Thursday, November 21, 2024
Hindi Midnight Stories

सबके सामने नंगा करके चोदा मुझे

मेरा नाम अंशुल है.

मेरी क्लास में एक लड़का है निनाद.
वह बड़ा ही आकर्षक युवा लड़का है.
उसकी जिम वाली फिगर पर मैं तो समझो मर ही गया था.

आपने मेरी इससे पहले की गे सेक्स कहानी में
कसरती लड़के ने मेरी गांड की सील तोड़ी
पढ़ा था कि उस दिन फ्रेशर्ज़ पार्टी की रात में हम दोनों ने पहली बार जम कर गांड चुदाई का मजा लिया था.

उस दिन के बाद हम दोनों जब भी मौका मिलता, सेक्स कर लेते थे.
निनाद का जब भी मन करता, वह मुझे किसी कोपचे में ले जाकर लोअर नीचे सरका कर मेरी गांड नंगी कर देता और मेरी गांड मारने लगता.

निनाद का एक गे फ्रेंड्स का ग्रुप है.
जिसमें हर एक टॉप के साथ उसका बाटम है.
उन्होंने एक प्लान बनाया कि सब साथ में मिल कर सेक्स करते हैं.
यह इंडियन गांड बॉय स्टोरी उसी दिन की है.

मैं उन सबसे पहली बार मिलने वाला था.
पहले तो मैंने मना कर दिया.
पर निनाद ने मुझे ये कहकर मना लिया कि वहां कोई तुम्हें कुछ नहीं करेगा. सिर्फ़ मैं तुम्हारे साथ सेक्स करूंगा.
मैंने हामी भर दी.

हम दोनों उस रात एक प्राइवेट फार्म हाउस पर आ गए.
वहां पर पहले से सब इंतज़ाम था.

हमारे साथ तीन और कपल्स यानि छह लोग और थे.

उधर स्वीमिंग पूल था, तो सबने मिल कर स्वीमिंग का मजा लिया और उसके बाद सब लोग हॉल में आकर बैठ गए.

हम सभी ने सोचा कि कुछ सेक्स का मूड बनाया जाए.
तो हम सबने गेम्स खेलना शुरू किया.

चारों कपल्स ने यह सोचा कि सब टॉप लोग अपने अपने बाटम को सबके सामने नंगा करेंगे और उन्हें चोदेंगे.

इसमें यह तय हुआ कि यदि कोई बाटम किसी दूसरे टॉप के साथ सेक्स करना चाहेगा, तो उस स्थिति में उन दोनों की रजामंदी होना जरूरी होगी.

सब कुछ तय हो जाने के बाद निनाद ने मुझे सबके सामने किस किया और मेरी चड्डी में हाथ डाल दिया.
हम सब स्वीमिंग करके आए थे, तो सब गीली चड्डी ही पहने हुए थे.

निनाद मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगा.
मुझे शर्म आ रही थी क्योंकि सब लोग हम दोनों ने ही देख रहे थे.

मैं निनाद को मना कर रहा था, पर निनाद मेरी सुन ही नहीं रहा था.
उसने तो मुझे पीछे से पकड़ा और सीधा मेरी चड्डी में हाथ डाल कर गांड में उंगली करना चालू कर दिया.

पहले मैंने मना किया, पर वह करता रहा.
तो थोड़ी देर बाद मेरा मन होने लगा और लंड हिलने की वजह से मैं कुछ को उत्तेजित सा महसूस करने लगा था.

कुछ ही देर में मैं अपने आपे से बाहर होने लगा.

मुझे चुदासा होता देख कर बाकी जोड़े भी शुरू हो गए, कोई किस करने लगा, तो कोई लंड पकड़ कर सहलाने लगा.

थोड़ी देर बाद निनाद ने मुझे पकड़ कर सोफे पर लिटा दिया और मेरे पूरे शरीर को किस करने लगा.

उतने में मेरी नज़र एक कपल पर पड़ी, जहां उनमें से एक ने अपने पार्ट्नर की चड्डी उतार दी थी और उसे नंगा करके उसको किस करने लग गया था.

ऐसे किसी को नंगा देख कर मैं और ज्यादा गर्म हो गया.
मेरा लंड भी चड्डी में और टाइट हो गया.

गीली चड्डी में मेरा केला टाइट होता देख कर निनाद ने मेरी चड्डी उतार दी.
मैं अब सबके सामने नंगा था.

सबकी नजरें मेरी गांड और लंड पर ही टिकी थीं.

मुझे बहुत शर्म तो आ रही थी, पर सबके बीच नंगा रहने से अन्दर ही अन्दर बहुत मज़ा भी आ रहा था.

निनाद ने मेरी गांड पर तमाचे मारना शुरू किए.
मेरी गांड उसके थप्पड़ों से लाल हो गयी थी.

फिर उसने मुझे इशारा किया तो मैं झट से समझ गया.
मैं उसके सामने नीचे अपने घुटनों पर बैठ गया.

निनाद ने अपनी चड्डी उतार दी और उसका बड़ा सा और तीन इंच मोटा लंड मेरे सामने लहराने लगा.

मैं मस्त होकर अपने साजन के लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

आह … सच में जब मैं उसके सामने खुद को लड़की महसूस करती हूँ तो मेरी गांड में मुझे किसी कमसिन लड़की चुत के जैसी कुलबुली होने लगती है.

मैं निनाद के लंड को प्यार करने लगी थी.

मुझे लंड चूसता देख कर बाकी कपल्स में भी लंड चुसाई शुरू हो गई.
कोई बैठ कर लंड चुसवा रहा था तो कोई लेट कर चुसवा रहा था.

मैंने अपनी आंखें बंद की और अपने जानेमन के लंड का स्वाद लेते लेते मुँह चुदाई का मज़ा लेने लगा.

कुछ देर बाद निनाद ने मुझे रोका और वह हॉल से किचन में पानी पीने चला गया.

मैं सोफे पर बैठ कर बाकियों को देख रहा था.

वहां एक पतला सा लड़का था जो अपने औसत दिखने वाले साथी लड़के से चुदने जा रहा था.

उसे लिटा कर उसके साथी के द्वारा उसकी गांड मारनी शुरू हो गयी थी.

उसकी गांड चुदाई देख कर मेरी गांड में भी खुजली शुरू हो गयी.

निनाद के वापस आते ही मैंने उसको गले से लगा लिया.

तब निनाद ने मुझसे पूछा- गांड मरवाने के लिए तैयार हो?
मैंने कहा- यह तुम्हारी ही गांड है राजा, कभी भी मारो.

यह सुनते ही उसने मुझे सोफे पर उल्टा कर के बिठा दिया और अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रख कर सहलाना शुरू कर दिया.

लंड के सुपारे से मेरी गांड के फूल को सहलाते सहलाते वह तुनकी दे रहा था.
उसकी इस हरकत से मुझसे अब और नहीं सहा जा रहा था.

मैं- डाल दो ना नीनू … अब और ना तड़पाओ!
निनाद- क्या डाल दूँ? मुझे समझ नहीं रहा है. अच्छे से बोल ना कि क्या करूं?

निनाद ने मुझे छेड़ना शुरू कर दिया, वह मेरी तड़प का फायदा उठा रहा था.

मैं- तू अपना लंड डाल कर चोद ना मुझे … चोद दे ना मेरी जान!
निनाद- आ जा जानेमन, तेरी गांड को आज जन्नत की सैर करवाता हूँ!

यह कहकर पीछे से मुझे निनाद ने कसके पकड़ा और एक जोरदार धक्का दे दिया.
उसका आधा लंड मेरी गांड के अन्दर चला गया.

लंड लेते ही मैं मीठे दर्द से कराह उठा.
मेरी तेज आवाज की वजह से सब लोग मुझे देखने लगे.

अब वे लोग मेरी चुदाई का मज़ा लेने लगे और यह सब निनाद को और हॉर्नी बना रहा था.
उसने सबको दिखाते हुए एक और धक्का देकर पूरा लंड मेरी गांड में घुसा दिया.

मैं चिल्लाया, पर बाकी लोगों ने तालियां बजाईं.

बस फिर क्या था … निनाद ने मेरी कमर को कसकर पकड़ा और मेरी चुदाई शुरू कर दी.
वहीं दूसरी तरफ़ कोई मिशनरी पोज में चुद रहा था, तो कोई डॉगी बना हुआ चुद रहा था.

सबके सामने चुदने में आज मुझे अपनी गांड चुदाई का कुछ और ही मज़ा आ रहा था.

सबने एक एक करके अपने लंड झाड़ दिए पर आख़िर तक निनाद मेरी गांड मारता रहा था.

ऐसा लग रहा था मानो कंपटीशन चल रहा था जिसमें हम दोनों ने प्रथम स्थान हासिल किया था.

कोई 15-20 मिनट की चुदाई के बाद निनाद ने अपना माल मेरी गांड और पीठ पर निकाल दिया.

सबसे लास्ट तक टिके रहने के लिए मुझे अपने निनाद पर गर्व हो रहा था.
साथ ही सबसे ज्यादा देर तक चुदने पर मुझे अपने आप पर भी गर्व था

थोड़ी देर बाद वापस एक राउंड शुरू हुआ.

इस बार निनाद ने मुझे नीचे लिटाया और उसने मेरे दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख कर पोज सैट कर दिया.

सबकी नज़र मेरी खुली हुई गांड पर थी.

फिर निनाद ने अपने दो पावरफुल झटकों में अपना पूरा लंड मेरी गांड में ठांस दिया और मेरी चुदाई शुरू कर दी.

मुझे दर्द में देख कर सबको मज़ा आ रहा था.

निनाद ने मेरे पैरों को कस कर पकड़ा और नीचे से मेरी गांड को किसी पहलवान के जैसे मारना चालू कर दिया था.

अभी कुछ वक़्त पहले ही उसका वीर्य निकल चुका था इसीलिए ये चुदाई लंबी चलने वाली थी.
मुझे गांड चुदवाने में अब मज़ा आ रहा था.

कुछ 20-25 मिनट तक मुझे चोदने के बाद मेरे पेट और सीने पर निनाद ने सारा माल निकाल दिया.

बाकी दो लोग भी सेकेंड राउंड पूरा कर चुके थे.

अब सब लोग कुछ ना कुछ काम कर रहे थे.
कोई स्वीमिंग कर रहा था, तो कोई खाना खा रहा था.

पर मैं शॉवर लेने चला गया.
मेरे पूरे जिस्म पर निनाद का वीर्य जो लग गया था.

उधर एक और लड़का भी शॉवर ले रहा था.
वह अपने बाय्फ्रेंड से मेरे जैसे ही चुद कर … और वीर्य से भरा हुआ था.

उसने मुझसे पूछा कि मैं अपनी गांड में निनाद का इतना बड़ा लंड कैसे ले लेता हूँ?
मैंने उससे कहा कि अब निनाद की मुझे आदत हो गयी है. उसका लंड जिस दिन ना मिले, मैं तड़प उठता हूँ.

इतना कहकर मैंने शॉवर लेना शुरू कर दिया.

मैं अभी नहा कर बाहर निकल ही रहा था कि तभी निनाद वहां आया और मुझे वापस शॉवर में घसीट कर ले गया.

हम दोनों ने खूब रोमांस और स्मूच करते हुए शॉवर लिया.
नहाते हुए में ही मेरा लंड निनाद ने पकड़ लिया.

मैं समझ गया कि अब मेरी बारी है.

उसने मेरा लंड हिलाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते कुछ ही मिनटों में मैं झड़ गया.
मुझे फव्वारे की बूंदों में खुद को नहाना अच्छा लग रहा था.

मेरी उखड़ती सांसों को ठंडे पानी की बूंदें बड़ा सुख दे रही थीं.

पर रात अभी खत्म नहीं हुई थी.

रात 3 बजे के करीब हम सबने एक और बार रंग जमाया.
फिर एक बार सबकी गांड उनके पार्ट्नर्स ने मारी … और मुझे सबके सामने वापस एक बार डॉगी बना कर निनाद ने पेला.

निनाद जैसा बंदा मुझे मिल गया था.
मैं कैसे उसे मना कर सकता था.
उसे मेरी गांड पेलना पसंद है और मुझे उससे चुदवाना भी.

हम सबसे पूरी रात एक दूसरी की चुदाई देखी.

सुबह तक मैं 4 बार चुद चुका था और ठीक से चल ही नहीं पा रहा था.
इस बात का सब ने खूब मज़ाक उड़ाया.

पर खुद को ठीक से ना चलते देख मुझे अन्दर ही अन्दर बड़ी खुशी हो रही थी.
मुझे ऐसी हालत में देख कर निनाद भी मुस्कुरा रहा था.

उस दिन के बाद मैं इंडियन गांड बॉय कई बार निनाद से चुदवा चुका हूँ.
पर अब बंद कमरे में एक जगह मज़ा नहीं आता इसलिए ऐसे अड्वेंचर हम दोनों करते रहते हैं.

निनाद ने मुझे कॉलेज में, केमिस्ट्री लैब में, रात को कॉलेज ग्राउंड में और टेरेस पर नंगा करके चोदा है.

मैंने अब हिलाना छोड़ दिया है.
जब भी मन होता है, मैं निनाद को बोलता हूँ और वही मेरा लंड हिला कर मेरा पानी निकाल देता है.

उसने भी मास्टरबेशन करना छोड़ दिया है क्योंकि मेरी गांड उसके लिए चौबीसों घंटे और सातों दिन उपलब्ध है.

जब उसकी मर्ज़ी होती, वह मेरी चड्डी उतार कर गांड मारना शुरू कर देता था.
मुझे भी उसके लंड से कहीं भी चुदने में अच्छा लगने लगा था.

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