दोस्तो, मेरा नाम देव है और मैं नागपुर का रहने वाला हूँ.
मैं और मेरी जीएफ करीब साल भर से एक साथ हैं. मेरी जीएफ का नाम रश्मि है.
हम दोनों ने बहुत बार एक साथ सेक्स किया है.
यह सेक्स कहानी तब की है, जब मेरी जीएफ ने मुझे अपने घर पर बुलाया था.
उन दिनों उसकी शादीशुदा दीदी घर आई हुई थीं.
दीदी का नाम प्रिया था.
प्रिया दीदी की उम्र 29 साल थी और वे दिखने में काफ़ी हॉट थीं.
उनका फिगर 34-30-36 का रहा होगा.
उनके मम्मे देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.
रश्मि ने मुझे अपनी प्रिया दीदी से परिचय कराया.
वह अपनी दीदी से काफी खुली हुई थी और शायद उसने उन्हें बता दिया था कि मैं उसका ब्वॉयफ्रेंड हूँ.
हम तीनों बैठ कर बातें कर रहे थे व हंसी मज़ाक कर रहे थे.
इस बीच रश्मि ने मुझे बताया- हमारे घर के सब लोग कुछ दिन के लिए बाहर जा रहे हैं. उन दिनों प्रिया दीदी ही यहां अकेली रहेंगी. तुम दीदी का ध्यान रखना!
यह सुनकर मुझे ऐसा लगा मानो मेरी लॉटरी लग गयी हो.
न जाने क्यों अपनी गर्ल फ्रेंड की दीदी को चोदने की कामना ने मेरे मन में उत्तेजना भर दी थी.
जबकि अभी उसकी दीदी से ऐसा कुछ भी नहीं जमा था कि वे मेरे लौड़े के नीचे आ ही जाएंगी.
दूसरे दिन सुबह सुबह रश्मि और उसके मम्मी पापा घर से निकल गए.
अब घर में सिर्फ़ उसकी दीदी और मैं रह गए थे.
हम दोनों अन्दर आकर सोफे पर बैठ गए.
प्रिया दीदी मुझसे कहने लगीं- रश्मि ने मुझे तुम्हारे बारे में बहुत कुछ बताया है.
मैं जरा शर्मीला किस्म का हूँ. यह जानती हुई वह मुझे छेड़ रही थीं.
उनका एक छोटा बेटा भी था, जो एक साल का था.
वह उस बीच रोने लगा.
प्रिया दीदी ने कहा- लगता है मुन्ना को भूख लग आयी है.
यह बोल कर प्रिया दीदी ने मेरे सामने ही अपने ब्लाउज को ऊपर किया और अपनी एक चूची निकाल कर मुन्ना के मुँह में देकर उसे दूध पिलाने लगीं.
मैंने जैसे ही दीदी की चूची को और उनके गुलाबी निप्पल को देखा, मेरा लंड एकदम से टाइट होने लगा.
प्रिया दीदी के मम्मे देख कर मुझे ऐसा लगने लगा कि अभी ही झपट कर दीदी की चूत चोद दूँ.
वे मुझे अपने दूध देखते हुए कुछ समझ गई थीं.
वे अपने निप्पल को अपनी दो उंगलियों में लेकर अपने बेटे के मुँह में देती हुई बोलीं- क्या हो गया … क्या देख रहे हो?
मैं घबरा कर बोला- कुछ नहीं.
वे मेरे सामने अपने दूध चुसवाती रहीं और मैं भी उनकी चूची को देखता रहा.
थोड़ी देर तक हम दोनों ऐसे ही बात करते रहे.
कुछ देर में मुन्ना फिर से सो गया.
प्रिया दीदी अपने बेटे को बिस्तर पर लिटा कर आईं और मेरे बगल में आकर बैठ गईं.
वे बोलीं- इधर मुन्ना को सोने देते हैं. हम दोनों बेडरूम में चलते हैं.
हम दोनों वहां जाकर बैठ गए और बात करने लगे.
बातें करती हुई प्रिया दीदी बोलने लगीं कि बच्चा करना भी कितना मुश्क़िल का काम है!
मैंने पूछा- क्यों?
उन्होंने अपने मम्मों की तरफ देख कर कहा- तुम नहीं समझोगे.
मैं भी उत्तेजित होकर बोला- अरे आप बताइए तो … मुझे अपना दोस्त ही समझिए!
यह सुन कर वे बोलने लगीं- ये सिर्फ़ औरतों की बातें होती हैं. मैं तुमसे नहीं कह सकती. तुमको कुछ समझ नहीं आएगा.
मैंने भी बोल दिया- मुझे सब पता है. आप बताइए तो!
यह सुन कर दीदी स्माइल देती हुई बोलीं- यह मुन्ना अच्छे से दूध नहीं पीता है. इसकी वजह से मेरे अन्दर दूध भरा रह जाता है और निपल्स टाइट हो जाते हैं. इसी वजह से मेरे बूब्स में बहुत दर्द होता है.
यह सुन कर मैं एकदम से लाल ही हो गया.
मेरे चेहरे पर वासना की लालिमा झलकने लगी.
प्रिया दीदी- क्या हो गया, ऐसे लाल क्यों हो रहे हो … मैंने कहा था ना कि ये औरतों की बात होती है.
मैं- अरे नहीं ऐसी कोई बात नहीं है.
प्रिया दीदी- अभी देखो पूरे निप्पल दर्द दे रहे हैं. कभी कभी तो मुन्ना अच्छे से पी लेता है तो आराम रहता है, वरना दर्द सहन करना पड़ता है.
मैं- तो फिर आप अपने निप्पलों को सही करने के लिए क्या करती हैं?
प्रिया दीदी- क्या करूँ … बस इंतज़ार करती हूँ कि मुन्ना उठ कर पिए तो दर्द सही हो … वरना और किसको पिलाएं … तुम पियोगे क्या?
मैं यह सुन कर तो पागल ही हो गया कि यह दीदी ने क्या कह दिया.
मैंने झट से बोल दिया- हां, मैं आपका दर्द मिटाने के लिए पी लूँगा.
यह सुन कर प्रिया दीदी मुस्कुरा कर बोलीं- लो, तो पी लो.
यह सुनते ही मैंने प्रिया दीदी के ब्लाउज को खोल दिया और उनके मम्मों को धीरे धीरे से दबाने लगा और उनकी एक चूची को अपने मुँह से चूसने लगा.
दीदी ने अपना हाथ मेरे सर पर रख दिया और मुझे अपने मम्मों में घुसा लिया.
मेरा लंड पैंट में पूरा टेंट जैसा तन गया था.
मैं किसी बच्चे के जैसे ही दीदी का दूध पी रहा था.
साथ ही मैं उनके दूसरे मम्मे को दबा भी रहा था.
दीदी के गोरे गोरे मम्मे दबाने में ही मेरा लंड गीला होने लगा था.
प्रिया- उंह आह श्स्स आराम से पियो न … कहीं नहीं जा रही हूँ मैं!
मैं यह सुन कर और तेजी से दीदी के मम्मे दबाने लगा और कुछ ही समय में मैंने दीदी का पूरा मीठा दूध पी लिया.
प्रिया- कैसा लगा मेरा दूध पीने में?
मैं- बहुत अच्छा था यार … मेरा बस चले तो मैं रोज ही आपके बूब्स पीने आ जाऊं.
यह सुनते ही प्रिया दीदी ने मुझे अपने ऊपर ले लिया और मुझे चूमना शुरू कर दिया.
मैं भी प्रिया दीदी का साथ देने लगा और उनके मम्मों को दबाने लगा.
वे कामुक सिसकारियां लेती हुई मुझसे अपने मम्मे दबवा रही थीं और मुझे चूम रही थीं.
कुछ ही देर बाद दीदी ने मेरे सारे कपड़े उतार कर एक तरफ फेंक दिए.
मैंने भी दीदी की साड़ी उतार कर फेंक दी.
GF सिस्टर सेक्स में जल्द ही मैंने दीदी को नंगी कर दिया.
दीदी की गुलाबी चिकनी चूत देख कर मैंने तुरन्त अपनी उंगली उनकी चूत में घुसेड़ दी.
पहले एक उंगली पेली, फिर दो, फिर तीन उंगलियां पेल दीं.
तीसरी उंगली में वे कराहने लगीं और आवाज़ें निकालने लगीं- आहह उःम्म्म .. आ आह आ सस्स्स ब्सस्स … और मत तड़फाओ आह.
मैं प्रिया दीदी की चूत में उंगली किए जा रहा था और दीदी भी मेरा साथ दे रही थीं.
प्रिया- ऊह जानू … आज चोद डालोगे क्या मुझे!
मैं- आपकी चूत पाने की हवस तो मुझे कितनी देर से है … मस्त मौका मिला है दीदी … आज चोद ही लेने दो.
प्रिया दीदी- काश तुम पहले मिल जाते, तो अब तक कभी का चुदवा लेती.
मैं और तेज तेज उंगली करने लगा और उनकी चिकनी जांघों के बीच में आकर उनकी चूत की चटाई करने लगा.
उनकी चूत का नमकीन पानी पीने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
प्रिया- आह आह आज पहली बार किसी ने मेरी चूत चाटी है … तेरे जीजा जी को तो चूत चाटने में कोई इन्टरेस्ट ही नहीं है.
यह सुन कर मैं और अन्दर तक अपनी जीभ पेल कर रस चाटने लगा.
कुछ मिनट तक चूत चाटने के बाद दीदी ने अपना माल मेरे मुँह में छोड़ दिया.
प्रिया दीदी- आह आज तक कभी इतना मज़ा नहीं आया झड़ने में … जितना आज आया है.
दीदी अपनी गांड मेरी तरफ करके बोलीं- अब इसका भी कुछ कर दो. इस छेद की खुदाई भी आज तक नहीं हुई है.
प्रिया दीदी डॉगी जैसे बन कर बैठ गयी थीं.
मैं अपना लंड उनकी गांड के मुँह पर रख कर झटका लगाने लगा.
दीदी की गांड बहुत टाइट थी, मेरा लंड अन्दर घुस ही नहीं रहा था.
फिर दीदी ने मेरे लंड में तेल लगा कर कहा- अब घुसाओ.
मैंने भी उनकी गांड के मुँह पर थूक टपकाया और उंगली से गांड ढीली की.
उंगली घुसवाते ही दीदी सिसकारने लगीं और बोलीं- आह उम्म आज ही सारे सुख दे दोगे क्या … अब पेल भी दो!
मैंने दीदी की गांड में अपना लंड रख कर सैट किया और दो झटके मार कर लंड पेल दिया.
मेरे लंड का सुपारा दीदी की गांड में घुस गया था.
वे दर्द से चिल्लाने लगीं- आह फटी गई … रहने दो … बाहर निकाल लो.
पर अब क्या होने वाला था. मेरा पूरा लंड अन्दर घुस गया.
मैं उनकी गांड की खुदाई करने लगा.
प्रिया दीदी- आज जाकर मेरी गांड फाड़ी किसी ने!
मैं प्रिया दीदी की बड़ी गांड को तेज तेज चोदने लगा.
वे भी मेरा साथ देने लगीं और करीब दस मिनट तक उनकी गांड में धक्के लगाने के बाद में दीदी की गांड में ही झड़ गया.
झड़ने के बाद भी मेरा लंड शांत नहीं हुआ था.
मैंने दीदी की गांड से लंड निकालने के बाद उनको सीधा लेटा दिया और उनकी फ़ुद्दी पर लंड रख कर बोला कि आज मुझे मेरे लंड को आपकी चूत का सुख भी मिलेगा.
वे हंस कर बोलीं- हां क्यों नहीं. पेल दो.
मैंने अपना लंड दीदी की चूत में जैसे ही रखा, वे खुद अपनी गांड हिला कर मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगीं.
दीदी गाली देती हुई बोलने लगीं- आह मादरचोद … मेरी चूत फाड़ कर इसका भोसड़ा बना दो.
मैं दीदी की चूत में लंड पेल कर तृप्त हो गया.
इतनी गर्म गर्म चूत तो रश्मि की भी नहीं थी, जितनी उसकी शादीशुदा बहन की चूत थी.
दीदी की चूत की गर्मी पाकर मेरे लंड में कड़ापन आने लगा और मैं तेज तेज झटके लगाने लगा.
प्रिया दीदी की चूत में मेरा लंड अन्दर तक आ जा रहा था और मैं उनके दोनों मम्मे पकड़ कर मसल रहा था.
एक मिनट बाद मैं अपनी कमर पर हाथ रख कर दीदी की चूत को बजाने लगा.
दीदी कहने लगीं- आह साले … दोनों हाथ छोड़ कर साइकिल चला रहा है भोसड़ी के … मेरे दूध क्या तेरी माशूका मसलेगी!
दीदी अपने मम्मे खुद दबा रही थीं.
सच में दोस्तो, शादीशुदा औरत की चुदाई का सुख कुछ और ही है.
करीब दस मिनट तक लगातार चुदाई करने के बाद प्रिया दीदी की चूत झड़ गयी और उन्होंने मुझे कसके जकड़ लिया.
थोड़ी देर तक चोदने के बाद जब मैं झड़ने वाला था, तो मैंने लंड रोक कर पूछा- बताओ जान, कहां झाड़ूँ?
उन्होंने कहा- मेरी चूत के अन्दर निकाल दो.
मैंने दो टीन झटके मारे और मेरी पिचकारी निकल गयी.
मैं दीदी के नंगे शरीर से लिपट गया और उनको चूमते हुए ही चूत में लंड घुसेड़ कर झड़ने लगा.
फिर हम दोनों सो गए.
कुछ देर बाद उठे और बाथरूम में नहाने घुस गए.
उस वक्त भी प्रिया दीदी ने मुझे ब्लो जॉब दिया और मेरे लंड को निचोड़ लिया.
फिर जब रात में हम दोनों बैठे तो उसने मुझसे पूछा कि तुम क्या कह रहे थे कि मुझे चोदना चाहते थे. क्या चक्कर है … अब तुम्हारा रश्मि में मन नहीं लगता है क्या?
मैंने कहा- नहीं यार दीदी, ऐसी कोई बात नहीं … पर आपके आगे रश्मि क्या … इस दुनिया की सारी लड़कियां फेल हैं. मैंने तो आपको इमॅजिन करके न जाने कितनी बार मुठ मारी है और न जाने कितनी बार रश्मि को पेला है.
प्रिया दीदी- चलो अब मुठ मरने की ज़रूरत नहीं. अब जब मन चाहे, तुम आकर मुझे चोद लेना. अब यूं समझना कि मैं तुम्हारी रखैल हूँ … जितना चाहो चोद लेना पर हां मेरी ज़रूरत भी पूरी करनी पड़ेगी.
मैंने हामी भर दी.
फिर उसके बाद हम दोनों ने काफ़ी चुदाई की.
अभी कल ही हम दोनों ने बहुत देर तक चुदाई की.
जबसे प्रिया दीदी ने मुझसे चुदवाना शुरू किया है, मेरी सेक्स लाइफ में तो चार चाँद लग गए हैं.
दो बार तो प्रिया दीदी मेरे लौड़े से चुदवा कर प्रेग्नेंट भी हो चुकी हैं. अब मेरी वजह से उन्हें पिल्स भी लेनी पड़ती है.
रश्मि को भी मालूम चल चुका है कि मैं उसकी दीदी को चोदता हूँ.
एक दिन दीदी चुदती हुई कह रही थीं- रश्मि को मेरे साथ लिटा कर चोदो.