Thursday, November 21, 2024
Hindi Midnight Stories

भाभी को घर बुलाकर बजाया- 2

दोस्तो, आपने मेरी देसी भाभी सेक्स कहानी के पिछले भाग
दूर की रिश्तेदार भाभी की जवानी
में पढ़ा था कि मैंने अपनी रिश्तेदारी में लगने वाली पलक भाभी की हचक कर चुदाई कर दी थी.
वे लंड की प्यासी थीं तो मेरे लौड़े से सैट हो गई थीं.

उस दिन भाभी मेरे लौड़े से चुदवा कर निढाल हो गई थीं.

करीब आधा घंटा तक आराम करने के बाद मैंने भाभी को अपनी ओर खींचा और उनके गुलाबी होंठों पर हमला बोल दिया.
वे भी मेरे साथ लग गईं.

मैं भाभी के होंठों को भूखे शेर की तरह चूसने लगा.
भाभी भी मेरा बराबर साथ दे रही थीं.

जल्द ही Xxx Xxx सेक्स विद भाभी का माहौल फिर से गर्म हो चुका था.

ऑउच्च पुच्च आउच पुच्च आउच की आवाज़ों ने फिर से बेडरूम में शोर मचा दिया था.
मेरा लंड भाभी की चूत फाड़ने के लिए तैयार हो गया था.

हम दो नंगे जिस्म, आज फिर से लंड चूत के घमासान के लिए तैयार हो गए थे.
मैंने भाभी के एक चूचे को मुँह में भर लिया और रसीले टाइट आम को चूसने लगा.

आहह … भाभी के चूचों को पीने में गजब का स्वाद आ रहा था.
मैं जमकर भाभी के दोनों आमों का स्वाद चख रहा था.

“ओह्ह्ह कुत्ते बहुत रस भरा है मेरे चूचों में … अच्छे से रगड़कर चूस बहन के लंड साले आह.”
ऐसा लग रहा था जैसे भाभी धुंआधार ठुकाई की बरसों से प्यासी थीं.

मैं भाभी के दोनों चूचों को चूसता हुआ बाइट करने लगा.
भाभी दर्द से तिलमिलाने लगीं- ओह आईई इस्स आह्ह उन्ह ओह इस्स आह्ह मर गई … धीरे धीरे आराम आराम से चूस साले कुत्ते!

वे बुरी तरह से मचल रही थीं.
मैं उनके दोनों चूचों का जमकर मज़ा ले रहा था.

इस बार मुझे भाभी का खजाना मिल चुका था.
मैं भाभी के खजाने का जमकर मज़ा लूट रहा था.

पहले जब भाभी को पकड़ कर चोदा था, तो उन्हें शुरू से नंगी करने का मौका नहीं मिला था.
बाद में जब वे मेरे साथ बिंदास सेक्स का मजा लेने लगी थीं, तब नंगी हुई थीं.

जबकि अब भाभी शुरू से ही पूरी नंगी होकर मेरे साथ चुदाई का खेल खेल रही थीं.

“ओह मम्मी आह्ह उन्ह इस्स आह्ह.”

मैं ज़ोर ज़ोर से झटके मार मारकर भाभी के चूचों को चूस रहा था.
भाभी मेरे झटकों से बुरी तरह से हिल रही थीं. वे बेड पर उछल उछल कर गिर पड़ रही थीं.

थोड़ी ही देर में मैंने भाभी की हालत खराब कर दी.

अब मैं चूचों से अलग होकर नीचे आ गया और भाभी की गांड के नीचे तकिया लगा दिया.
इसके बाद मैंने भाभी की गर्मागर्म चूत पर हमला बोल दिया.

मैं भाभी की टांगों को खोलकर उनकी चूत को चाटने लगा.
मुझे भाभी की मक्खन जैसी चूत चाटने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.

भाभी की चूत की भीनी भीनी महक मुझे पागल कर रही थी.
उनकी चिकनी जांघों को पकड़ कर मैं चूत सहला रहा था.
इससे भाभी कसमसा रही थीं- उन्ह ओह … आ अहा … इस्स उन्ह!

मैं भाभी की गर्मागर्म चूत में जमकर हमला कर रहा था.
वे अपनी चूत की इस बेदर्दी भरी रगड़ाई से बौखला रही थीं और उनकी चूत में आग लग रही थी.

भाभी कामातुर होकर बेड की चादर को अपनी दोनों मुट्ठियों में कस रही थीं- ओह साले कुत्ते, अब चोद दे भोसड़ी के … इस्स उंह ओह आह्ह … आराम से चाट मादरचोद आहह!

उसी वक्त भाभी ने अपनी चिकनी टांगों को मेरे कंधों पर रख दिया और मुझे अपनी टांगों के घेरे में फंसा लिया.

मैं भाभी की चूत में लगातार खलबली मचा रहा था.

तभी भाभी का उतार आ गया और उन्होंने जोर से मेरे मुँह को चूत पर दबा दिया- ओह्ह्ह कुत्ते गई मैं तो!

कुछ ही पलों में भाभी की चूत से पिचकारी फूट पड़ी.
मैं भाभी के रस निकलने के बाद उनका पानी चाटने लगा.

उस वक्त वे भी बड़ी आराम से अपनी चूत फैला कर उसका पानी मुझे पिला रही थीं- इस्स ओह्ह्ह हरामी … साले चाट ले सारा रस बहन के लौड़े!

मैंने बहुत देर तक भाभी की चूत का टेस्टी पानी पिया और उनकी चूत को एकदम कांच सा चमका दिया.
लगातार अपनी चूत की रगड़ाई से भाभी बुरी तरह से बौखला गई थीं और उनकी चूत कमोवेश फिर से चुदासी हो गई थी.

मैंने समझ लिया था कि चूत लंड मांग रही है. मैंने भाभी की टांगों को फैला दिया और चूत में अपना लंड डाल दिया.
उनकी मीठी सी आह निकल और वे लंड खा गईं.

मैं भाभी की टांगें पकड़कर उन्हें फिर से झमाझम चोदने लगा.

“आह्ह आह्ह आह्ह इस्स आईईईईई ओह मम्मी … आह्ह आह्ह इस्स. फक्क मी आह्ह.”
“ओह भाभी आई फक यू … आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है आपको बजाने में.”

“आह्ह आह्ह हां इस्स बसस्स ऐसे ही बजाते रहो मुझे … मेरी चूत की अच्छे से सर्विस कर दे साले भड़वे.”
“हां मेरी छिनाल भौजाई.”

मैंने भाभी की खूब देर तक ऐसे ही जमकर सर्विस की. फिर मैंने भाभी से घोड़ी बनने के लिए कहा.
भाभी बिना कोई नखरे किए बेड पर ही घोड़ी बन गईं.

“अब जल्दी से चढ़ जा कुत्ते अपनी घोड़ी पर … फिर मुझे जाना भी है.”
“आज तो तुझे कहीं नहीं जाने नहीं दूंगा मेरी रंडी घोड़ी!”

मैंने भाभी की चूत के खाँचे में लंड सैट कर दिया और फिर से चूत में लंड पेल दिया.
अब मैं भाभी की कमर पकड़कर उन्हें झमाझम चोदने लगा.
मेरा मोटा तगड़ा लंड फिर से भाभी की चूत में भयंकर घमासान मचाने लगा.

“ओह्ह्ह इस्स आह फक्क मी ओह्ह आईई.”
“यस मेरी जान, तेरी चूत चुदाई का मजा ले रहा हूँ कमीनी रांड.”

मैं अपनी पलक भाभी को घोड़ी बनाकर धमाधम चोदता जा रहा था.
वे अपनी कमर को आगे पीछे करती हुई मस्ती से चूत चुदवा रही थीं.

भाभी की मीठी चीखें मुझे और ज्यादा उकसा रही थीं.
वे कह रही थीं- आह मेरे लवली देवर तुमने सही मायने में लौड़े का मजा दिया है … तेरा भाई तो सिड़ी लंड है … उससे बहन के लौड़े से चूत का चु भी नहीं बजता है.

मैं भी उनको घोड़ी बनाकर दबादब पेले जा रहा था.

“आईईईईई आईईईई बहुत दर्द हो रहा है साले हरामी … आई मम्मी रे गईईई मैं तो!”
“ओह्ह्ह मेरी घोड़ी तेरी पीछे से लेने में बहुत मज़ा आ रहा है.”

मैं गांड हिला हिलाकर भाभी की चूत में झमाझम लंड ठोक रहा था.
तभी मैंने भाभी की कमर छोड़ दी और उनके बाल पकड़कर बजाने लगा.

मेरा लंड भाभी की चूत के अंतिम छोर तक घुस रहा था.

“उंह ओह इस्स ओह आईईईई आईएईई बसस्स कर कुते.”
“अभी तो बजाने दे मेरी रानी.”

भाभी को जल्दी लगी हुई थी लेकिन मैं भाभी को पूरी तरह से बजाने के मूड में था.

जब मैं नहीं रुका तो भाभी अपनी गर्दन को नीचे करके आराम से लंड ठुकवाने लगी थीं.

“ओह कमीने अहहा ओह्ह्ह इस्स छोड़ दे भोसड़ी के अहाहा.”
“ओह्ह मेरी जान बहुत मस्त है तू.”

मेरी धुंआधार ठुकाई से भाभी की चूत से वापस गर्मागर्म नमकीन पानी नीचे बहने लगा.

अब भाभी थक गई थीं.
मैं उन्हें छोड़ कर बाजू हो गया और वे चित लेट गईं.

मैंने एक दो पल उन्हें अपने लंड को सहला कर दिखाया और जैसे ही वे हंस दीं.
मैं उनके कातिल जिस्म पर चढ़ गया.

अब मैं भाभी के सेक्सी जिस्म पर ताबड़तोड़ किस करने लगा.
वे भी मुझे चूमने लगीं.

भाभी के गदराये जिस्म पर किस करने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.
वे मुझे उनकी जवानी का मजा लूटने दे रही थीं.

“ओह्ह्ह भाभी बहुत मस्त माल हो तुम!”
मैं भाभी के कंधों, कानों को बुरी तरह से चूम रहा था.

भाभी पिघल कर पानी पानी हो रही थीं.
मैं उनकी पीठ को बुरी तरह से रगड़ रहा था.

“ओह्ह्ह मेरी रानी … बहुत कातिल जिस्म है तेरा.”
वे हांफती हुई बोलीं- तू भी बांका मर्द है … सही में थका देता है!

कुछ देर बाद मैं भाभी की कसी हुई गांड पर बरस पड़ा और उनके गोरे चिकने चूतड़ों को बजाने लगा.
भाभी अपनी गांड पर पड़ने वाले झापड़ों से होने वाले दर्द से तिलमिलाने लगीं.

“उन्ह आईई ओह्ह्ह आई मम्मी मर गईई ओह कुत्ते धीरे धीरे बजा साले … क्या तबला समझ लिया है!”
“ओह्ह्ह भाभी बहुत सेक्सी गांड है तेरी आहाह.”

कुछ ही देर में मैंने भाभी की गांड पर चमाट मार मार कर लाल कर दिया था.
अब मैं भाभी के मस्त शानदार चूतड़ों पर किस करने लगा.

भाभी बिन पानी की मछली तरह मचल रही थीं.

“ओह्ह्ह भाभी … बड़ा मज़ा आ रहा है.”
भाभी चुपचाप अपनी गांड का मज़ा दे रही थीं.

मैं भाभी के चूतड़ों को किस करते हुए उन पर बाईट करने लगा.
इससे एक बार फिर से भाभी दर्द से कराहने लगीं- आहाहा इस्स उन्ह आईई उन्ह आह्ह ओह्ह्ह हरामी!

इस तरह से मैंने बहुत देर तक भाभी की गांड पर किस किए.
मेरे थूक से भाभी की गांड और उनका कातिल जिस्म गीला हो चुका था.

अब मेरा लंड भाभी की गांड के किले को भेदने के लिए लालायित होने लगा था.
मैं भाभी की गांड में उंगली करने लगा.

भाभी समझ गईं कि आज उनकी गांड का किला ध्वस्त होकर रहेगा.

“ओह्ह्ह् सिस आहाहा ओह्ह्ह् कुत्ते … गांड में कुछ मत कर.”
“ओह्ह कमीनी रंडी … आज तो तेरी गांड को जरूर मारूंगा. ऐसे ही थोड़े जाने दूंगा तुझे. अच्छे से खातिरदारी करूँगा.”

मैं भाभी की गांड में उंगली करके पूरा मज़ा ले रहा था.
भाभी दर्द से सिसिया रही थीं- उंह आहह सिसस ओह्ह्ह् उन्ह!

“ओह्ह्ह भाभी बहुत छोटा से छेद है … लगता है अब तक किसी ने तेरी गांड का ढक्कन नहीं खोला है!”

“हां कुत्ते, मैंने अपनी गांड में किसी को लंड नहीं डालने दिया.”
“अब आज मैं खोलूँगा तेरी गांड का ढक्कन.”

यह सुनकर भाभी चुप हो गईं.
अब भाभी भी अपनी गांड का ढक्कन खुलवाने के लिए तैयार थीं.

मैंने भाभी को उठाया और उन्हें बेड से नीचे ले आया.

उन्हें घोड़ी बनने के कहा लेकिन भाभी बहाना बनाने लगी.
“अरे यार अजय रहने दे ना. मैं लेट हो जाऊंगी. तू अब मत कर ना!”
“अरे भाभी आप लेट नहीं होओगी. अभी तो बहुत टाइम बाकी है.”

“अरे यार, हो जाऊंगी लेट!”
“अरे मैं कह रहा हूँ ना भाभी. आप तो बस जल्दी से घोड़ी बन जाओ.”

भाभी इस बार घोड़ी बनने का मतलब अच्छी तरह से समझ रही थीं.
वे अपनी गांड बचाने की कोशिश कर रही थीं.
लेकिन मैं नहीं माना.

भाभी झुक ही गईं और बेड को पकड़ कर घोड़ी बन गईं.
“अजय जो भी करना है जल्दी कर. मुझे जाना भी है!”
“हां बस डाल ही रहा हूँ मेरी जान.”

मैंने भाभी की गांड के छेद में बहुत सारा थूक लगाया और जल्दी से भाभी की टाईट गांड के सुराख में लंड लगा दिया.
वे कुछ कुलबुलाईं.

मैंने झट से उनकी चिकनी कमर पकड़कर जोर से झटका मार दिया.
उस एक ही झटके में मेरा लंड भाभी की गांड का ढक्कन खोलकर पूरा अन्दर घुस गया.

भाभी बुरी तरह से चिल्ला पड़ीं- आईई मम्मी आईई ओह्ह्ह कुत्ते मर गईई!
वे आगे कुछ और कहतीं कि मैंने उनका मुँह बंद कर दिया.

मेरा मोटा लंड एक ही शॉट में भाभी की टाईट गांड में फंस चुका था.
उसी वजह भाभी को दिन में ही तारे नजर आ गए.

उन्होंने किसी तरह से अपना मुँह मेरे हाथ की पकड़ से आजाद किया और कहने लगीं- ओह्ह्ह साले कुत्ते आईई बहुत दर्द हो रहा है आईई … फट गई मेरी गांड!”
“नहीं फटेगी मेरी जान!”

वे चुप हो गईं.

अब मैं भाभी की कमर पकड़कर उनकी गांड में झमाझम लंड डालने लगा. भाभी दर्द से बुरी तरह से कराह रही थीं.
उनकी दर्द भरी कराहों को नजरअंदाज करते हुए मैं गांड में धमाधम लंड पेले जा रहा था.

उस वजह से भाभी की दर्द भरी चीखें और ज्यादा निकल रही थीं और उनकी ये चीखें मेरे लंड को और ज्यादा उकसा रही थीं.

“ओह्ह्ह आईई आईई इस्स ओह्ह्ह कुत्ते आराम से डाल भैन के लंड … आईई ओह्ह्ह तेरा लंड मेरी गांड फाड़ रहा है भोसड़ी वाले … आईई ओह्ह्ह मम्मी.”
“आह रंडी साली तेरी कसी हुई गांड मारने में बहुत मज़ा आ रहा है तेरी मां की चूत मारूँ बहन की लौड़ी.”

शायद भाभी का दर्द कुछ कम हो गया था इसलिए वे मेरी बात का जबाव देने लगी थीं.

“हां तुझे तो मज़ा आएगा ही साले हरामी, जब तेरी गांड में किसी का मोटा लौड़ा घुसेगा न तब तुझे समझ आएगा लौड़े!”

मैं हँसता हुआ जोर जोर से झटके मारता चल गया और भाभी की मस्त गांड के परखच्चे उड़ाता रहा.
भाभी की सेक्सी गांड मारने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.
मेरा लंड ताबड़तोड़ भाभी की गांड के छेद को ढीला कर रहा था.

“ओह्ह्ह इस्स आह् ओह्ह्ह उन्ह ओह्ह भैन के लौड़े … अब बस भी कर मादरचोद!”
“अभी कैसे बस कर दूँ मेरी रांड … अभी तो तेरी गांड का पूरा मज़ा ले लेने दे साली कुतिया!”

मैं भाभी की गांड का गोदाम बनाने में लगा हुआ था.
भाभी दर्द से कहराती हुई गांड में लंड ठुकवाए जा रही थीं.

फिर धीरे धीरे भाभी को भी गांड मरवाने में मज़ा आने लगा- ओह्ह्ह कुत्ते आहह अब मज़ा आने लगा है … उंह इस्स फक्क मी फास्ट फक्क माय आस!
“यस मेरी जान!”

अब मैं भाभी के बाल पकड़कर झमाझम उनकी गांड चोदने लगा.
वे भी पलट कर अपनी गांड को मेरे लंड पर पटकने लगी थीं.

मुझे भाभी की गांड बजाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.
भाभी भी अब गर्दन ऊपर करके मस्ती से लंड ठुकवा रही थीं.

मेरी ताबड़तोड़ ठुकाई का अब भाभी जवाब देने लगी थीं.
कुछ ही देर में मेरे लंड के झटकों से भाभी की चूत से पानी नीचे टपकने लगा.

“आईई आईई इस्स उन्ह आईई ओह्ह्ह कमीने बस ऐसे ही लंड पेले जा मेरी गांड में … आई इस्स ओह्ह मम्मी!”
“हां मेरी जान ऐसे ही बजाऊंगा तेरी गांड को!”

मैंने भाभी की गांड मार मारकर उनकी गांड की कसावट को ढीला कर दिया. अब गांड मरवाने से भाभी की हालत बहुत बुरी हो चुकी थी.
उनका जिस्म पानी पानी हो चुका था.

मैंने लंड बाहर खींचा और भाभी को सीधा खड़ा कर दिया.
मैं भाभी के गदराये जिस्म को मसलते हुए किस करने लगा.

मुझे भाभी के नंगे जिस्म को रगड़ने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.

फिर मैंने भाभी को दीवार से सटा दिया और मैं उनके नंगे गदराये जिस्म के साथ खेलने लगा.
मैं भाभी के होंठों को चूसते हुए उनके बोबों को मसल रहा था.

भाभी भी अपने जिस्म को समेटने की कोशिश कर रही थीं लेकिन मैं बिना रुके उनके जिस्म को बुरी तरह से रगड़ रहा था.

उसी वक्त मैंने भाभी की चूत में उंगालियां घुसा दीं.
अब मेरा एक हाथ भाभी की चूत को खुजा रहा था और दूसरे हाथ में भाभी का बोबा था, जिसे मैं हॉर्न की तरह बजा रहा था.

“ओह्ह्ह अहहा सिस उन्ह ओह्ह्ह आईई इस्स.”
बोबे और चूत में एक साथ हमला होने से भाभी दर्द से बौखलाने लगीं.

मैं जमकर मज़ा ले रहा था और भाभी की चूत भट्टी की तरह जलने लगी थी.

“ओह्ह्ह साली आह अभी तो बहुत आग है तेरी चूत में!”
“हां भैन के लवड़े! घुस जा चूत में सर के बल और बुझा दे मेरी भट्टी की आग को मादरचोद!”

लगातार रगड़ाई से भाभी की हालत खराब हो रही थी.
अब मैंने भाभी को उठाकर बेड पर पटक दिया और भाभी की टांगें पकड़कर उन्हें बेड के किनारे पर खींच लिया.

फिर मैंने भाभी की टांगें ऊपर कर उनकी उनकी भड़क उठी चूत में खचाक से लंड पेल दिया.
भाभी की आह निकल गई.

मैं खड़ा होकर भाभी को ताबड़तोड़ चोदने लगा.

“आह्ह आह्ह इस्स आह्ह ओह इस्स उन्ह ओह इस्स.”
मेरे लंड के झटकों से भाभी के टाइट बोबे बुरी तरह से हिल रहे थे.

भाभी आधी बेड पर थीं और आधी नीचे लटकी हुई थीं.

“ओह साली हरामज़ादी आह तेरी चुदाई में आज तो मज़ा आ गया!”
“ओह कुत्ते बहुत तगड़ा लंड है तेरा. मेरी जान ही निकाल रहा है … इस्स आह्ह आह्ह … अब जल्दी कर साले.”
“हां साली मां की लौड़ी!”

मैं भाभी को धकापेल चोद रहा था, Xxx Xxx सेक्स विद भाभी का मजा ले रहा था.
मेरे लंड के झटकों से बेड चूँ चूँ कर रहा था.

भाभी को जाने की चुल लगी हुई थी और मुझे उन्हें बजाने की.

“आहा आहा ओह्ह्ह इस्स.”

तभी भाभी का पानी निकल गया और वे फिर से पसीने में नहा गईं.
मैंने उनके झड़ने के बाद भी काफी देर तक बजाया.

फिर मैं भी बेड पर आ गया और भाभी की चूत में लंड फंसाकर उन्हें अपनी बांहों में जकड़ लिया.

“अरे यार अजय, मान जा ना.”
“हां बस एक बार और भाभी!”

“यार जल्दी से पानी निकाल अब. मैं लेट हो रही हूँ.”
“अरे यार भाभी, ऐसा मौका रोज रोज नहीं मिलेगा!”

मैं तेजी से लंड अन्दर बाहर करने लगा.

“ओह आह्ह इस्स आह्ह उन्ह ओह आहाहा इस्स धीरे धीरे साले कुत्ते.”
“अब क्या धीरे धीरे साली मां की लौड़ी … अब तो जमकर बजाने दे.”

“तूने तो खूब बजा लिया मुझे. अब और कितना बजाएगा!”
“लंड तो कह रहा है कि सारी रात भर बजाऊं तुझे … लेकिन तू रुके तब तो है!”
“मन तो मेरा भी है साले कुत्ते लेकिन मुझे घर भी जाना है कमीने!”

तभी ताबड़तोड़ ठुकाई से भाभी का फिर से पानी निकल गया.
उसी समय मैंने भी ज़ोरदार झटके मारकर भाभी की चूत को मेरे लंड के गर्मा गर्म पानी से भर दिया.

अब मैं भाभी से लिपट गया.

“बहुत बुरी तरह से रगड़ा यार तूने. मैंने इतना तो सोचा भी नहीं था!”
“मैं ऐसे ही रगड़ता हूं भाभी.”

“बहुत मस्त हथियार है तेरा. मेरी चूत को बहुत पसन्द आया!”
“चलो फिर तो अच्छा है … आपको चोद कर मेरे लंड को बहुत शांति मिली है भाभी, नहीं तो रोज रोज आपसे चूत मांगता था!”
“हां मैं सब जानती हूं.”

फिर भाभी कुछ ही देर में उठ गईं और कपड़े संभालने लगीं.
फिर फटाफट से कपड़े पहनकर तैयार हो गईं.
भाभी ने मेकअप करके खुद को संवार लिया था.

“अजय, चल अब फटाफट से मुझे छोड़कर आ. बस का टाइम हो गया है!”
“हां भाभी.”

मैंने भी कपड़े पहन लिए और भाभी को छोड़ने के लिए तैयार हो गया.

अब मैंने भाभी को बाइक पर बैठाया और उन्हें बस स्टैंड की ओर ले जाने लगा.
भाभी को देखकर लग ही नहीं रहा था कि अभी कुछ देर पहले ही वे बहुत बड़ा लंड ठुकवा कर आई हैं. वे बिल्कुल मस्त दिख रही थीं.
उनके होंठों पर छाई मुस्कान बता रही थी कि वे चुदवा कर बहुत ज्यादा खुश थीं.

फिर भाभी मुस्कुराती हुई बस में बैठ गईं और मैं लंड मसलता हुआ घर आ गया.
आज को मेरा लंड हॉट भाभी की चूत का स्वाद चख चुका था.

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