हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम युवराज है और आज में आप लोगों को अपने जीवन की एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ जो कुछ साल पहले मेरे साथ घटित हुई। सबसे पहले में आप लोगों को अपने बारे में बता दूँ, में नासिक के एक प्राइवेट कॉलेज से बी-टेक कर रहा हूँ और में अपने लगातार जिम जाने की वजह से बहुत हट्टा कट्टा और ताकतवर हूँ और अब आप लोगों को अपनी हंसी के बारे में बता दूँ कि मेरी मेडम कौन सी है और मेरे अपार्टमेंट में मेरे फ्लैट्स के सामने रहती है। उसका नाम अमृता है और वो दिखने में माधुरी दीक्षित जैसी लगती है, दोस्तों वो हमेशा साड़ी पहनती थी, वो शादीशुदा है और उसका पति एक प्राइवेट मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता है और अब आप लोगों का ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए सीधा मेरी कहानी पर आता हूँ। दोस्तों यह कहानी तब की है जब में अपने कॉलेज के दूसरे साल में था और उस समय अमृता मेडम मेरे दूसरे साल में एक विषय की मेरी क्लास लिया करती थी और इस वजह से मेरी मेडम से एक बेहतरीन जीवन की पहचान बनी। एक दिन कॉलेज खत्म होने के बाद मैंने देखा कि मेडम पैदल ही अपने घर की तरफ जा रही थी और मैंने जल्दी से अपनी बाईक ली और मेडम के पास पहुंच गया और फिर मैंने मेडम से कहा कि मेडम आपको घर में छोड़ दिया. तो मेडम कहने लगी कि युवराज तुम्हारा बहुत बहुत धन्यवाद, लेकिन में ऑटो से चली जाउंगी, तुम मुझे क्यों परेशान कर रहे हो? मैंने उनसे कहा कि मेडम में भी तो अकेला ही अपने घर जा रहा हूँ, फिर तुम्हे मेरे साथ चलने में क्या परेशानी है? बहुत जिद करने के बाद वो मान गये और अपार्टमेंट में पहुंचकर अमृता ने फिर से मुझे फिर से धन्यवाद कहा और फिर मुझसे बातें करके वो मुस्कुराकर अपने फ्लेट्स के अंदर चली गई. दोस्तों उस दिन से में हर दिन जब भी मौका मिलता तो अमृता को कॉलेज से घर पर छोड़ देता था और इस वजह से मेरी अमृता मेडम से बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी. एक दिन दोपहर में मुझे एक आवाज़ सुनाई दी, कि एक औरत किसी पर ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही है, तभी मैंने अपने फ़्लैट के मेन दरवाज़े पर देखा और मैंने सुना कि वो आवाज़ अमृता मैडम के फ़्लैट से आ रही थी और तभी मेरी नज़र एक छोटे से कमरे पर पड़ी, मैंने देखा कि मैडम रो रही थी और उनकी सास उन्हें टोक रही थी और फिर मैंने सुना कि मैडम की शादी होने के बाद भी बहुत से लोगों को अभी तक कोई संतान नहीं हो रही थी, नहीं तो उन्हें डांट पड़ती थी और मैंने मैडम पर बहुत रहम किया था, लेकिन मजबूर था। अगले दिन रविवार था और मैडम ने मुझे अपने घर पर चाय पीने के लिए बुलाया था और में तैयार होकर मैडम के घर चला गया। मैंने देखा कि अमृता मैडम ने उस दिन पूरी लाल रंग की ड्रेस पहनी हुई थी और वो उन सीटियों में क्या बताऊँ? मेरा मन तो ऐसा कर रहा था कि में उनका सारा रस तुरंत निगल जाऊँ, लेकिन मैंने अपने आप पर काबू किया और फिर उन्हें गुड मॉर्निंग कहा, उन्होंने मुझे बैठने को कहा और किचन में चली गई। अब क्या बताऊँ दोस्तों? उनकी गांड देखकर मेरा लंड अचानक से टाइट हो गया था। वो चाय लेकर आए और मुझे चाय देकर मेरे सोफे पर बैठ गए। अब हम दोनों अपने कॉलेज के बारे में बातें कर रहे थे और चाय पीने के बाद हमने कुछ देर ऐसे ही बातें की और मेडम ने टी.वी. चालू कर दिया। मैंने देखा कि उस समय टी.वी. पर अच्छे रोमांटिक गाने आ रहे थे। अब हम दोनों एक दूसरे से खुलकर बातें कर रहे थे और हम दोनों एक दूसरे से बहुत घुलमिल गये थे कि तभी अचानक मेडम ने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? उसके मुँह से यह शब्द सुनकर में हैरान रह गया कि मेडम स्वभाव से इतनी सख्त थी और आज अचानक से ऐसा व्यहवार कैसे करने लगी? इसलिए मैंने तुरंत उनकी बात का जवाब नहीं दिया, तो मेडम मुझसे बोली कि अरे नहीं शरमाओ मत, यहाँ पर तुम्हारी मेडम सिर्फ़ दोस्त नहीं है? दोस्तों फिर मैंने उनको हिम्मत दी और उनसे कहा कि सच में मेडम मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, क्योंकि मुझे आज तक आपके जैसी कोई सुंदर लड़की नहीं मिली। अब मेडम मेरे मुँह से यह बात सुनकर मुस्कुराई और हंसने लगी और बोली कि शरारती लड़के मुझे छेड़ते हैं? दोस्तों मुझे भी अब आगे बढ़ने का मौका मिल गया था और उस दिन मैंने शाम को तीन बार उनकी ठुकाई की और अब में किसी भी हालत में उनको चोदना चाहता था और अब रात को में बस उनको सपनों में ही मारना चाहता था। उस समय हमारे कॉलेज की तीन दिन की छुट्टियाँ थी और मैंने मन ही मन ठान लिया था कि कुछ भी करके अमृता को पूरी तरह से चोदकर ही रहूँगा और उसी समय मेडम के पति और उनकी सास जो कि मेरे गाँव में एक रिश्तेदार की शादी में पाँच दिन के लिए यहाँ पर आए हुए थे।
अब यह बात सुनकर में सोचने लगा कि मेडम को कैसे चोदूं, में उनको कैसे चोद सकता हूँ? में जल्दी ही अपनी बाइक लेकर मेडिकल गया और कंडोम का पैकेट और नशे की गोली ले ली और जब अपार्टमेंट सीधा मेडम के फ्लैट पर आया तो में दरवाजा खोलकर अंदर आने लगा. मैंने अंदर आने को कहा. तभी अमृता ने मुझसे पूछा कि युवराज क्या हुआ तुम कैसे आ गये? मैंने कहा कि कुछ नहीं, मेडम बस में घर पर अकेली बोर हो रही थी तो मैंने सोचा कि चलो थोड़ी देर मेडम के पास चला जाता हूँ. फिर मेडम मुझसे कहने लगी कि में तुम्हारे लिए जूस सही जगह पर लेकर आती हूँ और अब मेडम किचन में चली गई और अब में वहाँ पर नहीं रुकने वाला था, में मेडम का रेप करने के बारे में सोचने लगा और मैंने तय कर लिया कि अगर कुछ भी हुआ तो आज मेडम बहुत खुश होगी और थोड़ी ही देर में मेडम दो गिलास जूस लेकर आई और उन्होंने मुझे एक गिलास दिया. तो मैंने मेडम से पूछा कि मेडम तुम्हारी सास क्यों नहीं दिख रही है? तो मेडम ने कहा कि उनके और मेरे पति के गाँव में एक रिश्तेदार है.
हाँ, में शादी में गया हुआ हूँ और अब उनके मुहं से यह बात सुनकर मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे। फिर मैंने अपना मोबाईल निकाला और चुपके से मेडम के घर के टेलीफोन पर कॉल किया, मेडम ने अपना गिलास टेबल पर रखा और वो फ़ोन पर बात करने चली गई और इसी बीच मैंने जल्दी से अपनी जेब से कुछ सेक्स की गोली निकाल ली और मेडम ने उस गिलास की और मैंने भी एक सेक्स की गोली खा ली, क्योंकि आज में मेडम को बहुत देर तक चोदना चाहता था। अब मैंने फ़ोन काट दिया और मेडम वापस सोफे पर आकर बैठ गई। दोस्तों अमृता ने उस दिन पीले कलर की साड़ी और ब्लाउज पहना हुआ था और उसमें से उसकी सफेद कलर की ब्रा साफ साफ दिख रही थी, जिसको देखकर मेरा लंड मेरी जींस के अंदर सांप की तरह खड़ा हो गया था और आज वो सेक्स की देवी को देख रही थी। अब हम दोनों ने जूस खत्म किया और बातें करने लगे और मेडम से बात करते हुए मैंने पूछा कि क्या में टीवी में देख सकता हूँ? अमृता ने कहा कि क्यों नहीं और उसने मुझे टीवी का रिमोट दिया, मैंने टीवी चालू किया और सीधा फिल्म वाला चैनल लगा दिया, जिससे यह उम्मीद जगी कि तुम फिल्म देख रहे हो, हम दोनों फिल्म देख रहे थे। तभी गाने के बजने की आवाज़ आ रही थी और मेडम को देखते ही गोली का असर होने लगा और अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था. मैंने तुरंत टीवी बंद किया और अमृता पर टूट पड़ा. मैंने उसके दोनों हाथ पकड़कर उसे सोफे पर नीचे लेटा रखा था और लगातार उसके गालों, गर्दन को चूम रहा था. तो वो मुझे धक्का देकर कहने लगी कि युवराज तुम यह सब क्या कर रहे हो, प्लीज मुझे छोड़ दो, मुझे जाने दो, में तुम्हारी माँ जैसी हूँ, तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो? मुझे अपने सामने छोड़ दो. प्लीज मुझे छोड़ दो. प्लीज मुझे छोड़ दो. अगर मुझे भी नहीं पता होता कि मेरी ज़िंदगी में क्या होगा, तो भी में यह मौका अपने हाथ से नहीं जाने देता. देखो में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और यह कहकर मैंने उसे अपनी बाहों में लिया और उसके गालों को चूमने लगा, लेकिन वो लगातार अपने सिर के चारों तरफ चीख रही थी और मुझसे छोड़ने की विनती कर रही थी, लेकिन वो किसी की बात सुनने के मूड में नहीं थी और अब उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे और वो रोने लगी. फिर मैंने उसे उठाया और उसके होठों से नीचे तक चूम लिया. मैंने उन दोनों को पकड़ कर ऊपर नीचे किया अब वो रोते हुए मुझसे बोली मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है प्लीज मुझे छोड़ दो में एक शादीशुदा औरत हूँ और अगर किसी को पता चल गया तो में कोई होठ नहीं दिखा पाउँगा बस उसके होठो का रस बहाए जा रहा था और वो मेरा बहुत विरोध कर रही थी लेकिन मेरे सामने वो बहुत कमजोर थी और अब वो अपने आप से बहुत तंग आ चुकी थी
दोस्तों अब वो मेरी पूरी बात समझकर थोड़ा शांत हो गई थी। मुझे लगा कि शायद मेरी बात का कुछ असर हुआ है और अब मैंने महसूस किया कि उसका विरोध भी कम हो गया था। फिर मैंने तुरंत उसकी साड़ी को उतारकर फेंक दिया। उसकी साँसे बहुत तेज़ हो गई थी और उसके गोल गोरे बूब्स उसकी तेज साँसों की वजह से लगातार नीचे गिर रहे थे। अब में उसके सामने खड़ा होकर उसके रसीले बूब्स ब्लाउज के ऊपर से दबा रहा था। फिर वो अचानक से सेक्सी आवाज़े निकालने लगी, वो कहने लगी कि उईईईई माँ आआहह प्लीज मुझे जाने दो, अब मुझसे सहन नहीं होता। अब मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और उसके बेडरूम में ले गया और बेड पर लेटा दिया। फिर मैंने अपनी शर्ट बनियान और जींस को नीचे कर दिया और अब में सिर्फ़ अंडरवियर में रह गया था और मेरा लंड एकदम गरम लोहे की तरह टाइट हो गया था। उस समय अमृता ने अपनी आँखों पर हाथ रखा हुआ था और रो रही थी। फिर मैंने उसे उठाया और बेड पर बैठा दिया और अपना एक हाथ उसकी कमर पर रख दिया, लेकिन उसने झट से अपना हाथ हटा लिया और अब उसकी जांघो पर बैठ गया और उसे चूमने लगा, वो सिसकारियाँ भरने लगी थी। अब मैंने उसे फिर से नीचे लेटा दिया और ब्लाउज के ऊपर से ही उसके निप्पल को चाटने लगा, वो अब बहुत ज़ोर से आईईईईईऊ … फिर मैंने उससे कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और अब हम दोनों फ्रेंची करने लगे फिर मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और उसे सूंघ कर दूर कर दिया अब उन दोनों के रसीले, मुलायम, बिल्कुल गोल, बड़े बड़े बूब्स मेरे हाथों में थे और में उन्हें जोर जोर से दबा रहा था और निप्पल को खींच रहा था जिसकी वजह से वो जोर जोर से सिस्कारियां भर रही थी हाँ आईई युवराज थोड़ा धीरे करो आगे चलकर में मर जाउंगी, लेकिन में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ फिर मैंने दस मिनट तक उसके दूध दबाए और फिर उसके बदन को चाटता रहा वो नीचे उसकी चूत तक आ गई और अब मैंने अपना एक हाथ उसके लाल रंग के पेन में डाल दिया और फिर उसकी चूत को रगड़ने लगा वो लोग जोर जोर से सिस्कारियां भर रहे थे
यह बहुत दर्द है आईईइ सह रही है। उईईइ माँ यहाँ नहीं है। ऐसा मत करो। अब मैंने उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से चाटा और फिर उसे उतार फेंका और अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी और उसने मुझे एक स्माइल दी और जब मैंने उसके दोनों पैर फैलाए तो मैंने देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। उसकी चूत बहुत सुंदर, थोड़ी गीली और बहुत कामुक थी। फिर मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर रखी और एक स्मूच किया और फिर मैंने धीरे धीरे चूत चाटने की स्पीड बढ़ा दी और उसके दोनों हाथ मेरे सर पर थे और वो बहुत मज़े से चूत चाट रही थी और चाटने से उसका सारा रस निकल गया। अब में बेड के कोने पर बैठ गया और उससे बोला कि मेरी अंडरवियर उतार दे। उसका रोना अब पूरी तरह से बंद हो गया था और वो भी अब मेरे साथ सेक्स का मज़ा लेने लगी थी और अब उसने अपनी अंडरवियर को आँखों से नीचे कर दिया और जब में अंडरवियर में था तो मेरा लंड 90 डिग्री में खड़ा था। दोस्तों यह कहानी आप गंदी डॉट कॉम पर पढ़िए। फिर मैंने उससे कहा कि तुम अपनी आँखे खोलो और मेरा लंड पकड़ो, लेकिन तभी वो मेरा लंड देखकर बहुत चकित हो गई और वो मुझसे हैरान होकर कहने लगी कि अरे बाप रे इतना बड़ा तो में इसे नहीं ले सकता प्लीज छोड़ दो मुझे प्लीज। तभी मैंने उससे कहा कि इससे बड़ा कुछ भी नहीं है और इतने बड़े में तो और भी मज़ा आता है और ऐसे ही अमृता तुम्हारे पति का कितना बड़ा है, प्लीज बताओ ना? तो उसने मुस्कुराते हुए कहा कि तुम्हारा आधा लंड और अब मैंने उसको लंड मुँह में लेने के लिए कहा, लेकिन उसने मुझसे साफ़ मना कर दिया। फिर मैंने उससे बहुत बार कहा कि प्लीज एक बार अंदर ले लो और उसके बाद तुम इसे निकाल देना और वो अब मेरी बात पर मान गई और उसने मेरे लंड का टोपा मुँह में ले लिया और मैंने उसको पूरा का पूरा मुँह में लेने के लिए कहा और फिर मैंने उसकी नाक को दबाया और उसके पूरे मुँह में डालने लगा, मेरा पूरा लंड अंदर चला गया, लेकिन उसे साँस लेने में बहुत तकलीफ हो रही थी और उसकी आँख से आँसू निकल रहे थे। अब मैंने अपना लंड बाहर निकाला और देखा कि पूरा थूक मेरे लंड पर लगा हुआ था और वो ज़ोर ज़ोर से पसीना बहाने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि मेरे पति तो बर्फ से भी ठंडे है, लेकिन तुम उनसे बिल्कुल विपरीत हो और अब तुम मुझे आराम से भर सकते हो और मुझे चोद सकते हो, लेकिन मेरी एक शर्त पर। स्वाद और अपनी चचेरी बहन की चुदाई, फिर मैंने उससे पूछा कि वो क्या है मेडम? तो वो बोली कि आज के बाद तुम मुझे कभी भी अकेले में मेडम नहीं कहोगे। फिर में बहुत खुश हुआ कि मेरी अमृता डार्लिंग का आदेश और यह बात सुनकर हम दोनों ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे और हंसते हुए उसने मेरे पैर फैलाए और मेरा सर पकड़ लिया और अपनी चूत की तरफ झुकाते हुए मुझसे बोली कि आओ मेरे प्यारे आज तुम अपनी हॉट सेक्सी अमृता की मीठी चूत से पूरी तरह से संतुष्ट हो, प्लीज मुझे बताओ मुझे बहुत आराम है। अब से तुम अपने आप को आह्ह्ह ऊफ्फ्फ फफ्फ्फ़ हाँ हाँ थोड़ा और अंदर तक समझो। फिर में उसकी चूत में अपनी जीभ डालकर उसकी छोटी सी चूत के मज़े लेने लगा और 15 मिनट के बाद हम 69 पोज़िशन में आ गए। उसकी चूत मेरे मुहं में थी और अब मेरा कस कर लंड उसके गुलाबी होंठो के बीच में था. कुछ देर बाद अमृता बोली कि चलो अब छोड़ो, डाल दो और जल्दी से मेरी गरम चूत में, मेरी प्यासी चूत में, फिर मैंने लंड डालने के लिए जैसे ही अमृता के दोनों पैर फैलाए तो वो अचानक से मुझसे बोली कि डार्लिंग रुको पहले तुम इस पर कंडोम लगा लो. फिर मैंने उससे कहा कि अमृता इसकी कोई ज़रूरत नहीं है, लेकिन मुझे पता है कि बच्चा ना होने की वजह से तुम्हारी सास तुम्हे बहुत तकलीफ देती है और अगर तुम चाहो तो बच्चा पैदा कर सकती हो, देखो इसमें डरने की कोई बात नहीं है और वैसे भी यह बात किसी को पता नहीं चलेगी, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और फिर उसने मेरी बात मान ली और मुझसे कहने लगी कि हाँ प्लीज, प्लीज अपना वीर्य मेरी चूत में डाल दो और मुझे खुश कर दो और में उसके बेड पर लेट गया और मैंने उसके दोनों पैर फैला दिए. अब उसके दोनों पैर मेरे कंधो पर थे. मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर रखा और धीरे धीरे रगड़ने लगा और वो सिसकियाँ लेने लगी. आहहयी सीईईईई ऐईईईई प्लीज अब मुझे रहने भी दो अब मुझे और मत तड़पाओ। फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा। और मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो अपने मुँह से ज़ोर से चीखने लगी। उईईई माँ मर गई। आईईईई प्लीज अब इसे बाहर निकालो। आईईईई उफ़! फिर मैंने उसके मुँह पर हाथ रखकर उससे कहा कि तुझे थोड़ा दर्द होगा, लेकिन उसके बाद तू कभी नहीं भूलेगी वो कभी नहीं भूल सकती। अब उसके हाथ मेरी पीठ पर थे और उसके दोनों पैर मेरे कंधे के ऊपर से उसकी सेक्सी आवाज़ पूरे कमरे में गूंज रही थी और इस वजह से अब वो और भी जोश में आ गई थी और मैंने अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी और बीच बीच में ज़ोर ज़ोर से ब्लब्स भी दबा रहा था और वो रो रो कर रो रही थी। आह्ह्ह्हह्ह और तेज़ ऊईइ अहहाह अय्यये और ज़ोर से चोद मुझे
आह्ह …
अगर तुम्हे ज्यादा मज़ा नहीं आता तो तुमने आज मेरी चूत को पूरी तरह से फाड़ दिया है और बहुत खून निकाला है, वाह तुम्हारा लंड तो बहुत दूर का है, मेरे पति बहुत जल्दी थक जाते हैं और उनका लंड भी छोटा हो जाता है। फिर हम किस करने लगे उसी में लेट गए, और उसको मेरे ऊपर आने को कहा। अब मैंने उसको अपने सोफे पर बैठने को कहा और फिर नीचे। फिर वो धीरे धीरे नीचे होने लगी और मैंने उसके दोनों हाथ उसके रसीले दूध पर रख दिए। थोड़ी देर बाद उसने अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी, वो बीच बीच में मुझे क्या किए जा रहा था और वो कैसे चिल्ला रही थी? तुम्हारी आवाज़ कितनी बड़ी है, तुम्हारी अह्ह … फिर मैंने उसको उठाया और मुझसे अपने लंड के ऊपर की खाल को पीछे करने को कहा। उसने अपना थूक मेरे लंड पर लगाया और आगे पीछे करने लगी और कहने लगी कि तुझे इतने लंबे समय के लिए उसका शुक्रिया अदा करना है, तूने मुझे आज बहुत संतुष्ट किया है, लंड का क्या कड़ापन है, अब तू बस मेरे अंदर है युवराज, में तुझसे बहुत प्यार करती हूँ। फिर मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा और अपना लंड उसकी गरम चूत में डाल दिया और अब बहुत ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा। उन झटकों के साथ साथ उसके बूब्स भी आगे पीछे हो रहे थे और वो उनको संभाल रही थी और ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी हाँ और ज़ोर से और ज़ोर से आईईईइ में, में सिर्फ़ तेरी हूँ। बना ले मुझे अपनी माँ की लौड़ी आह्ह्ह्हह्ह आईईईई ओफ्फ्फ़ वो बहुत टाईट होकर जा रहा था और उस पर अपनी गांड को पटक पटक कर मार रहा था। मेरी जांघ उसकी गर्दन को छू रही थी, इसलिए पूरे कमरे में जाम जाम जैसी आवाज़ आ रही थी और वो कराह रही थी, वो बहुत लाल हो गई थी और अब वो झड़ने वाली थी। जल्दी ही उसने उसे अपने पैरों के नीचे ले लिया और उसके पैरों को अपने कंधे पर रखकर फैला दिया और उसके हाथ मेरी पीठ पर थे और उसने मुझे कसकर पकड़ रखा था। अब मुझे अपनी स्पीड तेज करनी थी और मैंने तुरंत अपने लंड की स्पीड पकड़ ली और उसके बूब्स को पकड़कर उसे कसकर धक्के देने लगा और उसे चूसने लगा और थोड़ी देर में मैंने अपना सारा वीर्य अमृता की चूत में छोड़ दिया और हम दोनों आधे घंटे तक ऐसे ही पड़े रहे। फिर हम उठे और बाथरूम में गए और एक दूसरे को साफ़ किया। उस दिन हमने उस रात दो बार किस किया, हम तीन दिन तक बाहर ही रहते थे और रात में खूब मस्ती करते थे। जब भी हमें मौका मिलता हम चुदाई करते और हमने साथ में बहुत सारी ब्लूफिल्म देखी और एक महीने बाद मेडम ने मुझे बताया कि वो प्रेग्नेंट है और जल्द ही तुम्हारे बच्चे की माँ बनने वाली है। में उसकी यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ, क्योंकि अब पापा बनने वाले थे और उनकी ख़ुशी में मैंने उस दिन दो बार उनका जन्म करवाया, लेकिन थोड़ा धीरे धीरे और मेरे बी.टेक पूरा होने तक अमृता बहुत बार अपने बच्चे को चुरा लेती थी और माँ भी बनाती थी.. धन्यवाद…