नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम सन्दीप है।
मेरी उम्र 24 साल है. मेरे लन्ड का साइज 7 इंच है और मैं किसी भी महिला को चोदकर संतुष्ट कर सकता हूं।
मैं अपनी मौसेरी दीदी सोनम को चोदना चाहता था।
तो मेरी यह इच्छा कैसे पूरी हुई, वो इस कहानी में पढ़ें.
यह कहानी दिसंबर 2019 की है.
उस समय बहुत ही ज्यादा सर्दी पड़ रही थी.
और मेरी बुआ के घर पर किसी की शादी थी तो मेरे मम्मी और पापा उस शादी में आठ दिन के लिए जाना था।
मेरी मम्मी ने मौसेरी दीदी को 10 दिन घर पर रहने के लिए बुला लिया था।
उस समय मेरी मौसेरी दीदी सोनम की उम्र 24 साल की थी और मेरी उम्र 21 साल थी.
सोनम दीदी मेरे घर आई तो मैं तो उन्हें देखता ही रह गया क्योंकि मैं उन्हें पूरे 4 साल बाद फेस टू फेस देख रहा था।
दीदी पहले एक दुबली पतली सी लड़की थी लेकिन अब उनका पूरा शरीर सुडौल और सेक्सी हो गया था।
मैंने दीदी को नमस्ते की और बैठकर उनसे बात करने लगा।
मैं अपने मम्मी पापा की इकलौती संतान हूं और मौसी के बच्चों में भी सबसे छोटा हूं इसलिए सब मुझे बहुत प्यार करते हैं।
सोनम दीदी भी मुझसे बहुत प्यार करती हैं और फ्रेंडली रहती हैं।
अगले दिन सुबह 5 बजे मम्मी पापा ट्रेन से बुआ के घर चले गए और मैं और सोनम दीदी घर पर रह गए।
8 बजे तक हमने नाश्ता किया और टीवी देखने लगे.
दीदी मुझसे कॉलेज के पढ़ाई के बारे में बात कर रही थी।
2 घण्टे बाद दीदी ने खाना बनाया और हम साथ बैठकर खा रहे थे थी.
मेरी गर्लफ्रेंड प्रीति का फोन आया और मैं प्रीति से बात करने लगा।
दीदी मेरी बातें ध्यान से सुन रही थी तो मैंने भी फोन स्पीकर मोड में चालू करके रख दिया और बात करने लगा।
मेरी और प्रीति की बातें सुनकर दीदी मुस्करा रही थी.
आधे घण्टे तक बात करके मैंने फोन काट दिया।
खाने के बाद दीदी मुझसे प्रीति के बारे में पूछने लगी.
सोनम मजाक में- अच्छा तो मैडम का नाम प्रीति है.
मैं- हां दीदी, वो कॉलेज की दोस्त है।
सोनम- अच्छा तो (मजाक में) अभी तक कुछ किया भी है या नहीं?
मैं- नहीं दीदी वो तो …
सोनम हंसने लगी- अच्छा …
मैं उठ कर बाहर चला गया।
1 बजे मैं वापस लौट कर आया.
तब तक दीदी ने सब काम खत्म किया और नहा कर तैयार हो गई थी।
मैं नहाने बाथरूम में गया तो मेरी नजर दीदी के अंडर गारमेंट्स पर पड़ी.
तो मुझे प्रीति की याद आ गई.
मैंने दीदी की ब्रा और पैंटी को उठाया.
दीदी की पैंटी से बहुत ही अच्छी खुशबू आ रही थी.
पैंटी की खुशबू सूंघ कर मेरे अंदर का शैतान जाग गया और मैंने दीदी को सोचकर मुठ मार ली और अपना माल दीदी की पैंटी पर गिरा दिया.
मुझे बहुत मजा आया।
फिर दीदी ने अपने कपड़े धोए लेकिन मुझसे कुछ नहीं कहा।
रात को खाना खाने के बाद दीदी ने कहा कि मैं उनके साथ कमरे मैं सो जाऊं क्योंकि अकेले में डर लगता है।
मैंने रात को हिम्मत करके दीदी से उनके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा.
तो उन्होंने कहा कि उनका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है।
यह सुनकर मुझे अच्छा लगा कि अब शायद मैं दीदी पर ट्राई मार सकता हूं।
रात को बातें करते करते कब सो गए पता ही नहीं चला।
अगले दिन प्रीति का बर्थ डे था तो मैं सरप्राइज़ पार्टी अरेंज करने के लिए रेस्टोरेंट गया था.
वहां पर प्रीति दूसरे लड़के के साथ बैठकर बर्थ डे सेलीब्रेट कर रही थी।
मैंने मोबाइल से उसकी 3-4 फोटो ली और घर आ गया।
ये सब देख कर मैं उदास हो गया था क्योंकि मैं प्रीति से बहुत प्यार करता था।
मुझे उदास देख कर सोनम दीदी ने मुझसे पूछा तो मैंने उन्हें सब बता दिया।
सोनम दीदी ने कहा कि मैं एक बार प्रीति से फोन करके बात करूं। हो सकता है कुछ गलतफहमी हो गई हो।
तो मैंने फोन कर प्रीति से इस बारे मे पूछा तो उसने मुझे बताया कि अब वह मेरे साथ रहना नहीं चाहती।
यह सुनकर मैं और भी उदास हो गया।
तब दीदी ने कहा- चिंता मत करो, तुम इतने स्मार्ट और हैंडसम हो. तुम्हारी दूसरी गर्लफ्रेंड बन जाएगी।
दीदी ने मुझे चुप कराया और कहा- चलो घूमने चलते हैं।
मैं दुखी मन से दीदी के साथ घूमने गया।
लौट कर हमने रेस्टोरेंट में खाना खाया और घर आ गए।
रात में 8 बजे दीदी ने मुझे खाने के लिए बुलाया पर मैंने नहीं खाया।
अगले दिन सुबह दीदी ने फिर मुझे समझाया- जल्दी ही तेरी दूसरी गर्लफ्रेंड बन जाएगी, तू उदास मत हो।
मैंने दीदी को बताया कि बड़ी मुश्किल से मेरी और प्रीति की फ्रेंडशिप हुई थी और अब ब्रेकअप हो गया।
इतना सुनकर दीदी ने कहा- मैं तुम्हारी हेल्प कर सकती हूं लेकिन …
मैंने पूछा- कैसे?
तो दीदी ने कहा- मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं और तुम्हें उदास नहीं देख सकती. इसलिए मैं तुम्हारी फ्रेंड बन सकती हूं लेकिन गर्लफ्रेंड नहीं।
दीदी की बात सुनकर मुझे अच्छा लगा।
फिर मैंने और दीदी ने नाश्ता किया और फिर मैंने कहा- चलो कहीं घूमने चलते हैं.
तो दीदी तुरन्त तैयार हो गई।
फिर मैं और सोनम दीदी बाइक से मार्केट घूमने गए जहां मैंने दीदी को फ्रेंडशिप का फर्स्ट गिफ्ट दिया।
और फिर मैंने दीदी को प्रपोज किया.
दीदी ने खुश होकर मेरा प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया।
फिर हम लोगों ने साथ में बहुत मस्ती की और घूम कर वापस आ गए।
शाम को मम्मी का फोन आया, हम दोनों का हालचाल पूछा.
तो दीदी ने कहा- ठीक हैं.
मम्मी ने मुझे दीदी को परेशान न करने को कहा।
रात को मैंने दीदी ने अपना फ्रेंडशिप सेलीब्रेट किया और फिर हम लोग सो गए।
अगले दिन सोनम दीदी के चेहरे पर अजीब सी चमक थी।
जब दीदी नहाकर बाथ रूम से बाहर आई तो मैं तुरन्त नहाने चला गया और फिर दीदी की ब्रा और पैंटी से खेलने लगा।
मैंने मुठ मारी और अपना मॉल दीदी की पैंटी पर गिरा दिया और नहाकर बाहर निकल आया।
जब दीदी कपड़े धोकर आई तो मुझसे पूछा- पैंटी पर क्या गिराया था?
तो मैंने कहा- कुछ नहीं।
तब दीदी ने कहा- झूठ मत बोलो, मुझे पता है कि क्या गिराया था।
मैं मजाक में- जब पता है तो पूछ क्यों रही हो?
मेरी इस बात पर दीदी ने स्माइल दी और कहा- ये गलत है ऐसा आगे से मत करना!
मैंने कहा- ठीक है.
रात में दीदी जब खाना बना रही थी तभी अचानक से फिसल कर किचन में गिर गई और उन्हें चोट लग गई।
मैंने देखा और कहा कि खाना मत बनाओ में पैक करा कर होटल से ले आऊंगा। मैं बाइक से मार्केट गया और खाना पैक करा कर ले आया।
फिर खाकर हम लोग सोने लगे.
लेकिन दीदी को चोट से बहुत दर्द हो रहा था तो मैंने उनकी चोट पर दवा से मालिश की.
और फिर पता नहीं चला कि कब मैं दीदी के बिस्तर पर सो गया।
सुबह सुबह जब सोकर उठा तो दीदी नाश्ता बना चुकी थी.
मैंने फ्रेश होकर नाश्ता किया और टीवी देखने लगा।
तभी दीदी नहाने चली गई और अपने कपड़े ले जाना भूल गई.
उन्होंने मुझे आवाज देकर अपने कपड़े मांगे।
मैंने उनका सूट दे दिया लेकिन ब्रा पैंटी रह गई.
दीदी ने फिर आवाज देकर ब्रा और पैंटी मांगी।
मैं दीदी की पैंटी देखकर खुश हो गया और मैंने दीदी की पैंटी को जीभ से चाट लिया.
बहुत मजा आया।
अब मैं मेरी दीदी के साथ सेक्स करना चाहता था.
लेकिन सिस्टर लव सेक्स के लिए दीदी को मनाना कठिन था।
जब मैं नहाने जा रहा था तो दीदी ने मुझे रोककर कहा- मेरी पैंटी खराब मत करना!
और हल्की सी मुस्कान दी।
मैंने भी दीदी की तरफ आँख मार दी और नहाने चला गया।
उस दिन जब दीदी खाना बना रही थी तो मैंने जाकर उन्हें पीछे से हग कर लिया.
लेकिन दीदी ने कुछ नहीं कहा और अपना काम करती रहीं।
फिर हमने खाना खाया और फिर टीवी देखने लगे।
रात को मैं अपने बिस्तर पर सो रहा था तभी दीदी ने मुझे जगाया और कहा- मेरे बिस्तर पर पानी गिर गया है तो बिस्तर गीला हो गया है। दूसरे बिस्तर कहाँ रखे हैं, पता नहीं!
मैंने दीदी से कहा- आप मेरे बिस्तर पर सो जाओ, मैं आपके बिस्तर पर सो जाऊंगा।
दीदी ने कहा- गीले में कैसे सो पाओगे.
तब दीदी ने कहा- एक ही बिस्तर पर सो जाते हैं. आज ही की तो बात है।
दीदी मेरे साथ मेरी तरफ पीठ करके सो गई.
लेकिन अब मुझे नींद नहीं आ रही थी।
मैंने अपना एक हाथ दीदी के ऊपर रखा.
मुझे अच्छा लगा.
तो मैंने दीदी के बूब्स, जिनका साइज कम से कम आम के बराबर था, मैंने हल्के से दबाया तो दीदी ने तुरन्त ही करवट बदल ली.
अब दीदी का मुंह मेरे सामने था।
मेरे अंदर की हवस मुझ पर हावी हो गई और मैंने दीदी को होंठों पर लिपलॉक किस करके उनके होंठ चूसने लगा.
और मैं एक हाथ से दीदी के बूब्स दबाने लगा.
जिससे वे गर्म हो गई और सिसकारी भरने लगी।
मुझे मजाक सूझा तो मैंने एक निप्पल तेज दबा दिया.
दीदी की चीख निकल गई, वे बोली- आराम से कर भाई!
अब दीदी मेरा पूरा साथ दे रही थी और हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे।
फिर मैं दोनों हाथों से उनके दोनों बूब्स दबाने लगा।
दीदी ने अपना हाथ मेरी चड्डी में डाल दिया और मेरे 7 इंच लम्बा लन्ड को पकड़ कर हिलाने लगी।
अब तक मेरा एक हाथ दीदी की बुर पर था.
मैं दीदी की चूत सहला रहा था और वे मेरे लन्ड को सहला रही थी।
मैंने दीदी से 69 की पोजीशन में आने को कहा.
दीदी तुरन्त मान गईं और मेरा लन्ड चूसने लगी.
मैं दीदी की बुर चाट रहा था।
अब तक दीदी 1 बार झड़ चुकी थी लेकिन मैंने चूत चाटना चालू रखा और वे फिर से गर्म हो गई और लन्ड चूत में डालने के लिए कहने लगी.
अब मैंने अपना 7 इंची लन्ड दीदी की चूत पर रगड़ा तो वे एकदम से मचल गईं और गान्ड उठाकर लन्ड लेने की कोशिश करने लगी।
मैंने अपने लन्ड का सुपारा दी की चूत के छेद से सटाया और किस करने लगा।
फिर मैंने एक हल्का झटका लगाया और लगभग 2 इन्च लन्ड अन्दर चला गया.
दीदी की आह निकल गई.
मैंने धीरे धीरे किस करते हुए एक जोर का झटका लगाया तो लगभग पूरा लन्ड अन्दर चला गया और दीदी जोर से चिल्लाई.
लेकिन मेरे किस करने से उनकी आवाज बाहर नहीं निकल पाई.
अब दीदी रोते हुए मुझसे लन्ड बाहर निकालने को कहने लगी.
लेकिन मैं किस करता रहा।
थोड़ी देर बाद मेरा दर्द कम हुआ तो दीदी अपनी कमर हिलाने लगी.
मैंने इशारे में पूछा तो उन्होंने हां में सिर हिलाया और मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा।
दीदी- आह संदीप … आह उह उह … आह चोदो मुझे … और जोर से चोदो … आह उह उह!
मैं- आह दीदी … मैं आज आपकी चूत फाड़ दूंगा!
दीदी- आह आह उह … भाई आज तूने अपनी दीदी को चोदकर लड़की से औरत बना दिया. आह … आज से तू बहनचोद बन गया।
मैं- दीदी, आप मेरी सबसे प्यारी दीदी हो. आई लव यू माई लवली सिस्टर!
और मैं दीदी को किस करते हुए चोदने लगा.
लगभग 15 मिनट बाद मैं दी की चूत के अंदर ही झड़ गया।
उस रात हमने जमकर 4 बार चुदाई की.
दीदी की चूत में सूजन आ गई थी और वे ठीक से चल भी नहीं पा रही थी।
सुबह मैंने गर्भ निरोधक गोली और पेन किलर लाकर दिया जिससे दीदी को आराम मिला।
मैं होटल से खाना लाया और हमने खाया.
घर का सारा काम मैंने किया क्योंकि दीदी की हालत ठीक नहीं थी.
शाम तक दीदी को गोलियों से काफी राहत मिली।
फिर रात को मैंने दीदी को फिर से गर्म करके चोदा और हमने 3 बार चुदाई की.
अब तो दीदी को चूदाई की लत लग गई थी।
मम्मी पापा के आने तक हमने रोज रात को सुहागरात मनाई।