Thursday, November 21, 2024
Hindi Midnight Stories

बदनाम गली में नए बॉयफ्रेंड से चूत चुदवाई

मेरा नाम नीलिमा है. पर लोग मुझे नीलू कहते हैं और मैं 25 साल की हूँ.

दिखने में मैं गोरी-चिट्टी, सुडौल फिगर वाली लड़की हूँ.
मेरी फिगर की साइज 34-30-38 की है और कद 5 फिट 7 इंच का है.

यह बात पिछले साल अक्टूबर की है, जब मैं दशहरा में दिल्ली से अपने घर छत्तीसगढ़ आ गई थी. इस बार मैं इधर लंबे समय तक रहने के लिए आई थी.

मैं दशहरा के दिनों में अपनी पड़ोस की बस्ती की एक सहेली काजल के घर कुछ ज्यादा ही आना-जाना करने लगी थी.

तब से उसी बस्ती का एक लड़का मुझे लाइन मारने लगा था.
उसका नाम विलास है और वह उम्र में भी मुझसे बड़ा था.

वैसे तो विलास दिखने में उतना हैंडसम बंदा नहीं है पर विलास और काजल एक ही बस्ती के थे और एक दूसरे को जानते भी थे.

काजल ने ही मेरी सैटिंग विलास से करवा दी थी.

मैं कुछ दिनों तब विलास से कॉल पर बात करती रही.
विलास मेरे साथ सेक्सी बातें ही किया करता था.
मुझे भी उस तरह की गंदा सेक्स करने की बात करने में बड़ा मज़ा आता था.

मैं इतना तो समझ गई थी कि विलास मुझे चोदना चहता था.
पर मैं खुद ही विलास को मना कर देती थी.

विलास अक्सर मुझे सार्वजनिक स्थान पर आने के लिए कहता था जो मुझे सुरक्षित नहीं लगता था.

फिर विलास ने एक दिन मुझे एक वीडियो भेजा.
उस वीडियो में विलास अपने काले लंड से खेल रहा था.

विलास का लंड भी कोई सामान्य आकार का नहीं था, एकदम मस्त मोटा–लंबा लंड था.

ऐसा लंड तो मेरे दिल्ली वाले बॉयफ्रेंड का भी नहीं था इसलिए अब मैं भी विलास से चुदवाने के लिए कहीं भी आने के लिए तैयार हो गई थी.

लेकिन मेरी किस्मत अच्छी थी कि मेरे घरवालों ने नवंबर में गोवा जाने की बात छेड़ दी और मैंने विलास को कुछ दिन इंतज़ार करने के लिए कहा.
लेकिन विलास था कि मान ही नहीं रहा था.

दीवाली की शाम विलास मुझे मेरे घर के पीछे वाली कंडोम गली में बुलाया जिस गली में लोग चोदा–चोदी करते थे और अपना इस्तेमाल किया हुआ कंडोम फेंक देते थे.
इसीलिए उस गली का नाम कंडोम गली पड़ गया था.

सच कहूँ तो मैं उस गली से कभी गुज़री भी नहीं थी.
लेकिन गंदा सेक्स करने, लंड खाने के लिए मैं उस बदनाम गली में जाने के लिए तैयार थी.

उस दिन मैं घर से यह बोल कर निकली थी कि मैं सहेली के घर जा रही हूँ और इसीलिए मैं हीरोइन बन के घर से निकली थी.

मैंने एक टाइट फिटिंग वाला टॉप और स्कर्ट पहनी थी.

जब मैं उस कंडोम गली में पहुंची तो विलास पहले से मेरा इंतज़ार कर रहा था.

विलास मुझे देख मुस्कुराते हुए बोला- एकदम माल लग रही हो नीलू रानी!
मैं भी मुस्कुराती हुई विलास से बोली- अच्छा, मैं तुम्हें माल लगती हूँ क्या?

विलास ने कोई जबाव न देते हुए सीधा मुझे अपनी बांहों में खींच लिया, जिससे मेरी चूचियां विलास के सीने से लग कर दब गईं और विलास मेरे रसीली होंठों को चूमने लगा.

विलास मुझसे बोला- माल तो तुम हो ही नीलू … इसी लिए तो तुम्हारे पीछे पड़ा हुआ हूँ.
मैं भी मुस्कुराती हुई बोली- वैसे यहां कोई आएगा तो नहीं?

अब मेरे बदमाश विलास ने मुझसे कहा- कोई आएगा तो उसे भी शामिल कर लेंगे.

मैं विलास की बात को सुन कर उसके छाती पर अपने हाथों से मारने लगी.
विलास ने हंस कर मुझे रोक लिया और मेरे एक हाथ को पकड़ कर अपनी पतलून में खड़े लंड पर रखवा दिया.

उफ्फ्फ … विलास के लंड को पकड़ते ही मेरी उत्तेजना जग गई थी.
मैं विलास की आंखों में आंखें डाल कर देख रही थी.

तभी विलास ने अपना मुँह आगे बढ़ा दिया.
मैंने भी अपना मुँह आगे बढ़ाया और हमारे होंठ एक दूसरे से सट गए.

हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे.
उफ्फ्फ … विलास तो मुझे चूमते हुए मेरे चूतड़ों को दबाए जा रहा था.

अब तक जितनी बार भी मैंने चूमाचाटी की है, मुझे हर बार पहली बार जैसा अहसास होने लगता है.
इसलिए मैं कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो जाती हूँ और शर्म लाज भुला कर मैं बिंदास रंडी सी हो जाती हूँ.

उधर विलास भी मेरे होंठों को चूमते हुए मेरे मुँह में अपनी जीभ को भी डालने लगा था.
उसने मेरे चूतड़ों को दबाते हुए मेरी स्कर्ट को पीछे से उठा रखा था.

वह मेरी पैंटी में हाथ डाल कर मेरे चूतड़ों की दरार में अपनी उंगली से सहला रहा था.

‘ईईस्स्स … उउह्ह्ह’ मुझे बेहद मज़ा आ रहा था.
मैंने भी विलास की पतलून से उसके लंड को बाहर निकाल लिया और हिलाने लगी.

विलास ने मेरे होंठों से अपने होंठ अलग कर दिए और मुझे नीचे झुकाने लगा.
मैं झुक गई और तब विलास का बौखलाया हुआ लंड मेरे मुँह के सामने था.

विलास मुझसे कहने लगा- लो अब चूसो नीलू … जैसे तुम मुझसे बोला करती थीं!
मैं मुस्कुराती हुई विलास से बोली- लंड चूसना तो ठीक है … पर चुसवाने के चक्कर में कहीं तुम्हारा रस निकल न जाए!

विलास खुद भी बौखलाया हुआ था इसलिए उसने मेरी मुंडी पकड़ कर मेरे मुँह में अपना तनतनाता हुए लंड ठूंस दिया.
मैं भी मस्ती से विलास के लंड को चूसने लगी.

‘ईईस्स्स …’ मन तो कर रहा था कि लंड चूसती ही रहूँ.

विलास भी मेरी चोटी पकड़ कर मेरे मुँह में अपना लंड आगे-पीछे करते हुए पेल रहा था और सिसक भी रहा था.

मैं ‘गल्प गल्प आहहह …’ करती हुई लंड चूस रही थी.

जल्द ही मैंने विलास के लंड को चूस चूस कर अपनी लार से लथपथ कर दिया.

विलास बोलने लगा- ईईस्स्स … नीलू, लंड तो तू बहुत मस्त चूसती है रे … चल अब मेरे आंड भी चाट ले साली रांड.

तो मैं मुस्कुराती हुई बोली- अच्छा, मैं रांड भी हो गई हूँ साले कमीने … लंड चुसवाने का मजा ले रहा है … चल अब अपना लंड ऊपर उठा … मैं तेरे आंड भी चाट लेती हूँ.

विलास ने अपना लंड पकड़ कर ऊपर उठा दिया.
उसके चिकने आंड मेरे सामने आ गए थे.
बड़े बड़े आंवले से आंड थे जो मस्त झूल रहे थे.

मैं उसके झूलते हुए आंडों में से एक आंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
विलास मज़े लेता हुआ ‘ईईस्स्स्स … आहहह … करने लगा था.

जितना मज़ा विलास को आ रहा था, उतना ही मज़ा मुझे विलास के आंडों को चूसने चाटने में आ रहा था.

यह सब मैंने विलास से कॉल पर बोला था इसीलिए विलास मुझसे ये सब करवा रहा था.

मुझे भी विलास के आंड को चूस चाट कर बहुत मज़ा आ रहा था.

करीब पाँच मिनट तक मैं विलास के आंडों को चूसती रही और अपनी लार से उसके आंडों को चिपचिपा कर दिया था.

अब विलास ने मुझे ड्यूरेक्स का कंडोम पकड़ा दिया.
मैंने विलास के खड़े लंड में कंडोम पहना दिया.

विलास ने मुझे खड़ा करते हुए सामने दीवार की तरफ झुकाया और मेरी स्कर्ट ऊपर करते हुए मेरी पैंटी को पूरा उतार दिया.

विलास पीछे से मेरे चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से फैलाए हुए था तो उसको मेरी गांड का खुला हुआ छेद दिख गया था.

विलास- ईईस्स्स्स … साली रंडी तू तो अपनी गांड भी मरवा चुकी है … तभी मैं सोचूँ कि तेरी गांड इतनी गदराई हुई क्यों है!
मैं मुस्कुराती हुई बोली- तो क्या तुम्हें गदराई गांड वाली पसंद नहीं है क्या?

विलास- तेरी गांड जितनी बड़ी है न … उतना ही मस्त है. आज गांड चाटे बिना मज़ा नहीं आएगा.

ये बोलते ही विलास ने अपना मुँह मेरी गांड में लगा दिया.
मेरी आह निकल गई ईईस्स्स्स … उउह्ह्ह!

वह एकदम से छेद में जीभ की नोक लगा कर चाटने लगा.

विलास मेरी गांड चाटते हुए बोला- ईईस्स्स्स … लगता है गांड के छेद में लक्स साबुन रगड़ रगड़ कर लगाती हो!
मैं अपनी गांड चटवाती हुई बोली- ईईस्स … उउह्ह्ह … तुम गांड चाट रहे हो या साबुन सूंघ रहे हो?

विलास गांड चाटते हुए बोला- तेरी गांड की खुशबू सूंघ कर चाट रहा हूँ … ईईस्स … बहनचोदी.

वह मेरी गांड चाटने के साथ मेरी बुर को भी चाटने लगा.
उफ्फ … आहहह …
मेरी गांड के साथ उसने मेरी फुदी को भी गीला कर दिया था.

फिर विलास ने मेरी बुर में थूका और खड़ा हो गया.
उसने मेरी बुर में अपना मोटा लंड रगड़ते हुए उसे मेरी बुर में एक झटके से पेल दिया.

मेरी चीख निकली- आह्ह … आह मर गई.
उसने बिना कुछ सुने मुझे चोदना शुरू कर दिया.

विलास का लंड मोटा था, इसलिए मेरी बुर को वह पूरी खोल कर चोद रहा था.
मैं बस जकड़ी हुई कुतिया की तरह ‘आह्ह … आह्ह …’ करती हुई कराह रही थी.

विलास मुझे चोदते हुए बोला- आहह … नीलू मेरी जान तुझको मज़ा आ रहा न?
मैं भी विलास से बोलने लगी- आह्ह्ह … ईईस्स … बहुत मज़ा आ रहा है आह्ह.

विलास मेरी बुर चोदते हुए मस्ती करने लगा. उसने उसी दौरान मेरी गांड के छेद में अपना अंगूठा घुसा दिया. उसने दूसरे हाथ से मेरी चोटी को खींच कर पकड़ रखा था.

अब विलास मुझे ज़ोर ज़ोर से ताबड़तोड़ धक्के भी लगा रहा था और मैं बस बिलबिलाती हुई मादक आवाजें निकाल रही थी- आह्ह्ह … आह्ह … ईईस्स्स!

मैं चुदते हुए कराह रही थी और सिसक भी रही थी.
विलास मुझे चोदते हुए रुका और उसने मुझे अपनी तरफ घुमा लिया.

उसने मेरे टॉप को ऊपर उठाया और मेरी ब्रा से मेरी चूचियों को बाहर निकाल कर मेरे मम्मों को चूसने चाटने लगा.

ईईस्स्स … उफ्फ … अब तो और ज्यादा मजा आने लगा था. विलास मेरी चूचियों को चूस भी रहा था.
वह पूरा मुँह खोल कर मेरी चूचियों को अपनी लार से गीला करते हुए लथपथ कर रहा था.

कुछ देर बाद विलास ने मेरी एक टांग को उठाया और फिर से मेरी फुदी में लंड घुसेड़ा और ज़ोर ज़ोर से नीचे से ऊपर धक्के देते हुए चोदने लगा.

मैं फिर से ‘आह्ह … आह्ह …’ करने लगी.
विलास को और मज़ा आने लगा.

इसी लिए विलास ने मेरी दूसरी टांग को भी उठा लिया और अपने ऊपर झूला झुलाने लगा.

मैं विलास को अपनी बांहों में भर कर पकड़े हुई थी.

विलास मुझे नीचे से ऊपर चोदने लगा.
आह्ह … आह्ह … ईईस्स …

विलास हट्टा कट्टा था और कद में भी लंबा मर्द था. इसलिए वह मुझे उठा कर चोद रहा था.

उफ्फ्फ … ईईस्स …

विलास तो मेरी हालत ही ख़राब किए दे रहा था.

कुछ देर बाद विलास ने मुझसे दोनों पैरों को अपनी कमर से लपेटने के लिए कहा.
मैंने अपने पैरों से विलास की कमर को जकड़ लिया.

अब मैं भी विलास के लंड पर उछल उछल कर चुदवाने लगी.

ईईस्स्स … उफ्फ्फ … पूरा मज़ा आ रहा था.

ऊपर से विलास मेरे चूतड़ों को थप्पड़ पर थप्पड़ मारे जा रहा था.
चट …चट …

मैं आह्ह्ह … आह्ह … किए जा रही थी.
फिर विलास मुझे अपनी बाइक केटीएम के पास लेकर गया.

वह मुझे अपनी केटीएम बाइक की सीट पर लेटा कर मेरी दोनों टांगों को फैला कर पूरा जड़ तक लंड पेल कर धक्के देते हुए मुझे चोदने लगा.

मैं बस ‘आई ईई … आह्ह्ह … आह्ह्ह …’ करती हुई कराहने लगी थी.

कुछ ही देर बाद रफ्तार बढ़ गई और विलास के आंड मेरी गांड से लग कर थप … थप … की आवाज़ करने लगे थे.

मैं विलास से बोलने लगी- आह्ह्ह … आह्ह्ह … बस विलास अब बस करो.
विलास- आह रुक जा बस थोड़ी देर और थोड़ी देर आह मजा आ रहा है रंडी तुझे चोदने में ईईस्स्स!

तभी विलास ने मेरी एक टांग छोड़ते हुए अपने लंड को मेरी फुदी से निकाला और उसने झटके से कंडोम को निकाल कर मेरी एक चूची पर लगा दिया.
उसी वक्त उसने अपने गर्म लच्छेदार मुठ से मेरी चूत और झाँटों को नहला दिया.

उफ्फ … ईईस्स्स …

ऐसा सिर्फ एक बार नहीं हुआ था बल्कि उसके बाद मैंने विलास से दो बार और चुत चुदवाई थी.
वह भी उसी कंडोम गली में.

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