मेरी मकान मालकिन का नाम पायल था.
वे देखने में एक मस्त माल थीं. उनके चूचे एकदम बड़े बड़े दूध के थैले जैसे थे.
उनकी गांड देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाएगा.
क्या बताऊं आपको कि आंटी क्या माल थीं.
पायल आंटी की उम्र 35 साल थी.
उनकी शादी को अभी 8 साल हो गए थे और उनको अब तक कोई बच्चा नहीं हुआ था.
मैं नया नया ही उनके घर में रहने आया था.
आज तो मैं दिल्ली में रहने लगा हूँ और यहां मैं अपनी फैमिली के साथ रहता हूँ.
यह सेक्स कहानी उस वक्त की है, जब मैं 19 साल का था.
मैंने सोचा कि क्यों ना आप लोगों को भी यह सब बताया जाए.
अंकल के काम पर चले जाने के बाद पायल आंटी के पास दिन में कोई भी नहीं रहता था तो उनको कोई भी सामान आदि मंगवाना होता था तो वे मुझको बोल देती थीं.
पायल आंटी के पति ट्रांसपोर्ट में काम करते थे और अक्सर वे रात को घर से बाहर ही रहते थे.
एक दिन पायल आंटी ने मुझको अपने घर बुलाया.
उस वक्त रात हो रही थी तो उन्होंने नाइट ड्रेस पहन रखी थी.
अपनी उस नाइट ड्रेस के अन्दर उन्होंने ब्रा नहीं पहन रखी थी.
उस वजह से उनके चूचों के निप्पल साफ दिखाई दे रहे थे.
यह सब देख कर मेरा दिमाग़ घूम गया.
उस वक्त मैंने आंटी के मम्मों पर से ध्यान हटा लिया क्योंकि मुझे लग रहा था कि कहीं कुछ लफड़ा न हो जाए.
उन्होंने रात के समय मुझसे कुछ सामान मँगवाया तो मैंने उनको लाकर दे दिया.
पर जब रात को मैं अपने कमरे में सोने की कोशिश कर रहा था, उस वक्त मेरे दिमाग़ में पायल आंटी के बूब्स घूमने लगे.
मैंने उस वक्त आंटी को याद करके रात को तीन बार मुठ मारी.
उस रात मुझको नींद नहीं आई और बार बार लंड की मां चुदती रही.
इस तरह से मैंने आंटी को जब तब याद करके मुठ मारनी शुरू कर दी.
अब मुझे किसी तरह पायल आंटी को चोदना था.
मैं आंटी के घर अब ज्यादा आने जाने लगा था.
चोरी छुपे आंटी की ब्रा पैंटी को सूंघ कर और आंटी की पैंटी को अपने लंड पर लगा कर मुठ मारने लगा.
एक दिन पायल आंटी नहा रही थीं.
मैं उनके घर में घुस गया था.
मैंने आंटी को आवाज़ लगाई तो वे उस वक्त बाथरूम में थीं.
मैं बाहर बैठ गया.
जब पायल आंटी बाथरूम से नहा कर निकलीं तो मैं उनको देखता ही रह गया.
उन्होंने काले रंग की ड्रेस पहनी थी, जो गहरे गले की थी.
मुझे उनके दूधिया बूब्स साफ दिखाई दे रहे थे.
उस वक्त भी शायद उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी.
मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरे लोवर में साफ दिखाई देने लगा.
पायल आंटी ने मेरे लोवर में खड़े होते हुए लंड को देख लिया.
मैं वहां से चला गया और घर जाकर मुठ मार कर खुद को शांत किया.
उसके बाद दो दिन तक मैं आंटी के घर नहीं गया.
उनके पति पाँच दिन के लिए गुजरात गए थे.
इस बीच में आंटी की तबीयत खराब हो गयी.
पायल आंटी ने मुझको अपने घर दवा लाने के लिए बुलाया.
उस वक्त वे अपने बेडरूम में थीं और उनको तेज़ बुखार चढ़ा हुआ था.
मैं मेडिकल स्टोर से जाकर उनके लिए दवा ले आया.
मैंने उनको दवा दी और जाने लगा.
उन्होंने मुझसे थोड़ी देर रुकने के लिए कहा.
मैं उनके पास पड़ी कुर्सी पर बैठ गया.
पायल आंटी मुझको अपनी टांगों पर तेल लगाने के लिए कहा.
उनके हाथ पैरों में बहुत दर्द हो रहा था.
उनकी इस स्थिति में मैं उनको मना नहीं कर सकता था.
मैंने तेल लाकर उनके तलवों में तेल लगाना शुरू कर दिया.
पायल आंटी ने उस वक्त नाइटी पहनी थी.
शायद उन्होंने अन्दर ब्रा पैंटी भी नहीं पहनी थी.
मैंने धीरे धीरे आंटी के तलवों में तेल लगाने के बाद उनकी टांगों में भी हाथ फेर कर मालिश देना शुरू कर दिया.
उन्हें आराम मिलने लगा तो वे कुछ नहीं बोलीं.
इधर उनके जिस्म के स्पर्श से मेरा दिमाग़ पायल आंटी को चोदने के लिए सोचने लगा.
मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने अब आंटी को बेखौफ तेल लगाना शुरू कर दिया था और उनके पैरों पर ऊपर चढ़ते हुए तेल लगाना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद पायल आंटी ने मुझको अपनी जांघों पर तेल लगाने के लिए कहा.
मैंने तुरंत अपने हाथ उनकी जांघों पर रख दिए और तेल लगाना शुरू कर दिया.
उस वक्त मैंने उनकी नाइटी को ऊपर उठाया दिया था तो आंटी की गोरी जांघें मेरे लंड की हालत खराब करने लगी थीं.
मैंने जैसे ही उनकी नंगी जांघों पर तेल लगाना शुरू किया.
तभी पता नहीं पायल आंटी को क्या हुआ, वे अपनी कमर उठाने लगीं.
उनके मुँह से धीरे स्वर में आवाज़ आने लगी- आआह अह … बड़ा अच्छा लग रहा है आह करते रहो.
यह सब देख कर मेरी हिम्मत बढ़ने लगी.
मैं धीरे धीरे उनकी चूत के पास हाथ ले जाने लगा.
मैंने देखा कि उन्होंने पैंटी नहीं पहनी है.
उनकी चूत की मांसल फांकें मुझे महसूस होने लगी थीं.
उन्होंने कुछ भी नहीं कहा बल्कि अपनी टांगों को और खोल लिया.
मैं अब बार बार उनकी चूत को छूता और वापस उनकी जांघों की मालिश करने लगता.
जब इतना सब होने पर भी पायल आंटी ने मुझसे एक शब्द तक नहीं कहा तो मेरी हिम्मत बढ़ गई.
मैंने इस बार हिम्मत करके उनकी चूत में अपनी उंगली डाल दी.
पायल आंटी को मज़ा आने लगा.
वे जोर जोर से आवाज़ निकालने लगीं- आह राज … चोद दे मुझे प्लीज … फक मी नाओ … मैं काफ़ी समय से तुम्हारा लंड लेना चाहती थी!
यह सब सुन कर मेरी हिम्मत खुल गई और मैं जोर जोर से आंटी की चूत में उंगली करने लगा.
आंटी की चूत एकदम चिकनी थी, झांट का एक बाल भी नहीं था.
मेरे मुँह में पानी आ गया और मैंने आंटी की चूत को चाटना शुरू कर दिया.
मुझको पहले तो चूत का स्वाद अज़ीब सा लगा, पर थोड़ी देर बाद यह स्वाद मुझे बहुत अच्छा लगने लगा.
मुझे तो अब ऐसा लगने लगा था मानो चूत से अच्छी कोई चीज़ ही नहीं है.
मैं तो पागल हो गया था.
उधर पायल आंटी मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी थीं.
साथ ही वे जोर जोर से बड़बड़ाने लगी थीं- आआह आआह हह … राज तुम कितने अच्छे हो … आह राज खा लो इस निगोड़ी चूत को … तेरे अंकल को चूत की सुध ही नहीं रहती है.
थोड़ी देर बाद मैंने पायल आंटी को लंड चूसने को कहा.
तो वे झट से राज़ी हो गईं.
मैंने पायल आंटी को पूरी नंगी कर दिया.
मैंने आज उनको पहली बार बिना कपड़े के देखा था.
मैं पायल आंटी को देखता ही रह गया.
फिर मैंने अपने भी पूरे कपड़े उतार दिए.
पायल आंटी मेरा लंड देख कर खुश हो गईं.
मेरा लंड भी काफ़ी मस्त है.
फिर मैं और आंटी 69 की पोजीशन में आ गए.
आंटी मेरा लंड घपाघप चूसने लगीं.
मुझको मज़ा आने लगा.
करीब पाँच मिनट बाद मैं और आंटी साथ में झड़ गए.
पायल आंटी मेरा पूरा माल पी गई थीं.
झड़ने के कुछ मिनट तक हम दोनों ऐसे ही निढाल पड़े रहे.
थोड़ी देर बाद मैंने आंटी के मम्मों को चूसना सहलाना शुरू कर दिया.
आंटी के बूब्स क्या मस्त थे, एकदम बड़े बड़े थे.
मैंने खूब मज़े से आंटी के दोनों आम चूसे, फिर उनके निप्पल को चूसना शुरू कर दिया. चूसने के साथ साथ मैं निप्पल को काट भी ले रहा था.
इससे उनको दर्द भी हुआ और मज़ा भी आ रहा था.
पायल आंटी ने मुझसे कहा- राज यह सब छोड़ और पहले मेरी चूत को चोद. मेरी चूत में बहुत आग लगी है.
मैंने आंटी की चूत पर अपना लंड रखा और हल्का सा जोर लगाया तो लंड अन्दर नहीं गया.
पायल आंटी ने कहा कि जोर लगा … मैं काफ़ी महीनों से नहीं चुदी हूँ.
मैंने आंटी की चूत में अपना लंड फंसाया और एक जोर का धक्का दे मारा.
उस तगड़े झटके के साथ मैंने अपना लंड पायल आंटी की चूत में उतार दिया.
आंटी दर्द से चिल्लाने लगीं- एया याह … आआ अहह ए येए साले गांडू … मादरचोद आराम से कर … बहन के लंड, फ्री की चूत है तो क्या फाड़ देगा!
मैं उनकी गालियों को सुनता रहा और अपनी धुन में लगा रहा!
और मैं आंटी को जोर जोर से चोदने लगा.
अब आंटी को मज़ा आने लगा- आह राज और जोर से चोद राज … चोद दे राज … आह फाड़ दे मेरी चुत!
मैंने कुछ देर बाद पायल आंटी को घोड़ी बनाया और उनकी चूत में पीछे से लंड पेल कर चोदने लगा.
कुछ देर बाद मेरा मन आंटी की गांड मारने को करने लगा.
मैंने आंटी की गांड के छेद में थूक लगा कर उंगली डाली.
तो आंटी गाली देने लगीं- आह मादरचोद चूत मार … गांड को छोड़ दे भोसड़ी के … मैंने आज तक कभी अपनी पति को भी नहीं छूने दी है. तुझे चूत मारनी है तो मार, नहीं तो निकल भोसड़ी वाले यहां से मादरचोद!
मैंने आंटी की टांगें अपने कंधों पर रखीं और लंड पेल कर उन्हें जोर जोर से चोदने लगा.
पायल आंटी- आआह आअहह … एयेए उउऊईई उहह आह चोद राज चोद … अब से तू ही मेरा पति है और मैं तेरी रंडी आह चोद!
‘साली रंडी ले बहन की लौड़ी … कुतिया गांड नहीं दी ना … अब देख तेरी चूत का कैसा भोसड़ा बनाता हूँ … आज तेरी चूत खराब कर दूँगा.’
करीब दस मिनट बाद मैं और आंटी एक साथ निकल गए.
मैं वहीं लेटा लेटा आंटी के होंठों को किस करने लगा और उनके निप्पल को चूसने लगा.
थोड़ी देर बाद हम दोनों उठ कर नहाने आ गए. हम दोनों ने वहां जाकर भी एक और राउंड खेला.
मैंने पायल आंटी को ज़बरदस्त चोदा.
लंड से चुदने से उनकी तबीयत एकदम सही हो गई थी.
सेक्सी आंटी मेरे लंड से चुदवाने के बाद बहुत खुश हो गई थीं.
पायल आंटी को चोदते वक्त मेरा टोपा छिल गया था.
मुझे बाद में बहुत दर्द हुआ.
उसके बाद तीन साल तक मैंने आंटी को खूब चोदा और बाद में मैंने उनकी गांड की सील भी तोड़ी.
सच में मुझे पायल आंटी के साथ बहुत मज़ा आया था.
मैंने पहली बार सेक्स उन्हीं के साथ किया था.
बाद में मैंने बहुत सी लड़किया चोदीं.
पायल आंटी की चुदाई के बाद मुझको चूत का नशा हो गया था.
मैंने आंटी की कई सहेलियों के साथ भी चूत चुदाई का खेल खेला.