रुचि मेरे लंड का वीर्य चाटती हुई बोली- अब और नहीं रहा जाता, मुझे भी ये दमदार लंड अपनी चूत में चाहिए!संजना बिफर पड़ी और बोली- ये क्या है रुचि? तू हमें छुप छुप कर देख रही थी और जब मुझे आज इतने महीने बाद एक दमदार लंड और चुदाई मिली है, तो तू आ गयी हक़ जमाने!रुचि- भूल मत संजना, इस तरह से चुदाई करवाने का आइडिया मेरा ही था. और मैं ऐसे वैसे लंड से चुदवाती भी नहीं हूँ! लेकिन हाय इसके जैसा तगड़ा चमकदार काला लौड़ा जीवन में पहली बार देखा है. अब मुझसे इससे चुदे बिना नहीं रहा जाएगा!मैं बैठा बैठा रुचि और संजना की इस तकरार को देखे जा रहा था और ऊपर वाले को धन्यवाद दे रहा था कि इतने दिनों तक एक भी नहीं मिली और आज दो दो चूतें एक साथ!उसी समय संजना उठी और वह सीधी रुचि के एकदम पास को हुई और उसके होंठों पर किस कर लिया.जिसके जवाब में रुचि ने भी संजना के होंठों पर जम कर चूमा.रुचि- आह ये हुई न बात!मेरे लिए ये बिल्कुल नया और अचरज भरा वाकिया था क्योंकि इन दोनों के झगड़े को देखते हुए मैंने ऐसा भी नहीं सोचा था.मैं अभी सोच ही रहा था कि रुचि ने संजना से कहा- ये बहुत अच्छी तरह से करता तो है न, या सिर्फ़ ऊपर ऊपर से हिला देता है?संजना ने हंसते हुए कहा- रुचि ये तो स्टड है … तू खुद देख ले जबसे इसके साथ लेटी हूँ, तो कपड़े पहनने की इच्छा ही नहीं हो रही है!दोनों मेरे बारे में बात कर रही थीं और मैं अलग खड़ा होकर दोनों को आश्चर्य से देख रहा था.रुचि ने मेरे पास आते हुए मेरे लंड को सहलाया और कहा- सो रहा है क्या, थक तो नहीं गया संजना की चूत की सेवा करते करते?मैं अभी जड़वत ही खड़ा था कि क्या कहूँ, संजना उस समय पास सोफे के हैंडल पर नंगी बैठी थी.वह बोल पड़ी- नहीं नहीं … इसका जवान तो अभी खड़ा हो जाएगा, बस अभी थोड़ा सांस ले रहा है और अपने इस नए घटनाक्रम से ख़ुद को उबार रहा है इसलिए हैरानी में खड़ा नहीं हो रहा है शायद!यह सुनकर रुचि ने मुझे पकड़ कर सोफ़े पर ले जाते हुए अपनी गोद में बिठाया और मेरा हाथ लेकर अपनी टी-शर्ट में डाल दिया.उनके गर्मागर्म चूचे छूते ही मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ गया लेकिन मैंने कुछ सोच कर अपना हाथ निकाल लिया.रुचि बोली- अरे क्या हुआ, डर मत … मेरे संजना से जरा बड़े हैं … मसल न … तुझे ज़रूर पसंद आएंगे!रुचि की इस बात से मेरी झिझक थोड़ी कम हुई और मैंने उसकी टी-शर्ट में खुद ही हाथ डाल दिया और उसके चूचे मसलने लगा.अब उसकी सिसकारियां निकलने लगीं.रुचि के चूचे संजना से वाकयी में बड़े थे और निप्पल भी छूने से काफी सख्त महसूस हुए.रुचि- चल अब गोद से उतर जा, नहीं तो मेरे पैर दर्द होने लगेंगे!मैं खड़ा हो गया तो संजना ने मेरा लौड़ा गप्प से मुँह में ले लिया.यह सब देखती हुई रुचि बोली- जब ये लंड तू संजना को दे सकता है तो लेकिन अपनी इस नयी सहेली को दिखाएगा भी नहीं क्या?यह कह कर रुचि मेरे लंड से खेलने लगी और वह अपने एक हाथ से मेरे एक गोटे को तौल रही थी.फिर रुचि ने मेरे लंड को पकड़ा और मुझे अपनी तरफ खींच लिया- चल अब मुझे चखा, जो तूने संजना को चखाया है!मैंने भी बिना झिझक और डर के अपना लंड रुचि के गालों और होंठों पर फिराना शुरू किया.रुचि- ओहो, तू तो बड़ा खिलाड़ी लगता है!वह मेरे लंड को किसी लॉलीपॉप की तरह अपने होंठों से छेड़ रही थी और संजना भी पीछे ना रहती हुई उसके ढीली टी-शर्ट में अपना सर घुसा कर उसके चूचों को ब्रा के ऊपर से चूस रही थी.तब रुचि ने मेरे लंड से अपना मुँह हटाया और पूरी नंगी हो गयी.वह फिर से मेरा लंड चूसने लगी और संजना ने उसके चूचे पीना शुरू कर दिए.ये सब किसी पोर्न वीडियो के जैसा था.रुचि पूरी शिद्दत से मेरे लंड को अपने थूक से गीला कर कर के चूस रही थी.उसकी लार से मेरे गोटे भी गीले हो गए थे और उसकी गर्मागर्म जीभ के स्पर्श से मेरा लंड भी खासा गर्म हो गया था.संजना की दो बार की चुदाई में मेरे लंड की एक बार भी चुसाई नहीं हुई थी.रुचि- इस काले चमकदार लंड को देख कर लगता है कि तू जल्दी नहीं झड़ेगा!मैं- तू चिंता मत कर, अभी अभी संजना को दो दफे चोदा है, ये लम्बा चलेगा!उसने घुमा घुमा कर मेरे लंड को चूसा- सबसे पहले मैं तेरा वीर्य चखना चाहती थी, वह तो बड़ा टेस्टी निकला … और अब मेरी चूत गर्म है तो डाल दे अपना लौड़ा इसमें!यह बोल कर वह तुरंत घोड़ी बन गई और मैं उसके पीछे जाकर उसकी चूत और गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा.इधर संजना ने भी अपनी चूत रुचि के मुँह पर लगा दी जिसे वह उसी खूबी के साथ चाट रही थी जिस खूबी के साथ उसने मेरा लंड चूसा था.रुचि हमारी चुदाई देख देख कर पहले ही काफी गर्म हो चुकी थी- मत तरसा मेरी जान. सिर्फ बाहर बाहर मत रगड़ … अन्दर भी घुसा दे!मैंने तुरंत उसकी आज्ञा मानते हुए अपना लंड उसकी चूत में पीछे से पेल दिया और धक्के लगाने लगा.मेरा लंड रुचि की चूत में अन्दर जाते ही उसने संजना की चूत चाटते चाटते ही एक जोर से उम्म्म्म किया और फिर से अपने काम पर लग गई.ये थ्रीसम काफी मजेदार चल रहा था क्योंकि इसमें हम तीनों खो से गए थे और रुचि तो दो तरफ़ा मज़े ले रही थी.रुचि की चूत वैसे तो इतनी टाइट नहीं थी लेकिन एक नए माल को चोदने के ख्याल से ही मुझे उसकी चूत में और मज़ा आने लगा था.मैंने देखा कि संजना झड़ चुकी थी और रुचि ने उनका पूरा माल चाट लिया था.मैंने रुचि के चूचे दबाते हुए अपने धक्के तेज़ कर दिए.जब उसकी आहों से पूरा हाल गूंजने लगा तो संजना ने ख़ुद के होंठ उसके होंठों पर रख दिए.लड़की के द्वारा लड़की को इस तरह से किस करते देखना हर मर्द की इच्छा होती है.उन दोनों को किस करते देख मैं और जोश में आ गया था और रुचि भी अपनी गांड हिला हिला कर मेरे लंड को अपनी चूत में ग्राइंड कर रही थी.संजना हम दोनों को देखते हुए अपनी चूत में उंगली डाल कर जोर जोर से हिला रही थी और ‘ऊउह्ह अआह’ की आवाजें कर रही थी.यह सब देख कर मेरा कण्ट्रोल छूटता जा रहा था.इसी समय रुचि भी एक चीख के साथ झड़ गई.मैं अब भी चोद रहा था तो रुचि ने अपनी चूत में से मेरा लंड निकाला और उसे मुँह में लेकर हाथ से घुमा घुमा कर चूसने लगी.उसने ऐसा किया तो मेरा कण्ट्रोल वाकयी में छूट गया और मैंने ढेर सारा गर्मागर्म वीर्य उसके मुँह में छोड़ दिया.लेकिन वह अब भी मेरा लंड हिला हिला कर चूस रही थी और सारा का सारा वीर्य चूस चूस कर पी गई.हालाँकि Xxx हॉट गर्ल फक के बाद मेरा लंड अब लटक चुका था लेकिन उसकी प्यास बुझ ही नहीं रही थी.रुचि- यार तेरा लंड तो कमाल की सर्विसिंग देता है! संजना तेरे तो भाग खुल गए रानी!मैं- चिंता मत करो, मेरे इस छोटे चेतन ने कई चूतों और गांडों की सर्विसिंग कर दी है. तुम दोनों को अब दूसरे लंड की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.थोड़ी देर हम तीनों एक दूसरे के आस पास नंगे पड़े रहे और एक दूसरे के बदन को सहलाते रहे.संजना ने फ़ोन पर ऑर्डर करके खाने के लिए मँगवाया.हम लोग पार्टी से ख़ाना खाकर आए थे.लेकिन इतनी ज़बरदस्त चुदाई के बाद फिर से भूख लगने लगी थी.जब वह ख़ाना देने के लिए डिलीवरी वाला आया तो संजना एक तौलिया लपेट कर ख़ाना लेने गयी.उसने जानबूझ कर अपना तौलिया गिरा दिया.नजारा देखते ही बेचारे डिलीवरी वाले की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गयी.हम तीनों नंगे ही खाते हुए चुदाई की मूवी देख रहे थे.मैं बीच में बैठा कभी दोनों की चूत में उंगली कर रहा था और कभी उनके चूचे दबा रहा था.वे दोनों भी मुझे किस करती हुई मेरे लंड से खेल रही थीं.यह मेरा पहला थ्रीसम था.रुचि- सन्नी, तुम हमारे साथ यहीं रहने लग जाओ.मैं- नहीं. यहां नहीं रह सकता. जब भी घर पर वीडियोकॉल से बात करूँगा और तुम में से कोई नंगी आकर मेरी गोद में बैठ गयी तो मेरा तलाक़ होने में एक मिनट भी नहीं लगेगा … बोलो ऐसा करवाना चाहती हो क्या?संजना- हम में से कोई क्यों ऐसा चाहेगी … हम दोनों तो हमेशा तुम्हारी गोद में बैठेंगी.रूचि ने हँसते हुए कहा- संजना, आज की चुदाई को देख कर लगता है कि तुमने अपने पतिदेव के अलावा भी किसी पराये लंड को खाया है?संजना- पराया लंड तो पहली बार आज ही खाया है परन्तु चूत बहुत चाटी हैं.रूचि- अरे वाह … तो हमें भी बताओ इन सबकी शुरुआत कहां से हुई थी?संजना- किसकी शुरुआत?मैं- चुदवाने की या यूं कहो कि चूत चुसवाने की?संजना- ये सब मेरी एक सहेली निकिता का किया हुआ है. उसी कमीनी ने मुझे ये सब सिखाया.मैं- वह सब कैसे शुरू हुआ … बता ना … अभी तो रास्ता बहुत लंबा है!आप लोगों यह तो पता ही है कि संजना दिखने में गोरी है और उसका फिगर भी सेक्सी है.उसके बूब्स काफी बड़े व एकदम गोल हैं और उसकी गांड भी मस्त चौड़ी है.संजना और उसकी सहेली निकिता दोनों एक ही हॉस्टल में पढ़ती थीं और वे दोनों ही दिल्ली में पढ़ाई कर रही थीं.इसके आगे की कहानी आप संजना की ज़ुबानी ही सुनें.हॉस्टल में ही हम दोनों की दोस्ती हुई थी और आज हम दोनों बेस्ट फ्रेंड्स थी.मैं ज्यादा समय हॉस्टल के कमरे पर ही बिताती थी.हम दोनों सहेलियां कम और बहनें ज्यादा होने लगी थीं.उसके सभी राज मुझे मालूम थे और मेरे सभी राज उसको मालूम थे.हर रोज की तरह में मैं कमरे पर ही थी और हम दोनों उसके पलंग पर बैठे हुई थी.तभी निकिता ने अपने मोबाइल पर पोर्न वीडियो चला दिया और हम दोनों पोर्न देखने लगीं.ऐसा पहले भी हम दोनों ने बहुत बार देखा था.लेकिन उस दिन ऐसा कुछ होगा, यह पता नहीं था.पहले तो हमने सोचा था कि सिर्फ एक ही वीडियो देखेंगी.लेकिन जब हम पोर्न देखने लगीं … तो एक के बाद एक वीडियो देखती चली गईं और पता ही नहीं चला की कब 3 घंटे बीत गए.अब शाम हो चुकी थी और थोड़ा थोड़ा अंधेरा भी हो गया था.तभी वार्डन आकर बोली- आज मौसम खराब है. लाइट जा सकती है. इसीलिए खाना जल्दी खा लो. और कहीं बाहर नहीं जाना है.मैं- ठीक है आंटी, हम दोनों थोड़ा सा होमवर्क कर रही हैं. बस अभी आती हैं.इतने में निकिता चुपचाप उठ कर बाथरूम में चली गई.वह अपनी चूत में उंगली करके मतलब हस्तमैथुन करके अपनी वासना को थोड़ा सा शांत कर आई.उसके बाद मैं बाथरूम में चली गई.फिर हम दोनों ने मेस में जाकर खाना खाया और वापस आ गईं.रात को हम दोनों पोर्न के बारे में ही बात करती रहीं.निकिता- संजना, क्या तुमने पहले कभी सेक्स किया है या अभी वर्जिन हो?मैं- यार तड़प तो बहुत है चुदाई की, पर साला कोई ढंग का माल मिले तो लूँ!अब यही प्रश्न मैंने निकिता से किया तो उसने हामी भरी और एक छोटी सी कहानी संक्षेप में सुना दी.अब तक हल्की हल्की सर्दी होने लगी थी और दिल्ली की सर्दी तो प्रसिद्ध है ही.निकिता- आज मेरे मन में कुछ है. क्यों न आज हम दोनों पूरी रात पोर्न देखें.अब मैं और निकिता कमरे में एक ही रजाई ओढ़ कर बैठ गईं.फिर निकिता ने पोर्न वीडियो लगा ली और दोनों गौर से फिल्में देखने लगीं.हम दोनों बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गई थीं.फिर एक वीडियो खत्म होने के बाद स्क्रीन पर एक लेस्बियन वीडियो आई और निकिता ने उसे चला दिया.हम दोनों बड़े आराम से वीडियो देखने लगीं.अब हम दोनों के ही सब्र का बांध टूट रहा था.
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