पुलिस स्टेशन में चंद्रमुखी की एंट्री होती है। गोपीनाथ हमेशा की तरह बैठ कर अपना अखबार पढ़ रहा था और गुलगुले पेस्ट्री खाने में व्यस्त था। चंद्रमुखी आई और उसने अपनी उंगली से गुलगुले का मुंह बंद किया और दूसरे हाथ की उंगली पेस्ट्री में दाल दी, और फिर हमें उंगली को गुलगुले के मुंह में घुसा दिया। गुलगुले जब उसकी उंगली चटने लगा तो चंद्रमुखी ने अपना हाथ उसके लंड की तरफ बढ़ाया और उसका लंड जोर से दबा दिया। फिर क्या, दर्द के मारे गुलगुले लड़खड़ाते शौचालय की ओर भागा। फिर चंद्रमुखी चुपके से गोपीनाथ के पीछे चली गई और देखने गई कि आखिर वो क्या पढ़ रहा है। उसने देखा कि गोपी नाथ अखबार में एक लड़की की तस्वीर बड़े गौर से देख रहा था जिसने सिर्फ अधोवस्त्र में पोज किया हुआ था। चंद्रमुखी ने अपना हाथ धीरे से गोपी की शर्ट में घुसाया और उसकी चाटी के बाल सहलाने लगी। गोपी को भी मजा आने लगा तभी अचानक से चंद्रमुखी ने उससे बात की बाल किच दिए और वो जोर से चिल्ला पड़ा, कौन है कौन है? जब चंद्रमुखी को देखा तो सलाम किया…ये!!! और कहा “माफ करना मम्मीजी!” इस पर चंद्रमुखी ने अपनी हरियाणवी टोन में कहा: क्यों अंकल हो, अपनी पोती की उमर की लड़की को ब्रा पैंटी में देख के लंड खड़ा हो जाता है। इसका मतलब तारो लंड का पसंदीदा गाना तो वही होगा…”अभी तो मैं जवान हूं…!” हे? ये सुनकर गोपीनाथ बोला: नहीं माँ! माई तो बस….हीहीही!!! तबतक गुलगुले भी आ पहुंचता, और उसने भी फिर चंद्रमुखी को सलाम किया…यी!!!. गुस्से में चंद्रमुखी ने कहा की: अबे ये तो अंकलजी हैं झूलता हुआ लंड के साथ। पर तू गुलगुले… लोगों का तो लंड बाहर पेट अंदर रहता है पर तेरा तो पेट बाहर लंड अंदर है। मुर्गी!!? पुलिस में किसने भारती किया तुम दोनों को? बेवकूफ साथियों!!…तभी अचानक पुलिस-चौकी में एक औरत आई। देख के गुलगुले और गोपी तो चौंक ही गए। उस औरत ने सिर्फ साड़ी ही पहन रखी थी। पहन क्या राखी थी सिर्फ साड़ी ही पहन राखी थी। उसने ना तो ब्लाउज ना तो ब्रा और ना ही पेटीकोट पहना था। सिर्फ एक लाल रंग की कॉटन साड़ी से अपना तन देखा हुई थी। उसकी साड़ी से उसके स्तन के साइज का साफ साफ पता चल ही रहा था। उसने कुछ इस तरह साड़ी पहनी थी कि पैरों से नीचे का हिसा खाली था इसलिए ये देखकर गुलगुले और गोपी का तो खड़ा होने लगा। साथ ही उसने कुछ गेहने भी पहने थे और उसके हाथ में एक चमकती हुई तलवार थी। इधर उस औरत को आधे कपड़े में देख के गुलगुले और गोपी दोनों अपना अपना लंड परों के बीच दबा के साइड में खड़े हो गए। फ़िर उसे देख के चंद्रमुखी ने अपनी हरियाणवी हिंदी में हमें कहा, चंद्रमुखी: अरे ओ! केवल साड़ी में महिला! ये तेरा रैंप ना ये पुलिस थाना है, इधर क्या रैंप वॉक करने आई है। इस पर औरत ने कहा: नहीं मैडमजी मैं तो पुलिस स्टेशन ही आई हूं। ब्रा कसम खा के कहती हूं, पहनूंगी तो सब पहनूंगी वरना साड़ी के अलावा कुछ नहीं पहनूंगी। चंद्रमुखी: पर तू है कौन! मन्ने तो तू सनी लियोन पार्ट2 लग रही है। फिर हमें औरत ने कहा: नहीं मैडम!, मैं हूं “धूदवाली गली” कॉलोनी की अध्यक्ष, श्रीमती। मीरा(मेरा) पिलोना(पीलो ना)। ब्रा कसम खाके कहती हूं, पहनूंगी तो सब पहनूंगी वरना साड़ी के अलावा कुछ नहीं पहनूंगी.हां!
चंद्रमुखी: तो यहां क्या इन दोनो को दूध पिलाने आई हे? फ़िर हमसे औरत सरमते हुए बोली: नहीं मैडम! मैं सवेरे ही अपने पति को पिला के आई हूं, वैसे मेरा नाम श्रीमती मीरा पिलोना (मेरा पीलो ना) है। असल में मेरी माँ गुजराती थी ना तो ऐसा ही उच्चारण होता है। और मैं तो यहां आपकी मदद लेने आयी थी। ब्रा कसम खाके कहती हूं, पहचानूंगी तो सब पहनूंगी वरना इस साड़ी के अलावा कुछ नहीं पहचानूंगी! फिर चंद्रमुखी ने पूछा कि ये ब्रा की कसम बार बार क्यों रही हो? तो उसने कहा कि ये उसका लेटेस्ट तकिया कलाम है। जब चंद्रमुखी ने उसकी समस्या पूछी तो कहा! चंद्रमुखी: बोलिए मीरा जी! हम आपकी क्या मदद कर सकते हैं? क्या समस्या है? इस पर औरत ने कहा: मैडमजी! हमारे कॉलोनी में सब औरतों की ब्रा चोरी हो रही है। हर किसी की चैट से, यहाँ तक के घर से भी ब्रा की छोरियाँ हो रही हैं। ये सुनकर गुलगुले ने हमें औरत से कहा कि: “आपको अपना ब्रा संभाल के रखना चाहिए ना मैडम। ऐसे खुले में सुखाओगे तो उड़ जाता है ना। हां तो किसी ठरकी अदोसी या पड़ोसी ने ले लिया होगा। हैं! कोई बच्चा भी तो ले सकता है न खेलने के लिए। आज कल के बच्चे तो ब्रा पैंटी से खेलने लगेंगे।” इस पर चंद्रमुखी ने उसकी तरफ देखा और उसे एक जोर का तमाचा मारा। फ़िर उस औरत से अपनी दबंग आवाज़ में कहा ”जारी रखें”। हमसे वो औरत ने अपनी बात जारी रखी.. “अरे मैडम, सिर्फ यहीं नहीं, यहां तक कि रात को भी हमारे घर से ब्रा चोरी हो जाती है, और सिर्फ ब्रा ही चोरी होती है और अगर नहीं होती तो हमसे वो चोर हिला के चला जाता है और सवेरे तक वो कड़क हो जाती है, पहचानने लायक भी नहीं रहती मैडमजी। और तो और कल रात को वो हमारे घर पे भी ब्रा चुराने आया था और तब मैं अपने पति को दूध पिला रही थी तब उस चोर ने हमारा वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। और हमारा सेक्स देख देख कर मेरी एक ब्रा में हिला कर उसे वहीं फेक दिया था और आज सुबह घर पर सीडी पार्सल भी कर दी। ब्रा कसम खाके कहती हूं, जब तो चोर नहीं पकड़ा जाएगा तब तक, सिर्फ इस साड़ी के इलावा कुछ नहीं पहनूंगी!”
तभी चंद्रमुखी को कमिश्नर साहब का फोन आया, और चंद्रमुखी गुलगुले और गोपी को ये बोल के चली गई श्रीमती। मीरा की रिपोर्ट लिख ले और बाकी की सारी जानकारी इकट्ठा कर ले। चंद्रमुखी के जाने के बाद, गुलगुले और गोपी ने हमें औरत से कहा: मीरा जी! हम आपकी रिपोर्ट लिख लेते हैं और साथ ही साथ आप हमें अपनी ब्रा का माप भी दे दीजिए ताकि हम चोर को जल्दी से जल्दी पकड़ सकें। पर उसके लिए आपको अपनी ये साड़ी उतारनी होगी ताकि हम एक दम सही माप ले सकें। आप समझ रहे हैं ना? फिर उस औरत ने कहा ठीक है और अपनी तलवार की तरफ रख के अपनी साड़ी खोल दी। उसने साड़ी के बारे में कुछ भी नहीं पहचाना था इसलिए वो पूरी नंगी हो चुकी थी। उसने साड़ी अपने दोनो हाथों से पकड़ के हवा में उठाई हुई थी जिस योनि से उसकी साड़ी हवा में उड़ रही थी। ये सब देख के गुलगुले और गोपी ता पूरा खड़ा ही हो गया। फिर जैसे तैसे गोपी ने मापने वाले टेप से उसका माप लेना शुरू किया। माप लेने के बाद गोपी ने हमें औरत से कहा कि मैडमजी आपका दूध भी जरा चखना पड़ेगा ना क्योंकि इसे हमें ये पता चलेगा कि उस चोर को कैसा दूध पसंद है। और ये बोल के उसने हमें औरत का दूध चुनना शुरू कर दिया। फ़िर उसे कहा कि मैडमजी अब आप जा सकती हैं। हमने सारी जानकारी ले ली है. कमिश्नर साहब के साथ मिलने के बाद जब चंद्रमुखी वापस पुलिस चौकी आई तो उसने कहा, कमिश्नर साहब की बीवी ने बताया कि उस चोर ने कमिश्नर साहब के बीवी का ब्रा भी चोरी किया और उनके वहां भी वैसा ही वीडियो पार्सल किया। लगता है इस चोर को पकड़ना ही पड़ेगा। लेकिन कैसे?? इस पर गुलगुले ने कहा कि: “क्यों ना मैडम, हम वहां जाकर ही हमें चोर को पकड़ लेंगे। उसके लिए एक जाल बिछा दे….मन्ने जाल! चोर हमें फंसेगा और पकड़ा जाएगा” इसपर चंद्रमुखी ने कहा की: “आइडिया तो तन्ने अच्छा दिया, पर फिर मन्ने ये बता कि उस ढूडवाली गली कॉलोनी में एंट्री कैसे मिलेगी। वहां घर खाली मिलेगा क्या” फिर गुलगुले ने कहा कि” मैडम! हमें कॉलोनी में रहने की पहली स्थिति ये है कि आपके दूध यानी स्तन का आकार बड़ा होना चाहिए तब भी दूध वाली गली कहते हैं। और सिर्फ तभी वहां रहने की इजाजत मिलती है” इस पर चंद्रमुखी ने कहा कि “इसका मतलब ये हुआ कि चोर को पकड़ने के लिए चारे की जगह दूध डालना पड़ेगा। हम्म!! ज़रा पता करियो तो कौन सा डॉक्टर मेरी इस हद तक कि उनके स्तनों का आकार बड़ा हो सकता है? मन्ने भी ब्रेस्ट इम्प्लांट कराना पड़ा। मुर्गी!?”
एक माहीं बाद जब चंद्रमुखी पुलिस चौकी बेकार आई तो उसे देख के सब चौंक गए। गोपी ने देखा कि अब चंद्रमुखी के स्तन का आकार थोड़ा बड़ा हो गया है। और अब तो वो पूरी माल ही लग रही थी। उपयोग देख के गोपी बोला की: “मम्मीजी आप कुछ बेहतर दिख रही हैं जी!” इसका कारण क्या है, मम्मी का दूध सेहत के लिए अच्छा होता है!! फ़िर चंद्रमुखी बोली: थारी बात मैं समझ गई बुढ़ौ-बच्चे! फिर कभी आज नहीं. आज मन्ने बहुत काम है. ये बोलकर चंद्रमुखी ने गुगलुले के बारे में पूछा कि वो कहां है। चंद्रमुखी: अबे ये गुलगुले कहां मर गया. आज चौकी क्यों नहीं आई। इसपर गोपी ने कहा की: मम्मीजी! असल में क्या है ना, भाभीजी आज कल अपनी पड़ोसन को घर बुलवाकर चुदवाती है इसलिए गुलगुले घर पर पहले डर कर रही है। फ़िर चंद्रमुखी ने कहा की: मुर्गी! अच्छा तो ये बात है. जरा बुला भाई गुलगुले को, और उसकी बीवी को भी। जरा पूछूं तो काहे को ये सानिया मिर्जा बने हे. मेरा मतलब कहे को घर का लंड चोद के दूसरे घर का लंड इस्तमाल में ला रही है। कुछ देर बाद, गुलगुले और उसकी बीवी थाने आ पाहुंचे। उसे पहुंचते ही चंद्रमुखी ने उसकी बीवी से पूछा कि क्यों मैडमजी ये तारो बहुत टैरिफ करे हे, कहता था मेरी बीवी तो गई गई, फिर तन्ने किस बात पे घर में दूध देना चोद के, किसी और के घर दूध देने जाती हो। इसपर उसकी बीवी बदमाश के बोल कि अरे मैडमजी! कामी इसी में वह. फूटी किस्मत ध्यान! ध्यान! रात को बड़े मन से छुट खोल के बैठती हूं, पर ये कि कुछ भी धांग से करना ही नहीं आता। कुछ भी नहीं सिखाया. इसलिए तो अपनी पड़ोसन से चुदवाती हूँ, क्या मैडमजी इसका इस्तेमाल करती हैं। आप भी कभी बहुत मजा करेंगे। ये तो तैं तैं फिस हे, फूटी किस्मत ध्यान! धायन! ये बोलकर गुलगुले की बीवी चली गई. फिर गुलगुले भी दुखी होके रोने लगा तो चंद्रमुखी ने कहा अबे मारे हुए क्यों परेशान हो रहा है। तारी समस्या का समाधान कर दूंगी पहले मेरी समस्या का समाधान करूंगी। इसपर गुलगुले ने पूछा कि कौन सी समस्या है या पड़ोस की? घर में घुस के बीवी चोद के जाता है और तू हाथ पे हाथ धरे बैठा रहता है! नहीं! पुलिस में भर्ती किसने की! तारे पास तो पुलिस का लंड ही ना हे. अच्छा चल कोई नहीं हम तारी प्रोलेम सॉल्व का देंगे पर पहले हमें दूधवाली गली में मेरे घर का सामान पहनना है और सामान ठीक करना है। वो जेक कर. और सूरज पुलिस की वर्दी में ना जाना.उसे थकी ब्रा चोर को पकड़ने के बाद में तारो समस्या भी हल कर देंगे. अब जा! तब से बकवास किये जा रहा है”। और ये कहकर उसने गुलगुले के मुँह पर एक और तमाचा जड़ दिया। और फिर गुलगुले चंद्रमुखी केन ऐ घर सामान पहनने के लिए निकल पड़ा।
शाम को चंद्रमुखी के जासूस ने उसे खबर दी कि वो चोर आज आने वाला है। और चंद्रमुखी के नये घर में चोरी करेगी। ये सुनकर चंद्रमुखी ने गुलगुले को फोन किया और उसे वहां रुकने के लिए कहा। शाम को जब चंद्रमुखी अपने घर पहुंची तो उसने गुलगुले को ड्राइंग रूम में बैठने के लिए कहा और खुद अपने कमरे में चली गई। फिर जैसे ही अपने कमरे के टॉयलेट से निकली तो गुलगुले ने देखा कि उसके हाथ में बाल्टी है। चंद्रमुखी ने कहा कि “मन्ने तो सवेरे कपडे सुखना ही भूल गई थी।” जा! जाके बहार बाग में सुखा दे। और हाँ! मेरी ब्रा! पैंटी भी, सुघना मत और हमें हिला मत देना वर्ना लंड और नाक डोनो काट लुंगी। ये बोलकर उसने फिर से एक तमाचा गुलगुले के मुँह पर जड़ दिया.! गुलगुले तूरंत कपडे सुखने चला गया। और अपने आप से बोलने लगा: “कितना काम करवाते हैं, इनाम तो कुछ मिलता नहीं, वह तमाचे ऊपर से एक्स्ट्रा मिलते हैं।” गुलगुले गार्डन में गया और उसने चरणमुखी के ढेर सारे ब्रा हैंगर पे सुखा दिए। जब गुलगुले कमरे में वापस आया तो उसने देखा कि चंद्रमुखी ने अपनी पुलिस की वर्दी की पैंट उतार कर उसकी जगह जींस पहन ली है। मेरी वर्दी उतर! बहुत थक गई मैं आज लगी. एक एक बटन खुलते देख गुलगुले का लंड भी एक एक बटन के साथ खड़ा होना शुरू हो गया। चंद्रमुखी ने जब अपना चौथा बटन खोला तो उसकी ड्रेस के अंदर से उसकी ब्रा दिखने लगी। उसने गुलाबी रंग की एक ब्रा पहनी थी। ये देखकर गुलगुले से और रहा नहीं गया। और वो आके चंद्रमुखी के पास खड़ा हो गया। तब तक चारमुखी ने अपने सारे बटन खोल दिये थे। और अपनी शर्ट को आधा निकल चुकी थी। गुलगुले ने स्तनों को ऊपर से देखने के लिए सोफे पर खड़े होने का इस्तेमाल किया बेहतर समझ क्योंकि उसकी ऊंचाई जो कम थी। और उस पे कहदे होके चंद्रमुखी को शर्ट उतारने में मदद करने लगा। जैसी ही चंद्रमुखी की शर्ट आधी उतरी थी, गुलगुले ने जब चंद्रमुखी के देखा कि चंद्रमुखी के ब्रा में उसके बड़े-बड़े स्तन टाइट होके बंद हैं। तो उसका मन किया कि काश ये अपना बारा भी मेरे सामने उतार दे और मैं इसका दूध पियूं। फिर जब चंद्रमुखी ने अपनी शर्ट उतार दी तो गुलगुले से अपनी ब्रा का हुक खोलने को कहा। ये सुनकर झट से गुलगुले चंद्रमुखी के ब्रा धीरे धीरे खोलने लगा।
जब गुलगुले ने चंद्रमुखी के ब्रा का हुक खोला तो चंद्रमुखी को ऐसा लगा मानो उसके स्तन उसकी ब्रा को अपने आप से अलग कर के फेक देना चाटें। और इसलिए उसने अपने हाथों से उन्हें गिरने से रोक लिया। उसने अपने एक हाथ के सहारे से अपने दोनों स्तनों को संभाला। लेकिन ये नजारा देखने के लिए गुलगुले अपने आप को संभाल नहीं सके और कूद के चंद्रमुखी के सामने खड़ा हो गया कि आज वो चीज देख ही लेगा जिसे देखने का मौका अच्छे से नहीं मिलेगा। वो गोपी जो हमेशा बस पीठ दबाने के बहाने अंदर झाँकने की कोशिश करता है पर कुछ देख नहीं पता वो सब आज उसे देखने को नसीब होगा, ये सोच के गुलगुले ख़ुशी से फूला नहीं समा रहा था। फिर चंद्रमुखी ने अपना हाथ हटा लिया और उसके स्तन उसकी ब्रा से बाहर निकल पड़े। ये देख कर गुलगुले के तो होश ही उड़ गए। क्या बड़े बड़े स्तन थे. उसने कहा कि मैडमजी अब मेरे दूधवाली गली की मेंबर लग रही हैं। इसपर चंद्रमुखी ने कहा, तो फिर दूध नहीं पीना चाहोगे। और ये बोल के उसने गुगले का सर अपने बूब्ज़ पर दबा दिया। ये देखते ही गुलगुले ने चंद्रमुखी के निपल्स को चुनना शुरू कर दिया। मानो कोई फिर से बच्चा बन गया हो और दूध पी रहा हो। गुलगुले चंद्रमुखी के बड़े बड़े स्तनों को और उसके निपल्स को चुनने लगा मानो सच में ही अभी उसे दूध निकल आएगा। गुलबुले के इस तरह से निपल चुनने पर चंद्रमुखी भी गरम हो गई। uske Badan Me Sansnahat Fel Gai. पहले कभी चंद्रमुखी को ऐसा एहसास नहीं हुआ था। आख़िर कर चंद्रमुखी से और रहा नहीं गया। उसने गुलगुले के पैंट में हाथ घुसा दिया। चंद्रमुखी के अंडरवियर पूरी तरह से टाइट थे। जब चंद्रमुखी ने अपना हाथ रखा तो गुलगुले के लंड की गर्मी का एहसास हुआ। और उसके लंड का साइज़ भी पता चल गया, लेकिन उसका लंड बहुत बड़ा था पर उसका लंड छोटा हो गया।
चंद्रमुखी से और रहा नहीं गया. इधर गुलगुले कभी उसके स्तनों को दबाता कभी उन्हें चूसता। चंद्रमुखी जब ये सब नहीं शा गया तो उसने सोच लिया कि आज वो चुद के ही रहेगी भले ही वो उसका जूनियर कांस्टेबल ही क्यों ना हो। चन्द्रमुखी ने गुलगुले का सिर अपने स्तनों से अलग किया और उसे एक थप्पड़ मारा और कहा: “अब बस यही करता रहेगा क्या। तारी मां ने तारे को दूध ना पिलाया था के जो सारा आज ही पी लेगा। कपडे उतारके मारे बेडरूम में आ जाना. समझ के!? “ये सुनकर गुलगुले तो मानो पागल ही हो गया। क्या करता बेचारा, उसकी बीवी ने कितने महीने तो चोदने का मौका ही नहीं दिया। सबसे चुडवा लेती हे पर अपने ही पति से नहीं। गुलगुले को जब ये बात याद आई तो उसने भी कहा कि आज वो चंद्रमुखी मैडम को ऐसा चोदेगा ऐसा चोदेगा कि उसकी बीवी क्या पड़ोसन की बीवी भी उससे ही चुदवाएगी। गुलगुले ने इसी जोश के साथ अपने सारे कपड़े उतारे, सोफ़े पर फेका। तभी उसकी नज़र चंद्रमुखी के ब्रा पे पड़ी जिसे वो भूल कर बेडरूम चली गई थी। गुलगुले सोफ़े पर बैठ गया और ब्रा को उठा लिया और इस्तेमाल शुगने लगा। उस ब्रा से चंद्रमुखी के परफ्यूम की खुशबू आ रही थी। वो इतना मुलायम था कि गुलगुले से रहा ही नहीं गया। उसने ब्रा लिया और अपने खड़े लंड पर घिसने लगा। वो मुलायम मुलायम ब्रा से जब उसका लंड रगड़ने लगा तो गुलगुले को मानो एक अजीब सा मजा आने लगा। उसके लंड की गर्मी, उस ब्रा को गरम कर रही थी। तभी चंद्रमुखी ने आवाज लगाई, “अबे गुलगुले! कहाँ मर गया?” गुलगुले ने जवाब में कहा” आया मैडमजी”। और चंद्रमुखी के डर से वो ब्रा को वहीं फेक कर बेडरूम की ओर चला गया।
जब गुलगुले बेडरूम में घुसा तो उसने देखा कि चंद्रमुखी बिस्तर पर बैठी हुई है। और अब तो हमने अपने सारे कपडे उतार दिये हे. गुलगुले ने देखा कि चंद्रमुखी अपनी चूत को अपनी उंगलियों से सहला रही थी। गुलगुले की वजह से उसकी चुदाई की खुजली बढ़ चुकी थी इसलिए वो अपने हाथों से अपनी छूत को कभी सहलाती तो रगड़ती। ये देख के गुलगुले से रहा नहीं गया और उसने बोला; “मैडमजी! मैं समझ गया आपको क्या चाहिए। आपको टंग ट्विस्टर चाहिए।” ये सुनकर चन्द्रमुखी बोली: अच्छा! तन्ने ये भी आता है. चलो देखते हैं कि तन्ने कितना ट्विस्ट करना आता है और तारो जीभ कितना लंबा है।’ ये बोलकर चंद्रमुखी ने अपना झांगे फेला दी और गुलगुले को इशारा किया कि वो आके चंद्रमुखी की चूत चाटते हैं। गुलगुले लपक के चंद्रमुखी की चूत चाटने लगा। अपनी जबान उसकी चूत में घुसाने लगा, मानो अपनी झील से उसकी चूत को चोद रहा हो। चंद्रमुखी को मजा तो आने लगा साथ-साथ में चुदाई का एहसास बढ़ने लगा। चन्द्रमुखी आह! आह! कि आहेन भरने लगी. उसने गुलगुले को कहा कि “माई अब ना रुक सकुन हूं। मन्ने जल्दी से चोद मेरी चूत गिली हो रही है..है!! अइया..” गुलगुले बिस्तर पर चढ़ गया और चंद्रमुखी भी बिस्तर पर चढ़ गई। फिर गुलगुले चंद्रमुखी के पीछे गया और फिर उसने अपने लंड पर अपना थूक लगाया और फिर धीरे से चंद्रमुखी की चूत में घुसा दिया। जब गुलगुले का लंड धीरे से चंद्रमुखी की चूत में घुस गया तो चंद्रमुखी को बहुत अच्छा लगा। उसको बहुत बुरा लगा एक हल्की सी आह निकली। पर जब गुलगुले ने धीरे-धीरे चोदने में स्पीड पकड़ी तो चंद्रमुखी को दर्द का एहसास होने लगा। फ़िर अचानक से गुलगुले ने अपना पूरा लंड चंदमुखी की चूत में अंदर तक घुसा दिया तो चंद्रमुखी की ज़ोर से आह निकली। आह!!…अई!! धीरे-धीरे गुलगुले की चुदाई से चंद्रमुखी की चूत ढीली हो गई और उसे भी मजा आने लगा। फ़िर क्या हा, वो भी गुलगुले के लंड के ऊपर चढ़ गई और ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी। डोनो को बहुत मज़ा आ रहा था। गुलगुले ने चन्द्रमुखी से चोदते-चोदते कहा कि ”मैडम इतना मजा तो मुझे मेरी शुआग रात में भी नहीं आया था। अच्छा हुआ जो मेरी बीवी किसी और से चुदी वरना मुझे आज तो ये मौका मिलता ही नहीं” इसपर चंद्रमुखी ने पहली बार मुस्कुरा दिया, और फिर उठ के बैठ गई। गुलगुले लेता हुआ था तो वो उसके लंड के ऊपर बैठ गई और उसके लंड को अपनी चूत में घुसाकर उसपर उछालने लगी।
और गुलगुले को और भी ज्यादा मजा दिलाने के लिए चंद्रमुखी आवाज भी निकलने लगी। अपनी हरियाणवी चढ़ाई में बोलने लगी ”मुझे चोदो गुलगुले! मुझे चोदो! चोद दे मुझे! और ज़ोर से! आह! आ..आ..आह! ऐया! हां..हां…हां!! मम्म…ओह! भाड़ में जाओ मुझे गुगुले” गुलगुले ने फिर अपना सारा जोश चंद्रमुखी पे निकल दिया। वो ज़ोर ज़ोर से चोदता चला गया। चंद्रमुखी भी आह आह की आवाज से गुलगुले को जोश दिला रही थी। और आखिर में जब गुलगुले को लगाऊंगा और नहीं संभालूंगा तो उसने अपना लंड निकल के चंद्रमुखी की चूत पर हिला डाला। और चंद्रमुखी के मुंह में अपना लौड़ा घुसाने लगा कि तब तक चंद्रमुखी ने उसे एक तमाचा मारा। गुलगुले हेयरां हो गया कि ऐसा क्या हुआ। तो चंद्रमुखी ने हमसे कहा कि: अबे ठरकी हवलदार, चोदने को दिया तो घर का माल समझ लिया क्या। कपड़े पहन और बाहर जाके देख, वो ब्रा चोर उधर… गार्डन में बेहोश पड़ा होगा। जेके हथकड़ी लगा दे उसके हाथ में इसे पहले कि वो भाग जाए। ये सुनकर गुलगुले हेयरन परेशान चंद्रमुखी को देखने लगा। कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है। फिर उसकी हेयरानी देख के चंद्रमुखी ने कहा की: मन्ने मालूम वह बिना परिचय के कहानी समझ ना आवेगी, वो यूं हुआ के जब मैं घर में आई और बाथरूम गई, तो मैंने अपनी ब्रा पैंटी को धोया और उसमें बेहोसी का केमिकल माना क्लोरोफॉर्म चिडक दिया. फिर तेरे को दीया की जाके सुखा दे. इसिलिये मन्ने तेरो को मन किया था कि ब्रा पैंटी मत सुघना। और मुझे आज मेरे जासूस ने बताया कि आज वो चोर आने वाला है। तो कोई तो बकरा तो होना चाहिए था ना जिसकी मदद से उसे पकड़ती थी। इसलिए मैंने तेरो को रोका. मन्ने मालूम था कि हॉलीवुड स्टाइल में चुदाई देख के साले चोर का लंड भी खड़ा हो जाएगा और वो जरूर उस ब्रा और पैंटी में हिलेगा। क्यूनिकी गार्डन से ये खिड़की पूरी तरह से देखती है, तो वो जरूर हमारी चुई देख के हमें ब्रा और पैंटी को सुघेंगा या हमें हिलाएगा। और फिर क्रोमोफॉर्म की वजह से बेहोश हो जाएगा। जो हुआ भी. क्योंकि मुझे यहां वो चोर दिख गया था। इसलिए मैं और ज़ोर ज़ोर से आह! चिल्ला रही थी. ताकि वो साला! उत्साहित हो जाये. चल जा जल्दी जाके सेल को पकड़ वरना असर खत्म हो गया तो भाग जाएगा और जाएगी मेरी चुदी पानी में।” ये सुनकर गुलगुले कपडे पहने बगीचे को भागा और देखा कि सही में वहां एक आदमी बेहोश पड़ा है। उसके पास से बहुत सारे ब्रा और पैंटी निकले। उसके पास जो मोबाइल निकला उसमें हमारे मोहल्ले के लोगो का वीडियो था। इस बात से जाहिर हो गया कि ये वही चोर है। और फिर उसे पकड़ के ईमान चाकी की जेल में डाल दिया गया। इधर चंद्रमुखी की समझदारी भरे काम से कमिश्नर ने उसे ईमान चौकी का थानेदार बना दिया। और इधर ढुडवाली गली के लोगो ने भी चंद्रमुखी को वहां पे कुछ दिन और रुकने का अनुरोध किया। ये सुनकर मन ही मन एक ही आदमी खुश हुआ…”गुलगुले”…