Thursday, November 21, 2024
Hindi Midnight Stories

बस में मिली खूबसूरत भाभी की चूत

मेरा नाम राज मल्होत्रा है।

सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूँ!
मैं चेन्नई में रहता हूँ, मेरी उम्र 22 साल है पर दिखने में मैं 26 या 27 का मज़बूत और आकर्षक आदमी लगता हूँ।
मेरी लंबाई 5’11” है और मेरे लण्ड का आकार 7 इंच लंबा और 2.7 इंच मोटा है।

ज़्यादा समय ना बर्बाद करते हुए मैं सीधे चुदाई की दास्तां पर आता हूँ।

मैं क्रिसमस की छुट्टी की वजह से अपने घर दिल्ली जा रहा था।
दिल्ली जाने वाली बस रात को 9 बजे की थी।
मैं 9 बजे बस स्टैंड पहुंच गया और बस में चढ़ के अपनी सीट पर बैठ गया।

कुछ देर बाद बस में एक खूबसूरत महिला का आगमन हुआ।
उसकी उम्र लगभग 30 साल होगी और क्या फिगर था … उसका!
सोच के ही लण्ड खड़ा हो जाता है।

वह अपनी सीट ढूंढते हुए मेरे पास आ के बोली– हैलो!
मैं– जी कहिए!
महिला– आपकी बगल वाली सीट मेरी है, आप जरा जगह देंगे मुझे!
मैं– जी जाइए!

फिर वह अपने सीट पर बैठ गई और मैं अपनी सीट पर!
वैसे ही कुछ घंटे बीत गए।

फिर मैंने देखा कि बस में सारे लोग सो रहे थे और वह महिला भी।

पता नहीं मेरे दिमाग को क्या हुआ परंतु मेरे दिमाग में हवस चढ़ गई।

तब मैं अपने हवस को शांत करने के लिए मोबाइल पर पॉर्न वीडियो देखने लगा।
मैं पॉर्न वीडियो देखते–देखते आस–पास को भूल ही गया था।

मुझे पता ही नहीं चला कि कब वह महिला उठी और कब से मेरे फ़ोन में झांक रही थी।
एकाएक मुझे कुछ तेज सांसें चलने का आभास हुआ।

तब मैंने उस महिला की तरफ देखा तो पता चला कि वह तो मेरे फ़ोन में ही झांक रही है।
मेरी तो हवा टाइट हो गयी, मुझे तो मानो जैसे काटो तो शरीर में खून नहीं।

मुझे लगा कि मैं आज गया!
तो मैं अपने फ़ोन को बंद करके चुपचाप बैठ गया।

फिर उसने हल्की आवाज में मुझसे कहा– मोबाइल क्यूं बंद कर दिया?
मैं यह सुनते ही खुशी से फूला नहीं समा रहा था!

तब मैंने कहा– तुमको पसन्द आया क्या?
वह कुछ भी नहीं बोली, बस हल्की सी हँसी!

फिर मैंने पूछा– तुम्हारा नाम क्या है?
उसने अपना नाम रेशमा बताया।

फिर हम इधर उधर के बात करने लगे और मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया.
तो वह हल्का सा शरमाई और मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दी।

मैं ज्यादा समय न बर्बाद करते हुए उसको चूमने लगा।
उसको चूमते ही सर्दी के मौसम में भी मेरा शरीर मानो तपती भठी‌ जैसा बन गया था।

करीब 15 मिनट तक लगातार चूमने के बाद मैंने उसकी ब्लाउज के ऊपर से ही उसके मोमोज़ को दबाना चालू कर दिया।
वह हल्की–हल्की सिसकारियां लेने लगी।

मैं– अरे कोई सुन लेगा!
रेशमा– आहअह …!

मैंने उसको फिर से चूमना चालू कर दिया।
अब वह मेरे पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी।

फिर मैंने उसकी ब्लाउज खोल दी और उसके 36 के आकार के मोमोज़ मेरे सामने आ गए।
मैं पागलों की तरह उसके चुचियों को चूसने लगा और साथ ही चूचियों को दबाने भी लगा।

करीब 10 मिनट बाद वह बस की सीट से उठकर नीचे बस की फर्श पर बैठ गई।
फिर उसने मेरे पैंट की जीप को खोल के लण्ड को बाहर निकाल लिया।

लंड को देखते ही उसके आँखों में जो चमक आई … वह अकल्पनीय थी!

वह बोली– बहुत खूब मेरे राजा, तेरा तो मस्त लंड है यार!
मैं– हाँ मेरी रानी, चल चूस अब इस लण्ड को! इतने दिनों से तेरे जैसी औरत की ही चाह थी मुझे!

उसने मेरे लण्ड को चूसना चालू कर दिया।
मैं तो मानो जैसे सातवें आसमान में था।

आप समझ सकते हैं कि एक कुँवारा लड़का का पहली बार लण्ड चूसा जाता है तो वह कैसा महसूस करता है।
करीब 15 मिनट तक अपने लंड को चुसवाने के बाद मैं झड़ने वाला था।

तब मैंने उससे कहा– मैं झड़ने वाला हूँ!
तो उसने कहा– मेरे मुंह में ही झड़ जाओ!

तुरंत ही उसने चूसने की गति बढ़ा दी और मैं उसके मुंह मैं ही झड़ गया।
उसने सारा माल एक श्वास में ही गटक लिया।

फिर हम सही से बैठे।

रेशमा– यार तुम्हारे लण्ड को चूस के मजा ही आ गया. पर मुझे इसे अपनी चूत में लेना है!
मैं– हाँ पर बस मैं हम कैसे करेंगे?

रेशमा– एक काम करते हैं … आगे एक होटल आयेगा. वहां उतर के आज वहीं रुकेंगे और सारी रात चुदाई करेंगे!
मैंने उसकी बात में अपनी सहमति जताई और हम अगले स्टॉपेज पर उतर गए।

वहीं पास में एक होटल था।
हमने वहां जाकर एक रूम किराए पर ले लिया।

उसने अपने घर में फोन करके बता दिया कि ‘वह कल आएगी।’
मैंने भी अपने घर में फोन करके कह दिया कि मैं कल आऊंगा!

फिर हम रूम में पहुँचे तो मैंने उसे चूमना चालू कर दिया।
लगभग 15 मिनट हम एक–दूसरे को चूमते रहे।

फिर मैंने उसकी गाल पर एक चूमा दिया और उसकी होंठ को काटा।
उसकी सांसें तेज हो रही थी।

मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और उसकी पेटीकोट और सारी भी निकाल दी।
अब वह सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी।

मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था!
मैंने उसकी चूची को ब्रा के ऊपर से ही मरोड़ना शुरू कर दिया।
वह जोर–जोर से सिसकारियां लेने लगी।

फिर मैंने उसकी ब्रा उतार दी।
क्या मस्त चूचियां थी … उसकी, एकदम सफेद और बीच में तना हुआ निप्पल!

मैं एक को चूसता तो दूसरे को दबाता।
कुछ देर तक चूचियों को दबाने के बाद मैंने उसकी नाभि को चाटना शुरू किया।
वह और भी गर्म हो गयी।

थोड़ी देर तक उसकी नाभि को चाटने के बाद मैं धीरे–धीरे नीचे आया और उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही चाटना शुरू कर दिया।
उसकी चूत की महक से मेरा लण्ड लोहा बन गया था।

फिर मैंने उसकी पैंटी को उतार दिया।
मैं उसकी चूत को देखते ही उसका दीवाना हो गया।

हल्के–हल्के काले रंग के बाल, भूरे रंग की चूत ओर चूत के अंदर गुलाबी रंग!
मैं तो देखते ही पागल हो गया!

मुझसे रहा नहीं गया तो मैं उसकी चूत चाटने के लिए लपका।
वह मेरे सर को अपने चूत मैं दबाने लगी।

फिर उसने मेरी पैंट निकल दी और हम 69 की अवस्था में आ गए।
मैं उसकी चूत चाट रहा था और वह मेरी लण्ड को।

करीब 10 मिनट में वह झड़ गई और मैं भी और हम एक–दूसरे का सारा रस पी लिए।

हालांकि वह झड़ गई थी परंतु मैंने उसकी चूत चाटना बंद नहीं किया तो वह थोड़ी देर में फिर से गर्म हो गई।

रेशमा– राज, अब रहा नहीं जाता, चोद दो मुझे!
मैं– रुको मेरी जान, अभी तो शुरुआत है!

मैं फिर से उसकी चूत को चाटने लगा।

फिर मुझे मस्ती चढ़ी तो मैंने उसे पलट दिया और उसकी गांड को चाटने लगा।
वह एकदम से चिहुंक उठी।

करीब 10 मिनट तक मैं उसकी कभी चूत तो कभी गांड चाटता।
वह फिर से झड़ गई।

मैंने अब मेरे लण्ड को उसके मुंह में दे दिया और वह मज़े से चूसने लगी।
मेरा लंड उसकी लार से सनी चुकी थी।

अब मैंने उसे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया।
फिर उसकी टांगों को ऊपर की और उठा के अपने लण्ड को उसके चूत पर सेट किया।
तब एक जोरदार धक्का दिया तो लण्ड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया।

वह दर्द से चीख उठी तो मैंने उसे चुप करने के लिए उसको चूमना शुरू कर दिया।

कुछ देर बाद जब उसको थोड़ा आराम मिला तो मैं धीरे–धीरे लण्ड को आगे पीछे करने लगा।

वह भी मेरा साथ देना लगी तो मैंने धीरे–धीरे Xxx देसी भाभी की चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी।

कमरे में सिर्फ फच–फच की आवाज गूंजने लगी।

5 मिनट तक ऐसे चोदने के बाद मैंने उसे घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत को चोदने लगा।

लगभग 20 मिनट चुदाई के बाद में उसकी चूत में ही झड़ गया।

उस रात हमने कई बार सेक्स किया और मैंने उस भाभी की गांड भी मारी।

फिर अगली सुबह हमने नंबर एक्सचेंज किये और अपने–अपने घर चले गए

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