मेरा नाम सचिन है. मेरी उम्र 20 साल है.
मैं हरिद्वार का रहने वाला हूं.
मेरी मौसी की लड़की का नाम कोमल है.
कोमल का फिगर 34-30-36 का है और दिखने में वह काफी ज्यादा सुंदर भी है.
उसकी शादी को आज एक साल हो गया है.
कोमल अपने पति से खुश नहीं थी.
यह साफ दिख रहा था क्योंकि उसके पति से लड़ाई झगड़ा होता रहता था और कई बार तो वह अपने मायके महीने महीने भर के लिए आ जाती थी.
इसमें उसकी भी कोई गलती नहीं है, उसका पति नशे में डूबा रहता है.
यह बात लॉकडाउन के दूसरे दौर की है.
कोमल अपने ससुराल वालों से लड़ाई करके वापस आ गई थी.
हर बार की तरह इस बार का कारण भी वही था कि उसका पति नशे में हमेशा धुत्त रहता था.
जब कोमल मायके आई, तब मैं भी मौसी के घर ही गया हुआ था.
कोमल न जाने क्यों मुझे देखकर कुछ ज्यादा ही खुश हो गई.
शुरुआत में मैं उसकी खुशी को समझ नहीं पाया था.
बाद में मेरी उससे बात हुई.
तब उसने बताया कि उसका पति हर वक्त नशे में रहता है और उसकी सास भी उसे कुछ नहीं कहती. अब तो मां ने भी मेरी बात सुनना छोड़ दिया है.
मैंने उसे समझाया- सब कुछ तेरे हाथ में ही है. तुझे ही तो संभालना है सब, ऐसे छोड़ कर आने से कुछ नहीं होगा.
ऐसे करके मैंने उसे बहुत समझाया तो उसे भी भरोसा हो गया कि यहां उसकी बात को कोई तो समझता है.
उस रात कोमल मेरे बगल वाले बेड पर लेटी थी.
मेरे मन में अभी ऐसा कोई ख्याल नहीं था कि कोमल सेक्स की वजह से परेशान है.
मैं बस उसे विश्वास दिला रहा था.
उन दिनों दूसरे दौर के कोरोना का खौफ कुछ ज्यादा ही हो गया था तो सरकार हर घर से जा जाकर कोरोना का टेस्ट कर रही थी और मरीजों की तादाद बढ़ती ही जा रही थी.
मौसी के घर पर भी टीम आई और सबके टेस्ट हुए.
दो दिन बाद कोरोना वायरस की टेस्ट रिपोर्ट लेने मैं और मेरी मौसी का लड़का हॉस्पिस्टल गए.
वहां रिपोर्ट्स देखी, तो मैं हैरान रह गया.
कोमल और मुझे छोड़कर सबकी रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव था.
मेरी मौसी के लड़के को तो वहीं हॉस्पिटल में ही रोक लिया गया.
मैं वहां से घर आ गया.
मेरे साथ ही सेंटर से कोरोना की टीम वाले भी वहां आ गए.
वे कोमल और मुझे छोड़कर सबको हॉस्पिटल ले गए.
उन्होंने हम दोनों को होम क्वारेंटाइन कर दिया.
मुझे समझ ही नहीं आया कि यह क्या हुआ.
लेकिन मैंने देखा कि कोमल कुछ ज्यादा ही खुश थी, उसके चेहरे पर डर नाम की चीज ही नहीं दिख रही थी.
अब घर में केवल हम दोनों ही थे तो कोमल मेरे साथ कुछ ज्यादा ही खुलने लगी.
कुछ देर तक हम दोनों ने बात की और घर के सभी लोगों के बारे में आपस में बात करने लगे.
कोमल बोली- तू कुछ कर सकता है क्या?
मैंने कहा- मैं क्या कर सकता हूँ!
वह लापरवाही से बोली- बस तो हो गया … अब उनको कुछ नहीं होगा. सब ठीक हो जाएंगे.
उसकी बात बड़ी लापरवाही वाली बात थी लेकिन शायद वह सही थी.
उसका कहना था कि हमें खुद को चिंता मुक्त रखना चाहिए.
उसकी बातें सही थीं, तो मैं चुप हो गया.
अब वह मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछने लगी.
मैंने मना कर दिया कि मैं किसी लड़की से दोस्ती नहीं करता हूँ!
वह बोली- क्यों, लड़की तुझे खा जाएगी क्या?
मैंने उसकी तरफ देखा और मेरी हंसी छूट गई.
मुझे हँसता देख कर वह भी हँसने लगी.
फिर वह मेरे बहुत ही करीब आकर बोली- मुझे मालूम है कि तू मुझसे झूठ बोल रहा है!
मैंने मना किया- नहीं, ऐसा कुछ नहीं है.
पर वह मुझे लगातार छेड़ती रही.
अब वह रोज मेरे करीब रहने के लिए कभी कुछ करती तो कभी कुछ.
हम दोनों घर में साधारण से कपड़े पहन कर रहते थे.
घर से बाहर निकलना मना था.
स्वास्थ्य विभाग के लोग दरवाजे पर कागज चिपका कर गए थे कि सावधानी बनाए रखें, दूरी बनाएं रखें.
इससे कोई भी पड़ोसी हमसे संपर्क नहीं कर रहा था.
खाने पीने की चीजें सब्जी दूध आदि मुफ़्त में घर आ रही थीं तो किसी बात की चिंता नहीं थी.
दो दिन इस तरह ही चलता रहा.
तीसरी रात उसने मुझे सोते हुए उठाया और बोलने लगी- मुझे डर लग रहा है.
मैंने कहा- क्या हुआ, किस बात का डर लग रहा है?
वह कहने लगी कि मैं जब भी अकेली लेटती हूँ तो मुझे डरावना सपना आता है.
असल में वह अपना डर बता कर मेरे साथ मेरे बेड में सोना चाहती थी.
मैंने भी मना नहीं किया और वह भी मेरे साथ सोने आ गई.
थोड़ी देर बाद मुझे महसूस हुआ कि वह मेरे काफी करीब होकर लेटी है.
उसकी गांड मेरे लंड से टच कर रही थी.
मेरा दिमाग खराब हो गया कि क्या हो रहा है.
थोड़ी देर बाद वह और भी करीब आने लगी.
तो मैंने भी सोने का नाटक करते हुए उसके एक दूध को पकड़ लिया.
उसकी तरफ से कोई भी विरोध नहीं था.
मैंने सोचा कि उसे कसके दोनों हाथों से पकड़ लूँ!
तो मैंने एक हाथ से उसके दूध को पकड़ कर मसला भी, पर उसकी तरफ से अब भी कोई विरोध न था.
मैं थोड़ी देर ऐसे ही रहा और उसी बीच मेरा लंड कड़क हो गया; लंड से प्रीकम निकलने लगा.
उसी पल मुझे लगा कि कोमल गहरी नींद में सो रही है, शायद इसी लिए वह कुछ कह नहीं रही है.
मुझे उसके साथ गलत नहीं करना चाहिए.
यह सोचते ही मैं उससे अलग हो गया और फिर पता ही नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई.
सुबह जब मैं उठा तो वह जाग गई थी और किचन में काम कर रही थी.
मैं धीरे से किचन की तरफ गया तो उसने कहा- बहुत जल्दी उठ गया, चल अब फ्रेश हो जा और कुछ खा ले.
मैंने जल्दी से फ्रेश होकर चाय पी और फोन में गेम खेलने लगा.
थोड़ी देर बाद वह आई और मेरे साइड में लेट कर देखने लगी.
पबजी में मेरे साथ वाले के पास लड़की का कैरेक्टर था और उसने कपड़े नहीं पहने थे.
वह उसे देखकर कहने लगी कि तू ये सब देखता है?
मैंने पूछा- क्या?
तो वह बोलने लगी कि लड़की बिना कपड़े के!
मैंने उसे समझाया कि इसमें ऐसे ही होता है.
उसने अब ऐसा सवाल पूछा कि मैं हैरान रह गया.
वह सीधे बोली- रात को तू मुझे इतना दबा रहा था, तो तेरा मन नहीं हुआ?
मैं समझ गया था कि वह कुछ नहीं बोली थी क्योंकि उसका मन भी चुदाई का था.
अब मैं इस बात को जान गया था कि कोमल का मुझसे चुदवाने का फुल मूड है, पर मैं चाहता था कि वह पहल करे.
कुछ देर बाद वह वहां से बिना कुछ कहे उठ गई.
मुझे अभी भी हैरानी हो रही थी कि इसे सब पता था और इसने मुझसे कुछ कहा क्यों नहीं!
उस दिन हम दोनों यूं ही एक दूसरे से दूर दूर ही रहे.
बल्कि मैं यह कहूँ कि मैं ही उससे दूर रहा.
अब रात हुई तो वह मेरे पास आई और फिर से बोली- मेरे साथ में ही सोना, मुझे अकेले में डर लगता है.
मैं राजी हो गया.
वह आज मेरी ओर मुँह करके लेट गई.
मैं सीधा लेट गया.
थोड़ी देर बाद मुझे महसूस हुआ कि कुछ मेरे लोअर को सहला रहा है, तो मैं सोने का नाटक करते हुए सब देखने लगा.
कोमल का एक हाथ मेरे लोअर के ऊपर चल रहा था और वह लंड को सहला रही थी.
उसने अचानक से लोअर के ऊपर से मेरा लंड पकड़ लिया.
मैं तुरंत उठा और उसे धमकाने लगा- क्या कर रही है!
वह थोड़ी डरी और बोली- तूने कल इतना दबाया, वह कुछ नहीं! आने दे मां को बताऊंगी सब!
मैं थोड़ा सा घबराया और मैंने पूछा- क्या बताएगी?
वह बोली- देख, मेरी कुछ जरूरतें हैं. मेरा पति मेरे साथ सेक्स नहीं कर पाता है. अब मैं यहां बंद हूँ और तेरे अलावा कोई समझता भी नहीं मुझे!
इतना कहते ही उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए.
मैं थोड़ा सा हैरान तो था, पर अब मजे लेने लगा था.
दस मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह किस करते रहे.
फिर मैं उठा और मैंने कोमल के सारे कपड़े उतार दिए; खुद भी टी-शर्ट निकाल ली.
कोमल मेरे सामने नंगी थी.
मैं उसे देखने लगा.
वह अंगड़ाई लेती हुई मुझसे पूछने लगी- कैसे हैं मेरे दूध?
मैं उसकी इस बेहयाई पर अवाक था.
वह गाली देती हुई बोली- अबे साले, नीचे देख … तेरा लंड फुंफकार रहा है … बन जा बहन चोद … आ जा कर ले मेरी सवारी.
उसने जब इतनी बिंदास तरीके से मुझसे कहा तो मैं भी उस पर झपट पड़ा.
मैं कोमल के दोनों बूब्स को बारी बारी से मुँह में लेकर चूसने लगा.
कोमल आह आह ओह करती हुई मजे लेने लगी ‘आह चूस ले मेरे भाई आह … न जाने कब से प्यासी है तेरी बहन आह चोद दे मुझे … आह पी ले दूध आह.’
मैंने उसके दोनों मम्मों को जम कर चूसा और काटा.
वह कहने लगी कि भोसड़ी के सिर्फ दूध ही चूसेगा या चुत का भी कुछ करेगा?
यह सुनकर मैं कोमल के पेट तक आ गया और मैंने उसकी चुत को उंगलियों से सहलाया, तो वह एकदम से सिहर उठी.
फिर मैंने उसकी चुत के दाने को चूसना शुरू कर दिया, तो वह भी आह आह करके मजे लेने लगी.
थोड़ी देर में वह चुदाने को बिलकुल व्याकुल हो गई और जल्दी से मेरा लोअर उतार कर लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी.
मेरा लंड अब पूरे आकार में आ गया था.
मेरा लंड सात इंच लंबा और ढाई इंच मोटा है.
कोमल ने तुरंत वैसलीन उठाई और मेरे लंड पर लगा दी.
वह मेरे सामने लेट गई और बोली- अब जल्दी से कर, बहुत तेज आग लग रही है.
मैंने बिना देरी किए उसकी चुत में लंड सरका दिया.
उसे दर्द हुआ लेकिन वह झेल गई और कहने लगी कि जोर जोर से चोदो … मुझे मजा आ रहा है … आह और जोर से … आह आह ओह फट गई मेरी तो.
वह ऐसे आवाजें करने लगी.
मैं धीरे धीरे रफ्तार बढ़ाए जा रहा था.
मैं उसके कसे हुए मम्मों को बारी बारी मुँह में लेकर चूसता और साथ ही चुत में लंड भी चलाता रहता.
दस मिनट के बाद वह झड़ गई.
मैंने चोदना जारी रखा. बीस मिनट तक मैंने कोमल को जोर जोर से चोदा और उसके अन्दर ही झड़ गया.
कोमल अब तक तीसरी बार झड़ चुकी थी.
वह कुछ ज्यादा ही थक गई थी, तो मेरे साइड में नंगी ही लेटी सो गई.
मैरिड सिस्टर सेक्स के बाद मैं भी उसको किस करके सो गया.
रात में मैं 2 बजे उठा तो मेरा मन किया कि एक बार और चोदा जाए.
मैंने उसको किस करना शुरू किया, तो वह भी उठ गई और हम दोनों ने मस्त चुदाई की.
उस रात मैंने उसे 3 बार चोदा.
अगली सुबह हम दोनों साथ नहाए और बाथरूम में मैंने उसकी चूत बजाई.
ऐसे ही हमारे होम क्वारेंटाइन का टाइम बीता.
हमने घर के हर कोने में चुदाई की. हम दोनों हर बार अलग पोज ट्राई करते.
कुछ दिनों बाद मौसी और घर के सारे लोग वापस आ गए.