मैं रोहित उम्र 21 साल का हूँ और फिलहाल मैं पढ़ रहा हूँ.
मम्मी की सखी का नाम नीतू है, मैं उन्हें मौसी कहता था.
वे देखने में बहुत हॉट एंड सेक्सी माल हैं.
उनके दो बच्चे भी हैं.
मौसी के पति कहीं बाहर जॉब करते थे. मौसी और उनके दोनों बच्चे घर पर रहते थे.
नीतू मौसी मेरी मम्मी के पास लगभग रोजाना ही आती थीं.
जिस वक्त वे हमारे घर आती थीं, तब मैं भी घर पर ही रहता था.
एक दिन मेरी मम्मी और पापा दोनों किसी रिश्तेदारी में शहर से बाहर गए थे.
उसी वजह से मेरी मम्मी ने घर की जिम्मेदारी नीतू मौसी को दी और उनसे मेरा ख्याल रखने को बोला.
जब मम्मी पापा घर से बाहर गए थे, उस वक्त मैं स्कूल में था.
स्कूल से जब मैं घर आया तो मौसी मुझे घर में मिलीं.
उन्होंने मुझसे कहा- तुम फ्रेश हो जाओ, मैं तुम्हारे लिए खाना लाती हूँ.
मैंने उनसे अपनी मम्मी के बारे में पूछा तो जानकारी मिली कि किसी अचानक आए कारण से मम्मी पापा को बाहर जाना पड़ा है.
तब मैंने अपने कमरे में जाकर अपने कपड़े निकाले और कुर्सी पर बैठ गया.
अब मैं अपने लंड को रगड़ने लगा था.
आज बहुत दिन बाद मुझे अकेले में रहने का मौका मिला था.
अपना लंड रगड़ते हुए मेरे सामने कुछ कामुक दृश्य याद आने लगे और मेरी आंखें बंद हो गई थीं.
मैं जल्दबाजी में अपने कमरे के दरवाजे बंद करना भूल गया था.
तभी मुझे लगा कि मुझे कोई देख रहा है.
मैंने दरवाजे पर देखा, तो मौसी मुझे देख रही थीं.
मैंने जैसे ही उनको देखा, मैं अपने रूम के बाथरूम में भाग गया.
तब मैंने बाथरूम के दरवाजे की झिरी से झांक कर देखा तो मौसी चली गई थीं.
कुछ समय तक मैंने इंतजार किया.
उसके बाद मैं कपड़े पहन कर हॉल में आ गया.
मौसी उधर मेरा इंतजार कर रही थीं.
मैं बिना कुछ बोले शर्मिंदगी से सर झुकाए आया और चुपचाप बैठ कर खाना खाने लगा.
कुछ देर बाद मौसी मुझे एक स्माइल देकर अपने घर चली गईं.
फिर रात को मौसी ने मुझे फोन किया और उन्होंने मुझे अपने घर खाना खाने के लिए बुलाया.
मैं जब गया तो मौसी के बच्चे सो गए थे और मौसी एक हॉट सी नाइटी पहन कर अपने किचन में खाना बना रही थीं.
मुझे आया देख कर मौसी ने मुझे बैठने के लिए कहा और मुझे खाना परोस दिया.
खाना खाने के बाद मैं मौसी के घर से जाने लगा.
तब मौसी ने कहा- आज तुम यहीं सो जाओ.
मैं भी मान गया.
फिर मैं मौसी के कमरे में बने बाथरूम में फ्रेश होने गया.
उधर मैंने देखा कि मौसी की पैंटी और ब्रा टंगे थे.
मौसी की ब्रा पैंटी देख कर मेरा लंड कड़ा हो गया और मैं लंड को रगड़ने लगा.
तभी मैंने मौसी की ब्रा पैंटी को उठाया और अपने लंड पर लपेट कर लंड की मुठ मारने लगा.
मेरे लौड़े से वीर्य निकला तो मौसी की ब्रा पैंटी पूरी गीली हो गईं.
मैं वह सब देख कर जरा परेशान हो गया कि अब क्या होगा.
पर कुछ नहीं किया जा सकता था तो मैंने सोचा कि अब जो होगा सो देखा जाएगा.
मैं बाथरूम से बाहर निकल आया.
मेरे बाहर आने के बाद मौसी बाथरूम में चली गईं.
मैं अपने बिस्तर पर सोने चला गया.
उस समय रात का एक बजे का समय हो रहा था.
मेरी आंख खुली तो मैंने अपने कमरे की खिड़की की तरफ देखा.
मौसी मुझे ही देख रही थीं.
उस टाइम मेरा लंड खड़ा था.
मैंने मौसी को स्माइल दी और लंड सहला दिया.
मौसी भी मुस्कुरा दीं और लपक कर कमरे में आ गईं.
उन्होंने बिना कुछ कहे मेरा बॉक्सर उतार दिया और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर सुपारे को चूसने चाटने लगीं.
मैं उनकी इस हरकत से एकदम से अचकचा गया और उनके मुँह से लंड निकालने की कोशिश करने लगा.
मगर मौसी ने मेरा लौड़ा बहुत कसके पकड़ा हुआ था और वे उसे तेजी से रगड़ती हुई अन्दर बाहर कर रही थीं.
मैं उनके मुँह से लंड निकालने की नाकाम कोशिश की, तो वे मुझे देखने लगीं.
उनकी आंखों में वासना का नशा छाया हुआ था.
मैंने कहा- मौसी, यह आप क्या कर रही हैं?
वे बोलीं- वही कर रही हूँ, जो तुम बाथरूम में मेरी ब्रा पैंटी के साथ कर चुके हो.
यह कह कर वे फिर से लंड को चूसने लगीं.
उनकी तेज गति से हो रही लंड चुसाई से मुझे अपने लौड़े में दर्द होने लगा था.
लेकिन मज़ा भी आ रहा था.
मैंने अपना हाथ बढ़ाया और मौसी के एक दूध को पकड़ कर मसकने लगा.
कुछ देर बाद मौसी उठीं और उन्होंने अपने सारे कपड़े निकालना शुरू कर दिए.
मेरा लंड उनकी कामुक जवानी की दुकान की शटर उठते हुए देख रहा था और फनफना रहा था.
मौसी की नजरें मेरे कड़क लंड पर ऐसे जमी हुई थीं मानो वे मेरे लंड को धमकी दे रही हों कि रुक साले तेरी सारी अकड़ अभी निकालती हूँ.
अपने सारे कपड़े निकालने के बाद उन्होंने मेरे कपड़ों को खींचना शुरू कर दिया.
मैंने उनका साथ देते हुए अपने सारे कपड़े उतर जाने दिए.
अब मौसी मेरे मुँह के ऊपर आकर बैठ गईं.
उनकी चूत एकदम गीली थी.
मैं उनकी गीली चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा था और दोनों हाथों से मौसी की चूचियों का भर्ता बनाने लगा था.
तभी अचानक से मौसी मेरे मुँह से उठीं और पलट कर वापस मेरे मुँह पर चूत टिका कर बैठ गईं.
अब वे मेरे लंड को चूसने लगी थीं.
मैंने उनकी चूत के साथ गांड का छेद भी चाटा, तो वे अपनी गांड मेरे मुँह पर घिसने लगीं.
कुछ मिनट तक यह सब मजा लेने के बाद मैंने उनको बेड से नीचे आने का कहा और बैठा दिया.
उनके दोनों हाथों को पकड़ कर उनके मुँह में लंड पेलने लगा, मौसी के मुँह की चुदाई करने लगा.
कुछ ही देर में मौसी के मुँह से फच फच की मधुर ध्वनि आने लगी थी.
मेरा लंड उनके गले तक जा रहा था.
अब मैंने उनको बेड पर लेटा दिया और उनकी दोनों टांगों को फैला कर चूत को चुम्मी करने लगा.
वे मुझसे बोलीं- अब अन्दर डाल दो.
मैंने अपना लंड उनकी चूत पर सैट कर दिया और उनके होंठों पर अपने होंठ जमाते हुए एक ही बार में अपना आधा लंड पेल दिया.
लंड एकदम से घुसता चला गया था तो मौसी की कराह निकल गई- आह मार दिया साले ने … धीरे धीरे पेलो न!
मैंने उनकी एक नहीं सुनी और अपना पूरा हथियार मौसी की चूत में पेलने के बाद ही रुका.
अब तक वे भी लंड को खा गई थीं और दर्द में ‘आह उह … फक मी रोहित’ बोलने लगी थीं.
मगर एक बात अजीब सी हुई, उनकी चूत से खून आने लगा था.
खून देख कर मैंने अपने लंड को वहीं का वहीं रोक दिया.
मैंने देखा कि मौसी रो रही हैं.
तो मैंने उनसे पूछा- क्या हुआ?
मौसी ने कहा- मेरे पति का सामान बहुत छोटा सा है और मैंने दो साल से सेक्स भी नहीं किया है. इसी लिए मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है.
मैं समझ गया कि मौसी का क्या मतलब है.
और मैं धीरे-धीरे अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.
मौसी कुछ ही देर में सामान्य हो गईं और चुदाई का मजा लेने लगीं.
मैंने बीस मिनट तक उनकी चूत को चोदा.
मौसी की बेडशीट पर काफी खून लग गया था.
जब मैं मौसी की चूत चोद रहा था, तो वे ‘अया अयाह’ करके मुझे पकड़ ले रही थीं.
कुछ देर के बाद मैंने मौसी से कहा- मौसी, मैं अब आने वाला हूँ!
तो मौसी ने कहा- हां रोहित, मेरी चूत की प्यास बुझा दो अपना सारा रस मेरे अन्दर ही छोड़ दो.
उनके कहे अनुसार मैंने अपने लंड का रस मौसी की चूत में ही टपका दिया.
मैं जब झड़ने लगा तो मुझे बहुत तेज थकान हुई.
ऐसा लगा मानो मौसी ने मुझे पूरा निचोड़ लिया हो.
मैं उनके ऊपर ही गिर गया और लंबी लंबी सांसें लेने लगा.
मौसी की चूत तृप्त हो गई थी तो वे मुझे अपने मम्मों से चिपकाए हुए लेटी थीं और मेरी पीठ पर प्यार से हाथ फेर रही थीं.
मैं मौसी के साथ उसी अवस्था में सो गया और कब सुबह हुई, कुछ मालूम ही नहीं पड़ा.
जब मैं उठा तो मौसी के बच्चे स्कूल चले गए थे.
मेरी नजरें मौसी को ढूंढ रही थीं, वे मुझे कहीं दिखाई ही नहीं दे रही थीं.
मैंने उठ कर देखा और बाथरूम में देखा तो दरवाजा खुला हुआ था और मौसी अन्दर नंगी खड़ी होकर शॉवर का मजा ले रही थीं.
उनकी गांड दरवाजे की तरफ थी.
मैंने अपना बॉक्सर निकाला और अन्दर जाकर मौसी को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया.
मौसी ने मुझे देखा तो मेरे सीने से लग गईं और बोलीं- अभी नहीं!
मैंने उनके दूध मसलटे हुए कहा- अभी क्यों नहीं?
वे कहने लगीं- प्लीज मान जाओ न … अभी नहीं रोहित.
मैंने उनकी कुछ नहीं सुनी और उनके दोनों मम्मों को पकड़ कर मसलने लगा.
उनके निप्पल भी कड़क हो गए.
मैं उनके एक निप्पल को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा था और बीच बीच में होंठों से पकड़ कर खींच दे रहा था जिससे मौसी की मादक आह उन्ह निकल रही थी.
आखिरकार मौसी से भी न रहा गया और उन्होंने भी मेरे लौड़े को हाथ से पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया.
अब वे मेरे कान के पास आकर सिसकारियां भर रही थीं- ऊह ऊह रोहित फक मी हार्ड रोहित … रगड़ दे मुझे आह!
मैंने उनको वहीं बाथरूम के फर्श पर बैठने का कहा.
वे बैठ गईं और मेरे लंड को पकड़ कर अपने मुँह में लेने लगीं.
कुछ देर बाद मैंने उनको उठाया और उधर वाशबेसिन के प्लेटफॉर्म पर मौसी को टिकाया और उनकी एक टांग को अपने कंधे पर रख लिया.
अब मैंने उनकी चूत में लंड पेला और उनकी चुदाई करने लगा.
मौसी- अयाह अया …ऊवू ऊ बेबी … क्या कर रहे हो … आह दर्द हो रहा है स्लो करो यार!
वे मुझे किस भी कर रही थीं और खुद अपनी गांड मटका कर लंड अन्दर बाहर करवा रही थीं.
मैंने उनसे कहा- मौसी, आपकी गांड मारने का मन कर रहा है!
मौसी बोलीं- नहीं रोहित … उधर नहीं. मैंने सुना है कि उधर बहुत दर्द होता है … और तुम्हारा तो इतना मोटा और बड़ा है … नहीं नहीं मैं उधर नहीं लूँगी.
मौसी मना कर रही थीं.
मैं उनकी चूत से लंड खींच कर बाथरूम से बाहर निकल आया.
मौसी मेरे पीछे पीछे आईं और मुझे मनाने लगीं.
जब मैं नहीं माना तो वे अपने रूम में चली गईं.
फिर मुझे मौसी ने अपने रूम में बुलाया.
मैंने जैसे ही गेट खोला तो देखा कि मौसी डॉगी बनी हुई हैं और गांड हिला रही हैं.
वे मुझे देख कर कुतिया की अपने हाथ पैरों पर चल कर मेरे पास आईं.
मौसी बोलीं- रोहित प्लीज मेरी गांड मार दो.
मैं मौसी की गांड पर चाँटे मारने लगा.
मैंने मौसी की गांड को लाल कर दिया.
फिर मैं उनकी गांड के छेद पर तेल लगाने लगा, थोड़ा तेल अपने लंड पर भी लगा लिया.
उनकी गांड बहुत टाइट थी.
काफी देर तक कोशिश करने के बाद मैंने उनकी गांड में अपना लंड डाल पाया.
लंड लेते ही वे बहुत तेज चिल्ला दीं- आह मर गई मैं तो रोहित … बाहर निकाल … आह तेरा बहुत मोटा है यार!
मैं कुछ नहीं बोला और थोड़ा रुक कर फिर से गांड मारने लगा.
करीब दस मिनट बाद ही जब मौसी की गांड फट गई तब मैंने उन्हें सीधा किया और फव्वारे के नीचे चित लिटा कर उनकी चूत का भोसड़ा बनाना शुरू कर दिया.
वे भी मस्ती से चुदाई का मजा ले रही थीं.
कुछ देर बाद हम दोनों फारिग हो गए और नहा कर बाहर आ गए.
अब मैं जब चाहे सेक्सी मौसी की चुदाई कर लेता हूँ.
आजकल हॉट मौसी गांड मरवाना ज्यादा पसंद कर रही हैं.
उनकी इच्छा है कि दोनों छेद में एक साथ दो लंड चलें.
मुझे एक ऐसे साथी की जरूरत है जो मौसी की सैंडविच चुदाई में मेरा सही से साथ दे सके.