मेरा नाम गौतम है।
मैं उत्तर प्रदेश से हूँ.
मेरे लंड की लंबाई 7.5 इंच है।
लड़कियां मरती है मुझ पर!
आज मैं आपको मेरी जीवन की पहली बार चुदाई के बारे में बताऊंगा.
वह भी बुआ की लड़की के साथ!
यह हॉट सेक्स विद वर्जिन सिस्टर कहानी तब की है जब मैं 19 साल का था और बारहवीं कक्षा में था.
गर्मी की छुट्टी चल रही थी।
मेरी एक बुआ की लड़की है जिसका नाम सोनम है।
उसका फिगर 32 28 32 है।
दिखने में एक नंबर की माल और पूरी गोरी है!
वह गर्मी की छुट्टी में हमारे घर घूमने आई थी।
हम दोनों की बहुत बनती थी।
हम एक–दूसरे को सारी बातें बताया करते थे।
मैंने उसे कभी भी हवस की नज़र से नहीं देखा था।
परंतु एक रात की बात है एकाएक घर की लाइट चली गई तो हम दोनों छत पर सोने के लिए आ गए।
कुछ देर में बाकी सब घर वाले भी ऊपर छत पर सोने आ गए और वह मेरे साथ सोने आ गई।
हम दोनों ने थोड़े देर तक बात की और फिर हम सोने लगे।
आधी रात में अचानक से मेरी आँख खुली।
तब देखा कि वह टीशर्ट पहनी हुई थी परंतु शायद उसके अंदर कुछ और नहीं पहनी थी जिसकी वज़ह टीशर्ट काफी ऊपर हो गई थी और उसकी कमर पूरी दिख रही थी।
मैंने मजे लेने की सोची और उसकी कमर पर अपना हाथ रख दिया और अपने हाथ को ऊपर से नीचे तक फेर रहा था।
उसने कुछ प्रतिक्रिया नहीं दी।
फिर मैंने उसकी टीशर्ट के अंदर अपना हाथ डाल दिया और उसके स्तनों को दबाने लगा।
तब भी उसने कुछ नहीं किया बस सोती रही।
मैं 10 मिनट तक उसके स्तनों को दबाता रहा तब उसने सिसकारियां लेना शुरू की।
फिर मैंने उसकी जाँघ को रगड़ दिया।
मुझे बहुत मजा आ रहा था, उसके स्तन बहुत ही मुलायम और बड़े–बड़े थे।
फिर मैंने थोड़ा हिम्मत कर के उसके पायजामा में अपना एक हाथ डाल दिया तो वह एकदम से उठ गई।
मैं डर गया और दूसरी तरफ मुंह कर के मैं सोने की नाटक करने लगा।
मुझे डर लग रहा था कि कहीं वह घर वालों से ना बोल दे।
फिर उसने मुझे देखा और वह सो गई।
मैं पूरी रात नहीं सो पाया बस यही सोच रहा था कि कहीं वह घर वालों से ना बोल दे।
क्योंकि मैं रात में सो नहीं पाया तो सुबह में मेरी आँख नहीं खुली।
10 बजे मम्मी ने मुझे उठाया और नाश्ता करने के लिए बोलीं।
कुछ देर बाद जब मैं नीचे खाने आया तो सोनम भी आ के मेरे सामने बैठ के नाश्ता करने लगी।
वह बार–बार मेरी तरफ देखती और हल्की सी मुस्कराती।
मुझे कुछ नहीं समझ में आ रहा था मैं बहुत चिंतित हो गया कि वह बार–बार मुझे देख कर मुस्कुरा क्यूं रही है?
ऐसे ही 2 से 3 दिन बीत गए।
मैं डर के कारण उससे बात नहीं कर पा रहा था।
फिर वह एक दिन मेरे पास आ के बोली– तू बात क्यों कर रहा है मुझसे?
मैंने बोला– कुछ नहीं बस ऐसे ही!
फिर मैं इधर उधर की बात करने लगा।
तब वह बोली– सीधी बात कर, क्या हुआ है?
फिर मैंने उसे बोला– उस रात मैंने तेरे स्तनों पर गलती से हाथ रख दिया था तो मुझे लगा कि तू कहीं गलत ना समझ ले!
तो उसने बोला– मैंने गलत नहीं समझा, कभी–कभी गलती हो जाती है सोते समय!
फिर हम दोनों ने दुबारा बातें करनी शुरू कर दी।
पर मैं रोज उसके स्तनों के बारे में सोच कर मुठ मारा करता था।
बस दिन रात यही सोचा करता था कि कहीं से भी उसकी चूत मिल जाए तो मजा आ जायेगा।
एक दिन मेरे घर वालों को एक शादी में जाना पड़ा।
शादी दूसरे राज्य में थी तो वे लोग तीन दिन से पहले नहीं आने वाले थे।
घर में बस मैं, सोनम और मेरी दादी थी।
मम्मी–पापा ने जाने से पहले बोला– हम लोग तीन तक नहीं है तो घर का ध्यान रखना। साथ ही दादी, दीदी और अपना भी ख्याल रखना। अगर दीदी खाना बना दे तो अच्छा नहीं तो खाना होटल से ले आना।
मैंने हँसते हुए उन्हें अलविदा कहा और चुदाई के बारे में सोचने लगा।
रात को हम दादी को खाना खिला के दोनों टीवी देखते हुए खाना खाने लगे।
उसे हॉलीवुड फिल्में देखने का बहुत शौक था और मुझे भी अच्छी लगती थी।
थोड़ी देर बाद मुझे नींद आने लगी तो मैं पलंग पर सोने आ गया।
रात में मेरी आँख खुली मैंने देखा कि सोनम भी मेरे पास ही सो रही थी।
तो मैंने इसे अच्छा मोका पाया और उसके स्तनों को आज फिर से दबाना शुरू कर दिया।
धीरे-धीरे उसे भी मजा आने लगा और वह सिसकारियां लेने लग गई।
मैं समझ गया कि वह गर्म हो गई है।
फिर मैंने दोबारा हिम्मत करके उसकी पायजामा में अपना हाथ डाल दिया।
तुरंत ही वह उठी और मेरा हाथ पकड़ लिया।
फिर वह बोली– क्या कर रहे हो तुम, हम दोनों भाई–बहन हैं! यह सब ठीक नहीं है!
मैंने उसे बोला– मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो! तुम किसी और से भी तो चुदोगी ही, इसे अच्छा तो मुझसे ही चुद लो।
फिर वह मान गई और बोली– किसी को पता नहीं चलना चाहिए!
मैंने बोला– किसी को पता नहीं चलेगा!
फिर हम दोनों शुरू हो गए और लिप टू लिप चूमा चाटी करने लगे।
वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
मैंने एक हाथ उसकी स्तन पर रखा और उसे दबाने लगा।
धीरे–धीरे हम दोनों ने एक–दूसरे के कपड़े उतार दिये।
उसके स्तन गुलाबी और गोरे थे।
मैं उसके स्तनों को देखते ही उन पर टूट पड़ा और ज़ोर–ज़ोर से चूमने लगा।
वह भी सिसकारियां लेने लगी– मुझे चोदो गौतम … अब नहीं रहा जा रहा!
मैंने तुरंत ही अपना लंड पकड़ा और उसकी गुलाबी चूत पर रख दिया।
मेरा भी पहली बार था और उसका भी!
मैंने लंड को उसकी चूत में डालने की कोशिश की पर वह नहीं गया।
बहुत ही कसी चूत थी!
फिर मैंने एक ज़ोर से धक्का मारा तो लंड का सुपारा उसकी चूत के अंदर चला गया और उसकी चीख निकल गई और वह रोने लगी।
वह रोती हुई मुझसे बोली– इसे निकालो … बहुत दर्द हो रहा है!
मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ अपने होंठ रख दिए और एक बार और जोर का झटका मारा तो पूरा लंड अंदर चला गया।
उसकी चूत से खून निकलेगा पर मुझसे रुका नहीं गया।
मैं उसको चूमता रहा और धीरे-धीरे झटके और तेज करता गया।
अब उसे भी मजा आने लगा और वह पूरा साथ दे रही थी।
वह हॉट सेक्स का मजा लेती हुई सिसकारियां ले रही थी– आह … उउहह … फक मी हार्डर …!
मेरा होने वाला था तो मैंने उसकी चूत से अपना लंड निकाल कर के उसके मुंह में दे दिया और सारा माल उसके मुंह में झाड़ दिया।
फिर मैंने उसे कहा– लंड पर लगे माल को साफ कर दो!
वह अपने जीभ से मेरे लंड साफ करने लगी।
फिर मैं अपनी जीभ उसकी चूत में डाल के चाटने लगा और वह मेरा सर पकड़ कर दबाने लगी।
मैं चूत को और भी जोर से चाटने लगा।
5 मिनट बाद वह झड़ गई और रस उसकी चूत से बाहर निकलने लगा।
मैंने उस रस को पूरा चाट लिया।
फिर दोनों नंगे होकर एक–दूसरे को बांह में चूमते हुए आराम गए।
उस रात हमने 3 बार और सेक्स किया।
हमें बहुत मजा आया और हमने 3 दिन, जब तक वे लोग आ नहीं गए, रोज़ दिन और रात में सेक्स करते।
कुछ दिन बाद वह घर चली गई।
जब भी वह आती है हम हर बार सेक्स करते हैं।