मेरा नाम अरविंद है और मैं राजस्थान के छोटे से गांव में रहता हूं.
आज मैं आपको इस विलेज़ गर्ल हॉट सेक्स कहानी में बताने जा रहा हूं कि कैसे मैंने पहली बार चुदाई की.
मेरे घर के पास में दो लड़कियां रहती हैं, जिसमें एक का नाम मोहिनी है और दूसरे का सुगना है.
वे रिश्ते में मेरी बुआ लगती हैं और हम उम्र होने के कारण वह मेरे साथ ही खेल कूद कर बड़ी हुई है.
मोहिनी की उम्र 20 साल थी और सुगना की उम्र 18.5 साल थी.
उस वक्त मैं भी 19 साल का था.
मोहिनी दबे हुए सांवले रंग की थी, या यूं कहें कि पूरी काली कलूटी थी लेकिन उसकी जो देहयष्टि थी, वह गजब की थी.
उसके कसे हुए फिगर को देखते ही कोई भी आदमी उस पर मोहित हो जाए. उसके तने हुए दूध किसी को भी घायल कर सकते हैं.
मैं पहले भी गांव की भाभियों के साथ दो बार सेक्स कर चुका था लेकिन अभी भी सही सेक्स किस तरह से किया जाना चाहिए, इसके बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था.
पहले दो बार के सेक्स में मैंने बस चूत में लंड डाला और हुच्च हुच्च करके रस टपका दिया था.
मोहिनी थोड़ी हाइट में भी ज्यादा थी और उसका शरीर भी सुडौल था.
एक बार उसके घर पर उसके पिताजी और माताजी दोनों ही नहीं थे.
अचानक से मैं उसके घर चला गया क्योंकि उसके पिताजी बकरियां चराने जाते थे, तो मुझे अंदाजा था कि उसकी मां होगी.
मैं गया, तो उसकी मां नहीं दिखी.
मोहिनी बाथरूम में नहा रही थी और उस दिन न जाने क्यों मेरा मन बहुत ज्यादा सेक्स करने का भी कर रहा था.
मेरे घर में अन्दर आते ही उसे आहट मिल गई और उसने आवाज देते हुए पूछा- कौन है बाहर?
मैंने कहा- मैं हूं अरविंद!
उसने कहा- अच्छा तू आया है क्या!
मैंने कहा- हां क्या हुआ?
उसने कहा- अरे यार मैं ब्रा और पैंटी अन्दर लाना भूल गई हूं, तू जाकर अन्दर वाले कमरे से ले आएगा क्या?
मैंने कहा- हां क्यों नहीं, मैं अभी जाकर ले आता हूं.
मैं अन्दर से उसकी चड्डी और ब्रा लेकर बाथरूम में अन्दर घुस गया.
तब वह अपनी चूत को सहला रही थी और अपनी चूत में उंगलियां कर रही थी.
मुझे अंदाजा ही नहीं था कि वह यह सब कर रही होगी, बल्कि मुझे लगा था कि वह गीले कपड़े पहने खड़ी होगी.
मेरी नजर सीधी उसकी टांगों के बीच में गई.
उसकी चूत एकदम साफ और रसीली दिख रही थी. उसकी सफाचट चूत देख कर साफ समझ आ रहा था कि उसने एक दिन पहले ही अपनी झांटों को साफ किया होगा.
उसकी चूत को देखते ही मेरा मन कर रहा था कि अभी उसकी चूत को चाट जाऊं और पूरा पी जाऊं.
अन्दर जाकर मैंने उससे कहा- यह ले तेरी चड्डी और चोली!
मैंने एक बात नोटिस की कि मेरे जाते ही वह बिल्कुल भी घबराई नहीं और मेरे सामने ही वह अपनी चूत में तेज तेज उंगलियां करने लगी.
तभी मैंने कहा- यह क्या कर रही है?
उसने वासना से कहा- मेरी चूत को चाटने का मन है क्या?
मैंने भी उसके दूध और चूत देखते हुए कहा- हां क्यों नहीं. तू अपनी चूत चटवाएगी तो क्यों नहीं चाटूँगा!
वह फर्श पर चित लेट गई और तानें फैला कर बोली- आ जा चाट ले!
मैंने लंड सहलाते हुए कहा- चूत चटवा कर चुदवाएगी भी न … यह चटवा कर भगा देगी?
वह बोली- तेरे लंड में चुदाई करने की ताकत है भी? या ऐसे ही लंड सहला रहा है?
मेरा लंड उतना लंबा तो नहीं है लेकिन मोटा बहुत ज्यादा है.
मैंने उसकी बात सुनी तो अपने पैंट को खोल कर लंड बाहर निकाल लिया.
वह मेरे लंड को किसी प्यासी कुतिया की तरह निहार रही थी.
मैंने उसके पास बैठ कर उसकी चूत में उंगलियां की लेकिन मैं थोड़ी देर के बाद बाथरूम से बाहर आ गया क्योंकि मुझे डर लग रहा था कि कोई आ ना जाए.
थोड़ी देर बाद वह नहा कर कमरे में आ गई.
उस वक्त गांवों में लड़कियां घागरा ही पहनती थीं. उसके अन्दर शायद अंडरवियर भी नहीं पहनती थीं.
वह भी घाघरा ही पहनी हुई थी.
जैसे ही वह अन्दर आई तो मैंने उससे पूछा- अभी किसी को आना है क्या?
वह बोली- किसी को नहीं आना है, पर क्यों पूछ रहा है?
मैंने कुछ नहीं कहा और उसका हाथ पकड़ कर कमरे में पूरा अन्दर ले लिया.
वह आसानी से अन्दर आ गई और समझ गई कि अब चुदाई होगी.
उसके अन्दर आते ही मैंने उससे कहा- मेरा भी तुझे चोदने का बहुत ज्यादा मन कर रहा है!
वह बोली- तो क्या उसके लिए तुझे मुझसे न्यौता चाहिए?
उसकी आवाज में झुंझलाहट का पुट था.
मैं समझ गया कि जो बंदी अपनी चूत खोल कर नंगी लेटी थी और मैं भोसड़नाथ उसकी चूत को बिना चोदे बाहर आ गया था, तो इसका मतलब साफ ही है कि उसे गुस्सा आ रहा होगा.
मैंने उसे अपनी तरफ को खींचा और कहा- चल कपड़े उतार, तुझे भी ठीक लगेगा!
उसने कहा- मैं ठीक हूँ, तू ऐसे ही कर ले.
मैं नहीं माना और मैंने कहा कि ऐसे कैसे मजा आएगा … कम से कम तू अपना घाघरा तो ऊपर कर ले!
उसने नहीं किया तो मैंने ही कर दिया और उसको घोड़ी बना दिया.
अब उसकी गांड एकदम चकाचक माल जैसी लग रही थी.
पहले तो मैंने उसकी गांड तरफ से अपना मुँह उसकी चूत में लगा कर चूत को पूरी तरह से चाटा.
फिर अपना लंड निकाल कर उसकी चूत में पेल दिया.
मेरा लंड उसकी चूत में जाते ही मुझे तो तृप्ति अहसास हो गया था और अपने आधा लंड को अन्दर करने में मुझे बहुत ज्यादा आनन्द आता हुआ महसूस हुआ.
मैं आंख बन्द करके उसकी चूत की गर्मी का अहसास कर ही रहा था, पर उधर सीन दूसरा बन गया था.
जैसे ही उसकी चूत के अन्दर मेरा मोटा लंड गया, वह अचानक से चिल्ला उठी क्योंकि मैंने उसके अन्दर सीधा नहीं, थोड़ा सा टेढ़ा होकर धक्का मार दिया था.
इस वजह से उसकी चूत में दर्द होने लगा … और वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी.
लेकिन मैंने उसे छोड़ा नहीं.
हालांकि वह मुझसे ज्यादा भारी और थोड़ी बड़ी भी थी इस कारण से मुझे ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही थी.
एक तरफ तो लंड को चूत में पेले रखना पड़ रहा था और दूसरी तरफ उस पर अपने काबू में रखना था, तो उत्तेजना की मां चुदने लगी थी.
वह मुझसे शरीर में भी तगड़ी थी तो वह मुझे धक्का देने की कोशिश करने लगी.
लेकिन मैंने उसे जबरदस्ती गोद में उठाया और बिस्तर पर लेटा कर घोड़ी बना दिया.
अब वह मेरे जिस्म के नीचे दबी हुई थी तो ज्यादा हरकत नहीं कर पर रही थी.
उसी वक्त मैंने जोर-जोर से लंड के धक्के चूत में देने चालू कर दिए.
साथ ही मैं उसके बूब्स दबाने लगा और मजा लेने लगा.
करीब बीस मिनट तक धकापेल चुदाई का मजा लिया.
अब वह शायद झड़ गई थी तो उसकी चूत चिकनी हो गई थी.
उसकी चूत चिकनी होने से अब मुझे भी लंड सटासट पेलने में बहुत ज्यादा आनन्द प्राप्त हो रहा था.
मैंने उसकी चूत की बहुत देर तक चुदाई की.
फिर मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया … और लंड बाहर निकाल लिया.
मेरा लंड झड़ जरूर गया था पर उसकी सख्ती अब भी बरकरार थी.
उधर वह भी लंड निकाल लिए जाने से एकदम शिथिल पड़ी थी.
मेरा लंड उसकी चूत से बाहर निकल कर उधर ही दोनों चूतड़ों के पास अपना रस बहा रहा था.
उसकी गांड का छेद भी मस्त दिख रहा था तो मैंने लंड उसकी गांड में सरका दिया.
यह बड़ी ताज्जुब की बात थी कि मेरा लंड उसकी गांड में आसानी से चला गया.
इसका मतलब यह था कि शायद उसने पहले भी किसी का लंड गांड में ले रखा था.
उसे बहुत दर्द हुआ क्योंकि मैंने उसे बिना बताए ही थूक लगाकर गांड के जोर से धक्का मारा, जिस कारण से लंड पूरा अन्दर फिसल गया और वह कर रहा चिल्ला उठी.
मुझे उसकी गांड चुदाई में बहुत मजा आ रहा था लेकिन उसे दर्द भी बहुत ज्यादा हो रहा था.
वह बार बार मना कर रही थी और कह रही थी- आगे से चोद लो, तुम्हारा काफी मोटा है तो पीछे लेने में दर्द हो रहा है.
मगर मैंने उसे छोड़ा ही नहीं और बहुत ज्यादा चोदा.
आखिर उसने गाली देते हुए कहा- अब बस कर दे साले … कितनी देर तक पेलेगा?
मैंने उसकी कमर को पकड़कर घोड़ी बनाया और जोर-जोर से चोदने लगा.
फिर जैसे ही लंड झड़ने को हुआ तो मैंने लंड खींच कर उसके मुँह में पूरा का पूरा ठेल दिया.
पहले तो उसने मुँह में लेने से मना किया- मैं तेरा लंड मुँह में नहीं लूंगी, लेकिन मैंने जैसे ही उसके मुँह को पकड़ कर लंड अन्दर पेला … और उसके मुँह में ही जोर-जोर से अन्दर शॉट लगाने लगा, तो वह लंड चूसने लगी.
कुछ देर बाद में मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.
उसने मुँह बनाते हुए कहा- यह तूने बहुत गलत किया, मैं मुँह में लेना नहीं चाहती थी!
पर अब तो माल मुँह में निकल ही चुका था.
कुछ देर के आराम के बाद हम दोनों वापस से गर्म हो गए और दुबारा चुदाई की तैयारी करने लगे.
इस बार मैंने उसकी गांड में ही लंड पेला और लंड अन्दर तक ठांस कर जोर-जोर से धक्के लगाने लगा.
हालांकि इस बार मुझे उसकी गांड में उतना मजा नहीं आ रहा था तो मैंने लंड गांड से बाहर निकाला और उसकी चूत में वापस घुसेड़ दिया.
उसे भी चूत में लंड से लज्जत मिलने लगी और वह गांड हिलाती हुई चूत चुदवाने लगी.
मैं चूत में लंड पेलने के साथ साथ जोर-जोर से उसके दूध भी दबाने लगा था और उसकी चूत में जोर जोर से धक्के मारने लगा था.
उसे भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
करीब दस मिनट बाद ही मेरा लंड झड़ गया और वह भी मजे से मेरा लंड पूरा अन्दर खा गई.
मैं रस झाड़ कर लंड बाहर निकाल कर सांस नियंत्रित करने लगा.
दोस्तो, मोहिनी के साथ काफी समय तक मेरे विलेज़ गर्ल हॉट सेक्स संबंध रहे मैंने उसे हर आसन में चोदा और गांड भी खूब बजाई.
फिर कुछ टाइम बाद उसकी शादी हो गई तो वह अपनी ससुराल चली गई.
वह शादी करना नहीं चाहती थी पर उसके घर वालों ने जबरन उसकी शादी करवा दी.
कुछ दिन बाद वह अपनी ससुराल से वापस घर आ गई और अब वह मुझसे चुदाई की चाहत रखती है.
मैं उसे मना कर रहा हूँ कि अब रहने दे … तू किसी की ब्याहता है.
पर वह जिद पर अड़ गई थी तो मुझे उसके साथ चुदाई का प्रोग्राम बनाना ही पड़ा.