उस रात विक्की से चुदवाने के बाद सबरीना सहेली के घर जाने की बजाय वापस अपने घर गयी। उन फटे और गंदे कपड़ों में सहेली के घर जाती तो सहेली को पक्का शक हो जाता। फटे ब्लाउज़ में बिना ब्रा के सीने को गंदी साड़ी में लपेट कर, साड़ी बिना पेटीकोट के पैंटी पर बाँध कर वो घर आयी। विक्की सबरीना को घर तक छोड़ने गया था। सबरीना की बेटी सो रही थीं इसलिये उसे कुछ तकलीफ नहीं हुई घर में।
६-७ दिन के बाद वो विक्की से मिलने उसके घर गयी। चुदाई के बाद जब वो विक्की की बांहों में पड़ी थी तो विक्की ने उसकी बेटियों के बारे में पूछा। मुस्कुराते हुए सबरीना बोली, “तू मेरी बेटियों के बारे में जानने के लिये बेताब है… यह मैं जानती हूँ विक्की… तो सुन, मेरी एक बेटी हॉस्टल में पढ़ती है और दूसरी घर में रहती है। ज़हरा इंजीनियरिंग में है और समीना बी.कॉम कर रही है। मैंने तुझसे वादा किया था तो अब निभाने का वक्त आया है। बोल कैसे करना चाहता है तू चुदाई का खेल मेरी समीना के साथ?”
विक्की ने प्लैन पहले ही सोच कर रखा था। सबरीना के मम्मों से खेलते हुए वो बोला, “चल कोई बात नहीं, सिर्फ़ समीना भी मिली तो कोई गम नहीं, मौका मिला तो ज़हरा को भी चोदुँगा। सुन सबरीना तू एक काम कर, अपने घर में मुझे तू अपने मायके का फैमली फ्रेंड बना कर रख। २-३ दिन में घर के लोगों का टाइमिंग ऑबज़र्व कर के प्लैन बनाऊँगा।”
सबरीना ने विक्की की यह बात मानी और कुछ ही दिनों में विक्की को अपने घर में मुँह बोला भाई बना के ले आयी। सबरीना के शौहर और बेटी ने सबरीना की बात मान कर विक्की का स्वागत किया। समीना को देखके ही विक्की का लंड उठने लगा। वो बीस साल की जवान लड़की एक दम उसकी माँ पर गयी थी। वहीं रंग, वहीं चेहरा, वहीं आँखें, वैसा ही गठीला जिस्म, बत्तीस के कड़क मम्मे, पतली कमर और गोल गाँड। सलवार कमीज़ और ऊँची हील की सैंडल में समीना का वो रूप देख कर विक्की उसे देखता ही रह गया। विक्की ने नोटिस किया कि समीना उसको अजीब नज़र से देख रही थी। उस नज़र से विक्की समझ गया कि समीना को अपनी जवानी का एहसास है और वो भी मर्द का साथ चाहती है।
इन दिनों में विक्की ने देखा कि समीना उसे कई बार ध्यान से देखती थी। वो जब वक्त मिले तब विक्की से बात करने बैठ जाती। विक्की भी यही चाहता था और वो भी दिल खोल कर समीना से बातें करता था। बात करते वक्त वो समीना का पूरा जिस्म निहारता और समीना भी बिना कोई डर या शरम के उसके सामने बैठ कर बात करती थी। प्लैन के मुताबिक विक्की ने घर के लोगों का टाइमिंग ऑबज़र्व किया। सबरीना का शौहर सुबह जा कर रात में ही आता था और समीना का दोपहर का कॉलेज होता था इसलिये वो सुबह घर में ही रहती थी। यह सब देख कर विक्की ने प्लैन बनाया और सबरीना को बताया। विक्की का प्लैन सुन कर सबरीना खुश हुई और प्लैन के मुताबिक चलने का वादा किया। उन ५-६ दिनों में विक्की रोज़ दोपहर को सबरीना को चोदता था। समीना के कॉलेज जाने के बाद शाम तक यह मस्ती चलती रहती थी। विक्की ने सबरीना को शराब पीने की भी आदत डाल दी। शराब पी कर सबरीना नशे में और भी मादकता से चुदवाती थी।
दूसरे ही दिन सुबह शौहर के काम पर जाने के बाद जब समीना नहाने गयी तो सबरीना और विक्की एक दूसरे की बांहों में आ गये। लूँगी के ऊपर से विक्की का लंड पकड़ कर सबरीना ने कहा, “विक्की, आज तुझे मैं अपनी समीना दे रही हूँ। मुझे पता है कि मेरी बेटी गरम है। मुझे कई बार उसके बिस्तर के नीचे खीरा-काकड़ी मिली है। बाथरूम में अभी चूत में उँगली कर रही होगी। तू उसे अब खूब चोद और उसे भी जवानी का मज़ा दे।”
सबरीना को नीचे बिठा कर अपना लंड उसके होंठों पे रख कर विक्की बोला, “तू अब उसकी चिंता मत कर मेरी रंडी, उसे तो खूब मस्ती से चोदुँगा मैं। मुझे पता है तेरी बेटी है तो वो गरम चूत तो होगी है।”
बाथरूम के दरवाजे के बाहर नीचे बैठ कर सबरीना विक्की का लंड चूसने लगी और विक्की की-होल से बाथरूम में समीना को देखने लगा। समीना को नहाते देखने के ख्याल से और सबरीना द्वारा लंड चूसने से वो यह सोच कर गरम हुआ कि, है तो साली बीस साल की पर जिस्म एक भरी हुई औरत जैसा है। विक्की ने यह भी सोचा कि यह भी उसकी माँ जैसी ही गरम और नमकीन होगी बिस्तर में। की-होल से विक्की ने देखा कि कपड़े निकाल कर समीना अपना नंगा जिस्म आइने में देखती हुई सहला रही है। घूम कर अपनी गाँड, सीना और चूत को देख कर समीना उनको सहलाने लगी। विक्की का लंड नंगी समीना को देख कर और गरम हो गया जिसे सबरीना मस्ती से चूस रही थी। कितनी हरामी औरत थी यह सबरीना जो अपने यार को अपनी नंगी बेटी का जिस्म दिखा कर उसका लंड चूस रही थी। अब विक्की ने देखा कि समीना अपने मम्मे मसलते हुए साबून से अपनी चूत को भी सहलाने लगी। ऐसा करते वक्त वो अपनी आँखें बंद कर रही थी और अपने होंठों को अपने दाँतों से दबाती थी। समीना बार-बार अपनी चूत में उँगली भी कर रही थी। उसकी गुलाबी, बिना झाँटों वाली चूत गीली थी। उँगली से वो दाना दबा कर सिसकरियाँ भरती और दूसरे हाथ से मम्मे मसलती हुई आँखें बंद करके मस्ती कर रही थी।
यह सब देख कर विक्की ने सबरीना के मम्मे मसलते हुए उसका मुँह चोदना शुरू किया। उसने सोचा कि यह साली अपनी माँ पर गयी है, गरम माल है, काटे पर आयी है, थोड़ा और गरम करो, इसकी शरम हटाओ तो चुदवाने को तैयार होगी। वैसे भी प्लैन के मुताबिक घर में सिर्फ़ हम दो हैं और उसकी रूम लॉक है जिससे उसे सिर्फ़ टॉवल में ही बाहर आना है। १०-१५ मिनट उस कमसिन जवानी का नंगा नज़ारा देख कर विक्की का लौड़ा एक दम गरम हो गया। अब उसने सबरीना को उठाया और जाने के लिये बोला। सबरीना समीना का रूम लॉक करके कहीं बाहर चली गयी। समीना का रूम बाथरूम के पास ही था, इसलिये वो नहाने जाते वक्त अपने बाकी सब कपड़े बिस्तर पर निकाल कर रख कर सिर्फ़ टॉवल में नहाने गयी थी। जैसे ही समीना का नहाना हुआ और उसने टॉवल लपेट लिया तो विक्की आ कर सोफ़े पर बैठ गया।
समीना जब बाथरूम से टॉवल लपेट कर बाहर आयी तो विक्की को देख कर शर्मा गयी पर फिर हल्की मुस्कुराहट दे कर अपने कमरे के पास गयी। कमरे का दरवाजा लॉक देख कर वो हॉल क्रॉस करके अपनी माँ के बेडरूम की तरफ़ गयी। जब वो विक्की के सामने से गुजरी तब विक्की उसका गीला जिस्म बड़े ध्यान से देखते हुए आँखों में भरने लगा। माँ को बेडरूम में ना पा कर समीना वहीं से चिल्लायी, “अम्मी… ओ… अम्मी मेरे कपड़े तो देना। कहाँ हो तुम अम्मी?”
आँखों के कोने से विक्की समीना को देखने लगा। गीले गोरे जिस्म पर लाल टॉवल लिपटा था, बाल और जिस्म भीगे हुए थे, गोरी टाँगें घुटनों के थोड़े ऊपर तक नंगी नज़र आयी उसे। पूरा हुस्न देख कर विक्की बोला, “क्या हुआ समीना? क्यों इतनी ज़ोर से चिल्ला कर अपनी अम्मी को बुला रही हो तुम?” विक्की को अपना भीगा जिस्म देखते देख कर समीना ज़रा शरमा कर कमरे में जा कर बोली, “अम्मी कहाँ है? उसको कहो ना मेरे रूम में आये।”
विक्की बोला, “अरे सबरीना तो कुछ काम से बाहर गयी है, वो बोली थी की एक घंटे में आऊँगी, तुम को क्या काम है बोलो?” यह सुन कर समीना धीरे से बोली, “ओफ्फ ओह उसको भी इसी वक्त जाना था? अब मेरे कपड़े? क्या करूँ मैं? क्या पूरा घंटा सिर्फ़ यह टॉवल लपेटे रहूँ?” विक्की अब उसके रूम में आ कर समीना को पूरी तरह देखते हुए बोला, “क्या हुआ तेरे कपड़ों को? क्यों परेशान है तू?”
विक्की को अचानक रूम में देख कर समीना पर्दे को अपने आप पर लपेट कर बोली, “ओहह आप क्यों आये यहाँ? मॉम ने आपको चाबियाँ दी हैं मेरे वार्डरोब की?” समीना की अदा पर मुस्कुराते हुए विक्की बोला, “अरे क्या हुआ? अब तेरी अम्मी मुझे चाबियाँ क्यों देगी? आखिर हुआ क्या है जो इतनी परेशान हो गयी है तू?”
“देखो ना… उससे बोला था कि वार्डरोब में से कपड़े निकाल कर जाओ। उसने कपड़े भी नहीं रखे और चाबियाँ भी नहीं हैं। अब क्या मैं ऐसे बैठूँ उसके आने तक?” विक्की ने समीना के माथे पर पसीना देखा। विक्की सबरीना के बिस्तर पे बैठ कर वहाँ पड़ी मैगज़ीन देखते हुए बोला, “अरे हाँ यह तो सही है, पर अब किया भी क्या जा सकता है? अब तेरी अम्मी आने तक तुझे ऐसे ही बैठना पड़ेगा।”
समीना सोच में डूब गयी और उसके हाथ से पर्दा छूट गया। विक्की अब एक दम पास से टॉवल में लिपटी समीना को देखने लगा। टॉवल काफी छोटा था, बड़ी मुश्किल से समीना की जाँघों से शुरू हो कर उसके मम्मों के ऊपर तक आया था। समीना का कमसिन गीला जिस्म, टॉवल के ऊपर से झाँक रहे मम्मे, उसकी गोरी टाँगें, उसका हुस्न देख कर विक्की का लंड लूँगी में उछलने लगा। समीना के सीने पे नज़र गड़ा कर वो बोला, “बोल मैं कैसे मदद करूँ तेरी? वार्डरोब तोड़ डालूँ क्या तेरे लिये?”
समीना को विक्की की बात और नज़र से ख्याल आया कि वो टॉवल में विक्की के सामने खड़ी है पर अब वो बिना झिझक उसी हाल में रूम में घूमते हुए सोचने लगी। कमरे में घूमते वक्त उसकी नज़र विक्की के तने हुए लौड़े पर पड़ी। वो विक्की के लंड की तरफ़ देख कर बोली, “नहीं… नहीं वार्डरोब ना तोड़ो… लेकिन कुछ सोचो ना।” समीना की नज़र अपने लंड पर देख कर अंजान बन कर विक्की अपने पैर थोड़े और खोलते हुए बोला, “एक काम कर सकते हैं अगर तू हाँ बोले तो। चाहे तो मेरी शॉट्र्स और बनियान पहन सकती है तू।” विक्की को अजीब नज़रों से देखते हुए समीना बोली, “क्या आपकी शॉट्र्स और बनियान पहनूँ मैं?”
समीना के पास जा कर विक्की बोला, “हाँ, क्यों? कोई प्रॉब्लम है तुझे? या तुझे इस टॉवल में ही रहना है समीना?” समीना ज़रा सोच कर बोली, “पर… वो मैं… ठीक है दे दो अपनी शॉट्र्स और बनियान मुझे।” समीना का हाथ पकड़ कर अपने रूम में ले जा कर विक्की ने उसे एक दम छोटा बनियान और छोटी सी शॉट्र्स दी। समीना शॉट्र्स और बनियान देख कर दंग हो गयी। शॉट्र्स पे जगह-जगह दाग लगे थे और बनियान भी बड़ी छोटी साइज़ का था। दोनों कपड़े देख कर समीना बोली, “ये कपड़े? ये शॉट्र्स तो बिकिनी से भी छोटी है, बनियान कितना छोटा और टाइट है।”
विक्की समीना के हाथ से कपड़े ले कर बिस्तर पर फ़ैलाते हुए बोला, “अब हमारे पास कोई और चारा भी तो नहीं है, देख कम से कम इससे तेरे बदन पे कपड़े तो होंगे ना? भले ये कपड़े छोटे हैं पर तेरी इस टॉवल से अच्छे हैं, चल वो शॉट्र्स और बनियान पहन ले जल्दी।”
और कोई रास्ता नहीं था तो समीना कपड़े उठाने के लिये झुकी। जैसे ही वो झुकी, उसका टॉवल खुल गया। समीना ने झट से टॉवल से वापस अपना जिस्म ढक लिया पर तब तक उसने विक्की को अपने नंगे जिस्म का पूरा नज़ारा दिखा दिया था। वो टॉवल बाँध कर, कपड़े उठा कर ज़रा शर्माते हुए बोली, “उफ्फ, इस टॉवल को भी अभी गिरना था क्या? पर अब ठीक है… क्या करें? ये कपड़े तो पहनने ही पड़ेंगे… नहीं तो टॉवल बार-बार खुलेगा। लेकिन यह दाग धब्बे कैसे हैं इस शॉट्र्स पर?” समीना के पूरे नंगे जिस्म की झलक देख कर विक्की का लंड और तन गया। होंठों पे जीभ घुमा कर मुस्कुराते हुए वो समीना के पास आ कर टॉवल की गाँठ पक्की करते हुए बोला, “वो दाग काहे के हैं… बाद में बताऊँगा तुझे, पर एक बात अभी सुन, तू बिना कपड़ों के बड़ी मस्त दिखती है, दिल करता है तेरा टॉवल बार-बार निकल जाये ।” विक्की की बात से समीना एक दम फीकी पड़ गयी और शरमा कर अपने रूम में कपड़े लेकर दौड़ गयी। दरवाज़ा बंद करके बिना लॉक किये वो टॉवल निकाल कर विक्की के दिये हुए कपड़े पहनने लगी। सिर्फ़ दो कपड़ों में वो खुद को आइने में देख कर शर्माते हुए फिर बाहर आयी।
समीना को उन कपड़ों में देख कर विक्की खुश हुआ। शॉट्र्स से सिर्फ उसकी गाँड ढकी थी, गोरी टाँगें साफ़ झलक रही थी, बनियान नाभि तक आया था और टाइट होने से मम्मे उभरे हुए दिख रहे थे और समीना के कड़क निप्पल भी विक्की को साफ़ दिख रहे थे। गोल घूम कर समीना का उन तंग कपड़ों में ढका जिस्म देख कर वो बोला, “वाह क्या अच्छी दिखती हो इन कपड़ों में तुम। कसम से… इतनी मस्त लड़की आज तक देखी नहीं मैंने।” समीना बार-बार बनियान नीचे खींचती हुई अपनी नाभि को ढकने की कोशिश कर रही थी।
सोफ़े पे बैठ कर वो बोली, “क्या आप भी ना? कैसी बात करते हो? मुझे शरम आ रही है आपकी बातों से।” समीना के सामने बैठ कर उसका कमसिन जिस्म निहारते हुए विक्की बोला, “समीना अगर तुझे लड़कों ने इस ड्रेस में देखा तो टूट पड़ेंगे तुझ पर, तेरी जैसी मस्त लड़की उन्होंने कभी देखी नहीं होगी और ना देखेंगे। मैं झूठ नहीं बोल रहा हूँ बेटी, ऐसी कमसिन लड़की को इतने तंग कपड़ों में लड़के देखेंगे तो ना जाने क्या करेंगे तेरे बदन के साथ।”
अब और भी शर्माते हुए समीना ने अपनी नाभि छुपाने के लिये बनियान नीचे खींची। पर इससे विक्की को उसका आधे से ज्यादा क्लीवेज दिखने लगा। दुविधा में फंसी समीना बोली, “हुम्म जाने दो ना… आज सुबह से आपको कोई मिला नहीं? ऐसे कपड़े पहन कर क्या कोई लड़की बाहर जायेगी? यह तो आज अम्मी बाहर गयी है… इसलिये मैंने पहने हैं घर में यह कपड़े… नहीं तो मैं कभी नहीं पहनुँगी यह कपड़े।”
विक्की अपनी टाँगें फ़ैला कर अंजान बनते हुए लंड को मसलता हुआ समीना का क्लीवेज देख कर बोला, “अरे समीना तेरी जैसी सैक्सी लड़की कसम से आज तक ना दिखी ना मिली। तेरी बात सच है कि तू बाहर नहीं जायेगी ऐसे कपड़े पहन कर पर घर में जो मर्द हैं वो अपने पर काबू कैसे रख पायेंगे तेरा यह कमसिन जिस्म इन कपड़ों में देख कर समीना?”
समीना ने शरमा कर बनियान अपने सीने पे खींचा जिससे उसकी नाभि नंगी हो गयी। असल में समीना को मर्द का साथ चाहिये था। जबसे उस पर जवानी आयी और जबसे मर्द उसको अजीब नज़रों से देखने लगे थे, तबसे वो मर्दों से अपनी तारीफ सुनने को लालियत हो गयी थी। जब कोई लड़का उस पर फिकरा कसता या भीड़ में कोई उसका बदन छूता तो उसे अच्छा लगता था। वो चुदाई के बारे में सब जानती थी। जब तक ज़हरा यहाँ थी वो दोनों बहनें अक्सर चुदाई की बातें करती थीं पर जबसे ज़हरा हॉस्टल गयी तबसे वो अकेली पड़ गयी थी। अब जबसे विक्की घर में आया था, उसकी नज़रों से समीना समझ गयी थी कि यह मर्द उसे चाहता है। वो भी विक्की पर पहली नज़र में फ़िदा हो गयी थी। इसलिये वो विक्की से खूब बातें करती और आज भी बिंदास हो कर वो सिर्फ़ शॉट्र्स और उस छोटी सी बनियान में उसके सामने बैठी थी। आज विक्की अगर कुछ करना चाहे तो समीना ने फ़ैसला किया था कि वो झूठा नाटक करेगी पर उसे सब करने देगी। आज उसकी अम्मी भी घर में नहीं थी तो उसे कोई डर भी नहीं था। अपनी नंगी टाँगें सहलाती हुई समीना बोली, “क्या आप भी ना? अब जाने दो मेरी बात, आपने इन धब्बों की वजह नहीं बतायी, कैसे लगे यह धब्बे यहाँ?” यह पूछते हुए समीना ने अपनी टाँगें खोल कर उँगली अपनी चूत के ऊपर शॉट्र्स पे लगे धब्बे पे रखी।
विक्की आ कर समीना के पास बैठ गया। समीना के जवाब और हर्कत से वो समझ गया कि समीना शर्माने वाली लड़की नहीं है। वो जवानी में कदम रखती हुई ऐसी लड़की है जो मर्द का साथ चाहती थी। समीना के कंधे पर हाथ रख कर नज़र उसकी चूत और मम्मों पर बारी-बारी घुमाते हुए विक्की बोला, “अरे इतनी क्या जल्दी है बेटा, सब होने के बाद बता दूँगा। मेरी बात का जवाब दे, तुझे ऐसे देख कर घर का यह मर्द अपने आप पे काबू कैसे रख सकता है? ऐसा कसा हुआ गोरा जिस्म इतने कम कपड़ों में देख कर मेरी तो हालत मस्त हो रही है ।”
विक्की के स्पर्श से समीना सिहर गयी। उसे मर्द का स्पर्श तो अच्छा लगा पर शर्माते हुए वो बोली, “क्या आप भी? मैं तो आपसे बहुत छोटी हूँ और आप यह कैसी बात कर रहे हैं मुझसे? यह सब बातें जाने दो, चलो टीवी देखते है हम।” समीना ने रिमोट ले कर टीवी ऑन किया। रिमोट लेने के बहाने समीना और विक्की में लड़ाई शुरू हुई। समीना ने घूम कर रिमोट छुपाया और विक्की पीछे से उसे दबोचते हुए रिमोट लेने की कोशिश करने लगा। समीना ने भी रिमोट नहीं छोड़ा तो विक्की रिमोट लेने के बहाने समीना का जिस्म अपनी बांहों में ले कर दबाने लगा। इससे समीना की गाँड पर उसका लंड रगड़ रहा था। इस खींचा तानी में उसने समीना के सीने पर भी हाथ फिराया। समीना के कड़क मम्मे छू कर विक्की खुश हो कर बोला, “बोला ना टीवी मत लगाओ, हम सिर्फ़ तेरी बात करेंगे। समीना माना मेरी उम्र सिर्फ २६ की है तो तू इतनी भी छोटी नहीं है मुझसे… लगभग हम-उम्र ही हैं हम?”
विक्की का लंड गाँड पे रगड़ने और मम्मे मसलने से समीना एक दम सिहर गयी। अपनी गाँड और मम्मों पे विक्की का कड़क लंड और उसके हाथ उसे अच्छे लगे। वो विक्की की बांहों से छूटने की कोई कोशिश ना करते हुए बोली, “पर हैं तो आप अम्मी के मुँह बोले भाई ना? वो सब जाने दो, देखो अब टीवी ऑन करो नहीं तो मैं आप से नहीं बोलूँगी और रूम में चली जाऊँगी।”
समीना की तरफ़ से कोई विरोध ना पा कर विक्की उसे और कस कर पकड़ कर लंड पर दबाते हुए और दूसरे हाथ से मम्मे मसलते हुए बोला, “हाँ मेरी और तेरी अम्मी की बात जाने दे, अब सिर्फ़ तेरी बात करेंगे हम। तुझे मैंने रूम में जाने दिया तभी तो जायेगी ना तू? वर्ना मेरी बांहों से कैसे निकल कर जा सकती है… बता मुझे? वैसे भी उस बेकार टीवी से अच्छा तो हमारा यह लाइव चैनल है समझी?” समीना को अपने जिस्म से हो रहा यह खिलवाड़ अच्छा लग रहा था। उसने रिमोट साइड में रख दिया पर फिर भी विक्की ने उसे छोड़ा नहीं। उसके मसलने से अब समीना के मम्मे और कड़क हो कर निप्पल भी तन गये। वो बिना कुछ किये बोली, “क्या? लाइव चैनल? वो कौनसा?”
विक्की अब बनियान में हाथ डाल कर समीना के नंगे मम्मे सहलाने लगा। उसके निप्पल आराम से सहलाना और गाँड पे लंड रगड़ना उसने जारी रखा। समीना के नंगे कड़क निप्पल से खेलते हुए विक्की बोला, “लाइव चैनल कौनसा है वो बताऊँगा तुझे समीना, सब्र कर। यह बता कि कितने लड़के तुझ पर मरते हैं? तेरा रूप देख कर मरने वालों की कमी नहीं होगी ना? कोई खास पीछे पड़ा है तेरे?” समीना अब और गरम हो गयी थी। वो जो चाहती थी वो मिल रहा था उसे। विक्की की बांहों में बिना हिले मस्त होती हुई वो बोली, “हाँ एक पूरा ग्रुप है लड़कों का, उसका लीडर है सबीर, सब के सब मुस्टंडे हैं, सबीर, केतन, कैलाश और नईम। पूरा ग्रुप पीछे पड़ा है मेरे और बहुत छेड़ता भी है।”
हल्के से दूसरा मम्मा भी मसलते हुए विक्की बोला, “ओह अच्छा… ४-४ लड़के पीछे पड़े हैं तेरे? वैसे भी तू है इतनी मस्त कि कोई भी तेरे पीछे पडेग़ा। समीना तू दिखती ही है इतनी मस्त है कि कोई भी लड़का तुझ पर मर मिटे। क्या छेड़ते हैं तुझे? उनमें से कोई पसंद है तुझे?” दोनों मम्मे मसलने से समीना बेहद गरम हो गयी पर अब उसे ज़रा शरम भी आ रही थी। विक्की की बांहों से छूटने का नाटक करती हुई वो बोली, “आप मुझे ऐसे मत छूयें। प्लीज़ मुझसे दूर बैठ कर बात करो। शी मुझे नहीं कोई पसंद कोई उन लड़कों में से, सबके सब मवाली जैसे हैं। पता नहीं कॉलेज वालों ने कैसे एडमिशन दिया उनको।”
समीना को और कस कर पकड़ कर एक हाथ मम्मों पे रख के दूसरे हाथ से समीना का नंगा पेट मसलते हुए विक्की बोला, “हा हा… अरे तेरी जैसी मस्त लड़की को छेड़ने के लिये ही एडमिशन लिया होगा उन्होंने। अच्छा यह बता कि क्या छेड़ते हैं तुझे वो लड़के?”
समीना को यह मस्ती अच्छी लगने लगी पर नाटक करते हुए वो झपट के विक्की के चुंगल से खुद को छुड़ा कर अब उसके सामने सोफ़े पे बैठ कर बोली, “जाओ मैं आपसे नहीं बोलती। आप भी उन लड़कों जैसे छेड़ रहे हो, वो लड़के मुँह से छेड़ते हैं और आप हाथ से। वो लोग तो बहुत गंदा-गंदा बोलते हैं, वो सुन कर तो कान का कचरा भी निकल जाये, ऐसा तो कोई बोल ही नहीं सकता।”
विक्की अब कहाँ मानने वाला था। वो उठ के समीना के पास आ कर बैठ कर उसकी गोरी नंगी टाँगों को सहलाते हुए बनियान में बंद मम्मे ऊपर से हल्के से मसलते हुए बोला, “अरे समीना हम मर्दों का काम ही होता है चिकनी मस्त लड़कियों को छेड़ना, अब देख तेरी अम्मी बाहर निकलती है तो कितने ही मर्द उसे छेड़ते हैं और मैं भी बहुत छेड़ता हूँ पर तेरी अम्मी कभी गुस्सा नहीं होती। बोल वो मवाली लड़के क्या छेड़ते हैं तुझे? क्या बोलते हैं तेरी यह गदरायी गोरी जवानी देख कर?”
समीना ने फिर विक्की का हाथ अपने जिस्म से हटाया। उसकी अम्मी को भी ऐसे छेड़ने की बात सुन कर समीना को अजीब फ़ीलिंग आयी। वो जानती थी कि उसकी अम्मी सुंदर है पर यह नहीं पता था कि मर्द उसे भी छेड़ते हैं। विक्की का हाथ हटा कर वो वहीं बैठ कर बोली, “क्या? आप अम्मी को छेड़ते हैं? आपसे तो उम्र में काफी बड़ी हैं अम्मी और आपकी बहन जैसी हैं! आप और दूसरे मर्द अम्मी को क्या छेड़ते हैं?”
विक्की फिर हाथ उसकी जाँघ पे रख कर बनियान के नीचे हाथ डाल कर बोला, “हाँ समीना तेरी अम्मी को बहुत छेड़ा है मैंने इसलिये तेरी अम्मी पहले मुझसे गुस्सा थी लेकिन अब नहीं। तू बता वो लड़के क्या बोलते हैं तुझे, मैं किसी को नहीं बताऊँगा समझी… और उसके बाद तुझे बताऊँगा कि मैं और दूसरे मर्द तेरी अम्मी को कैसे छेड़ते हैं।”
विक्की के हाथ को बिना रोके समीना बोली, “ना..मैं… वो लोग जो बोलते हैं वैसा कभी बोल ही नहीं सकती। आप सोचो वो लोग कैसा बोलते होंगे कि में आपको उनकी बात का एक भी अल्फाज़ नहीं बता सकती। बड़े गंदे और नालायक लड़के हैं वो।” समीना की जाँघ पकड़ कर उसे अपने पास खींच कर उसकी बनियान की नेक से उसके साफ़ दिख रहे मम्मों पे उँगली फेरते हुए विक्की बोला, “अब वो क्या बोलते हैं यह मुझे समझा तो ही मैं कह सकुँगा ना कि वो कितनी गंदी बात करते हैं तेरे बारे में। देख मैं तेरी अम्मी के छोटे भाई जैसा और तेरे दोस्त जैसा हूँ, तू बता मुझे दिल खोल कर वो क्या बोलते हैं तुझे, बिल्कुल शरमा मत मेरी समीना।”
समीना से लंड सहलवाते हुए विक्की अब समीना की शॉट्र्स में हाथ डाल कर उसकी नंगी गाँड मसलने लगा। समीना के मुँह से उसकी अम्मी की सच्चाई जान कर विक्की को अच्छा लगा। अब एक हाथ समीना की गाँड पे और दूसरा उसकी नंगी चूत पे रख कर विक्की बोला, “हाँ समीना, मैं जानता हूँ कि औरत कितनी भी शरीफ हो पर किसी मर्द के मसलने से गरम हो कर अपनी टाँगें उसके सामने फ़ैला देती है जैसे तेरी अम्मी और अब तू। तुझे तो चोदने में बड़ा माज़ आयेगा। खूब गरम करके मस्ती से चोदुँगा तुझे। समीना तेरी अम्मी को एक-दो बार मैंने उस नौकर से चुदवाते देखा है। साली क्या मस्ती से लेती है उसको अपने ऊपर और दारू के नशे में कितनी मस्ती से चुदवाती है तेरी रंडी माँ उससे। कसम से समीना आज तुझे चोद कर बाद में ज़हरा को भी चोदुँगा। तुम बहनों को बड़ी बेरहमी से एक साथ चोदना चाहिये।”
अपनी नंगी चूत पे विक्की का हाथ समीना को बड़ा अच्छा लगा। अब सिर्फ़ नाम के लिये उसके जिस्म पे शॉट्र्स थी। विक्की शॉट्र्स में हाथ डाल कर उसकी चूत और गाँड सहला रहा था। वो भी जोश में आकर विक्की का लंड और गोटियाँ मसलते हुए बोली, “हाँ अम्मी तो बड़ी चुदक्कड़ है। जब अब्बू कभी काम से टूर पे जाते हैं तो अम्मी उस नौकर के साथ रात भर रहती है उनके बेडरूम में। आप आज मुझे और जब मौका मिले तो ज़हरा को भी ज़रूर चोदना। वो उन मवालीयो से डरती है पर आप जैसे मर्द से नहीं डरेगी… वैसे भी हॉस्टल में पता नहीं क्या गुल खिलाती होगी।”
विक्की ने अब जोश में आकर समीना की शॉट्र्स उतार दी। दोनों अब बिल्कुल नंगे थे। विक्की का लंड प्री-कम से गीला था और समीना की चूत भी गीली थी। विक्की समीना की गीली चूत को हाथ से मसलते हुए बोला, “हाँ साली समीना, मुझे तू, ज़हरा और सबरीना, तीनों पसंद हो। दो हफ्ते पहले जब से तेरी अम्मी मिली है तब से उसे तो खूब चोदा…., तुझे आज मसलके चोदुँगा… अब रही सिर्फ़ ज़हरा तो उसे भी चोदुँगा जब वो हॉस्टल से आयेगी छुट्टियों में।”
विक्की जोश-जोश में बोल गया कि सबरीन उसे दो हफ्ते पहले ही मिली है | विक्की के मुँह से सब बात सुनने के बाद समीना बड़ी बेताब हो गयी। वो खुद विक्की के बिना बोले नीचे बैठ कर एक बार उसका का लंड पूरा मुँह में ले कर चूसने के बाद नशीली आँखों से विक्की को देखते हुए बोली, “देखो मैं जानती हूँ कि आप जब से यहाँ आये हो तब से अम्मी आपसे चुदवा रही हैं पर ये नहीं जानती थी कि आप मेरी अम्मी को दो हफ्तों से ही जानते हो? बोलो ना? मैंने आपको सब बताया और अब आपसे चुदवाने वाली भी हूँ तो आप भी बताओ कि अम्मी को कैसे मिले और कब कहाँ और कैसे-कैसे? आपका लंड तो बहुत तन गया है, मेरी चूत भी गरम है, आप अम्मी की बात सच-सच बताओ और फिर मेरी चूत चोदो।”
विक्की समझ गया कि अब उसे पूरी बात बतानी होगी। वो समीना को बेड पर बिठा कर अपना लंड उसके होंठों पे रख कर बोला, “ठीक है समीना… मैं तुझे पूरी बात बताता हूँ पर तब तक तू मेरा लंड चूसती रह।” समीना ने मुँह खोल कर विक्की का लंड मुँह में लिया और उसे चूसने लगी। समीना के बालों पर हाथ फेरते हुए और उसका मुँह हल्के से चोदते हुए विक्की बोला, “हाँ समीना, यह सच है कि मैं तेरी अम्मी को १०-१२ दिन के पहले जानता भी नहीं था। मैंने उसे पहली बार कुछ ही दिन पहले बस में गरम करके चोदा था। उस चुदाई की कीमत में तेरी अम्मी मुझे उसके मायके का मुँह बोला भाई बना कर घर में लायी, तुझे चुदवाने के लिये। इसके लिये तेरी अम्मी ने मुझसे अपने पैर और सैंडलों के तलुवे तक चटवाये। हर दोपहर को मैं तेरी अम्मी को दारू पिला कर चोदता था।”
समीना ने लंड चूसते हुए आँख मरते हुए लंड को अच्छे से चूसते हुए वो बोली, “हाँ मैंने आपको आपको दो-तीन बार अम्मी को चोदते हुए देखा था। और जब आपका लंड देखा तब मैंने आप से चुदवाने का फ़ैसला किया। मैं यह भी जानती हूँ कि आज आप मुझे चोद सकें इसलिये ही अम्मी ने मेरा रूम लॉक किया और बाहर गयी जिससे मैं आपके सामने करीब-करीब नंगी रहूँ और आपसे चुदवाने में टेंशन ना हो मुझे। पर आपको बताना पड़ेगा कि आपने अम्मी को बस में कैसे छेड़ा था और फिर आपका कैसे आपसे चुदवाने के लिये तैयार हुई। बताओ ना अम्मी आपकी गिरफ़्त में कैसे आयी?”
हल्के से निप्पल मसलते हुए विक्की ने शुरू से समीना को उसकी अम्मी की चुदाई की पूरी दास्तान सुनायी। विक्की की पूरी बात सुन कर समीना अब और गरम हो गयी। जिस हिसाब से विक्की ने उसकी अम्मी को बस की भीड़ में सहला कर गरम करके फिर चोदा… वो सुन कर समीना उसका लंड और मस्ती से चूसने लगी। विक्की आंहें भरते हुए, समीना के बालों में हाथ घुमाते हुए हल्के-हल्के उसका मुँह चोद रहा था। समीना की कमसिन जवानी मसलते हुए और उसे अपना लंड चुसवाने में विक्की को बड़ा अच्छा लग रहा था। समीना का चेहरा सहलाते और उसके बालों में हाथ घुमाते हुए विक्की उसका मुँह चोदते हुए बोला, “आहहहहहह साली… रंडी सबरीना की छिनाल बेटी, बड़ा अच्छा लग रहा है मुझे तेरा मुँह चोदना। खूब मस्त चूसती है तू लौड़े को समीना, ऐसा ही मज़ा आया था जब तेरी अम्मी ने मेरा लौड़ा चूसा था, पर तू कमसिन है, अनचुदी है… इसलिये और अच्छा लग रहा है मेरी रंडी समीना, ऐसे ही चूसती रह मेरा लौड़ा।” समीना एक हाथ से अपने बाल चेहेरे से हटाते हुए और दूसरे हाथ से विक्की के लंड को हिलाते हुए, लंड चूसती हुई वो बार-बार विक्की की तरफ़ ऊपर देखती और विक्की के चेहरे पर छायी खुशी देख कर और मस्ती से लंड चूसने लगती।
अपना लौड़ा अच्छे से चुसवाने के बाद विक्की ने समीना को खड़ा किया और उसे बांहों में भर कर उसके होंठ चूमने लगा। समीना के मम्मे विक्की के चौड़े सीने पर पूरी तरह दब गये थे और समीना का हाथ अब भी विक्की के लौड़े पर था। समीना के हाथ से अपना लौड़ा छुड़ाते हुए विक्की ने फिर समीना को बेड पे लिटाया। साँसों की तेज़ी से समीना का सीना उछल रहा था और इससे उसके मम्मे बड़ी मस्ती से ऊपर नीचे हो रहे थे। इतने टाइट और गोल मम्मे विक्की ने आज तक नहीं देखे थे। विक्की मन-ही-मन में ईशवर का शुक्रिया अदा कर रहा था कि उसने इतनी कमसिन लड़की को उसके सामने नंगी रखा था ताकि वो उसे चोद सके।
सामने लेटी नंगी समीना के पूरे जिस्म पे विक्की हाथ फेरने लगा। विक्की का हाथ समीना की आँखों, होंठ, गाल, गर्दन, मम्मों से भर सीना, नंगा पेट, समीना की गोल और गहरी नाभि सहलाते हुए अब समीना की बिना झाँटों की चिकनी चूत पर आया। विक्की के सहलाने से समीना अब मस्ती से आहें भरती हुई बोली, “उफ्फ़्फ़्फ़, कितना अच्छा लग रहा है आपका ऐसे मेरा नंगा जिस्म सहलाना। आहहहहहह ऊँफ्फ़्फ़्फ़फ़्फ़ और सहलाते जाओ, जो मज़ा आपने अम्मी को दिया उससे ज्यादा मज़ा चाहिये मुझे।” यह कहते हुए समीना अपनी कमर उठा कर विक्की के हाथ पे अपनी चूत रगड़ने लगी। विक्की को भी मज़ा आ रहा था इस कमसिन लड़की के जिस्म से खिलवाड़ करने में। विक्की समीना को पूरी तरह गरम कर चुका था पर अभी समीना की चूत चोदने का वक्त नहीं आया था उसके हिसाब से। विक्की समीना के मुँह से चुदवाने की बात सुनना चाहता था।
फिर एक बार ऊपर होकर विक्की अब समीना के नंगे जिस्म को सहलते हुए चूमने लगा। समीना की आँखों से हो कर, गाल, होंठ, नेक, दोनों निप्पल चूमते हुए उसके मम्मे चाट कर समीना के पेट को चाटने के बाद विक्की जीभ समीना की नाभि में डाल कर, नाभि को जीभ से खोदने लगा। समीना एक दम गरम हो कर, ज़ोरों से साँसें लेती हुई और आहें भरती हुई खुद के मम्मे मसलने लगी। विक्की उसे ऐसा मज़ा दे रहा था जो उसने ख्वाब में भी नहीं सोचा था। समीना तो जैसे जन्नत में थी विक्की के खिलवाड़ से। समीना की नाभि चूस कर विक्की अब उसकी जाँघें सहलाते हुए धीरे-धीरे नीचे होने लगा। पूरी तरह नीचे जा कर विक्की अब समीना की टाँगें चाट कर ऊपर आने लगा। समीना ने अपनी जाँघें बंद कर रखी थीं तो विक्की वैसे ही उसकी जाँघें चाट कर समीना की चूत के तरफ़ बढ़ने लगा। समीना की चूत अपने पानी से पूरी गीली हो गयी थी।
समीना की टाँगों पे बैठ कर विक्की ने समीना के दोनों पैर खोल कर फिर समीना की चूत हल्के से चूमी। अपनी चूत पे ज़िंदगी में पहली बार जीभ लगने से समीना के जिस्म में और भी सरसराहट फ़ैल गयी और अब समीना और भी ज़ोर से सिसकरियाँ भरते हुए मम्मे मसलने लगी। समीना को खुद अपने जिस्म से करती हर्कत को देख कर विक्की ने मुस्कुराते हुए समीना के पैर थोड़े और खोल कर उसकी नंगी अनचुदी चूत का दर्शन किया। पूरी गीली गुलाबी चूत देख कर विक्की से रहा नहीं गया और उसने अपना मुँह समीना की चूत पे रख कर एक लंबा किस दिया। विक्की की इस अदा से समीना विक्की का सिर अपनी चूत पे दबाते हुए उत्तेजना से चिल्ला उठी, “आहहहहहहहह विक्की, ऊँफ्फ़्फ़्फ़फ्फ़्फ़्फ़ आहहहहहह ऐसे ही चाटो मेरी चूत, बड़ा मज़ा आ रहा है।”
समीना की चूत को एक लंबा किस करके विक्की ने सिर उठा कर कहा, “अरे समीना, तू देख आगे-आगे और क्या-क्या मज़ा देता हूँ तुझे। मेरी सबरीना रंडी की बेटी, तुझे तो इतना मज़ा दूँगा कि तू हमेशा मेरे लौड़े के लिये बेताब रहेगी मेरी रंडी जान।” यह कहते हुए विक्की ने समीना की टाँगें खोलीं और उसकी चूत सहला कर नीचे झुका और समीना की चूत चाटने लगा। विक्की के चाटने के साथ समीना की सिसकरियाँ बढ़ रही थी। अपनी जीभ से समीना की चूत चाट कर, समीना की चूत का पूरा-पूरा मज़ा लेने के बाद समीना की चूत को उँगली से खोल कर अपनी जीभ समीना की चूत में डाल कर, विक्की जीभ से समीना की चूत चोदने लगा। विक्की की ज़ुबान अब समीना की चूत के अंदर बाहर हो रही थी और समीना की चूत से जो रस निकल रहा था उसका विक्की मज़ा लेने लगा।
समीना अब और भी ज़ोरों से सिस्करियाँ भरने लगी। अपनी कमर उठा कर, चूत विक्की के मुँह पे रगड़ते हुए वो चिल्लाने लगी, “आआआआआआ ऊऊऊफ्फ़्फ़्फ़, और चाटो, और अंदर डालो जीभ और मेरी चूत चोदो अपनी जीभ से। ऊफ्फ़्फ़्फ़ अहहहहहहह बड़ा मज़ा आ रहा है विक्की। और कुछ करो जिससे मुझे और मज़ा आये, कुछ भी करो पर और मज़ा दो मुझे।” समीना की सिसकरियाँ और बक-बक से ना जाने विक्की को क्या हुआ। विक्की समीना की चूत वैसे ही चाटते हुए कमर घुमा कर अब समीना के ऊपर आ गया। अब उसका मुँह समीना की चूत के पास था और उसका लंड समीना के मुँह पर था। अपनी जीभ समीना की चूत से निकाल कर विक्की बोला, “तेरी माँ की चूत, मेरी रंडी समीना, और कुछ चाहिये ना तुझे? साली बहुत बक-बक कर रही है, बहुत चिल्ला रही है तू, तेरी बक-बक बंद करने के लिये ले मेरा लौड़ा चूस रंडी समीना।” जैसे ही समीना ने विक्की का लंड पकड़ कर अपने मुँह में डाला, विक्की भी समीना की चूत और ज़ोर-ज़ोर से चाटते हुए अपना लंड समीना के मुँह में अंदर-बाहर-अंदर-बाहर करके उसका मुँह चोदने लगा। अब एक साथ समीना का मुँह और चूत विक्की चोद रहा था।
समीना अब विक्की का लंड चूसने लगी, पहले आराम से, फिर ज़ोर ज़ोर से और अपनी कमर उठा कर अपनी चूत विक्की के मुँह पे रगड़ने लगी। विक्की भी बड़ी मस्ती से चूत को जीभ से चोद कर समीना को बेहाल कर रहा था। विक्की का लंड खूब चूस कर समीना ने कमर उठाते हुए कहा, “हाआआआआयययय और चाटो… और चाटो। हाँ मेरा मुँह चोदोओओओओ विक्की, ऊँफ्फ़्फ़्फ़फ़्फ़्फ़ अब कुछ करो विक्की… मेरा बदन टूट रहा है, देखो कैसे काँप रहा है मेरा जिस्म… विक्की । प्लीज़ अब जैसे अम्मी को चोदा था वैसे मुझे चोदो, अब रहा नहीं जा रहा मुझसे।”
विक्की ने समीना की गुहार सुनी पर उसे और तड़पाने के लिये समीना का मुँह अपने लंड से चोदते हुए, फिर समीना कि चूत में अपनी उँगली डालकर उसे अंदर बाहर करके समीना की चूत चोदते हुए उसे और बेहाल करने लगा। विक्की अब समीना का मुँह चोदते हुए चूत में उँगली करने लगा जिससे समीना और तड़पने लगी। समीना से अब रहा नहीं गया, तो उसने धक्का दे कर विक्की को अपने जिस्म से उतारा और फिर उससे लिपट कर तड़पते हुए बोली, “आहहहहहह विक्की, प्लीज़ अब रहा नहीं जाता, प्लीज़ मुझे चोद डालो नहीं तो मैं अपने ही जिस्म की गर्मी में जल जाऊँगी, हाय राजा अब मत तड़पाओ।”
अब विक्की ने और रुकना मुनासिब नहीं समझा। समीना को नीचे लिटा कर उसने, समीना की टाँगें खोलीं और एक हाथ उसकी चूत पे घुमाते हुए दूसरे से अपना खड़ा, कड़क, मोटा, गरम लंड पकड़ कर समीना की चूत पे रख कर बोला, “चल समीना, अब तैयार हो जा ज़िंदगी में पहली बार अपनी चूत चुदवाने के लिये। आज तेरी चूत फाड़ कर रखुँगा मेरी रंडी सबरीना की चिकनी बेटी। देखें तू और तेरी अम्मी में कौन ज्यादा मस्ती से चुदवाती है।” समीना को पता था कि पहली चुदाई में दर्द होगा पर वो अब किसी भी दर्द के लिये तैयार थी । एक हाथ से खुद के मम्मे मसलते हुए उसने दूसरे हाथ से विक्की का सिर नीचे झुकाया और वो विक्की को किस करने लगी। अपना लौड़ा ठीक से समीना की चूत के मुँह पे रख कर विक्की ने ज़ोर दिया। चूत का मुँह ज़रा सा खुला और विक्की के लौड़े की टोपी आधी अंदर घुस गयी।
समीना ने आँखें बंद कर लीं और विक्की का सीना सहलाने लगी। उस नंगी, कमसिन लड़की को इस हालत में देख कर विक्की को और गर्मी आ गयी और समीना की कमर पकड़ कर विक्की बोला, “समीना, मेरी रंडी, मेरी सबरीना राँड की मस्त बेटी, अब तैयार हो जा विक्की से अपनी चूत की सील तुड़वा कर चुदाई की दुनिया में कदम रखने को। आज तेरी सील तोड़ कर तुझे लड़की से औरत बनाऊँगा मेरी जान।”
समीना की कमर कस कर पकड़ कर विक्की ने लंड अंदर धकेला। अब चूत फ़ैला कर लंड की टोपी और एक-चौथाई लंड चूत में घुस गया। समीना ने दर्द से अपने होंठ दाँतों के नीचे दबा लिये और अब ज़रा घबराहट से विक्की को देखने लगी। समीना की चूत को अपने लंड का एहसास देने के लिये विक्की कुछ वक्त वैसे ही रहा और फिर अपनी कमर पीछे कर के, समीना को कस कर पकड़ कर पूरे ज़ोर से लंड चूत में घुसा दिया। इस हमले से विक्की का लंड समीना की कमसिन, अनचुदी चूत की सील की धज्जियाँ उड़ाते हुए पूरी रफ़्तार से घुस गया। विक्की के इस हमले से दर्द के कारण समीना, विक्की को अपने ऊपर से धकेलने की कोशिश करने लगी और अपनी चूत से विक्की का लंड निकालने की नाकाम कोशिश करते हुए ज़ोर से चिल्ला उठी, “आहहहहहहहह मैं मर गयीईईईईईई, ऊँफ्फ़्फ़्फ़फ्फ़्फ़्फ़फ़्फ़ नहींईंईंईंईं, निकालो लंड मेरी चूत में से, मुझे नहीं करना कुछ।”
पर अब विक्की कहाँ उसकी बात माननेवाला था? उसे बहुत दिनों बाद सील पैक लड़की मिली थी तो आज वो पूरा जानवर बन कर चोदने वाला था। समीना के तड़पने पर ज़रा भी ध्यान ना देते हुए, विक्की ने समीना की कमर कस कर पकड़ी और फिर आधा लंड बाहर निकाल कर पूरी ताकत से चूत में घुसा दिया। इस बेरहम धक्के से समीना करीब-करीब बेहोश ही हो गयी, पर यह देख कर विक्की ज़रा रुका और समीना का एक निप्पल चूमते हुए प्यार से बोला, “अरे मेरी समीना रानी, अब तकलीफ वाला काम तो हो गया, ज़रा सब्र कर, दर्द अपने आप कम होगा और फिर तू भी मस्ती से मेरा लंड लेने लगेगी।” विक्की के रुकने से समीना की जान में जान आयी। उसे अपनी चूत से खून बहने का एहसास हुआ और उसका पूरा जिस्म पसीने से गीला हो गया था। समीना कुछ बोलने की हालत में नहीं थी, वो सिर्फ़ अपना हाथ चूत के पास घुमाते हुए दर्द से भरी चूत को आराम देने की कोशिश कर रही थी। यह सिलसिला पाँच-दस मिनट चलता रहा जिसमें विक्की समीना के मम्मे चूम रहा था, उसके जिस्म पे हाथ घुमा रहा था और समीना एक हाथ विक्की के जिम्स पे घुमाती हुई दूसरे हाथ से अपनी चूत के पास सहला रही थी।
जब विक्की को एहसास हुआ कि समीना की साँसें अब शाँत हो गयी हैं तो उसने हल्के से लंड दो-तीन बार आगे पीछे किया। पहले तो समीना दर्द से ‘आहहहहह, ओहहहहह’ कर रही थी पर जब और कुछ धक्कों के बाद समीना ने हल्की सी मुस्कुराहट के साथ विक्की की तरफ़ देखा, तो विक्की समझ गया कि समीना की चूत का दर्द अब खतम हो गया है। विक्की ने लंड, टोपी तक बाहर निकाला और एक दम आराम से चूत में घुसा दिया। समीना की चूत ने जैसे विक्की के पूरे लौड़े को लपेट कर अपने अंदर ले लिया। आठ-दस बार ऐसा करने पर समीना ने सिर उठा कर विक्की को चूमते हुए कहा, “अब दर्द नहीं हो रहा, अब करो जो करना है। मैं अब पूरी तरह तैयार हूँ आपसे अपनी चूत चुदवाने के लिये। आज पूरी मस्ती से अपनी सबरीना रंडी की बेटी को चोदो विक्की।”
समीना की बात सुन कर खुश हो कर विक्की ने अपनी स्पीड ज़रा बढ़ाते हुए कहा, “अरे वाह समीना! बहुत जल्दी तेरा दर्द खतम हो गया, अब देख कैसे चोदता हूँ तुझे। अरे तेरी उस रंडी अम्मी से भी ज्यादा मज़ा मिलेगा तुझे क्योंकि तू कमसिन माल है, तुझे चोदने में बड़ा मज़ा आयेगा मेरी जान।”
विक्की अब मस्ती से समीना को चोदने लगा और समीना भी खुशी से चुदवा रही थी। इतने दिन उन हरामी लड़कों ने बहुत मसला था उसे, मम्मे खूब दबाये थे, चूत पे हाथ घुमाया था और उसे उनके लौड़े से खेलने में मज़ा भी आया था, पर चूत में लंड लेने का मज़ा कुछ और ही था। विक्की ने उसे क्या खूब गरम किया था और अब चोद रहा था । वो हरामी लड़के सिर्फ़ उसे गरम करना जानते थे पर विक्की को लड़की को गरम करना और फिर उसे चोदना बराबार मालूम था। विक्की के धक्कों से समीना का पूरा जिस्म हिल रहा था पर समीना खुशी-खुशी चुदवा रही थी।
समीना चुदाई का मज़ा ले रही है… यह देख, विक्की ने उसे तड़पाना चाहा और अपने लंड की टोपी अंदर रख कर बाकी लंड बाहर निकाल लिया। समीना विक्की के लौड़े के अगले धक्के के लिये तैयार थी पर विक्की उसे देख कर मुस्कुराता हुआ वैसे ही रुका रहा। विक्की की शरारत समझ कर समीना ने खुद अपनी कमर उठायी और विक्की का लंड अपनी चूत में घुसवा लिया और झूठे गुस्से से विक्की के सीने पर मुट्ठी से दो-तीन बार मारा।
समीना की इस अदा पर विक्की बड़ा खुश हुआ और कस कर समीना को दबोच कर लंड पूरे ज़ोरों से उसकी चूत में घुसा कर, उसे चोदते हुए बोला, “उम्म बहुत मज़ेदार हो तुम मेरी रानी, इतनी बेसब्री से तेरी अम्मी भी मेरा लौड़ा नहीं लेती। साली तुझे पहली बार चोद रहा हूँ पर अभी तक जो मज़ा मुझे मिला है वैसा मज़ा किसी को भी चोदने में नहीं आया था। साली तुझे खूब चोदुँगा मैं समीना, अब तो तुझे अपने घर ले जा कर चोदुँगा।” विक्की अब बड़ी तेज़ रफ़तार से समीना को चोद रहा था। समीना भी विक्की को पूरा सहयोग दे रही थी। विक्की का लौड़ा अपनी चूत में पूरा अंदर लेते हुए विक्की को बांहों में भर कर वो बोली, “हाँ, आज से मैं आपकी हूँ। आप जब कहोगे मैं आपके घर आऊँगी क्योंकि अब अम्मी का भी डर नहीं। मुझे भी आप जैसे माहिर मर्द के साथ चुदवाने में मज़ा आयेगा। हाँ विक्की, ऊऊऊऊफ्फ्फ आप तो मुझे जन्नत दिखा रहे हो, और चोदो, और ज़ोर से चोदो मुझे। फाड़ डालो मेरी चूत।”
चुदाई का शबाब अब पूरे ज़ोरों पर था। दोनों एक दूसरे को पूरा सहयोग देते हुए चुदाई का मज़ा ले रहे थे। विक्की पूरा का पूरा लौड़ा चूत में घुसा कर समीना को बहुत ज़ोर से चोदते हुए बोला, “नहीं मेरी जान, मैंने तुझे जन्नत नहीं दिखायी बल्कि जन्नत तो तूने मुझे दिखायी है। मेरे लिये जन्नत कहीं और नहीं… तेरी चूत में है, भगवान का शुक्र है जिसने मुझे तेरी चूत चोदने का मौका दिया और जिस वजह से मुझे जन्नत का दर्शन हुआ।”
समीना ने विक्की के होंठ चूमते हुए कहा, “ओहहह, कितना मज़ा आ रहा है मुझे आपसे चुदवा कर। अब मुझे कभी मत छोड़ कर जाना, मैं अब आपके बिना नहीं रह सकती हूँ।” जवाब में विक्की समीना को बहुत दबा कर ज़ोर ज़ोर से चोदते हुए और साथ-साथ उसकी चूचियाँ भी चूसते बोला, “नहीं मेरी जान… मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूँगा, हमेशा इसी तरह चोदुँगा, मेरी जान।”
काफी वक्त यह चुदाई का सिलसिला चलता रहा जिसमें समीना दो बार झड़ गयी पर विक्की के तगड़े लौड़े ने उसे फिर चुदवाने के लिये मजबूर कर दिया। पर अब विक्की का वक्त आया था। विक्की ने ये समीना को बताया और समीना ज़िंदगी में पहली बार अपनी चूत में किसी मर्द के लौड़े का पानी लेने को तैयार हुई। समीना को कस कर दबोचते हुए, उसका एक निप्पल चूसते हुए विक्की बेरहमी से चोदने लगा। जैसे ही विक्की झड़ने लगा, उसने अपना लंड समीना की चूत में दबाया और वैसे ही दबा कर रख कर झड़ने लगा। समीना ने भी अपनी चूत विक्की के लंड पे दबा रही थी। समीना की कमसिन चूत, विक्की के गरम पानी से भरने लगी। दोनों ने एक दूसरे को कस कर पकड़ रखा था।
जब तूफ़ान शाँत हुआ तो दोनों ढीले पड़ गये। दोनों के जिस्म पसीने से लथपथ थे। धीरे-धीरे साँसें शाँत होने लगी। वो एक दूसरे से कुछ बोल नहीं रहे थे… बस हल्के किस करते हुए एक दूसरे का जिस्म सहला रहे थे। फिर विक्की ने अपना लंड समीना की चूत से निकाला और अपने बनियान से समीना की चूत साफ़ करके अपना लंड साफ़ किया। समीना दर्द से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी तो विक्की उसे खड़ा करके बाथरूम ले गया और गरम पानी से उसकी चूत सेंकी।
दोनों आ कर हॉल में बैठे तो विक्की ने समीना द्वारा पहनी उसकी शॉट्र्स उठा कर उसको देते हुए कहा, “समीना यह शॉट्र्स पे दाग कैसे… तू पूछ रही थी ना, तो सुन, जब तेरा बाप घर पर होता है तब तेरी अम्मी मेरा लौड़ा चूसती थी। एक-दो बार ऐसा हुआ कि ठीक झड़ने के वक्त तेरे बाप की आहट सुनने से तेरी अम्मी लौड़ा छोड़ देती और मैं लंड शॉट्र्स में डालने की कोशिश करता पर तब तक लंड झड़ जाता था। तेरी अम्मी भी इतनी चुदक्कड़ है कि मुझे कहा कि जब मैं शॉट्र्स में झड़ जाऊँ तब मैं शॉट्र्स ना धोऊँ ताकि बाद में तेरी माँ मेरी शॉट्र्स चाट सके और इसी वजह से यह दाग है।” अपनी अम्मी की करतूत सुन कर समीना भी खुश हुई और उसने विक्की कि शॉट्र्स पहन ली पर ऊपर नंगी ही थी।
करीब आधे घंटे बाद सबरीना घर आयी। दरवाजा खोल कर उसने देखा कि विक्की और समीना दोनों शॉट्र्स में बैठे बातें कर रहे थे। सबरीना समझ गयी कि विक्की ने समीना का काम तमाम कर दिया था। जैसे ही सबरीना उनके पास आयी, विक्की ने उसे खींच कर अपनी गोद में ले लिया और चुमने लगा। माँ-बेटी के सामने एक दूसरे का राज़ खुल गया था इसलिये दोनों बेशर्म बनी रहीं। सबरीना को चूमने के बाद विक्की उनके बीच में बैठ गया और माँ-बेटी के मम्मों से खेलते हुए बोला, “सबरीना अब तुझे और समीना को तो चोद डाला पर तेरी वो दूसरे बेटी और मेरी समीना जान की जुड़वाँ बहन को कब और कैसे चोदुँगा?”
सबरीना के कुछ जवाब देने के पहले समीना ने विक्की का लंड पकड़ते हुए कहा, “विक्की, ज़हरा को घर आने में अभी २ महीने हैं, तब तक हम कोई प्लैन सोच लेंगे। लेकिन तब तक आप अम्मी को और मुझे चोदो ना, ज़हरा जब आयेगी तब देखेंगे क्या करना है।”
समीना की हर्कत पर खुश हो कर विक्की ने उसे बांहों में ले लिया और माँ-बेटी के साथ खेलने लगा।