दोस्तो, मेरा नाम राज है, मैं बिहार से हूँ.
मैं दिखने में फिट हूँ. मेरी उम्र 24 साल है.
यह सेक्सी मामी की वासना वाली घटना तब हुई थी जब मैं अपने मामा के घर अपनी छुट्टियां बिताने गया था.
मेरे तीन मामा हैं, जिसमें से बड़े वाले मामा जी अब नहीं हैं, उनकी मृत्यु हो चुकी है.
वे अपनी शादी के 3 साल बाद ही इस संसार को छोड़ कर चले गए थे.
आज उनको गए हुए दस साल हो गए हैं.
चूंकि गांवों के रिवाज के अनुसार मामी की दूसरी शादी नहीं हुई थी.
मैं जब वहां पहुंचा तो सबसे मिला.
सब खुश थे, मैं भी सभी से मिल कर बहुत खुश था.
मैं देर शाम में उधर पहुंचा था तो काफी थक गया था इसलिए मैं खाना खाकर सो गया.
उस रात मैं बड़ी मामी के बगल वाले कमरे में सोया था.
रात को मैं पूरे कपड़े उतार कर सोता हूँ क्योंकि मैं अपने घर में अपने कमरे में अकेला ही सोता हूँ, तो उधर मुझे कोई प्राब्लम नहीं थी.
वहां मैं ऐसे ही रात को कपड़ा हटा कर कंबल में सो गया था.
सुबह बड़ी मामी मुझको उठाने आईं.
उनकी उम्र 36 साल की रही होगी. उनकी बॉडी पूरी भरी हुई है, बूब्स 36 साइज़ के हैं और गांड की साइज़ 42 है.
वे एकदम माल लगती हैं.
जब वे मेरे कमरे में आई थीं तब मैं सो रहा था.
उन्होंने मेरा कंबल उठाने के लिए उसे मेरे ऊपर से हटाया.
अन्दर मैं नंगा सो रहा था और सुबह के समय मेरा लंड एकदम खड़ा था.
उन्होंने खड़ा लंड देखा और वापस कंबल मेरे ऊपर रख कर चली गईं.
मैं नींद में था, मुझको पता ही नहीं चला कि क्या हुआ.
कुछ देर बाद मैं उठा और अपने कपड़े पहन कर कमरे से बाहर आ गया.
बाहर आकर मैं फ्रेश हुआ और नहा कर आ गया.
मामी ने नाश्ता के लिए पूछा तो मैं बोला- सीधे खाना ही खाऊंगा.
फिर मैं छोटे मामा के साथ बाहर चला गया.
वापस आया तो मामा अपने दोस्त के पास रुक गए और उन्होंने मुझको घर जाने के लिए कह दिया.
मैं घर आया तो उस टाइम बड़ी मामी बाथरूम में नहा रही थीं.
उन्होंने बाथरूम का गेट लॉक नहीं किया था.
मैं बाथरूम में घुसता चला गया क्योंकि मुझको ज़ोर की सुसू लगी थी.
अन्दर गया तो मामी बिना कपड़ों की थीं और नंगी होकर नहा रही थीं.
अचानक से घुस जाने से मेरी नज़र उन पर पड़ी.
वे भी मुझको देख कर सकपका गईं और एकदम से शर्मा गई थीं.
मैं तुरंत वापस बाहर आ गया.
उनका फिगर मेरी आंखों में बस गया था।
उनके बड़े बड़े बूब्स, झांटों वाली चूत की फुलवारी और उठी हुई गांड मेरी आंखों से हट ही नहीं रही थी.
तभी बाहर से छोटे मामा का कॉल आया- मैं किसी काम से दोस्त के साथ बाहर जा रहा हूँ, देर रात तक या सुबह तक घर आऊँगा.
बीच वाले मामा अपनी वाइफ के साथ अपने ससुराल गए हुए थे.
अब घर पर मैं और बड़ी मामी ही बच गए थे.
मैंने रात को खाना खाया और मैं मामी से सोने की बोल कर कमरे में चला गया.
मुझको नींद नहीं आ रही थी.
मेरी आंखों में सुबह का बाथरूम का दृश्य ही आ रहा था; मामी के बड़े बड़े बूब्स, चूत और गांड बार बार याद आ रही थी.
रात को एक बजे थे कि मामी की हल्की हल्की सी आवाज़ सुनाई दी.
मैं धीरे से कमरे से बाहर आया और मामी के दरवाजे के पास जाकर खड़ा हो गया.
मैं उनके दरवाजे से कान लगा कर सुनने लगा.
मामी अपनी गांड और चूत में खीरा डाल कर हस्तमैथुन कर रही थीं और ‘अहह अहह’ की आवाज़ निकाल रही थीं.
थोड़ी देर बाद उनकी आवाज़ आना बंद हो गई.
मैं जल्दी से अपने कमरे में चला गया.
कुछ देर बाद वे अपने कमरे से बाहर आईं और बाथरूम में चली गईं.
मैं रात भर सो नहीं पाया; बार बार उनको चोदने का ख्याल मेरे मन में आ रहा था.
फिर अगली सुबह मैंने जानबूझ कर उनसे पूछा- रात में आपकी बड़ी वैसी सी आवाज़ आ रही थी. आपकी तबियत खराब है क्या?
वे बोलीं- नहीं, मैं तो एकदम ठीक हूँ.
फिर मैं बाथरूम में गया तो रात वाला खीरा बाथरूम में ही रखा हुआ था.
मैंने मामी से पूछा- ये खीरा बाथरूम में क्यों रखा है?
तो वे कुछ नहीं बोलीं, बस शर्मा कर सर नीचे कर लिया और किचन में चली गईं.
एक मिनट बाद किचन से कुछ गिरने की आवाज़ आई.
मैंने जाकर देखा तो मामी स्लिप कर गई थीं.
उनको मैंने उठाया और उनको कमरे में ले जाकर बिस्तर पर बैठा दिया.
उनके घुटने के ऊपर और कमर में चोट लगी थी.
मैंने तुरत दर्द खत्म करने वाला तेल लिया और उनके घुटने में लगाने लगा.
वे बोलीं- नहीं, मैं खुद से लगा लूँगी.
मैंने कहा- आपको चोट लगी है. आप आराम करो, मैं लगा देता हूँ.
मैंने उनकी साड़ी ऊपर कर दी और घुटने के ऊपर तेल लगाने लगा.
तब मैंने मामी से कहा- आपकी कमर में भी चोट लगी है, आप पेट के बल हो जाओ, मैं कमर में मालिश कर देता हूँ.
तो वे बोलीं- नहीं, रहने दो. वहां मैं खुद लगा लूँगी.
मैंने कहा- आपका हाथ सही से नहीं पहुंचेगा. आप लेट जाओ, मैं सही से मालिश कर देता हूँ.
वे मान गईं.
मैंने उनकी साड़ी कमर से थोड़ी नीचे करने को बोला तो उन्होंने कहा- तुम ही कर दो.
तो मैंने उनकी साड़ी को नीचे कर दिया.
अब मामी की गांड की दरार का गुच्चू थोड़ा थोड़ा दिखने लगा था.
मैं उनकी गांड की दरार का गुच्चू देखते हुए कमर पर मालिश करने लगा.
कभी मैं उनकी गांड के गुच्चू पर भी एक उंगली को फेर दे रहा था.
उन्होंने भी कुछ नहीं कहा.
फिर मामी बोलीं- तुम अच्छी मालिश कर लेते हो. मेरी जाँघ में भी थोड़ी चोट आई है. उधर भी मालिश कर दो.
मैंने यह सुनते ही ओके कहा और बिंदास उनकी साड़ी को ऊपर कर दिया.
आह … जन्नत की घाटी का दीदार होने लगा था.
मैं मामी की जाँघ की मालिश करने लगा.
उनको भी मज़ा आने लगा, उन्होंने अपनी दोनों टांगें किसी रंडी की तरह फैला दीं.
मैं उनकी जाँघ की मालिश करते समय हाथ को चूत तक ले जाने लगा और चूत को टच करने लगा.
वे भी कुछ नहीं कह रही थीं.
मैंने धीरे में उनकी साड़ी को पूरा उठा दिया था.
अब उनकी नंगी चूत का पूरा नजारा दिखाई देने लगा था.
आज मामी की चूत एकदम चिकनी थी.
उसकी झांटों का जंगल साफ हो गया था और एकदम गुलाबी चूत सामने थी.
मैंने अपनी एक उंगली से उनकी चूत को सहलाया.
पहले तो वे मना करने लगीं कि यह क्या कर रहे हो!
मैंने कहा- उस दिन मैंने आपको खीरा अपनी चूत और गांड में करते देखा था. मैं तभी से आपको चोदने का सपना देख रहा हूँ. मामी मैं आपको खुश कर दूँगा.
उन्होंने एकदम से मेरा सर पकड़ कर अपनी दोनों जांघों के बीच में दबा लिया और बोलीं- मेरी दस साल की प्यास को आज बुझा दो.
मैंने मामी की चूत को चूसना शुरू कर दिया.
वे मादक आहें भरने लगीं- आह … आह.
कुछ ही पलों बाद मामी झड़ गईं.
मैंने उनकी चूत का सारा पानी पी लिया और चूत चाट कर चमका दी.
फिर मैंने अपने भी कपड़े खोल दिए और मामी को भी पूरा नंगी कर दिया.
मेरा फनफनाता लंड देख कर वे खुश हो गईं.
मैंने उनके दोनों मम्मों को बहुत चूसा और ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा.
वे मज़े में आ गई थीं और उन्होंने अपनी आंखों को बंद कर लिया था.
मैंने उनके बूब्स पर अपने दांत से काटा, तो वे सिसिया उठीं.
उनको बड़ा मज़ा आने लगा था.
उसके बाद मैंने उनसे अपना लंड चूसने को बोला.
पहले उन्होंने मना किया.
मैंने उनसे रिक्वेस्ट की तो वे मान गईं.
मामी ने मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया और रंडी की तरह चूसने लगीं.
करीब दस मिनट तक मेरा लंड चूसने के बाद मेरा पानी मामी के मुँह में ही गिर गया.
वे पूरा वीर्य पी गईं.
अब मामी बोलीं- और ना तड़पाओ राजा … अपने लंड से मेरी दस साल की प्यास को बुझा दो.
मैंने मामी के दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उनकी चूत पर सैट कर दिया।
फिर धीरे धीरे सुपारा चूत के मुँह पर रगड़ा.
तो वे पागल होने लगी थीं.
वे निरंतर बोल रही थीं- चोद दे अब मुझको … मेरी चूत फाड़ दे जल्दी से!
मैंने अपने लंड को उनकी चूत के अन्दर फंसा कर एक ज़ोर का धक्का दे दिया.
मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुसता चला गया.
मामी लंड चूत में लेते ही दर्द से पगला गईं और कुछ पल बाद बोलने लगीं- आह चोद दे मुझको … ज़ोर ज़ोर से चोद!
मैंने जोर जोर से धक्का देना शुरू कर दिया.
मामी के मुँह से मादक आवाजें आने लगीं- आहह … यसस्स चोदो … फाड़ दो मेरी चूत को.
मैं और तेज़ी से धक्के लगाने लगा.
पूरे कमरे में फच फच की आवाज़ आने लगी.
करीब 15 मिनट तक चूत चोदने के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया और उनके ऊपर ही लेट गया.
थोड़ी देर बाद मामी मेरा लंड सहलाने लगीं.
मेरा लंड मामी को चोदने के लिए फिर से खड़ा हो गया था.
मैंने मामी की पूरे जिस्म को चूसा … पागलों की तरह उनके मम्मों को मसल मसल कर लाल कर दिया था.
अब मैंने मामी को घोड़ी बनने को बोला.
मामी तुरंत घोड़ी बन गईं.
उनकी विशालकाय गांड देख कर मैं पागल हो रहा था.
पहले मैंने उनकी गांड को कुछ देर चाटा और अपने हाथों से चूतड़ों की मालिश की.
फिर गांड के छेद पर तेल लगाया, तो वे बोलीं- दर्द करेगा क्या?
मैंने कहा- नहीं करेगा … तेल से दर्द नहीं होता है.
वे बोलीं- तुमको कैसे पता है?
तो मैंने कहा- मैं अपनी जीएफ की गांड मारता हूँ तो मुझको सब पता है.
अब मैंने तेल उनकी गांड के छेद में अच्छे से लगाया और अपने लंड पर भी लगा लिया.
उसके बाद गांड के छेद पर अपना लंड सैट करके एक हल्का सा धक्का दिया, तो थोड़ा लंड अन्दर घुस गया.
मामी दर्द से कराहने लगीं और बोलने लगीं- बाहर निकालो, मुझे दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- बस शुरू में थोड़ा दर्द होगा उसके बाद मज़े ही मज़े हैं.
फिर मैंने दूसरा धक्का कुछ जोरदार तरीके से लगा दिया. इस बार मेरा पूरा लंड उनकी गांड में अन्दर जाकर फंस गया.
वे दर्द से चिल्लाने लगीं, रोने लगीं.
मैंने उनके आंसू और रोना पीटना नजरअंदाज किया और उनकी गांड में जोरदार धक्के देने लगा.
थोड़ी देर बाद उनको भी मज़ा आने लगा.
मैंने उनकी गांड दस मिनट तक मारी.
चूतड़ बड़े होने से गांड मारने में बड़ी आवाज हो रही थी.
जब भी मैं धक्का मारता तो गांड पूरी हिल रही थी.
दस मिनट तक गांड मारने के बाद मैं उनकी गांड में ही झड़ गया.
फिर हम दोनों काफ़ी देर तक वैसे ही बेड पर पड़े रहे.
मामी बोलीं- मेरी चूत और गांड दर्द कर रही है … लेकिन तुमने मेरी दस साल की प्यास को बुझा दिया है.
अब हम दोनों फ्रेश हुए और अपने अपने कपड़े पहन लिए.
मामी से गांड और चूत के दर्द के कारण सही से चला नहीं जा रहा था लेकिन वे खुश नज़र आ रही थीं.
तभी डोरबेल बजने की आवाज़ आई.
मैंने दरवाजा खोला तो छोटे मामा आ गए थे.
मैं दस दिन वहां रहा.
जब भी मुझे मौका मिलता, मैं मामी की जोरदार चुदाई करके सेक्सी मामी की वासना ठण्डी कर देता था.
मैं अब अपने घर वापस आ गया.
उसके बाद से मैं उधर बस एक बार दो दिन के लिए गया था, उनकी चुदाई करके आया था.
वे अब काफ़ी खुश रहने लगी थीं.