Thursday, November 21, 2024
Hindi Midnight Stories

मुझे मिला चिकनी गांड का चुदाई सुख

मेरा नाम मोंटू है. फ़ेसबुक पर सब मुझे आशीष के नाम से भी जानते हैं और मेरी उम्र फिलहाल 19 साल है.

बात उन दिनों की है जब मैं 12 वीं पास करके इंदौर आया था और यहां मैं अपने मामा के घर में रहता था.

उस समय मैं एमपीपीईटी की तैयारी कर रहा था.
इन दिनों इंदौर में नेहरू पार्क गे लोगों के मिलने की जगह है, मैं वहीं पढ़ाई करने जाता था.

मामा जी के बच्चे छोटे थे तो घर में वे परेशान करते थे.
इसलिए मुझे कॉलोनी के लोगों ने बताया कि पार्क में और भी लोग पढ़ने जाते हैं, तुम भी उधर ही जाओ.
मैं पार्क में पढ़ने जाने लगा.

वहां गे लोग आते हैं, मुझे यह सब नहीं पता था.
मैंने कभी पहले गे सेक्स किया भी नहीं था इसलिए मुझे कभी ऐसा पता भी नहीं था कि लड़के और लड़के भी मिल कर सेक्स कर सकते हैं.

अब मैं पार्क में रोजाना 12 बजे से शाम 7 बजे तक पढ़ता था.
पार्क में एक लाइब्रेरी भी थी, जहां मैं मूड फ्रेश करने के लिए चला जाता था.

एक दिन में लाईब्रेरी में न्यूज़ पेपर पढ़ रहा था.
तभी वहां एक लड़का आया. उसकी उम्र शायद 20 साल की रही होगी.

वह मेरे पास आकर बैठ गया और एक किताब लेकर पढ़ने लगा.

मैं भी न्यूज़ पेपर पढ़ रहा था.

मैंने देखा कि उसका ध्यान किताब पर कम और मुझ पर अधिक था.
मुझे कुछ अजीब सा लगा तो मैंने उससे पूछा- क्या हुआ, ऐसे क्यों देख रहे हो?
उसने मुझसे कहा- यार ऐसा लगता है … जैसे तुमको कहीं देखा है!

मैंने कहा- हो सकता है कि पार्क में ही देखा हो … क्योंकि मैं यहां रोज़ आता हूं.
मैं इतना कह कर पुनः अखबार को पढ़ने में लग गया.

फिर मुझे पता ही नहीं चला कि कब वह मेरे करीब आकर बैठ गया.
जब मेरा उस पर ध्यान गया तो वह मेरे पास था और मुझे ही देख रहा था.

लेकिन इस बार उसकी स्माइल उसके चेहरे पर थी … मुझे कुछ अजीब लगा.
इसलिए मैं सब छोड़ कर अपने ग्रुप के दोस्तों के साथ पढ़ने चला गया.

करीब 6-7 दिनों बाद रोज की तरह मैं पार्क में अपनी बेंच पर बैठ कर पढ़ रहा था.
तभी मैंने देखा कि वह लाइब्रेरी वाला लड़का पार्क में घूम रहा है.
पर इस बार उसकी नज़र किसी की तलाश कर रही थी.

मुझे उत्सुकता हुई तो मैं उसे देखने लगा था.
अचानक मेरा एक साथी आ गया और उसने मुझसे मेरा पेन मांगा.
मैंने जल्दी से उसे दे दिया और वह दोस्त चला गया.

मैंने उस लड़के को फिर से देखा, पर वह नहीं दिखा और मैं अपनी पढ़ाई करने में लग गया.

करीब दस मिनट बाद मैंने देखा कि वह लड़का मेरे पास वाली बेंच पर आकर बैठ गया और मुझे देख कर मुस्कुरा दिया.

उसकी मुस्कुराहट देख कर मैं समझ गया कि वह मुझे ही ढूंढ रहा था.

इस बार वह अपने साथ कुछ किताबें लाया था.

वह मेरे पास आकर कहने लगा- क्या मैं तुम्हारे साथ बैठ कर पढ़ाई कर सकता हूँ?

पार्क में बहुत सारे लड़के पढ़ने आते थे तो सबके साथ मिल कर ही रहना पड़ता था.
चूंकि मैं एमपीपीईटी की कोचिंग नहीं जाता था तो मैं अपने डाउट्स उन लोगों से क्लियर करता था.
इसलिए मैंने उसको अपने पास बैठने को कह दिया.

जब हम साथ बैठे थे तो हम दोनों के बीच परिचय हुआ.

पता चला कि उसका नाम चयन शर्मा है.
चयन दिखने में मेरे जैसा ही था पर उम्र में शायद मुझे थोड़ा बड़ा था.

रंग गोरा, ऊंचाई 5 फुट 6 इंच, उसके चेहरे पर भी अभी सिर्फ बाल के रोंए आने लगे थे.

मैं उसके साथ बैठ कर पढ़ाई करने लगा.

उस दिन शाम 4 बजे हम दोनों साथ ही चाय पीने गए और देर शाम को अपने घर चले गए.

वह उसके बाद हर दिन आता और 2 से 4 बजे तक साथ में बैठ कर पढ़ता था.
बाकी दोस्तों से भी उसकी पहचान हो गयी थी.

अब हम दोनों अच्छे दोस्त हो गए थे.
पर मैंने यह सोचा ही नहीं था कि कभी उसके साथ मेरा सेक्स होगा और वह मुझे अपनी गोरी चिकनी गांड चोदने देगा.

क्योंकि मैं गे सेक्स के बारे में नहीं जानता था तो यह अहसास मेरे लिए अनोखा था.

एक दिन उसने मुझे अपने घर पर बुलाया.
उस दिन उसकी फैमिली के सभी लोग भोपाल एक शादी में गए थे.

वह अपने घर पर अकेला था और ज्यादा देर के लिए घर से बाहर नहीं जा सकता था.
तो मुलाकात के बहाने और पढ़ाई करने के लिए मैं उसके घर चला गया.

करीब 12 बजे मैं उसके यहां गया था.
हम दोनों ने गणित के कुछ सवाल हल किए.

वह सिविल सेवा की तैयारी कर रहा था और उसने भी 12 वीं फिजिक्स कैमिस्ट्री मैथ से किया था.
इसलिए वह उन विषयों में मेरी मदद कर देता था.

जब मैं उसके यहां पढ़ाई कर रहा था, तो उसने पढ़ाई करते समय मुझसे कहा- मोंटू, मुझे एक बात कहना है यार … बहुत दिनों से कहना चाहता था लेकिन कह नहीं पाया. आज रहा नहीं जा रहा है, तो कहना चाहता हूँ!
मैंने कहा- यार तू तो मेरा दोस्त है, अब अच्छे दोस्त कभी कुछ कहने से नहीं झिझकते … बिंदास होकर बोल न!

उसने कहा- यार मोंटू, तू मुझे बहुत अच्छा लगता है.
मैंने कहा- थैंक्स यार!

उसने कहा- यार मोंटू, क्या मैं तुझे किस कर सकता हूँ?
मैंने कहा- हां भाई कर लो.

फिर उसने मुझे गाल पर किस किया और उसके बाद मैं अपनी पढ़ाई करने लगा.
थोड़ी देर बाद उसने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा.

मैंने भी कहा- हां मेरी गर्लफ्रेंड है, और वह इंदौर में नहीं रहती है. मुझे उसकी याद भी आती है. इंदौर में नया हूँ, कॉलोनी में भी कोई अच्छी लड़की नहीं है, होती तो कभी की सैट कर लेता.
उसने कहा- हां तू तो मोंटू है ही इतना स्मार्ट.

उसकी इस बात पर हम दोनों ही हंस दिए.

उसके बाद चयन ने फिर पूछा- मोंटू तू इंदौर में रहता है और तुझे गर्लफ्रेंड की याद भी आ रही है, तो उससे मिलने जाता क्यों नहीं है?

मैंने कहा- यार, अभी थोड़ा टाइम का प्रॉब्लम है और वैसे भी अब उसकी शादी होने वाली है. अभी कुछ दिनों में मेरी फैमिली बाहर जाने वाली है, तब मैं गांव चला जाऊंगा और उससे मिल कर ही आऊंगा.
चयन बोला- सिर्फ मिल कर आएगा या कुछ और भी करेगा?
मैंने मुस्कुरा कर कहा- वह तो वहीं जाकर पता चलेगा कि मूड क्या है और अवसर कैसा है.

जैसे ही मैंने मूड और अवसर शब्द का इस्तेमाल किया, चयन ने मेरे लंड पर हाथ रख दिया.

वह बोला- अच्छा ऐसा कितना बड़ा है मोंटू तेरा … देखूँ तो ज़रा!
यह कह कर उसने मेरे लंड को जोर से दबा दिया.

उसने जैसे ही मेरा लंड दबाया, मैंने मजाकिया स्टाइल में कहा- अबे क्या कर रहा है कमीने … खड़ा हो जाएगा तो कौन संभालेगा?
चयन भी बिंदास बोला- मैं हूँ ना!

मैंने हंस दिया और चयन ने भी हंस दिया.
फिर मैंने कहा- कैसी पागल जैसी बात कर रहा है … तू तो लड़का है तेरे पास चूत कहां से आएगी?

चयन ने चूत शब्द सुना तो वह थोड़ा ज्यादा खुलने लगा था और उसने मुझे सेक्स के लिए उकसाना चालू कर दिया.

चयन बोला- लड़की की चूत से ज्यादा लड़के की गांड में मज़ा है मोंटू, कभी लड़के को चोद कर देखना.
उसकी बात सुनकर मैं शॉक हो गया.

मैंने कहा- अबे, यह कैसी बात कर रहा है … लड़के को चोदने में क्या मजा आता होगा? चल टॉपिक चेंज कर, फ़ालतू में मूड ऑन हो जाएगा.
इतना कह कर मैं चुप हो गया.

चयन बोला- ऐसा नहीं है, शायद तुम्हें नहीं पता … लेकिन लड़के की गांड ज्यादा मज़ा देती है. मैं तुम्हें बताता हूं.

फिर उसने अपना कंप्यूटर चालू किया और उस पर पोर्न साइट खोल कर मुझे गे वीडियो दिखाना शुरू कर दिया.

मैं लड़के की गांड चुदाई की फिल्म देख कर हैरान था.
मेरा लंड अब खड़ा हो चुका था और चयन की नज़र मेरे लंड पर थी.

मैं भी अब थोड़ा थोड़ा समझ रहा था कि चयन ने मुझे आज घर क्यों बुलाया है.

मैंने चयन को दिखाते हुए अपने लंड पर हाथ रखा और धीरे धीरे सहलाने लगा.

चयन ने मेरे लंड को देखते हुए कहा- क्या हुआ मोंटू?
मैंने कहा- यार, अब तो मेरा लंड खड़ा हो गया … लगता है अब बाथरूम में जाना ही पड़ेगा!

तभी चयन ने कहा- अच्छा दिखा!
बस यह कह कर चयन ने मेरे लंड को पकड़ लिया और बोला- यार, यह तो कड़क हो गया!
मैंने कहा- हां यार.

फिर चयन ने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे लंड को बाहर निकाला.
मेरे लंड को देख कर बोला- यार मोंटू, तेरा लंड तो बहुत बड़ा है, यकीन नहीं होता कि तू अभी उम्र में इतना सा है और तेरा लंड 7 इंच का है. मोंटू तेरे जितना बड़ा लंड हो, तो सच में मज़ा आ जाता है.

मैंने कहा- मज़ा आ जाता है … पर किसमें?
चयन बोला- चूसने में!

जैसे जैसे चयन मेरे लंड को पकड़ कर दबा रहा था, मेरे लंड की भूख उतनी ही बढ़ रही थी.
मैंने चयन से कहा- यार एक कोई मिल जाए, जो चूस ले … तो मज़ा आ जाए.

मैंने बस इतना बोला ही था कि चयन ने जल्दी से मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया.

उसने जैसे ही मेरे लंड को मुँह में लिया, मेरे मुँह से आहह निकल गयी क्योंकि मैंने आज के पहले कभी किसी को अपना लंड नहीं चुसवाया था.

धीरे धीरे चयन मेरे लंड के साथ खेल रहा था और मेरा लंड अपने पूरे जोश में चयन को मज़े दे रहा था.
चयन की आंखें बता रही थीं कि जैसे उसका कोई ख़्वाब पूरा हो रहा हो.

मैंने लंड चुसवाते हुए चयन से कहा कि अहह चयन … आज तो तूने मुझे खुश कर दिया.
चयन बोला- नहीं यार, मैं तो तुझे थैंक्स बोलना चाहता हूँ. तेरे मोटे लंड से आज में तृप्त हो रहा हूँ.

अब वह बोला- मोंटू सुनो, यह तो अभी शुरू हुआ है. आगे आगे देखो होता है क्या!

यह बोल कर चयन ने मेरी पैंट के बटन को खोल कर उसको उतार दिया.
फिर वह अपनी जुबान से धीरे धीरे मेरे लंड को चाटने लगा.

लंड चाटते हुए ही वह मेरे एक आंड को अपने मुँह में लेकर अपने मुलायम होंठों से चूमने लगा.

यह सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था. मुझे भी अच्छा लग रहा था.
मैं चयन के साथ पूरा मज़ा ले रहा था.

अब चयन ने मेरी कमीज़ को उतार और अपने भी सारे कपड़े उतार दिए.
वह मेरे साथ चिपक गया और मेरे एक निप्पल को चूसने लगा.

मुझे बेहद सनसनी हो रही थी और मज़ा आ रहा था.
जैसे आपको यह पढ़कर आ रहा है न, ठीक वैसे ही मुझे भी मजा आ रहा था.

चयन के बहुत ज़िद करने पर मैंने जोर जोर से दबा कर चयन के निप्पल को चूसना आरम्भ कर दिया.

मुझे उसके निप्पल चूसने का अहसास किसी लड़की के दूध चूसने से ज्यादा मज़ा दे रहा था.

चयन का गोरा बदन किसी अप्सरा से कम नहीं था. उसके साथ यह सब एक अलग ही मजा दे रहा था.

अब धीरे धीरे मेरा लंड किसी को पेलने को उतावला हो रहा था.
लेकिन चयन मेरे लंड से पहले अपने मुँह को सन्तुष्ट करना चाहता था.

चयन को मेरा मोटा गुलाबी चोंच वाला लंड इतना पसंद आ रहा था कि वह उसे किसी लॉलीपॉप के जैसे चूस रहा था.

मैं अब बेहद तड़प रहा था और सिर्फ गांड मारने को राजी हो गया था.

इसलिए मैंने चयन से कहा- चल चयन, अब मैं तेरी गांड मारूँगा.
चयन ने कहा- ठीक है.

वह अपने घर के किचन से सरसों का तेल ले आया और वह बड़े प्यार से मेरे लंड पर सरसों का तेल लगाने लगा.

उसकी मुट्ठी से अपने लंड पर तेल की मालिश जैसी करवाने में मुझे बड़ा तनाव आ रहा था.

कुछ पल के बाद चयन ने थोड़ा सरसों का तेल खुद अपने हाथ से अपनी गांड में लगा लिया.
अब वह बोला- तुम मुझे बाजारू रंडी समझ कर चोदो. आज अपने मोटे लौड़े से मेरी गांड फाड़ दो.

मैंने भी देर नहीं की और लंड को चयन की गांड में डाल दिया.

चयन ने भी मेरे लंड को तकलीफ न हो इसलिए वह अपने दोनों पैर ऊपर करके पूरा साथ देने लगा.

धीरे धीरे मेरा लंड चयन की गांड में पूरा चला गया.
चयन ने कहा- मोंटू आज तुमने मुझे बहुत मज़ा दिया.

मैंने भी चयन से यहीं कहा कि काश तू पहले मिल जाता तो मुझे दो महीने में इतनी बार मुठ बाहर नहीं निकालना पड़ता. चल अब चिंता मत कर. अब से हम दोनों को मज़ा आएगा.
इतना कह कर मैं चयन की गांड को जोर जोर के झटकों के साथ चोदने लगा.

कभी चयन आह करता तो कभी मैं … हम दोनों को बेहद मजा आ रहा था.
चयन पुराना गांडू था और उसकी गांड में लंड बड़ी आसानी से आ जा रहा था.

करीब 20 मिनट के बाद मैंने चयन की गांड में अपना सारा पानी निकाल दिया.
चयन की गांड भर गई थी तो मेरा वीर्य बाहर बहने लगा.

उसने जल्दी से बाथरूम में जाकर सब साफ किया और फिर से वह मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर पहले जैसा साफ करने लगा.

मैंने भी उसकी गांड चुदाई का मजा लिया और अपने आप को सही करके कपड़े आदि पहन कर अपने घर चला गया.

उस दिन के बाद मैंने चयन की गांड बहुत बार मारी.
यंग बॉय गे चयन ने जो मज़ा दिया वास्तव में वह एक लड़की नहीं दे सकती थी.

मैं हमेशा चयन को याद करता हूँ और अभी भी साल में दो बार उससे जरूर मिलता हूँ.

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