Thursday, November 21, 2024
Hindi Midnight Stories

दोस्त की शॉप पर मिली भाभी को चोदा

हाय फ्रेंड्स, मैं कबीर अग्रवाल सूरत गुजरात से आपके लिए अपनी नयी सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ.

मैं अपने एक दोस्त से मिलने उसकी शॉप पर गया था.
उसकी शॉप कटलरी आइटम्स की थी.
वहां ज़्यादातर महिला ग्राहक ही आती थीं.

मैं उसे मिलने दोपहर के वक्त गया था.
उस टाइम ज़्यादा भीड़ नहीं होती है.

मेरा दोस्त काउंटर के अन्दर की साइड बैठा था और मैं काउंटर की दूसरी साइड था, जहां कस्टमर खड़े होते हैं.

मैं वहां बैठा दोस्त से बात कर रहा था.

थोड़ी देर में वहां दो महिलाएं आईं.
दोनों शादीशुदा भाभियां थीं.

उनमें एक की हाइट कम थी जबकि दूसरी कुछ ज़्यादा ही लंबी थी.

उन दोनों की बातों से मालूम हुआ कि ज़्यादा हाइट वाली का नाम उषा था.
जब उषा अन्दर को आई, तो मैं थोड़ा सरक कर बैठ गया.
उषा मेरी तरफ ही खड़ी थी.

मैंने उषा को ध्यान से देखा.
वह लंबी और गोरी तो थी, साथ में भरे हुए बदन की थी.

उसकी गांड पीछे से उभरी हुई थी और आगे से उसके बूब्स भी एकदम गोल व तने हुए थे.

वह टोटल पटाखा माल थी.
मैं उसकी गांड और बूब्स को घूर घूर कर देख रहा था.

तभी उषा की नज़र मुझ पर पड़ी.
उसने भांप लिया कि मैं क्या देख रहा हूँ.
लेकिन उसने कोई रिएक्ट नहीं किया और वापिस अपनी सहेली की खरीददारी में मदद करने लगी.

अब मैं भी उन दोनों की बातों के बीच में बोल रहा था कि यह ले लीजिए … अच्छा रहेगा.
इस पर मैंने ध्यान दिया कि उषा भी मेरे साथ मुस्कुरा कर बात कर रही थी.

उसकी मुस्कान में कुछ मस्त सा लगा तो मैंने अपने एक पैर को थोड़ा आगे करके उसके पैर पर रख दिया.

उसने मेरी तरफ देखा और वापस स्माइल की.
अब वह भी धीरे से मेरे कुछ और पास को सरक आयी.

उसके पास आ जाने से मैं उसके पैर को सहलाने लगा.
तभी दो और कस्टमर आ गए तो उषा और उसकी सहेली मेरी तरफ कुछ ज्यादा ही सरक आईं.

अब उषा बिल्कुल मेरे पास खड़ी थी.
मैंने सबकी नज़रों से खुद को बचाते हुए उषा की गांड को सहला दिया.

उषा ने मेरी तरफ देखा और स्माइल करके थोड़ा मुड़ कर खड़ी हो गयी … ताकि मैं क्या कर रहा हूँ किसी को पता ना चले.
यह समझते ही मैं बिंदास हो गया और उसकी गांड से खेलने लगा.

वह भी मजा ले रही थी.

उतने में वे दोनों कस्टमर चली गईं और उषा की सहेली की भी शॉपिंग हो गयी.

मैंने उषा को नंबर के लिए इशारा किया.
उषा ने अपने फोन में अपना ही नंबर डायल करके मेरी तरफ फोन कर दिया.
मैंने उसका नंबर अपने फोन में डायल करके उसे मिस कॉल कर दिया.

वह भी मुस्कुरा दी.

थोड़ी देर में वे दोनों भाभियां चली गईं.
मेरे दोस्त को अब तक पता नहीं चला था कि उसकी कस्टमर को पटा कर मैंने उसका फोन नंबर भी ले लिया है.

मैंने बाहर जाकर उषा को कॉल किया.
उषा ने कहा- अभी मैं बिज़ी हूँ, बाद में मैं खुद फोन करूँगी.

उसने मुझे फोन करने से मना कर दिया.

ऐसे ही 3 दिन बीत गए, उषा का कॉल नहीं आया.
मैं इंतजार कर रहा था.

तीन दिन बाद सुबह सुबह उषा कॉल आया.
हम दोनों ने बहुत सारी बातें की.

उसने मुझसे पूछा कि मुझसे नंबर क्यों मांगा था!
मैंने साफ साफ कह दिया कि तुम मुझे बहुत हॉट लगीं तो मेरा मन तुम्हारे साथ सेक्स करने के लिए होने लगा था.

वह मेरी सीधी बात सुन कर हंसने लगी और मुझसे प्रभावित हो गयी.
अब हम दोनों रोजाना ऐसे ही सेक्सी बातें करने लगे थे.

एक दिन मैंने उससे पूछा कि कब मिलना है?
उसने कहा- जगह की व्यवस्था करो तो मिल लेते हैं.
साथ ही उसने होटल या किसी पब्लिक प्लेस में मिलने से मना कर दिया.

मैंने कहा- चलो बताता हूँ.
फिर दिन उसका कॉल आया.

वह बोली- आज रात को 12 बजे के आस पास मेरे घर आ जाना. मैं 2 दिन के लिए अकेली रहने वाली हूँ.
मैं भी रात को तैयार होकर उसके घर के पास आ गया.

उसका घर सिटी से बाहर था और एक सोसाइटी में था.
उसने घर के पीछे से दीवार कूद कर अन्दर आने को कहा ताकि सोसायटी के गेट पर एंट्री न करना पड़े.

मैं भी थोड़ी हिम्मत करके उसके घर में पहुंच गया.

उस दिन उसने नीले रंग की वन पीस वाली नाइटी पहनी थी.
नाइटी के अन्दर ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी, यह साफ साफ उसके उभारों से दिख रहा था.

मुझे अन्दर ले जाकर उसने घर को अन्दर से लॉक कर दिया.
अन्दर लाकर उसने मुझे अपने गले से लगाया और मुझे सीधे अपने बेडरूम में ले गयी.

उधर पहले से रखा हुआ उसने बादाम वाला दूध का गिलास उठा कर मेरे होंठों से लगा दिया.

मैंने उस दूध को ऐसे पिया मानो मैं सुहागरात पर उसका पति बन कर आया हूँ.

दूध पीकर मैंने गिलास एक तरफ रखा और उसे अपनी बांहों में समेट लिया.

मैं उसके होंठों को किस करने लगा.
वह भी मेरे होंठों को बेताबी से चूमने लगी.

लगभग 15 मिनट की किसिंग के बाद हम दोनों अलग हुए.
अब उसने मेरी शर्ट के बटन खोलने शुरू किए, तो मैंने अपने कपड़े खुद ही उतारने चालू कर दिए.

सब कपड़े उतार कर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया.
मुझे अद्भुत आनन्द आ रहा था.

मेरा लंड उसके गुलाबी नर्म होंठों के बीच आगे पीछे होता हुआ उसके मुँह की गर्मी और तरलता का अनुभव कर रहा था.

वह भी मेरे लौड़े को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी.
मैं मस्ती में अपनी आंखें बंद करके खड़ा था और अपनी कमर हिलाता हुआ अपने लंड से उसके मुँह को चोद रहा था.

उस वक्त मेरा हाथ उसके सिर पर था.
वह लगातार मेरे लंड को चूसे जा रही थी.

कुछ मिनट की चुसाई के बाद मेरा पानी उसके मुँह में ही निकल गया.
उसने मेरे लंड का पूरा पानी पी लिया और लंड को चूस चूस कर व जीभ से चाट चाट कर साफ कर दिया.

वह वीर्य चाटने के बाद नशीली आंखों से मेरी तरफ देख रही थी और मैं निचुड़े हुए लंड को लटकाए हुए शिथिल सा होकर उसकी चूचियों को दबा कर वापस उत्तेजित होने का प्रयास कर रहा था.

उसने कुछ पल बाद एक पेय बनाया और मेरे होंठों से लगा दिया.
वह शराब मिला हुआ कुछ नशीला पेय था.

मैंने आधा गिलास उसे पिलाया और आधा खुद पी लिया.
सच में उस पेय में गजब का जादू था.

कुछ ही पलों बाद मेरे लंड में तनाव आने लगा था.
वह सिगरेट सुलगाने लगी थी.

मैंने भी उसी सिगरेट से कश लगाया तो यह भी मुझे कुछ औषधि वाली सिगरेट लगी.
उसमें से जड़ी बूटी जैसी मस्त सुगंध आ रही थी और एक तेज नशा भी हो रहा था.

उसने भी कुछ लंबे लंबे कश लिए और हम दोनों नशे में थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे.

फिर मैंने उसके एक दूध को सहलाते हुए पूछा- लंड चूसने में मजा आया?
उसने कहा- हां लंड चूस कर मुझे बहुत मजा आया. मेरा हज़्बेंड मुझे कभी भी लंड चूसने नहीं देता है. आज मुझे लंड चूस कर बहुत अच्छा लगा.

थोड़ी देर तक हम दोनों ऐसे ही लेटे बातें करते रहे.

अब मैंने उसकी नाइटी उतार दी.
वह पूरी तरह नंगी हो गई थी.

क्या बताऊं दोस्तो, उसका जिस्म बहुत सेक्सी था.
उसके दोनों बूब्स बिल्कुल गोल शेप में थे और एकदम कसे हुए थे.
जबकि वह दो बच्चों की मां थी.

फिर भी उसकी चूत एकदम कसी हुई थी और चिकनी बिना बालों की थी.

पूछने पर उसने बताया कि उसके दोनों बच्चे ऑपरेशन से हुए थे जिस वजह से चूत एकदम कसी हुई है.
झांट के बाल उसने आज शाम को ही साफ किए थे.

वह अब अपनी चूत पर हाथ फेरने लगी थी तो मैं समझ गया कि यह चूत चटवाना चाहती है.

मैंने उठ कर उसकी दोनों टांगों को खोला और चूत पर जीभ लगा कर चाटने लगा.

वह सिहरने लगी और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी.
मैं भी उसकी रस छोड़ती चूत पर टूट पड़ा.

मैं अपनी जीभ उसकी चूत में घुसा घुसा कर उसकी चूत का रस चाटने लगा.

आह … क्या मजा आ रहा था.
ऐसा लग रहा था जैसे किसी नमकीन गर्म मलाई को चूस रहा हूँ.

वह भी चूत चुसाई से तड़प रही थी.
अपने दोनों हाथों से मुझे पकड़ कर अपनी चूत पर पूरी तरह से भींच रही थी.

उसके मुँह से आह आह निकल रहा था- आह मेरी जान … चाट लो मेरी चूत को … आह आह … मेरे पति ने कभी चूत चाटी ही नहीं … बहन के लौड़े को चुदाई का चु भी नहीं आता है … आह चाट लो मेरे सनम!

कुछ देर चूत चुसाई के बाद अब मैं उसके दोनों मम्मों पर टूट पड़ा.
मैं उसके दोनों मम्मों को बारी बारी से चूस रहा था और खींच रहा था.

क्या मस्त बूब्स थे … बड़े और भरे हुए. पिंक निप्पलों को चूस चूस कर मैंने लाल कर दिया था.
अब मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था.

उषा ने कहा- अब डाल दो चूत में.
मैंने भी देर ना करते हुए अपना लंड उसकी गीली चूत के दरवाजे पर रख दिया और एक ज़ोर का धक्का लगा दिया.
मेरा पूरा लंड एक बार में ही अन्दर घुस गया.

उषा की हल्की चीख निकल गयी.
उसकी चूत की फांकों ने मेरे लंड को मानो किसी शिकंजे की तरह से जकड़ लिया था.

मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा.
उषा भी ‘आह श आह’ जैसी आवाज़ निकाल रही थी.

उसकी आंखें बंद थीं और वह पूरी तरह मदहोश हो गयी थी.

मुझे आज उषा को चोदने में बहुत आनन्द आ रहा था.
उसकी चूत किसी कुंवारी लौंडिया की कसी हुई चूत जैसी थी.

मैं उसको हचक कर चोद रहा था, तब ऐसा लग रहा था कि मैं किसी कॉलेज गर्ल को चोद रहा हूँ.

मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.
उषा भी नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी.

लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद मेरा पानी निकलने वाला हो गया था.
मेरे पूछने पर उषा ने कहा- चूत में ही डाल दो. मैंने ऑपरेशन करवा लिया है.

मैंने भी उषा की चूत को अपने पानी से भर दिया.
उषा की चुदाई में एक अलग ही आनन्द आया.

उसने बताया कि उसके हज़्बेंड का लंड पतला है और दोनों बच्चे न केवल सिजेरियन हुए हैं बल्कि वीर्य धारण करने से हुए हैं. उसका मतलब था कि उसके पति की चुदाई से नहीं हुए हैं. इसलिए उसकी चूत टाइट भी है और प्यासी भी है. उसने मेरे अलावा अब तक किसी और से चुदाई नहीं की है.

यह जान कर मैं बहुत खुश हुआ.
मैं दो दिन उसके घर ही रहा और दो दिन तक चुदाई को खूब एंजाय किया.

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