मैंने संजना की रसभरी छातियां छोड़ दीं.मेरे मुँह के पानी से उसकी दोनों छातियां तर हो गयी थीं और बार बार काटने, निचोड़ने से जगह जगह निशान हो गए थे.मेरे हटते ही संजना जान गयी कि अब उसकी 6 महीने की प्यास बुझेगी और चुदाई होगी.मैंने उसकी साड़ी निकाल दी.संजना ने खुद ही पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया.पेटीकोट के निकलते ही संजना की चूत पर मेरी ऐसी नजरें टिक गईं जैसे कभी जिन्दगी में मैंने कभी चूत ना देखी हो.उसने खुद अपने दोनों टांगें घुटने से मोड़ लीं.जहां वह बड़ी गोरी चिकनी थी, वहीं मेरी चूत लाल और पंखुड़ियां गुलाबी थी.हिन्दुस्तानी लड़कियों में ऐसा कम ही होता ही है.साधारणतः चाहे वह कितनी ही गोरी चिकनी हो, पर उनकी चूत काली और सांवली ही होती है.मैं उसकी चूत के दीवाना हो गया था.इतनी देर तक उसकी छातियां पीने और दबाने से उसकी चूत गीली हो गयी थी और बहने लगी थी.जैसे पानी की टंकी में ज़्यादा पानी भर जाने पर वह चारों ओर से बहने लग जाती है, उसकी चूत की बिल्कुल ऐसी ही हालत थी.मैं उसकी लाल गुलाबी चूत पर टूट पड़ा.वह एकदम से चहक उठी.आज छह महीने बाद उसकी चूत पर किसी ने कुछ लगाया था.अपने पति से चूत चटवाए उसे जमाना बीत चुका लग रहा था.वह मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और मैं भी एकदम मस्त मगन कुत्ता के जैसे होकर उसकी चूत को ऐसे चाट रहा था मानो चूत में से मलाई निकल रही हो.कुछ देर बाद मैंने अपने दोनों हाथों के अंगूठों से उसकी चूत की पंखुड़ियां खोलीं तो लगा मानो किसी सीप को खोल दिया हो और उस सीप का मोती उसके भगनासा के रूप में दिखने लगा हो.इतने दिनों से ना चुदने के कारण उसकी चूत थोड़ी सिकुड़ गयी थी; चूत का छेद बड़ा कसा सा हो गया था.लगातार पानी छोड़ने के कारण उसकी चूत चमक रही थी और मैं बिना कुछ सोचे समझे उसे लगातार चाटे जा रहा था.संजना- सन्नी, यह ग़लत बात है … मुझे कब से नंगी कर दिया और ख़ुद अभी तक कपड़े पहने हुए हो! मुझे तो अभी तक मेरे उपहार के दर्शन भी नहीं करवाए!यह सुनकर मैंने बिना एक पल की देर किए अपने कपड़े खोलने शुरू कर दिए.पर संजना मुझसे आगे निकली, उसने बिजली की फुर्ती से मेरे सारे कपड़े खोल दिए.जल्दी जल्दी के चक्कर में शर्ट के बटन भी टूट गए.मेरा लौड़ा उछल कर बाहर आ गया.ज़्यादा बड़ा तो नहीं था लेकिन उसके पति से तो थोड़ा बड़ा ही था।साथ ही संजना की लाल गुलाबी चूत के विपरीत मेरा लौड़ा काला व चमकदार था.मैंने अपने हाथ में थूक लेकर लौड़े पर मल लिया और कुछ देर तक लौड़े को हाथ से फेंटा.वह लंड की तरफ बड़ी लालच भरी नजरों से देख रही थी.मैंने बिना देर किए संजना की चूत पर लौड़ा रखा और अन्दर धक्का दे दिया.छह महीने से अनचुदी संजना की चूत कोई नया लौड़ा खाने और लेने को अभी तैयार ही ना थी.पर मैंने भी कई चूतों की नथ उतारी है और चुदाई कला में एक पारंगत खिलाड़ी की तरह से उसके ऊपर चढ़ा हुआ था.वह दर्द से कराही और मैंने एक बार फिर एक कड़क सा धक्का लगा दिया.संजना की बंद पड़ी चूत में लौड़ा उतरता गया और उसकी जंग खाई मशीन में से आवाज आने लगी.किसी बंद पड़ी फैक्ट्री को जिस तरह फिर से स्टार्ट कर दिया जाता है, ठीक उसी तरह मैंने आज उसकी चूत फिर से खोल दी थी.वह दर्द से कराहने लगी और मैं बिना उसकी तरफ कोई ध्यान दिए उसको धकापेल चोदने लगा.मैं बता नहीं सकता हूँ कि मुझे अपना लौड़ा उसकी चूत में डालकर कितना सुकून मिल रहा था.अगले कुछ पलों में मुझे अपनी सभी महिला दोस्तों के साथ की गयी चुदाइयों की याद फिर से ताजा हो गयी.मैं उसे गचर गचर चोदने लगा.संजना- आह आ … हा हा ओ मां अम्मा … अम्मा मर गई!मैं उस पर पूरी तरह से सवार हो गया था.मुझे बहुत मजा आने लगा था.कुछ ही देर में संजना को अच्छा लगने लगा था और वह तो जैसे स्वर्ग की सैर कर रही थी.मैं उसे और गहराई तक चोद सकूं, इसलिए संजना ने अपनी दोनों टांगें मेरी कमर में डाल दीं.इससे अच्छी पकड़ मिलने लगी और मैं उसे और गहराई से पेलने लगा.उधर मैंने देखा कि मेरे बाईं ओर वाले पर्दे के पीछे कुछ हलचल हो रही थी.लेकिन उस हलचल को अनदेखा करके मैं गपागप उसकी चूत में लौड़ा पेले जा रहा था.उधर संजना की चूत पानी से लबालब भर गई थी.हर झटके के साथ चूत से चप चप की आवाज आ रही थी.यह आवाज कानों को सुकून दे रही थी और चूत की चिकनाहट लंड को सटासट पेलने में मददगार हो रही थी.इसी वजह से मैं मस्ती से लगातार बिना रुके धक्के मारे जा रहा था.मैं- आह संजना … मेरे लौड़े से मलाई की बरसात होने वाली है!संजना- अभी बारिश की चिंता नहीं है … मेरी चूत की टंकी को पूरी तरह से भर दो अपने पानी से!अगले ही पल मेरे चमकदार काले लौड़े ने संजना की लाल गुलाबी चूत को अपने वीर्य से भर दिया.टाइट पुसी फिल्ड विद सीमेन के बाद मैंने अपना लौड़ा हाथ से पकड़ कर उसकी चूत से बाहर निकाला.दबे हुए सफेद मटमैले रंग का वीर्य उसकी चूत से बह निकला और वहीं कारपेट पर गिरने लगा.इस तरह की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद हम दोनों ही हांफ़ने लगे थे.मैं संजना की बग़ल में लेट गया.संजना सोचने लगी कि जिस तरह से ये चूत सूखी और प्यासी थी, उसी तरह मेरा लौड़ा भी प्यासा था.लेकिन अब उसकी चूत को लंड की गर्मी मिल गयी थी और रास्ता खुल गया था तो अब वह जब तक दुबई में हैं, न जाने कितने और लंड को निगल लेगी.संजना लेटी लेटी मेरी ओर देख रही थी और सोच रही थी कि कितने शानदार तरीक़े आज इसने मुझे चोदा है!संजना को एक बार चोदने के बाद मैं वैसा ही निढाल वहीं उसकी बगल में लेटा था.मेरा नंगा शरीर देख कर वह मंत्रमुग्ध हो रही थी.हम दोनों को ऐसा लग रहा था कि इस समय इस फ्लैट में हम दोनों के अलावा और कोई नहीं है.लेकिन रुचि पर्दे के पीछे से हमारी इस धमाकेदार चुदाई का लाइव शो देख रही थी.थोड़ी देर में मेरा लौड़ा संजना के नंगे बदन को देख कर फिर से तमतमा गया.फिर से एक बार मैं उसके रसीले चूचों का रस पीने लगा.मैं- सच में संजना, क्या गदराया बदन है तुम्हारा … आज तो बिल्कुल पटाखा लग रही हो!संजना- तू भी सन्नी … कुछ कम नहीं दिख रहा है!मैं- संजना … मुझे लगता है एक बार हमें और आत्मसात हो जाना चाहिए!संजना- अह्ह्ह … तूने मेरे दिल की बात कह दी.मैं- उफ्फ संजना मेरी जान … आज मैं तुम्हें जमकर चोदूंगा.संजना- हां आ चूस ले मेरा बदन, भोग ले इस जिस्म को … और चोद डाल मुझे … और बुझा दे मेरी छह महीने की प्यास!मैं उसको किस करने लगा और उसके चूतड़ों को खूब मसलने लगा.उसके ऊपर नीचे होने से उसकी चूचियों में जो हलचल हो रही थी, उसके क्या ही कहने थे यार … गजब मस्ती छा रही थी.मैं- उफ्फ संजना … यार क्या चूचियां हैं तुम्हारी … खरबूजे के जैसी!संजना- अह्ह … आज तेरे भोगने के लिए ही है मेरा यह बदन … चढ़ जा फिर से!मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा और वह भी कामुक सिसकारियां भरने लगी- आआह … अह्ह्ह्ह … और दबा … चूस डाल इन्हें!मैं- उफ्फ … अह्ह … बहुत मुठ मारी है संजना, तुम्हारी इन चूचियों को देख देख कर … आज पूरा बदला लूँगा.उसकी चूचियां नंगी आजाद हवा में उछल रही थीं जिनको मैंने पकड़ लिया और एक निप्पल को चूसने लगा.मैं- उफ संजना … ये तो बहुत बड़ी और सॉफ्ट हैं … मजा आ रहा है इनसे खेलने में!संजना- अह्ह आह … मेरी चूत गीली हो गयी … तू गुब्बारों से ही खेलता रहेगा या कुछ कर नीचे भी करेगा?मैं पीछे से सैट हुआ और झट से अपना लंड उसकी गांड में रगड़ने लगा.लंड पूरा खड़ा हो चुका था.मैं- संजना मेरी जान … कितना सेक्सी बदन है तेरा. आह साली आज पूरा रस पी जाऊंगा तेरी जवानी का!फिर मैंने उसके बदन के हर हिस्से को चूमा, मेरी उत्तेजना चरम सीमा पर पहुंच गयी.संजना- अह सन्नी … बस कर, कितना गर्म करेगा अपनी संजना को … अब जल्दी से चोद दे न!मैं- नहीं संजना … आज महीनों बाद चूत मिली है, मैं पूरा मजा लूंगा!मैं उसके बदन को चूमते हुए उसकी चूत के पास आ गया और उसकी चूत चूसने लगा.चूत चुसाई से संजना की हालत ख़राब हो रही थी, चूत लगातार पानी छोड़े जा रही थी.संजना- अह्हह.. उईई ईईई मर गयी, …. बस कर चोद नामैं- ठीक है संजना .. तैयार हो जाओ मेरे लंड को दोबारा लेने के लिए!अपना मूसल लंड मैं उसकी चूत में रगड़ने लगा.मुझसे भी अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा था लेकिन फिर भी मैं थोड़ा सा रुक गया.संजना वासना में तरबतर अब मुझे गाली देने पर उतर आई थी- अबे हरामी … क्यों तरसा रहा है … चोदता क्यों नहीं है बहनचोद … तेरे लंड में दम नहीं है क्या चूत चोदने के लिए!उसने जानबूझ कर मुझको उत्तेजित करने के लिए गंदे शब्दों का इस्तेमाल किया था.मैं- रुक जा मेरी रांड, ऐसी चूत चोदूंगा साली की कि हमेशा याद रखेगी.फिर मैंने एक जोरदार झटका मारा और अपना सुपारा उसकी चूत में पेल दिया.संजना- अह्ह ह्ह्ह … बहनचोद … कितनी जोर से पेला है साले … उउइ मां!मैं- रुक जा रंडी, अभी लंड का दम दिखाता हूँ.मैंने एक और जोरदार झटका मारा और लंड उसकी चूत को चीरता हुआ पूरा घुस गया.संजना इतनी ज़ोर से चिल्लाई कि जैसे उसकी जान ही निकल गयी हो- उई ईईईई मां … मार डाला रे .. फाड़ दिया तूने चूत को आह!मैं- और गाली दे मुझे बहन की लवड़ी.संजना- आह मैं तो तुझे जोश दिलाने के लिए कहा था … आह साले तूने तो सच में फाड़ दी मेरी!थोड़ी देर तक मैं अपना लंड धीरे धीरे अन्दर बाहर करता रहा.अब मुझे भी उसकी चूत चुदाई में मजा आ रहा था.संजना- अहह्ह … आआह.मैं- अह.. संजना तुम्हारी चूत तो स्वर्ग है.संजना- आआह और तेज चोद न मेरे राजा.मैं तेजी से चुदाई करने लगा.मेरा लंड घचाघच उसकी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था.पूरा हॉल चुदाई के मधुर संगीत से गूंज रहा था.संजना- आआह्ह … जान कैसा लगा तुम्हें मेरा शरीर भोग कर?मैं- क़सम से संजना मुझे पता ही ना था कि तुम ऐसी चुदक्कड़ निकलोगी, तेरी इन चूचियों को दबा दबाकर चोदने में बहुत आनन्द आ रहा है. ये ले साली … अह्ह्ह ले मेरा लंड!मैं उसकी बड़ी बड़ी चूचियों को दबा दबाकर बहुत तेजी से अपना लंड पेल रहा था.न जाने कितनी देर से ये चुदाई चल रही थी, किसी को कुछ पता न था.संजना- आअह्ह्ह सन्नी … फ़क मी हार्डर बेबी.मैं- अह्ह संजना … मेरा झड़ने वाला है … आअह … रस अन्दर ही टपका दूँ?संजना- और चोद … अह … इस बार मेरे मुँह पर डाल दे अपनी गर्मागर्म क्रीम!मैं अब अपने अंतिम पड़ाव पर था, लम्बे लम्बे शॉट से उसकी चूत को चोद रहा था.फिर जैसे ही झड़ने को हुआ तो मैंने अपना लौड़ा निकाल कर उसके मुँह पर गर्मागर्म वीर्य छोड़ दिया.इस बार के राउंड में मैंने उसको बड़ी देर तक ठोका था.उसकी चूत लगातार चुदाई से बड़ी चौड़ी हो गयी.उसी समय बिजली की गति से रुचि पर्दे के पीछे से लपक कर हमारे पास आयी और संजना के चेहरे से माल उंगली से उठाकर चाट लिया.मैं और संजना उसे देख कर हक्के बक्के रह गए और एकदम से जड़वत हो गए.
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