Thursday, November 21, 2024
Hindi Midnight Stories

माकनमालिकिन आंटी की चुदाई

हेलो दोस्तो, मेरा नाम नामा है या घर पर सभी लोग मुझे प्यार से बांटते हैं। दोस्तो, आज मैं आप सभी को मकान मालिक से चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूँ। वैसे यह कुछ समय पुरानी बात है या मैं उसका समय 12वीं मई पढ़ता था। मैं जिस मकान में रहता था, उसका मकान मालिक की उमर करीब 36 साल थी, लेकिन वो इतनी उमर होने के बाद भी एक बहुत ही सेक्सी औरत थी या मैं उन्हें आंटी कहकर बुलाता था या उन आंटी का नाम रोमा था या मैं उनकी सुंदरता का दीवाना था. मुझे जब भी मौका मिलता था, मैं उनसे बात करता था या इसी बहाने मुझे उनके गोरे गोरे स्तनों को निहारने का मौका मिलता था या मैं आंटी के स्तनों को देखकर एकदम पागल हो जाता था, क्योंकि उनके स्तन बहुत बड़े थे या सदी के आंचल से उनकी एक झलक ही मुझे मिल जाए तो मैं यही सोच कर उनसे बात करता था। फिर मैं बातों के बीच में उनके बड़े साइज़ के स्तन, गांड को देखता रहता या शायद धीरे-धीरे इस बात का अंदाज़ा आंटी को भी लग गया था कि मैं उनके जिस्म को घूरता रहता हूँ। फिर वो भी अब कभी अपने पल्लू को जंबुझ कर गिरा देती या गहरे गले के ब्लाउज से गोल गोल स्तन दिख जाती, लेकिन सबसे अच्छी बात यह थी कि आंटी सेक्सी तारिके से कपडे पहनती थी, जैसे की जालीदार गहरे गले के ब्लाउज से उनकी ब्रा भी सैफ सैफ दिखती थी या उनकी सदी भी नाभि से बहुत अलग हुआ करती थी या मैं उनके एक गैंग का दीवाना था। उनके रसीले होंथ, मदमस्त कर देने वाले स्तन, नाभि, गांड या वो सब कुछ जो उन्हें मोजूद था, वो मेरी रातो की रानी थी या मैं जब भी मुठ मारता था तो मैं उन्हें नंगे माई सोचता था, या मैं किस्मत वाला था कि मुझे रोमा आंटी के घर में रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनके पति जब ऑफिस चले जाते थे, तब वो घर पर अकेली हुआ करती थी या ऐसे में जब मेरी उनसे मुलाकात हो जाती थी, तब मैं मोके का फ़ायदा उथकर बहुत देर से करता था। उन पर क्या जवानी छाई हुई थी? 36 साल की उमर होने के बाद भी वो सेक्स बम थी। मेरा लंड हर रोज उनके बारे में सोच कर पानी छोड़ देता था। फिर एक बार मेरे माता पिता 10 दिन के लिए हमारे एक करीब रिश्तेदार के घर दूसरे शहर गए थे या मुझे खाना बनाना नहीं आता था, इसलिए आंटी ने कहा कि मैं उनके घर पर खाना खा लूं। फिर मैं उनकी यह बात सुनकर बहुत खुश था या वैसे भी इतना अच्छा मोका कौन गवाना चाहेगा, तो मैं 8 बजे उनके घर जाता था या खाना खान एके बाद वापस अपने कमरे में चला जाता था, हमें वक्त तक अंकल भी घर पर ही होते थे या फिर दो दिन बाद अंकल की कंपनी ने उनको मीटिंग के लिए दिल्ली भेज दिया या अब आंटी घर पर बिल्कुल अकेली हो गई।

मैं उस रात को भी हर रात की तरह 8 बजे आंटी के घर पहुंचूंगा, आंटी ने दरवाजा खोला या हर बार की तरह वह सेक्सी गहरे गले का ब्लाउज या जालीदार सदी माई थी या मैं उस घर गले के ब्लाउज में से उनके सुंदर स्तनों को निहारती हूं रहा था, वो जब मूड कर रही थी तो मैं उनके जालीदार ब्लाउज से उनकी काली ब्रा या पीठ को देखता था, दोस्तो वाह क्या जिस्म था या मेरा तो आदमी कर रहा था कि उन्हें पकड़ लूं या शुद्ध बदन को बारी बारी से चुमू या उनकी गांड भी एकदुम भरी पूरी थी या मैं सोचता था कि ऐसी गांड को मारने में कितना मजा आएगा, लेकिन आज तक मैंने किसी लड़की को नहीं छोड़ा था, इसलिए मैं सब बातों को केवल सोचता ही था। मुझे आंटी बहुत खुश नजर आ रही थी, शायद उनको भी मेरे दिल की इच्छा का पता चल गया था या वो भी मेरे साथ बैठ कर खाना खाने लगी या फिर खाना खाते खाते अचानक से उनका पल्लू नीचे सरक गया या मुझे उनके बड़े बड़े स्तन दिखने लगे या मैं तिरछी नजर से उनको देख रहा था, आंटी को भी मजा आ रहा था या उनके पल्लू को नीचे गिराकर छोड़ दिया। फिर वो कहने लगी कि मुझे यह सदी बहुत परेशान करती है, मेरा तो जी करता है कि मैं इसे उतार दूं। एक तो इतनी गर्मी या ऊपर से यह सदी, यह कहते हुए उन्हें सदी को निकल दिया या अब वो ठीक मेरे सामने सिर्फ पेटीकोट या ब्लाउज माई थी या हमेशा की तरह उनका पेटीकोट नभी से बहुत अलग था या आंटी अब मुझ पर जुल्म ढा रही थी , क्योंकि उनका अधनंगा जिस्म मेरी आंखो के सामने था या फिर आंटी अब दोबारा से खाना खाने बैठ गई। खाना खा लेने के बाद वो मुझसे बोली कि रात को अकेले मुझे डर लगता है तो जब तक तुम्हारे अंकल नहीं आ जाते, तुम मेरे घर पर ही रुक जाओ। फिर मैं उनकी यह बात सुनकर मन ही मन खुशी से झूम उठा या मैं अपनी कुछ किताब आंटी के घर ले आया या मैं सोच रहा था कि शायद मुझे दूसरे कमरे में सोना होगा या इसलिए मैंने किताबों को आंटी के कमरे में रख कर पास वाले कमरे माई रख दिया. फिर आंटी ने कहा कि क्यों बनती मेरे साथ सोने में तुम्हें क्या कोई आपत्ति है? कृपया तुम मेरे साथ ही सो जाओ ना, तुम अपनी पढाई करना या मैं भी वही सो जाउंगी या जब तुम्हारा जी चाहे तो तुम भी वही सो जाना। फिर मुख्य आंटी के पास मेरा बेटा एके ख्याल से बिल्कुल पागल हो रहा था, क्योंकि मैंने आज तक जिसकी केवल बात की थी, मुझे आज उनके साथ सोने का मौका भी मिल रहा था या उस समय गर्मी बहुत ज्यादा थी, इसलिए आंटी ने मुझसे कहा की बनती तुम अपनी शर्ट उतार दो। तुम इतनी गर्मी में भी रह सकती हो या मैं तो सोते वक्त ब्लाउज भी नहीं पहनती, केवल ब्रा या पेटीकोट ही पहनती हूं। अचानक से आंटी के मुंह से ब्रा जैसा शब्द सुनकर मैं बहुत रोमांटिक हो गया या फिर क्यात हा, वो अपना ब्लाउज खोलने लगी या वो जैसे जैसे हुक खोलती जाती या उनके उबरे हुए स्तन बहार आ जाते। फिर आख़िर मैंने उन्हें ब्लाउज़ खोल दिया या एक तरफ फेंक दिया, जालिम आंटी के बड़े-बड़े कड़े हुए स्तन हमें काली ब्रा में दबाए हुए थे, उन्हें देखकर मेरा मन कर रहा था कि उनके स्तनों को मसल दू या जिभ से चैट लूं, लेकिन मुझे संयम बनाए रखना था। फिर जैसा तैसे मैंने पढ़ाई माई ध्यान लगाना शुरू किया या थोड़ी ही देर बाद आंटी बोली कि मेरे कमर दर्द हो रही है, अगर तुम बुरा मानों तो टेल से इसकी मालिश कर दो? तो हाँ बात सुनकर मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा। फिर मैंने लंड को ठीक किया या आंटी के करीब पहुंच गया।

आंटी बोली कि तुम बुरा मत मानना, मैं तुमसे मालिश करवा रही हूं, क्या करे दर्द इतना ज्यादा हो गया है। फिर मैंने कहा कि इसमें बुरा मन्ने वाली क्या बात है, आपका काम ही काम है करवा लीजिए मुझे कोई ऐतराज नहीं है.. फिर क्या है? मैंने आंटी की कमर की मालिश शुरू कर दी या उनको मक्खन की तरह कोमल बदन पर मेरे हाथ घुमने लगे या मेरा लंड खड़ा होने लगा। मैंने आंटी के शरीर को हाथ लगाया ही वो बोली हां कितना अच्छा लग रहा है, मेरे बदन की थकन जैसे तुमने ख़तम कर दी। फिर वो बोली कि थोड़ा या नीचे दबाना या सिर्फ पेटीकोट को भी उतार दो। इसे तुम्हें मालिश करना आसान होगा या मुझे भी आराम मिलेगा। दोस्तो मुझे अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था, इसलिए मैंने कुछ नहीं किया तो इस पर आंटी बोलीं कि सोच क्या रहे हो पेटीकोट को उतार दो या फिर दोबारा ऐसा सुनते ही मैंने पेटीकोट का नाडा खींच दिया या आला सारका दिया का इस्तेमाल किया। फिर आंटी की गोरी या गोल गोल गांड मेरी आँखों के सामने थी या मैंने उनकी गांड के पास मालिश शुरू कर दी या मैं उनकी गांड को धीरे धीरे मसल रहा था या आंटी भी सिसकियां ले रही थी, उन्हें भी बहुत मजा आ रहा था। वो बोली जरा जोर से मसलो ना, दर्द बहुत ज्यादा है या आज तुम्हें ही मेरे जिस्म के दर्द को खत्म करना है। फिर मैंने जोर जोर से मसलना शुरू कर दिया या अब मुझे भी ऐसा करने से बहुत मजा आ रहा था या मेरा लंड जो सांप की तरह खड़ा था, उनके लिए मैं रगड़ रहा था। फिर आंटी बिलकुल नसमझ बनते हुए बोली कि यार क्या है मेरे पेरो के पास? मैंने कहा आंटी ये मेरा लंड है, तो इस पर आंटी ने कहा कि अपना लंड अपनी आंटी को नहीं दिखाओगे या एक बार जब मैं भी तो देखु के मेरे बंटी का लंड कैसा है? या हाँ कहते हुए वो एकदुम उठ गई। दोस्तो आंटी ने पेटीकोट नहीं पहनी थी, इसलिए उनकी चूत उनकी झांटो के बीच से साफ साफ दिखाई दे रही थी। फिर आंटी ने मेरी पैंट को खोल दिया या अब मैं केवल अंडरवियर मैं था या फिर मैंने मेरी अंडरवियर को पकड़ा या इस्तेमाल भी अलग कर दिया। मेरा लंड पूरा तरह से तनकर खड़ा हुआ था या उनकी चूत को सलामी दे रहा था। फिर मेरे लंड को देखकर आंटी बोली कि बाप रे तुम्हारा लंड कितना बड़ा है या फिर एकदुम टैंकर खड़ा है या क्या अपनी आंटी के जिस्म को देखकर तुम भी बैताब हो गए? क्यों बनती है क्या कभी किसी लड़की को चोदा है? या 8 इंच के लंड का क्या फायदा? अगर इसे इस्तमाल ही ना किया हो या ऐसा कहते ही आंटी ने अपने मस्त होठों से दोस्त बना लिया। मेरे शरीर में एक बिजली से दौड़ गई। फिर आंटी ने धीरे से कहा कि क्या तुम मुझे चोदोगे? या अब वैसे भी इस लंड का इस्तिमाल होना चाहिए ना, क्योंकि ऐसे लंड को देखकर मेरी भी जवानी भड़क उठी है या आज सारी रात हम लोग चुदाई करते हुए बिताएंगे, क्यों बोलो चोदोगे ना अपनी आंटी को। फिर मैं आंटी की ये बात सुनकर एकदुम ख़ुशी से झूम उठा या मैंने थोड़ा घबराते हुए कहा कि क्यों नहीं। फिर आंटी बोली कि आज की रात मेरी जवानी तुम्हारे नाम हुई बनती तुम आज जितना चाहो इसे मजे ले लो, मैं तुमसे कुछ भी नहीं बोलूंगी। फिर आंटी एकदुम उठ खड़ी हुई, वो सिर्फ काले रंग की ब्रा मेरे सामने खड़ी हुई थी या उनका अधनंगा जिस्म, सुडोल शरीर, मदमस्त चूत, सुंदर स्तन या गुलाबी रसीले होंथ यह सब आज रात मेरे थे। दोस्तो मेरी तो जैसे आज लॉटरी लग गई थी। फिर आंटी बोली कि आजा बनती मेरे पास आ या मुझे मेरी ब्रा खोल कर नंगा कर दे या आज की रात हमारे बीच कोई दूर ना रहे।

मैं उनकी तरफ बढ़ा या वो घूम गई, मैं उनसे बिल्कुल चिपका हुआ था। फिर मैंने हाथो से ब्रा का हुक एक करके खोल दिया या इसके बाद मैंने आंटी के कंधे से ब्रा की डोरी को अलग कर दिया या ब्रा को उतार कर फेंक दिया या अब आंटी पूरी तरह से नंगी थी। फिर मैंने आंटी को बिस्तर पर लेटा दिया या उनके रसीले होठों को अपने होठों के बीच दबाकर जोर जोर से चूमने लगा, इसे आंटी भी जोश में आ गई या उल्टा उन्हें मुझे नीचे कर दिया या मेरे ऊपर चढ़ गई या मेरे होठों को चूसने लगी। आंटी ने अपनी जिह्वा को मेरे मुंह में डाल दिया या अंदर तक घुमाने लगी या अब हम दोनों एक दूसरे के मुंह को अपनी जिहब से चूस जा रहे थे। दोस्तो आंटी के क्या रसीले होंथ? मुझे ऐसा लग रहा था कि हम लोग एक दूसरे के होठों को युगों को चूस डालेंगे, तो आंटी के बाल मेरे चेहरे पर बिखरे हुए थे या वो मेरे मुंह को अपनी जिह्वा से चूस जा रही थी या इसके बाद मैंने उनके स्तनों को मसलना शुरू किया , वाह क्या मुलायम स्तन थे आंटी के, साली ने क्या जिस्म पाया था। ऐसे जिस्म को तो आदमी करता है कि मैं चोदता ही हूँ, मैं अपने दोनों हाथों से आंटी के स्तनों को मसल रहा था। आंटी जोश में आ गई या बोली कि मेरे राजा या जोर से मसलो, जितना मसलोगे मुझे उतना ही मजा आएगा, हां ले लो इनको अपने मुंह में या पी लो इनका रस या हां कहते हुए आंटी ने मेरे सर को पकड़ कर अपने स्तन पर दबा दिया . फिर मैंने भी उनके स्तनों को मुँह में ले लिया या चाप चाप की आवाज़ से चूसना शुरू कर दिया। अपनी जीभ से उनके निपल को चाटा या उनके निपल एकदुम खड़े थे या अब आंटी सिस्कियां लेने लगी या उनकी सिस्कियों की आवाज पूरे कमरे में भर गई या आंटी की सिस्कियों की आवाज से महोल भी गरम हो रहा था। फिर वो बोलने लगी कि हां एक करके दोनों को चूस लो या मेरे ये स्तन तुम्हारे होठों के लिए तरस रहे हैं, प्लीज आज अपनी आंटी को खुश कर दो या फिर मैं जोश में आकर या जोर जोर से चूसने लगा या बीच बीच में अपने दातो से उन्हें दबा भी देता था. फिर आंटी बोल उठती अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह थोड़ा धीरे तू बड़ा जालिम है, लेकिन सच पूछो तो ऐसे दांतों के बीच जब तुम मेरे स्तनों को दबाते हो तो मेरी कामुकता या भड़क उठती है या अब मुझसे नहीं रहा जाएगा, चल बनती अब मेरी चूत को चोदने को तैयार हो जा या कहकर आंटी ने अपने डोनो पर फेला दिए या एकदुम चित हो गई। उन्हें मेरा लंड पकड़ा या उसके ऊपर से चामड़ी को नीचे कर दिया या बोली कि चल बंटी घुसा दे अपने लंड को मेरी चूत में या घपाघप मेरी चूत मारना शुरू कर दे। एक हाथ से आंटी ने मेरे लंड को पकड़ा या फिर अपनी चूत में घुसा दिया या आंटी एकदम दर्द से कराह उठी उफ्फ्फ माँ आ गई मर गई आआह्ह्ह उह्ह्ह इतना मोटा लंड मेरी चूत में डालने से मेरी चूत फट जाएगी, आह्ह सच बनती तू बड़ा जालिम है या आज तूने अह्ह्ह्ह आआआईईईई मुझे बहुत खुश कर दिया या मैंने जरा भी नहीं सोचा था कि एक 18 साल का लड़का एक 36 साल की औरत को इतनी अच्छी तरह से चोद सकता है या आज से मेरी जवानी तुम्हारी गुलाम हो गई है, बस आज से 10 दिन या 10 रातें केवल मेरी चुदाई होगी या मैं तुझसे इतना चुदवाउंगी कि मेरी चूत फट जाएगी। फिर मैं उनकी यह बात सुनकर जोश में आकर जोर जोर से धक्के देकर आंटी की चूत को चोदने लगा। आंटी भी अपनी गांड को उठा-उठाकर धक्के मार रही थी या हम दोनो एक जिस्म हो गए, कभी मैं आंटी के ऊपर होता तो कभी आंटी मुझे नीचे कर देती या वो मुझे लगतार चूमे जा रही थी या जोश में वो कांप रही थी या हम जिस बेड पर हम चुदाई कर रहे थे, वो भी अब जोर जोर से हिल रहा था या शुद्ध कमरे में बेड की चू चू की आवाज या आंटी के सिसकियों की आवाज गूंज रही थी, लेकिन हम दोनों चुदाई में मस्त थे। जोर जोर से धक्के देकर घपाघप उनकी चूत मार रहा था, घर से कुछ तकलीफ भी हो रही थी। तभी आंटी ने मेरा लंड अपनी चूत से बाहर निकाल लिया या फिर उसे मुँह में लेकर अपनी जीभ से चटकार अपना थूक लगा दिया या अब आंटी बोली कि ले बनती तेरे लंड पर मैंने अपना थूक लगा दिया। तुझे अब चोदने में या भी मजा आएगा या अब तुम्हारा लंड आसान से अंदर बाहर हो जाएगा, चा लब फिर से शुरू हो जा चोद दे मुझे या फाड़ दे मेरी चूत।
मैंने अपना लंड फिर से आंटी की चूत में घुसा दिया, लेकिन इस बार वो बहुत आसान से फिसला हुआ अंदर घुस गया या फिर से मेरी या आंटी की चुदाई शुरू हो गई लेकिन अब हम या भी जोश में आ गए थे। आंटी अपनी गांड को उठा उठा मुझे नीचे से धक्के दे रही थी या इसके बाद उन्हें मैंने नीचे कर दिया या खुद मेरे ऊपर आ गई। आंटी या मैं चाहता था कि आग माई जल रहे थे, मेरा लंड आंटी की चूत में घुसा हुआ था या आंटी अपनी गांड को ऊपर नीचे कर रही थी या सिसकियाँ ले रही थी, हन बनती अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह तेरा लंड या मेरी चूत अब ऐसे ही मजा करेगी, तू अपनी पढ़ाई को तो कुछ दिनों के लिए भूल जा क्योंकि ऐसा मौका बार-बार नहीं आएगा। फिर जब आंटी मेरे ऊपर चढ़ कर मुझसे चुदवा रही थी तो हमारे जोरदार झटके से उनके स्तन उछल रहे थे, वाह क्या नजारा था। फिर मैंने कहा कि जानती हो आंटी जब भी हस्तमैथून करता था तो आपके बारे में मैंने ही सोचा था या आप मेरी रातो की रानी थी, लेकिन आज मेरा सपना सच हो गया है या पढ़ाई तो बाद में भी हो जाएगी, लेकिन ऐसा मौका नहीं मिल पायेगा या इन दस दिनों तक मैं अपने सारे दिल की तमन्ना पूरी करूंगा, बोलो क्या मेरा साथ दोगी ना? फिर आंटी बोली कि मेरे जानेमन यह चूत तुम्हारे लंड की दीवानी हो गई है या अब तुम जैसे चाहो वैसे मुझे चोदो, तो यह बात करते करते हम दोनो चुदाई करते रहे या पलंग जोर जोर से हिल रहा था, आंटी मुझे अपने दांतों से धीरे धीरे कट भी रही थी. फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी मुझे लगता है कि मेरा लंड अब झड़ने वाला है, बताओ कहा पर निकले? लेकिन आंटीध्यान दिए बिना चुडवा रही थी या आख़िर मेरा लंड झड़ गया या अब तक के बार आंटी की चूत भी अपना पानी छोड़ चुकी थी। मैंने अपना लंड आंटी की चूत से बाहर निकाल लिया या हम दोनो इस चुदाई से बहुत खुश थे। फिर थोड़ी देर बाद हमारी वासना फिर से जग उठी। आंटी बोली कि बनती थोड़ी सी हो जाओ, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा था कि आंटी मुझसे आगे होने को क्यों कह रही है। फिर आंटी ने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया या मैं मस्ती में आ गया। वो बोली कि कैसा लग रहा है उन को चुसवाना? या मेरा जी चाहता है कि मैं तुम्हारे लंड को इसी तरह चूसती रहूँ। फिर उनके नाज़ुक होंथ या जिभ मेरे लंड का मजा ले रहे थे या वोक आह रही थी, हान या चोदो राजा, हान या मेरे मुँह को या जोर से। फिर मैंने आंटी के सर को पकड़ लिया या अपने लंड को मुँह के अंदर बाहर करने लगा। तभी थोड़ी देर में आंटी इतना गरम हो गई कि वो जोर जोर से मेरे लंड को चटने लगी या धक्के दे देकर मुँह मेल अंड लेने लगी या मैं थोड़ी देर में फिर से एक बार या झड़ गया या मेरे लंड का पूरा पानी आंटी के मुँह में चला गया या आंटी ने उसे पी लिया, लेकिन आंटी अब भी वासना की आग में जल रही थी या फिर उन्हें मुझे पलट दिया या गांड के छेद को भी चटने लगी या वो बोली कि चल बनती है आज तुझे अपनी चूत का स्वाद चखाती हूं या मैं आज तुझसे अपनी चूत चटवाऊँगी। आंटी ने अपने दोनों पेरो को फेला दिया या मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया, वाह आंटी की चूत की क्या खुशबू थी। मैंने उनकी झांटों को जल्दी से चाटना शुरू कर दिया, आंटी की झांटे गिली हो गई। फिर मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत में घुसा दिया या अंदर तक घुसाकर चटने लगा, आंटी को बहुत मजा आ रहा था या मैंने अपनी जीभ से आंटी की गांड को भी चाटना शुरू कर दिया या उनकी गांड पर जैसे ही मेरी जीभ लगी, आंटी के बदन माई बिजली सी दौड़ गई या वो बोल पड़ी वाह बनती तू बहुत तेज है, औरत को सबसे ज्यादा उत्तेजित करने वाले जिसे तुमने छू दिया है या हां चैट चैट या चैट, मेरा पानी झड़ने वाला है, अपने मुंह को या करीब ला, मैं मेरा सारा रस तुम्हारे मुँह में दे दूं या कुछ देर के बाद आंटी झड़ गई या मैंने उनका चूत रस पी लिया या रात भर की चुदाई से वक्त बीतने का पता नहीं चला या सुबह के 7.00 बज गए या रात के 11.30 बजे शुरू हुई हमारी चुदाई सुबह के 7.00 बजे तक चलती रही या आंटी मुझसे दिल खोल कर चुदती रही या मैंने भी अपने दिल की सारी भड़ास निकाल ली।

मैंने अपना लंड फिर से आंटी की चूत में घुसा दिया, लेकिन इस बार वो बहुत आसान से फिसला हुआ अंदर घुस गया या फिर से मेरी या आंटी की चुदाई शुरू हो गई लेकिन अब हम या भी जोश में आ गए थे। आंटी अपनी गांड को उठा उठा मुझे नीचे से धक्के दे रही थी या इसके बाद उन्हें मैंने नीचे कर दिया या खुद मेरे ऊपर आ गई। आंटी या मैं चाहता था कि आग माई जल रहे थे, मेरा लंड आंटी की चूत में घुसा हुआ था या आंटी अपनी गांड को ऊपर नीचे कर रही थी या सिसकियाँ ले रही थी, हन बनती अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह तेरा लंड या मेरी चूत अब ऐसे ही मजा करेगी, तू अपनी पढ़ाई को तो कुछ दिनों के लिए भूल जा क्योंकि ऐसा मौका बार-बार नहीं आएगा। फिर जब आंटी मेरे ऊपर चढ़ कर मुझसे चुदवा रही थी तो हमारे जोरदार झटके से उनके स्तन उछल रहे थे, वाह क्या नजारा था। फिर मैंने कहा कि जानती हो आंटी जब भी हस्तमैथून करता था तो आपके बारे में मैंने ही सोचा था या आप मेरी रातो की रानी थी, लेकिन आज मेरा सपना सच हो गया है या पढ़ाई तो बाद में भी हो जाएगी, लेकिन ऐसा मौका नहीं मिल पायेगा या इन दस दिनों तक मैं अपने सारे दिल की तमन्ना पूरी करूंगा, बोलो क्या मेरा साथ दोगी ना? फिर आंटी बोली कि मेरे जानेमन यह चूत तुम्हारे लंड की दीवानी हो गई है या अब तुम जैसे चाहो वैसे मुझे चोदो, तो यह बात करते करते हम दोनो चुदाई करते रहे या पलंग जोर जोर से हिल रहा था, आंटी मुझे अपने दांतों से धीरे धीरे कट भी रही थी. फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी मुझे लगता है कि मेरा लंड अब झड़ने वाला है, बताओ कहा पर निकले? लेकिन आंटीध्यान दिए बिना चुडवा रही थी या आख़िर मेरा लंड झड़ गया या अब तक के बार आंटी की चूत भी अपना पानी छोड़ चुकी थी। मैंने अपना लंड आंटी की चूत से बाहर निकाल लिया या हम दोनो इस चुदाई से बहुत खुश थे। फिर थोड़ी देर बाद हमारी वासना फिर से जग उठी। आंटी बोली कि बनती थोड़ी सी हो जाओ, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा था कि आंटी मुझसे आगे होने को क्यों कह रही है। फिर आंटी ने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया या मैं मस्ती में आ गया। वो बोली कि कैसा लग रहा है उन को चुसवाना? या मेरा जी चाहता है कि मैं तुम्हारे लंड को इसी तरह चूसती रहूँ। फिर उनके नाज़ुक होंथ या जिभ मेरे लंड का मजा ले रहे थे या वोक आह रही थी, हान या चोदो राजा, हान या मेरे मुँह को या जोर से। फिर मैंने आंटी के सर को पकड़ लिया या अपने लंड को मुँह के अंदर बाहर करने लगा। तभी थोड़ी देर में आंटी इतना गरम हो गई कि वो जोर जोर से मेरे लंड को चटने लगी या धक्के दे देकर मुँह मेल अंड लेने लगी या मैं थोड़ी देर में फिर से एक बार या झड़ गया या मेरे लंड का पूरा पानी आंटी के मुँह में चला गया या आंटी ने उसे पी लिया, लेकिन आंटी अब भी वासना की आग में जल रही थी या फिर उन्हें मुझे पलट दिया या गांड के छेद को भी चटने लगी या वो बोली कि चल बनती है आज तुझे अपनी चूत का स्वाद चखाती हूं या मैं आज तुझसे अपनी चूत चटवाऊँगी। आंटी ने अपने दोनों पेरो को फेला दिया या मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया, वाह आंटी की चूत की क्या खुशबू थी। मैंने उनकी झांटों को जल्दी से चाटना शुरू कर दिया, आंटी की झांटे गिली हो गई। फिर मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत में घुसा दिया या अंदर तक घुसाकर चटने लगा, आंटी को बहुत मजा आ रहा था या मैंने अपनी जीभ से आंटी की गांड को भी चाटना शुरू कर दिया या उनकी गांड पर जैसे ही मेरी जीभ लगी, आंटी के बदन माई बिजली सी दौड़ गई या वो बोल पड़ी वाह बनती तू बहुत तेज है, औरत को सबसे ज्यादा उत्तेजित करने वाले जिसे तुमने छू दिया है या हां चैट चैट या चैट, मेरा पानी झड़ने वाला है, अपने मुंह को या करीब ला, मैं मेरा सारा रस तुम्हारे मुँह में दे दूं या कुछ देर के बाद आंटी झड़ गई या मैंने उनका चूत रस पी लिया या रात भर की चुदाई से वक्त बीतने का पता नहीं चला या सुबह के 7.00 बज गए या रात के 11.30 बजे शुरू हुई हमारी चुदाई सुबह के 7.00 बजे तक चलती रही या आंटी मुझसे दिल खोल कर चुदती रही या मैंने भी अपने दिल की सारी भड़ास निकाल ली।

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