मेरा नाम जॉनी है। मैं आगरा का रहने वाला हूँ।
यह स्टोरी 2 साल पहले की है जब मैं मौसी के यहां कुछ दिनों के लिए गया था।
मैं मौसी के यहां हमेशा जाया करता था।
मेरी मौसी के यहां 4 लोग थे मौसी, मौसा, मौसी का लड़का और उनकी बहू यानि भाभी।
मेरी मौसी 52 साल की है, एकदम आकर्षक लड़कियों की तरह और भाभी मेरी किसी ब्लू फिल्म की मिल्फ की तरह।
एक दिन भैया और मौसा दोनों 3 दिनों के लिए शहर से बाहर गए हुए थे।
तो घर में हम तीनों ही थे मौसी, मैं और भाभी।
मैं और भाभी काफी खुले हुए थे, सब तरह की बात कर लेते थे.
एक रात हम तीनों साथ मैं बैठ कर बातें कर रहे थे।
तो बातों–बातों में भाभी ने मुझसे मेरी जीएफ के बारे में बात करने लगी।
मैंने भाभी को सब बता रखा था फिर भी भाभी मौसी के सामने ऐसी बातें पूछने लगी.
अब मौसी के आगे मैं कैसे सब बोलता।
कुछ देर बाद मैंने ध्यान दिया कि मौसी भी हमारी बातों में रुचि ले रही थी।
यह देख कर मैं काफी हैरान था।
तभी अचानक मेरे दिमाग में भाभी के साथ सेक्स का ख्याल आने लगा।
मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसा क्यों हो रहा है।
तभी मौसी वहां से उठ कर गयी किसी काम से तो मैंने भाभी से हिम्मत करके पूछा– भाभी आपने कभी लेस्बियन सेक्स किया है?
भाभी यह सुनकर शांत हो गई.
शायद वे सोचने लगी ‘मैंने यह क्या पूछ दिया उनसे और इसका जवाब मैं कैसे दूं!’
तभी मैंने ध्यान दिया कि भाभी को बुरा नहीं लग रहा था इस बात से!
कुछ देर बाद भाभी ने जवाब दिया– हाँ किया है, बस एक बार अपनी सहेली के साथ!
इतने में मौसी वापिस आ गयी.
तब मैंने भाभी को झट से सुझाया– भाभी, आप, मैं और मौसी तीनों साथ में एक खेल खेलते हैं!
वे भी झट से मान गई।
फिर मैं एक बोतल लेकर आया और मैंने कहा– ट्रुथ या डेयर खेल खेलेंगे, पर नियम यह होगा कि सिर्फ डेयर ही करना है।
रात के 11 बजे के करीब हम तीनों कमरे में चले आए और खेलना शुरू किए।
मौसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था तो मैंने उनको जल्दी से समझा दिया और वे समझ गई।
फिर मैंने बोतल घुमाई और बोतल मेरी तरफ आई।
भाभी– आपको अपनी पैंट उतारनी है और अपना अंग खड़ा करना है!
यह सुनकर मौसी बोलीं– यह क्या कर रहे हो, तुम्हें तमीज नहीं है?
मौसी की डांट सुनकर मैं तो डर गया, मुझे लगा मौसी भैया और मौसा को बता ना दे यह सब के बारे में।
पर भाभी ने पता नहीं ऐसा क्या कहा कि मौसी 10 मिनट मैं मान गई।
उसके बाद मैंने भाभी की बात मानी और पैंट उतार दी और लंड खड़ा करके बैठ गया।
यह सब मौसी को अजीब लग रहा था पर कुछ देर बाद मौसी भी माहौल में घुल गई।
उसके बाद भाभी ने बोतल घुमाई और बोतल का मुंह मौसी की तरफ आया।
मैंने उनसे कहा– मौसी, आपको भाभी के होंठों चूमना है और उनका कुर्ता उतारना है।
5 मिनट तक मौसी ने सोचा, उसके बाद उन्होंने उनको चूमना शुरू किया और चूमते हुए उनका कुर्ता उतार दिया और भाभी ब्रा मैं बैठ गई।
यह सब नज़ारा अपने सामने देख कर मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया।
फिर मौसी ने बोतल घुमाई और इस बारी बोतल भाभी की ओर आई।
मैंने कहा– भाभी, मौसी की चूत चाटनी है और पूरा नंगा करना है उनको!
मैंने जैसे ही बोला वे भूखे कुत्ते की तरह टूट पड़ी मौसी पर!
सबसे बड़ी बात यह थी कि मौसी को मजा आ रहा था।
भाभी ने मौसी को नंगी करी और धीरे–धीरे उनकी चूत की तरफ बढ़ने लगी।
फ़िर धीरे से चूत पर अपनी जीभ रख कर फेरना शुरू कर दिया।
मौसी सिसकरियां लेने लगी।
यह सब देख कर मुझसे रहा नहीं गया और खड़ा हुआ और पूरा नंगा हो गया और मौसी को चूमने लगा।
नीचे भाभी मौसी की चूत चाट रही थी और ऊपर मैं उन्हें चूम रहा था।
थोड़ी देर बाद मैं भाभी के पीछे गया और उनकी सलवार उतार दी और पीछे से उनकी चूत पर उंगली फेरने लगा।
15 मिनट तक चूत में उंगली करने के बाद वे एकदम से झड़ गई।
उसी वक्त मौसी भी झड़ गई और भाभी के मुंह पर सारा पानी छोड़ दिया।
मैंने भाभी के मुंह को पूरा चाटा और उनको चूमने लगा।
फ़िर मैंने मौसी का सर पकड़ा और लंड उनके मुंह में दे दिया।
कुछ देर बाद मैंने मौसी को सीधा लेटा दिया और उनकी टांगों को चौड़ा कर दिया।
फ़िर अपने लंड उनकी चूत पर फेरने लगा और अचानक से जोर के झटके से अंदर डाल दिया।
भाभी ने अपनी चूत मौसी के मुंह पर रख दी और मुझे चूमने लगी।
मैं इधर मौसी को चोद रहा था।
10 मिनट तक धक्के मारने के बाद मौसी जोरदार चीख के साथ झड़ गई और गंदी–गंदी गालियां देने लगी– मादरचोद … दोनों मेरी गांड मारने आए हो!
फिर मैंने भाभी को घोड़ी बना दिया और पीछे से लंड डाल दिया।
भाभी थोड़ा चीखी पर बाद में वे सही हो गई.
अब भाभी पीछे से चुद रही थी और मौसी की चूत चाट रही है।
तभी भाभी मौसी के ऊपर लेट गई और उन्हें चूमने लगी.
और मैं भाभी को घोड़ी बना के पेल रहा था।
15 मिनट बाद भाभी झड़ गई और मौसी के पेट पर सारा पानी छोड़ दिया।
जिसको भाभी ने चाट कर साफ कर दिया।
थ्रीसम Xxx गेम से मैं थक गया था।
मैंने दोनों से कहा– आप दोनों अपनी चूत रगड़ो साथ में!
अब मौसी के लिए यह नया था … पर भाभी तो खिलाड़ी थी।
उन्होंने मौसी की चूत से अपनी चूत ऐसी रगड़ी कि मौसी तो पागल हो गई।
कुछ देर बाद मौसी अपने चूतड़ उठा-उठा के चूत रगड़ रही थी भाभी के साथ।
सास बहू की चूत रगड़ाई के 20 मिनट बाद वे दोनों एक साथ झड़ गई।
अब तक दोनों झड़ चुकी थी।
तो दोनों की हिम्मत नहीं हुई कुछ करने की लेकिन मैं अभी तक जोश में था।
मैंने भाभी को पकड़ा और उनके मुंह में लंड दे दिया।
वे भी बड़े प्यार से चूसने लगी, कभी टोपे को जीभ से चाटती तो कभी मेरे आंड को।
कुछ देर बाद मैंने मौसी को भी खींच लिया।
अब वे भी साथ में लंड चूस रही थी और कभी–कभी एक–दूसरे को चूम रही थी।
थोड़ी देर बाद मैंने मौसी को घोड़ी बनाया और भाभी को उनके नीचे लिटा दिया।
फिर मैंने मौसी की गांड मारी और वैसी ही लेट हुए भाभी की चूत मारी।
उस रात हम तीनों ने कई बार थ्रीसम चुदाई की।
आखिर में मैं दोनों को नीचे बिठाया और उनके मुंह पर वीर्य झाड़ दिया।
मौसी और भाभी ने एक–दूसरे चूमते हुए पूरा मूठ चाट लिया और चूमते–चूमते हम तीनों सो गए।
जब मैं सुबह जगा तो मुझे रात वाली घटना याद आई.
मैंने इधर उधर देखा, कुछ भी घटित नहीं हुआ था.
मतलब वो सब मैंने सपने में देखा था.
हा … हा … हा!