मेरी तीन भाभियाँ

एक दिन दोपहर को अपने स्टडी रूम में पढ़ रहा था। मेरा अध्ययन कक्ष अलग मकान में था, मैं वहां सोया करता था। हमें वक्त बसंती चली आई और रोटल सूरत बना कर कहने लगी, “इतने नाराज़ क्यों हो मुझसे, मंगल?” मैने कहा “नाराज? मैं कहां नाराज हूं? मैं क्यों हूं नाराज?” हमारी आंखों में … Continue reading मेरी तीन भाभियाँ