलने लगा। नंदिनी अब अमित के तरफ मुरी और वो देखी कि अमित सर उसके बगल में नंगे खड़े हैं और उनका लंड अब गरम हो कर खरा होने लगा है। उसने अमित का लंड अपने हाथों में ले कर अमित से पूछा, “क्या सर अब मुंझ को भी चोदेंगे? हां मैं भी अपनी बहनों की तरह अपनी चूत आपसे चुदवाना चाहती हूं। प्लीज मुझे भी अपने लंड से चोदिये. लेकिन आपके लंड को क्या हो गया है? क्या अब एह हमारी चूत में घुसने के काबिल है?” अमित लार्केन की चुदाई का पुराना खिलाड़ी था और उसने अपने लंड को हिलाते हुए कहा, “घबराओ मत अभी तुम्हें अपने लंड का कमाल दिखता हूँ।” एह कह कर अमित ने अपना लंड नंदिनी के मुँह में दे दिया और बोला, “लो मेरी जान! मेरा लंड अपने मुँह में लेकर इसे चूसो।” नंदिनी भी उनके लंड को अपने मुँह में लेकर उस पर अपना जीवन चलाने लगेगी और कभी उस पर अपना दांत गड़ाने लगेगी। नंदिनी की लंड चुसाई से अमित को बहुत मज़ा आया और उनका लंड अब धीरे धीरे ख़राब होने लगा। उधर नीता अपनी एक हाथ से नंदिनी की चूत सहला रही थी और दूसरे हाथ से अमित के गांड में अपनी उंगली पेल रही थी। थोरी डेर के बैड लंड चुसाई और गांड में नीता उंगली होने से अमित का लंड पूरे जोश के साथ खत्म हो गया और फिर चुदाई शुरू करने के लिए तैयार था। अमित ने अपना लंड नंदिनी के मुंह से निकाला और नंदिनी के जोड़े के बीच बैठ गया। उसने अपने दोनों हाथों से नंदिनी की चूत को फेलाया और उसके अंदर अपना जीवन डाल दिया। अमित अपनी जीव नंदिनी की चूत के अंदर-बाहर करने लगा और चूत की अंडरुनी देवरों के साथ अपनी जीव से खेलने लगा। कभी-कभी अमित अपनी जीव नंदिनी की भगनाशा भी चैट कर रहा था और कभी-कभी उसको अपनी डेट के बीच पाकर जोर जोर से चूस रहा था।
नंदिनी अब काफी बेचैन थी और अपनी कमर हिला हिला कर अपनी चूत को अमित के मुंह पर आगे पीछे कर रही थी। अमित समझ गया कि नंदिनी की चूत अब लंड खाने के लिए तैयार है। अमित का लंड भी अब पहले जैसा तगारा हो गया था और नंदिनी की चूत में घुसने के लिए उतावला था। अमित अपनी जीव नंदिनी की चूत से निकल लिया और अपना सुपारा नंदिनी की चूत पर रख कर एक हल्का सा धक्का दिया, लेकिन नंदिनी जबरदस्त जोर से चिल्ला परी। अमित का लंड नंदिनी की छोटी चूत के हिसाब से बहुत मोटा था और नंदिनी की एह पहली चुदाई थी। नंदिनी अपने हाथों से अमित को रोक रही थी और अमित अपना लंड नंदिनी की चूत में पेल नहीं पा रहा था। उसने नीता और निधि से नंदिनी के चूंचे और चूत से खेलने को कहा, जैसे कि नंदिनी बहुत गरम हो गई और अमित का लंड अपनी चूत में घुसे दे। अमित उठा कर एक नारियल के तेल का शीश उठा लाया और अपने लंड पर अच्छी तरफ से तेल माला। फिर उसने तेल को अपनी उंगली में लेकर नंदिनी की चूत पर भी लगाया। उसने तेल को चोट के अंदर तक अपनी उंगली से घुमा-घुमा कर लगाया। तेल लगाने के बाद अमित ने अपनी उंगली नंदिनी के चूत के अंदर-बाहर करने लगा। कभी-कभी वो अपनी उंगली से उसकी चूत की घुंडी भी रगड़ देता था। नंदिनी की चूत अब पानी चोर रही थी और इसकी उसकी चूत चुदाई के लिए तैयार हो गई। अमित फिर नंदिनी की जोड़ी को फेल कर उनके बीच घुटन के बल बैठ गया और नंदिनी को समझाया कि अब कोई चिंता की बात नहीं है अब उसको कोई दर्द नहीं होगा। उधर नीता और निधि नंदिनी की एक एक चूची अपने मुँह में लेकर चूस रही थी। अमित ने उसकी दोनों जोड़ी हवा में उठा दी और उसकी कमर को कस कर पकड़ लिया जिसे फिर से छुट्टी नहीं मिली। अमित ने फिर नंदिनी की चूत पर अपना लंड रखा और नंदिनी को कुछ समझने के पहले ही एक जोर का झटका दिया। नंदिनी की चूत तेल और चूत से निकले पानी की वजह से काफी चिकना हो गया था जिसे अमित का लंड एक ही झटके से पूरा का पूरा अंदर चला गया। नंदिनी इस अचानक हमले से तो पहले चीखी और अमित को अपने ऊपर से हटाने के लिए धक्का मारा, लेकिन इस बार अमित का प्यार बहुत ही मजबूत था। अमित ने अपना काम आगे करके अपना लंड नंदिनी की चूत में धीरे धीरे पेलने लगा। थोरी देर के बाद नंदिनी को भी मजा आने लगा और तब वो अपनी कमर उठा कर अमित को चुदाई में सहयोग करने लगी। अमित और नंदिनी डोनो एक दूसरे को ऊपर और नीचे से धक्के मार रहे थे और नंदिनी की चूत में अमित का लंड तेज़ी से आ रहा था। नीता और निधि अब चुदाई के जोरो से हाथ कर दोनों की चुदाई देख रहे थे और एक दूसरे की चूत में उंगली कर रहे थे। नंदिनी और अमित डोनो एक दूसरे से चूत और लंड के साथ जुरे हुए थे। थोरी देर के बाद नंदिनी की चूत से पानी निकलने लगी तो अमित ने अपनी चुदाई की स्पीड और तेज़ कर दी क्योंकि अमित भी अब झरने वाला था। उसने आखिर के चार पांच धक्के जोर से नंदिनी की चूत पर अपने लंड से मारा और फिर नंदिनी की चूत के अंदर पूरा लंड ठेल कर के झड़ गया। नंदिनी भी अब तक झर चुकी है। अमित का सारा पानी नंदिनी की चूत में समा गया। डोनो हनफ रहे थे और एक दूसरे को चिपकाई पर हुए थे। फिर अमित ने अपने लंड को नंदिनी की चूत से निकाला तो उसे ढेर सारा पानी निकलने लगा। नीता और निधि जल्दी से अपने अपने मुँह नंदिनी की चूत पर लगा दिया और उसे निकल रहा अमित और उसकी चूत की पानी का मिश्रान को जीव से चैट कर पी गई।
थोरी देर के बाद नंदिनी ने अपनी आँखे खोली और मुस्कुरा कर अमित से बोली, “सर, आपके लंड से चुदवा कर बहुत मजा आया। आज हम तीनो बहानो ने आप से अपनी अपनी चूत का सील बंद कर दिया। आप को किसकी चूत सबसे अच्छी लगेगी और क्यों सी बहन को चोदने में आपको मजा आया। सच सच बताना।” अमित ने नंदिनी की चूंची को मसलते हुए बोला, “अरे चुदी हुई लड़की, भाई मुझे तो तुम तीनो बहनों की चूत की बहुत अच्छी लगी, हन तुम्हारी चूत बहुत टाइट थी और मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी। लेकिन तुम तीनो बहानो ने आज दिल खोल कर अपनी अपनी चूत चुदवाई हो। मुझे तो तुम सभी बहनों की चूत को चोदने में मजा आया।” इतना सुन कर तीनो बहानो ने मुस्कुरा दिए और फिर बोली, “अब फिर हमारी चूत को आपके लंड का भोग मिलेगा। जल्दी से कोई दिन निकलेगा और फिर हम तीनो बहाने अपने लंड के धक्के अपनी अपनी चूत में खाने के लिए हाज़िर हो जायेंगे।” अमित ने कुछ देर सोच कर कहा ऐसा करो कि मैं रविवार को नई दिल्ली एक सेमिनार में चार-पांच दिन के लिए जा रहा हूं, तुम तीनो बहाने अपने घर से अनुमति ले कर हमारे साथ चलो। माई तुम सब को वन्हा रोज सुबह शाम और चूहे को वियाग्रा की गोली खा खा कर चोदूंगा और तुम्हारी चूतों को चोद चोद कर भोसड़ा बना डालूंगा। हान, वन्हा और भी लोग आएंगे तुम लोग अगर चाहोगी तो तुम्हें और भी लंड अपने-अपने चूत में पिलवाने को मिल जाएगा और तुम तीनो बहाने मजे से अपनी अपनी चूत को लंबा लंबा और मोटे मोटे लंड से चुदवा सकती हो।” एह सुन कर तीनो बहानो ने अमित के साथ नई दिल्ली जाने का प्रोग्राम बना डाला। फिर तीनो बहाने अपनी-अपनी कपरे पहनने के लिए और अमित एक सिर्फ लुंगी अपनी कमर पर बंद ले लिया। अमित उनको अपने हाथ से कॉफी बना कर नाश्ते के साथ खाने को दिया। फिर अमित तीनो बहानो को बाहर निकल गए। बहार जाने के पहले दरवाजे के पास अमित ने उनको फिर से अपनी बाहों में ले कर उनको चुम्मा दिया और तीन बहनों की चूंची उनके कपड़ो के ऊपर से दबाया। नीता ने फिर अमित को अपनी बाहों में लेकर चूमा और फिर अपनी साड़ी उठा कर अमित से अपनी चूत पर चुम्मा देने को कहा। अमित ने नीता की चूत पर एक जोर डर चुम्मा दिया और उसको चूत की घुंडी तो तीन चार बार अपना जीव निकल कर चैट दिया। निधि और नंदिनी अपनी चूत पर अमित का चुम्मा नहीं ले सकी क्योंकि वो सालियर और जींस पहने हुए थे और इसलिए वो अपनी चूत नहीं खोल सकी। फिर नीता ने अमित का लुंगी हत्था कर उनके लंड का सुपारा खोल कर चूमा। नीता के देखा देखी निधि और नंदिनी ने भी अमित के लौड़े को चूमा और उनके सुपारे को मुंह में ले कर चूसा और फिर अपनी अपनी चुदी हुई चूत में अमित के लंड से निकला हुआ चुदाई का पानी भर कर अपने घर को चली गई और अमित अपने कामरे में आकार सो गया. वो बहुत थक चुका था।