मेरा नाम राम सिंह है. मैं 6 फुट का बड़े लंड का मर्द हूँ और मैं बिहार से हूँ.
मेरे बगल वाले कमरे में एक अन्य कपल रहता था.
वे दोनों बिहार से थे, इसी नाते हमारे बीच दोस्ती हो गयी.
उसमें युवक का नाम तौफीक था.
उसकी उम्र 37 साल की थी.
तौफीक की बीवी 24 साल की थी. उसका का नाम सकीना था.
वह बहुत ही सुंदर थी.
उनकी शादी को 5 साल हो गए थे और अब तक उन्हें कोई बच्चा नहीं हुआ था.
तौफीक एयरटेल कंपनी के टॉवर लगाने का काम करता था.
वह अपने काम के सिलसिले में महीने में 15 दिन बाहर ही रहता था.
दिखने में तौफीक एक सूखा सा हड्डी था.
मुझे लगता था कि वह सकीना भाभी को सही से चोद ही नहीं पाता होगा.
वह बच्चे के लिए अपनी बीवी से लड़ता भी था.
मेरा उसके घर मेरा आना जाना हो गया था.
तौफीक की बीवी सकीना मुझे देख कर बड़ी खुश हो जाती थी.
यह बात मुझे जरा कम समझ में आती थी.
मैंने कभी भी उसकी तरफ कामुक नजरों से नहीं देखा था.
क्योंकि एक तो वह हर वक्त बुरके में रहती थी और ऐसा उसका कोई खास फिगर भी समझ नहीं आता था जिस वजह से मैं उस पर अपनी नीयत खराब करूँ.
मैं जिधर काम करता था उधर एक से एक मस्त माल मेरे लंड को खड़ा करने के लिए दिखाई देते थे.
तो मैं सकीना की ओर नहीं देखता था.
तौफीक को मेरे ऊपर बड़ा भरोसा भी था क्योंकि मैं एक तो बिहार का रहने वाला था और वह भी मेरे जिले का ही था.
दूसरी बात यह थी कि वह अपने काम के सिलसिले में शहर से बाहर जाता था, तो उसकी बीवी की देख-रेख के लिए उसे मुझसे ज्यादा मुफीद आदमी कोई और समझ नहीं आता था.
कुल मिलाकर वह मेरी बड़ी कद्र करता था और मेरे ऊपर भरोसा करता था.
मैं भी उसकी गैर हाजिरी में सकीना भाभी से उनकी जरूरत के सामान आदि के लिए पूछ लेता था तो वह भी मेरे सामने खुल कर आ जाती थी और मुझसे बात कर लेती थी.
एक रोज ऐसे ही मैं सुबह सुबह सकीना भाभी के घर के दरवाजे को बजा कर पूछने लगा- भाभी, कुछ लाना तो नहीं है, मैं बाजार जा रहा हूँ!
इस पर सकीना भाभी ने दरवाजा खोला और मुझसे अन्दर आने का कहा.
उस वक्त वह हिजाब में नहीं थी तो मैं उसे देखता रह गया.
मेरी आंखों को ललचाई नजरों से देखता पाकर वह मुस्कुरा दी और बोली- क्या हुआ भाईसाब, कभी लड़की नहीं देखी है क्या?
मैंने कहा- अरे भाभी, मैंने तो एक से एक परकटी लड़कियां देखी हैं और रोज ही उनसे मिलता भी रहता हूँ … पर आज आपको देख कर मैं हैरान हो गया कि चाँद तो बाजू में ही छिपा था, बाहर तो सिर्फ चाँद के टुकड़े दिखाई देते थे!
यह सुनकर सकीना भाभी हंसने लगी और मुझे शुक्रिया कहने लगी.
मैंने कहा- सच में भाभी, आप हिजाब में थीं तो दिखाई ही नहीं देती थीं.
इस तरह से मेरी बात अब सकीना भाभी से हंसी मजाक का दौर चलने लगा.
एक बार तौफीक टॉवर लगाने 5 दिन के लिए कहीं बाहर गया था.
उस दिन मैं सकीना भाभी से बात कर रहा था.
मैंने उससे पूछा- 5 साल हो गए हैं भाभी, बेबी क्यों नहीं हुआ?
तो वह खुल कर बताने लगी- मेरे शौहर का अंग छोटा है, वह मेरे साथ सही से सेक्स नहीं कर पाते हैं. जब सेक्स सही से नहीं होगा, तो बेबी कहां से होगा.
यह बता कर वह रोने लगी.
मैंने उसे चुप कराया, तो वह अचानक से मेरे गले से लिपट कर रोने लगी.
मैं उसके दूध अपने सीने पर गड़ते हुए महसूस करने लगा.
मुझे सकीना भाभी को चोदने का मन करने लगा.
वह रोती हुई बोली- मैं ग़रीब घर से थी, मेरे अब्बा ने इस बूढ़े से शादी करवा दी और मेरी जिंदगी खराब कर दी.
मैं बोला- भाभी अगर तुम चाहो, तो सब ठीक हो जाएगा.
वह बोली- कैसे ठीक होगा … वह बूढ़ा जवान तो नहीं हो जाएगा ना!
मैं बोला- वह जवान नहीं होगा, पर मैं तो हूँ ना … मैं दूँगा तुमको जवानी का सुख … और बच्चा भी दूंगा.
वह बोली- पर ये तो गलत होगा.
मैंने उसे अच्छे से समझाया- अपनी जवानी को बर्बाद मत करो. मेरे साथ इन्जॉय करो.
वह बोली- तुम हिंदू हो, मैं मु स्लिम … तो कैसे होगा!
मैंने कहा- हम दोनों शादी नहीं कर रहे हैं. केवल सेक्स करेंगे.
बहुत देर समझाने के बाद वह मान गयी और बोली- तुम किसी को मत बताना.
मैंने हामी भर दी.
उसी रात से हम दोनों की चुदाई शुरू हुई.
सकीना मुझे अपने रूम में ले गयी और अपने पलंग पर बैठा कर मेरी सेवा करने लगी.
उसने मुझे पानी दिया और मुझे देख कर मुस्कुराने लगी.
मैंने उसे अपने पास खींचा और उसे किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी.
धीरे धीरे मैंने उसके सारे कपड़े खोल दिए और अपने भी खोल दिए.
वह मेरे सीने पर अपने हाथ फेरने लगी और मैं उसके दूध सहलाने लगा.
उसके एक दूध को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा और दूसरे को हाथ से मसलने लगा.
वह आह आह करती हुई कामुक होने लगी.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया तो वह लंड को सहलाने लगी.
मैंने उसको लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर उसके दोनों मम्मों को दबा दबा कर पीने लगा.
उस वक्त मेरा लंड उसकी चूत से रगड़ खा रहा था तो वह अपनी कमर को इधर उधर करती हुई लंड को अपनी चूत से मसल रही थी.
मैंने उसकी चुदास देखते हुए उसकी चूत पर लंड सटा दिया और उसकी चूत की दरार में लंड के सुपारे को फंसा दिया.
वह उस वक्त मेरे लंड की गर्मी से एकदम व्याकुल हो रही थी और जल्दी से लंड को अन्दर पेलवाने की जद्दोजहद कर रही थी.
मुझे मालूम था कि इसकी चूत में जैसे ही मैं अपना मोटा लंड पेलूँगा, यह दर्द से रोने लगेगी.
फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और चूत फाड़ने की नियत से एक जोरदार धक्का मार दिया.
लंड चूत को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया और भाभी की अम्मी चुद गई.
वह जोर जोर से चिल्लाने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसका मुँह बन्द था तो वह कुछ कर ही न सकी.
उसकी छटपटाहट बता रही थी कि इसकी चूत की सही से आज ही चुदाई हुई है.
मुझे मालूम था कि दर्द तो होना ही है तो क्यों न इसकी चूत का भोसड़ा बनाने की नीयत से इसे पेलता रहूँ.
हर चूत का दर्द कुछ देर बाद हो ही जाता है.
बस यही सोच कर मैं तेज तेज झटके देता हुआ उसकी चूत में लंड पेलता रहा.
कुछ मिनट पेलने के बाद वह दर्द से निजात पा गई और धकापेल का मजा लेने लगी.
उसकी छटपटाहट खत्म हुई तो मैंने उसके मुँह से मुँह हटा लिया और वह लंबी सांस लेती हुई आह आह करने लगी.
कुछ देर बाद वह झड़ गयी और मैं भी उसकी चूत में ही फारिग हो गया.
अब हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से लिपटे पड़े थे.
वह बताने लगी- मेरे शौहर का लंड तुमसे आधा भी नहीं है.
मैंने पूछा- मजा आया?
वह हंस दी और बोली- शुरू शुरू में तो तुमने मुझे मार ही दिया था, पर बाद में बहुत अच्छा लगा!
मैंने कहा- अच्छा लगा या मजा आया?
वह फिर से हंस दी और मेरी छाती पर मुक्का मारती हुई धीमे से बोली- मजा आया.
मैंने कहा- तो फिर से मजा लें!
वह फिर से हंस दी.
इस बार उसने मेरे साथ 69 में शुरुआत की और मेरे लंड को चूस कर खड़ा कर दिया.
जब दूसरी बार चुदाई हुई तो सकीना ने बहुत मजे से चूत चुदवाई.
अब वह मेरे लंड से मुहब्बत कर बैठी थी.
बाद में उसने बताया कि मैं न जाने कबसे तुमसे चुदवाना चाहती थी.
मैंने कहा- हां, जब से तुम्हें बिना हिजाब के देखा, तभी से मैं भी तुम्हें चोदने के लिए उतावला था.
उस दिन की चुदाई के बाद जब भी उसका शौहर घर से बाहर होता, वह मेरे साथ ही सोती थी.
वह पहले पतली थी, उसके दूध भी छोटे छोटे से थे.
पर मेरे लंड से से चुद चुद कर भर गई और उसके दूध भी रसीले हो गए.
कोई 15 दिन के बाद उसका मासिक धर्म नहीं हुआ तो वह समझ गई कि वह हमल से हो गई है.
उसने मुझे बताया तो मैं उसकी जांच के लिए प्रेग्नेंसी जाँचने वाली किट ले आया.
उस पर सकीना भाभी ने अपनी पेशाब की दो बूंदें टपकाईं, तो रिजल्ट पॉज़िटिव आया.
वह बहुत खुश थी और मुझसे लिपट कर मुझको चूमने लगी थी.
खुशी के मारे उसके आंसू निकलने लगे थे.
उसने मुझको शुक्रिया बोला और मेरे लंड के साथ खेलने लगी.
उसके शौहर को भी जब मालूम हुआ कि उसकी बीवी हमल से हो गई है तो वह भी बेहद खुश हुआ.
उसे लग रहा था कि उसके मरियल लंड के पानी से उसकी बीवी प्रेग्नेंट हो गई है.
उसके बाद मैं उसे चार महीने तक जब भी उसका शौहर घर पर नहीं होता, उसे नियमित रूप से चोदता रहा.
उसको नौ महीने बाद एक बेटा पैदा हुआ.
उसके बाद वह फिर से मेरे लौड़े से चुदने आने लगी.
इस तरह से मैंने उसे 3 साल तक चोदा.
मेरे लंड से उसको और 2 बेटे हुए.
अब मैं बंगलोर से दिल्ली आ गया हूँ और यहीं जॉब करता हूँ.
उसका शौहर फिलहाल बिहार चला गया है.
लॉकडाउन के समय में उसका काम छूट गया था, तो वह अभी भी बेरोज़गार घूम रहा है.
पिछले महीने सकीना मुझे फोन करके बोल रही थी कि मैं उसके शौहर के लिए दिल्ली में जॉब देख लूँ.
उसे चोदने की नीयत से मैंने इधर दिल्ली में तौफीक के लिए जॉब ढूँढ ली है.
यह जॉब नाइट शिफ्ट वाली है.
मैंने जानबूझ कर उसके लिए यह जॉब पक्की की है ताकि सकीना मेरे लौड़े से चुदने आ सके.
अगले हफ्ते वह अपने शौहर के साथ दिल्ली आ जाएगी.
वह नाइट ड्यूटी जाएगा और मैं उसकी बीवी को चोदूंगा.
सकीना की चूत चोदने के बाद मुझे किसी और लड़की की चूत पसंद ही नहीं आती है.
शायद मेरे लंड में भी कुछ खासियत है कि जो लड़की एक बार मेरा लंड ले लेती है, वह बार बार मेरे लंड से चुदने की बात कहती है.
लड़कियों को इस बात पर यदि भरोसा न हो, तो वे मुझे एक बार मौका देकर इस बात को समझ सकती हैं कि मैं कोरी गप्प नहीं हांक रहा हूँ.
मैंने भी तय कर लिया है कि मैं उसी लड़की से शादी करूंगा तो सकीना जैसी माल लड़की हो और मेरे लंड पर कलाबाजी खा सके.