Thursday, November 21, 2024
Hindi Midnight Stories

भाभी की चुदासी बहन की चुदाई

मैं सत्या, वैसे मैं कोई ज्यादा खूबसूरत नहीं हूं, तो अपने बारे में ज्यादा क्या बताना

मैं गुजरात में टेलीकॉम सेक्टर में कुछ ऐसी जॉब करता था जिसके कारण मुझे ज्यादा छुट्टी नहीं मिलती थी.

अपने इस काम के कारण सारा दिन मुझे टेंशन में ही जीना पड़ता था.

मेरे एक दोस्त ने कहा- भाई, एम बी ए कर ले, उसके बाद मैनेजर की पोस्ट मिल जाएगी तो तुम्हारी टेंशन थोड़ी कम हो जाएगी.

उसकी सलाह के बाद मैं भी यही सोच विचार करने लगा कि क्या करूँ … कैसे करूँ, पैसों की भी तंगी थी.

फिर मैंने अपने बड़े भाई को बताया, तो भाई ने कहा- तू इंदौर आ जा, तेरा एमबीए किसी प्राइवेट कॉलेज से करवा दूंगा, तो कॉलेज जाने का भी झंझट नहीं रहेगा.
मुझे अपने भाई की यह बात अच्छी लगी.

मैंने चार दिन की छुट्टी ली और इंदौर पहुंच गया.
घर पहुंच कर पता चला कि भाई की साली भी आई हुई है.
उसका नाम किरण है.

तब मैं किरण से पहली बार मिला था.

भाभी ने बोला- सत्या, तू नहा ले फिर नाश्ता कर ले. बाद में कॉलेज वगैरह जाना क्योंकि पता नहीं कितना टाइम लग जाए.

मैं भाभी की बात मान कर फटाफट नहाया और नाश्ता किया.

फिर भाई के साथ गया तो पता चला कि कॉलेज मेरे भाई के दोस्त का है.

कॉलेज का काम खत्म करने के बाद मैं घर आ गया.
भाई ऑफिस चले गए.

अब मैं आपको भैया की साली किरण के बारे में बता देता हूँ.

मेरी भाभी की छोटी बहन एक खूबसूरत लड़की है, पर थोड़ी मोटी है.
चलते वक्त जब वह अपनी गांड मटका कर चलती है तो गजब का आइटम लगती है.

उसकी सेक्सी गांड को देख कर हर कोई उसको चोदना चाहेगा.
उसके बड़े बड़े दूध, एकदम गोल चेहरा … सच में वह एक मस्त आइटम है.

वैसे किरण शादीशुदा है. उसके 2 बच्चे भी हैं लेकिन उसकी अपने पति के साथ बनती नहीं है क्योंकि उसके पति पीते बहुत हैं.

घर आकर देखा कि किरण नहा रही थी और भाभी पूजा कर रही थी.
बच्चे स्कूल गए हुए थे.

मुझे हाथ धोने थे, तो मैंने बाथरूम के दरवाजा खोला.
किरण बाथरूम में अन्दर थी और उसने दरवाजा लॉक नहीं किया था.
उस वजह से मैंने किरण को नंगी देख लिया.

मैंने पहली बार किसी लड़की को नंगी देखा था तो मेरा लंड खड़ा हो गया.

मैं वापिस आया और सोफे पर बैठ गया.
कुछ देर बाद किरण आई और उसने मुझसे कहा- तूने दरवाजा क्यों खोला?
वह गुस्से से आंख दिखाने लगी.

मेरी फट गई, मैंने उसके सामने हाथ जोड़े और माफी मांग ली.

शाम को भाभी ने कहा- सत्या, बाजार से कुछ सामान लाना है, तो तुम ले आओ.
मेरे भाई के बेटे ने कहा- चाचू, मैं भी चलूंगा आपके साथ!
मैंने कहा- ओके चलो.

किरण बोली- क्या मैं भी चलूँ?
मैंने कहा- हां चलो.

हम सब कार से बाजार चल दिए.
किरण आकर आगे वाली सीट पर बैठ गई.

मैंने गाड़ी स्टार्ट की और हम सब बाजार पहुंच गए.
उधर गाड़ी पार्किंग में लगा कर हम लोग सामान खरीदने लगे.

तभी किरण बोली- तेरी कोई जीएफ है क्या?
मेरी फिर से फट गई, मैंने कहा- नहीं!

वह बोली- तो अभी तक कुछ किया या नहीं?
मैंने ना बोल दिया.

वह बोली- ठीक है, चल आज कुछ करते हैं.

मार्केट से वापस आने के बाद मुझे भाई को लेने जाना था, किरण बोली- मुझे भी चलना है जीजू को लेने!
मैंने कहा- ओके.
भाभी ने भी बोल दिया- हां चली जाओ.

जैसे ही मैंने गाड़ी इंदौर से पीतमपुर के लिए टर्न की, उसने मुझे छेड़ना शुरू कर दिया.
वह कुछ ज्यादा ही चुदासी हो रही थी.

मैंने कहा- क्या हुआ मशीन गर्म हो गई है क्या?

वह हंस दी और उसने मेरे लंड पर हाथ रख दिया.
मैंने कहा- टाइम कम है यदि खड़ा हो गया तो बिठाने की जिम्मेदारी तेरी होगी!

वह हंस दी और बोली- हां सब कुछ मेरी ही जिम्मेदारी है … तेरे जिम्मेदारी कुछ नहीं है?
मैंने कहा- तू नंगी हो जाना बस, तुझे चोद चोद कर ठंडी करने की जिम्मेदारी मेरी है.

वह हंस दी और लंड को पकड़ कर दबाने लगी.

तभी मेरे फोन पर भैया का फोन आया.
मैंने फोन उठाया तो उन्होंने कहा- मुझे आज जरा देर हो जाएगी. तू आराम से लेने आ जाना, मतलब जल्दी नहीं है.
तो मैंने कहा- ठीक है मैं एक घंटे बाद आता हूँ.

भैया ने कह दिया कि मैं फोन कर दूंगा, तब आ जाना.
मैंने उन्हें ओके कह दिया.

अब मैंने भैया की साली की तरफ देखा और उसके एक दूध को मसल कर कहा- चल तेरी नंगी करके लेता हूँ!
वह तो जैसे चुदने को रांड की तरह राजी थी.

फिर मैंने मोबाइल में देखा कि पास में ही एक ओयो होटल है.
मैंने कमरे को बुक किया और होटल के बाहर गाड़ी लगाते हुए कहा- चलो कमरे में चलते हैं?
वह मान गई.

हम दोनों उस होटल के कमरे में आ गए.

वहां रूम में जाते ही उसने मुझे जोर से पकड़ लिया और किस करने लगी.

दो ही मिनट में हमारे शरीर के सारे कपड़े उतर गए.

मेरा लंड देख कर किरण बोली- आज मजा आएगा. काफी बड़ा हथियार है तुम्हारा!

मैंने कहा- क्यों, अभी तक इतना बड़ा लिया नहीं है क्या?
वह हंस दी और लंड को सहलाने लगी.

उसके बाद वह बिस्तर पर चूत फैला कर लेट गई और बोली- मेरी चाटो.
मैंने मना कर दिया.

उसने एक बार तो गुस्से से मेरी तरफ देखा फिर वह हंस कर नीचे आई और मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
उसने कहा- देख मैं तेरे लंड को चूस रही हूँ न … अब तू भी मेरी चाट!

मैंने 69 में आकर उसकी चूत चाटना शुरू की.
पहले तो घिन आने लगी, फिर चाट ली.

उसके बाद वह बोली- अब आओ और जल्दी से नीचे डालो, ज्यादा टाइम नहीं है.
मैंने जैसे ही लंड डाला, उसकी चीख निकल गई.

मेरा लंड काफी बड़ा है.

पंद्रह मिनट तक धकापेल चोदने के बाद मेरा पानी निकल गया.
उतने में उसका भी 2 बार पानी निकल गया था.

उसके बाद हम दोनों ने कपड़े पहने और निकल गए.

रास्ते में उसने गाड़ी चलाते टाइम मेरे लंड की मुठ मारी और लंड को मुँह में लेकर सारा पानी भी पी गई.

आते टाइम गाड़ी भाई चला रहे थे और किरण पीछे बैठी थी.

दूसरे दिन मैंने कहा- मैं शॉपिंग करने जा रहा हूं, मुझे कुछ कपड़े खरीदने है.
भाभी बोली- ओके.

किरण बोली- दीदी, मैं भी जाऊं?
भाभी ने हां कर दिया.

घर पर भाई की बाइक थी, मैंने बाइक सीधे ओयो होटल के बाहर ले जाकर रोकी और कमरे की बुकिंग करके चेक इन किया.

मैंने उससे पूछा- ना तो मैं इतना सुंदर हूं और न ही मेरे पास कुछ खास है, फिर तुमने मेरे साथ ही क्यों सेक्स किया?

वह बोली- देख, एक तो तेरा लंबा और मोटा है और मैं प्यासी भी हूँ.
मैंने पूछा- लंड तो तुमने सेक्स के वक्त देखा था, उससे पहले मेरा लंड कब देख लिया?

उसने मुझे बताया- जब तू नहा कर निकला था तो उसी वक्त मैंने अंदाजा लगा लिया था. और तभी मैंने मन बना लिया था कि तुझसे चुदना है. फिर मैंने जब गाड़ी की आवाज सुनी, तो जानबूझ कर दरवाजा अनलॉक करके बैठी थी.
मैंने कहा- ओके.

वह- चल बहुत हुआ, अब बात मत कर और मुझे चोद!
मैंने कहा- ठीक है.

फिर मैंने उस दिन उसकी घोड़ी बना कर ली और दो बार चोदा.

दोबारा में तो मैंने उसे काफी देर तक चोदा क्योंकि आज मैंने पहले से ही वायग्रा खा ली थी.

उसने मुझे कसके गले से लगाया और वह बोली- आज से मैं तेरी रखैल हूं, जब चाहो तब बुला कर चोद लेना मुझे!

उसके बाद हम दोनों एक मॉल में गए और उधर से कपड़े लेकर घर आ गए.

मैं भाभी को कपड़े दिखा रहा था.
तभी भाभी बोली कि किरण तेरी साड़ी पर यह दाग किसका लगा है?

मैंने ध्यान दिया तो वह दाग वीर्य का था जो सूख कर अलग सा दिख रहा था.

तब मैंने तो चुप्पी साध ली पर वह ज्यादा देर तक भाभी के सवालों से बच नहीं पाई और टूट गई.

किरण रोने लगी और बोली- दी, आपको पता है कि विकु मेरे साथ कुछ करते नहीं हैं. मैं सत्या को देख कर बहक गई थी. अब कुछ नहीं करूंगी दी, आप खुद सोचो अगर मुझे थोड़ी खुशी मिल जाएगी तो कोई घाटा नहीं है. सत्या की भी शादी नहीं हुई. वह जब आया करेगा, मैं उसके साथ सेक्स कर लूंगी.
भाभी बड़ी मुश्किल से मानी.

मैंने देखा कि जब भाभी मान गई हैं, तब मेरी जान में जान आई.

भाभी ने बोला- ठीक है, कल से होटल में नहीं, यहीं पर मिल लेना. उधर कोई लफड़ा हो जाएगा तो दिक्कत हो जाएगी.
और भाभी जी सही कह रही थीं.

दूसरे दिन जैसे ही भाई ऑफिस गए, मैंने भाभी के सामने ही किरण को पकड़ लिया और किस करने लगा.

भाभी हंस कर बोलीं- अन्दर ले जा, दरवाजा लॉक कर ले और जो करना है … उधर ही कर!

मैंने किरण को उठाया और कमरे के अन्दर ले गया.
उस दिन जब मैंने किरण की चूत चुदाई की तो किरण की आवाज बाहर तक आ रही थी.

भाभी ने कमरे के बाहर से आवाज लगा कर कहा- साली बेशर्म लड़की … आराम से कर, ज्यादा शोर मत मचा!
किरण ने कहा- दीदी, आपका देवर मस्त चोदता है, आ जाओ अन्दर … आपकी प्यास भी बुझा देगा.

भाभी ने हंस कर कहा- अपनी आग बुझवा ले साली कुतिया … मेरे पास तो उसके भाई का खूंटा है.

मैं समझ गया कि यह दोनों बहनें एकदम बिंदास हैं और शायद एक साथ भी चुदवा लेती हों.

तब भी मैंने किरण की चुदाई की तरफ ध्यान दिया और उसकी हचक कर लेने लगा.
मैंने किरण की चूचियों को मसल मसल कर लाल कर दिया, उसकी हालत बिगाड़ दी.

बहुत देर तक हम दोनों ने जबरदस्त सेक्स किया.
जब हम बाहर निकले तो दोनों पसीने पसीने थे.

भाभी ने दोनों लोगों को देखा और बोलीं- अब जब तक सत्या की शादी नहीं हो जाती, तब तक सत्या तेरा हुआ.

किरण ने भाभी की तरफ देखा और कहा- क्या सच में आपका देवर से कोई लेना देना नहीं है?

भाभी हंस दीं और बोलीं- नहीं यार, मैं इसके भाई से ही संतुष्ट हूँ.
इसके बाद हम सब बैठ कर बातें करने लगे.

अब मैंने भी अपना ट्रांसफर इंदौर करवा लिया.
उसके बाद जब भी किरण अपने जीजू के घर आई, मैंने उसको हर बार चोदा.

आखिरी बार वह मुझसे बोली- मैं पेट से हो गई हूँ.
मेरी गांड फट गई

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