मेरा नाम आर्यन है और मैं 19 साल का हूँ।
मैं बारहवीं में हूँ और मैं ऑनलाइन माध्यम से जेईई JEE की तैयारी कर रहा हूँ।
यह न्यू ईयर सेक्स कहानी कुछ दिन पहले मेरी और मेरी मामी के बीच की है।
मेरी मामी का नाम संजना है और उनकी उम्र 33 साल है।
वे दिखने में एक मस्त माल हैं। वे एक शिक्षिका हैं।
उनके दो बच्चे हैं और दोनों अभी स्कूल में पढ़ते हैं।
मेरे मामा दूसरे राज्य में काम करते हैं तो उनका कभी–कभी ही आना होता है।
मेरे घर पर पढ़ाई का माहौल नहीं था तो मेरी मम्मी मुझे मामी के यहां भेज दिया।
मामा जी भी कह रहे थे कि घर में कोई एक मर्द रहना चाहिए।
तो मैं चला आया।
मामी के घर में 2 कमरे है और एक हॉल है।
मुझे एक कमरा मिला हुआ था पढ़ाई के लिए।
कभी–कभी मामी भी मेरी मदद कर देती थी पढ़ाई में!
पहले उनके लिए मेरे मन में कोई गलत विचार नहीं था।
पर एक दिन मैंने उनको कपड़े बदलते हुए देखा।
तब से मैं उन्हें चोदने की योजना बनाने लगा।
पर कभी मौका नहीं मिला और वे भी बहुत ही संस्कारी थी।
बात कुछ दिन पहले की है।
उनके बच्चों की स्कूल में छुट्टी हो गई थी।
तब उनके मामा उन्हें कुछ दिन के लिए अपने घर ले गए।
मैं और मामी घर पर अकेले रह गए थे।
मैंने सोचा कि ‘अब कोई मौका मिलेगा तो इनको चोदूंगा।’
पर तब भी कोई मौका नहीं मिला।
मैं बस कभी–कभी उनके पैंटी और ब्रा को बाथरूम से लाकर उनपर मुठ मारता था।
1 जनवरी को नए साल के दिन उन्होंने मुझसे पूछा– कहीं बाहर जाना है घूमने, किसी दोस्त के साथ?
मैंने कहा– नहीं!
फ़िर उन्होंने खाना बनाया और हम दोनों ने एक साथ खाया।
खाने के बाद वे बोलीं– मेरी बहन अपने पति और बच्चों के साथ घूमने आ रही है पास की ही जगह में तो मैं उनसे मिलने जा रही हूँ! तुम भी चलो घूम लेना!
पर ठंड बहुत थी इसलिए मैंने मना कर दिया।
तब वे बोलीं– तुम खाना खा लेना और घर का ख्याल रखना! मैं 4 बजे से पहले आ जाऊंगी।
उनके जाने के बाद उनके कमरे में जाकर उनकी ब्रा और पैंटी ढूंढ कर मैंने दिन भर में 3 बार मुठ मारी।
फ़िर उस ब्रा और पैंटी को अपने कमरे में छुपा कर सो गया।
कुछ घंटे बाद मेरी नींद फोन की आवाज से खुल गई।
मैंने देखा मामी का कॉल था।
तब शाम के 5 बजने वाले थे और मामी अभी तक घर नहीं आई थी।
मैंने कॉल उठाया तो उन्होंने बोला– मुझे लेट हो गया है और मैं पुल के पास हूँ। कुछ देर में अंधेरा होने वाला है और पुल पर बहुत मर्द है तो तुम आ जाओ, साथ में चलेंगे!
मैं तुरंत तैयार हुआ और निकल गया।
इधर से ऑटो तुरंत मिल गया था तो पुल के पास में मैं 15 मिनट में पहुँच गया।
वहां से मैंने पैदल पुल पार किया और करीब 10 मिनट में मामी के पास पहुँच गया।
वे वहीं खड़ी थी और मुझे देख कर खुश हो गई।
मेरे आते ही वे बोलीं– थैंक गॉड कि तुम आ गए!
तब तक अंधेरा हो चुका था।
वहां से घर करीब 5 किलोमीटर दूर था।
हम पैदल चले जा रहे थे।
मैंने एक शाल ओढ़ा हुआ था।
कुछ दूर चलने के बाद उनको ठंड लगने लगी।
तब मैं बोला– आप इसी शाल में आ जाएं!
वे मान गई।
अब एक ही शाल को हम दोनों ओढ़े हुए थे।
शाल छोटी न पर जाए इसलिए मामी मेरी कमर पर हाथ रख कर मुझसे सटी हुई थी।
मुझे उस समय लग रहा था कि मैं मामी को अभी ही चोद दूं।
दिन भर घूमने के कारण मामी बहुत ही थक चुकी थी और ठंड भी काफी थी।
तो वे मुझसे बोलीं– कहीं 5 मिनट बैठते हैं!
तब तक 6 बज चुके थे और अंधेरा भी हो चुका था तो रोड पर आदमी भी नहीं के बराबर था।
तो मैंने कहा– ठीक है!
और थोड़ी दूर जाने के बाद एक पोल की तरह कुछ था जिस पर बैठा जा सकता था।
पर वह छोटा था तो मैंने उनसे कहा– आप बैठ जाइए!
तो वे बैठ गई।
थोड़ी ही देर बाद उन्हें ठंड लगने लगी और मुझे खड़ा देख उन्होंने कहा– तुम भी बैठ जाओ और मैं भी शाल ओढ़ लूंगी।
मैंने कहा– ठीक है!
मैं बैठने की कोशिश कर रहा था पर जगह कम थी तो बैठने में नहीं बन रहा था।
तो वे बोलीं– तुम मेरी गोद में बैठ जाओ!
मैंने सोचा कि ‘यही सही मौका हो सकता है मामी को पटाने का।’
तब मैंने मामी से कहा– आप थकी हुई हो, तो मैं नीचे बैठ जाता हूँ, आप मेरी गोद में बैठ जाइए।
वे मान गई।
अब मामी मेरे गोद में थी और हम दोनों एक ही शाल ओढ़े हुए थे और मैं मामी की कमर पकड़ा हुआ था।
उस समय मुझे लगा कि मामी को यही चोद दूं।
थोड़ी ही देर में मैं बहुत गर्म होने लगा।
मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था और यह उनको भी पता चल रहा था पर वे कुछ नहीं बोलीं।
कुछ देर बाद मैंने सोचा मामी को भी मन होगा चुदने का पर वे बोल नहीं रही हों गी.
तो मैं ही नीचे से हिलने की कोशिश करने लगा।
पर वे तुरंत उठ गई और चलने को बोलीं।
मैं भी कुछ नहीं बोला और चल दिया।
मुझे डर भी लग रहा था कि ‘मामी क्या सोच रही होगी।’
पर उन्होंने कुछ नहीं बोला और हम बाते करते–करते घर पहुँच गए।
घर आकर मामी ने खाना बनाया।
हमने साथ में बैठ कर खाना खाया और मैं उनकी ब्रा और पैंटी में मुठ मारकर अपने कमरे में सोने चला गया।
वे तब हीटर के सामने बैठ कर टीवी देख रही थी।
अचानक रात में मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मामी मेरी बगल में बिल्कुल सट कर सोई हुई थी और हम दो कंबल ओढ़े हुए थे, मामी वाला भी।
मैं कुछ भी नहीं समझ सका कि क्या हो रहा है।
अचानक उनको देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया।
मैं बहुत खुश हुआ कि आज मैं उनको चोदूंगा पाऊंगा!
मैंने करवट ली और मामी को छुआ तो उनका बॉडी गर्म था।
उनको बुखार था।
शायद इसलिए वे मेरे पलंग पर आई थी।
मामी सोते हुए एकदम कमाल की लग रही थी।
मैंने हिम्मत कर के अपना एक हाथ स्वेटर के ऊपर से ही उनकी एक चूची पर रखा और धीरे–धीरे मसलने लगा।
इसमें मुझे बहुत मजा आ रहा था।
उन्होंने कोई भी हरकत नहीं की.
जिससे मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं अपना एक हाथ नीचे ले जाने लगा।
मामी साड़ी पहन कर ही सोई हुई थी।
मैंने साड़ी के ऊपर से उनकी चूत पर हाथ रख कर दबाने लगा।
पर साड़ी के कारण मजा नहीं आ रहा था तो मैं नीचे से मामी की साड़ी उठाने लगा।
मुझे डर भी लग रहा था, फ़िर भी मैं किए जा रहा था।
फ़िर मैंने साड़ी उठाने की कोशिश की पर घुटनों के पास ही अटक गई क्योंकि उनके पैर से साड़ी दबी हुई थी।
मैंने फ़िर से कोशिश की साड़ी को ऊपर करने की पर नहीं हुआ।
तब मैंने वहीं से हाथ घुसाने की कोशिश की पर उनकी चूत के पास नहीं पहुँच पाया।
मैंने खूब कोशिश की पर मेरा हाथ उनकी चूत तक नहीं पहुँच पाया।
फ़िर मामी हिली और करवट बदल कर सो गई।
इस बार साड़ी और नीचे आ चुकी थी।
मैं कुछ देर इंतजार किया और फ़िर अपना हाथ उनके चूची पर रख कर दबाने लगा और दूसरे हाथ से मुठ मारने लगा।
कुछ देर बाद मैंने अपना सारा माल उनके घुटनों के बीच गिरा दिया और चूची दबाते–दबाते कब मैं सो गया पता ही नहीं चला।
जब मैं सुबह उठा तब मामी मुझसे पहले उठ चुकी थी।
मैंने मामी को देखा, वे खाना बना रही थी।
तब मैंने मामी से पूछा– आप ठीक है ना?
वे बोलीं– हाँ ठीक है, कल रात ठंड लग रही थी और बुखार भी लग रहा था तो तुम्हारे साथ सो गई।
मैंने कहा– कोई बात नहीं है!
मैंने उनसे पूछा– कोई दवा ली आपने?
उन्होंने कहा– नहीं! दवा नहीं है घर पर, तुम खाना खाकर ले आना!
मैंने कहा– ठीक है!
मैं खाना खा कर दवा लेने गया पर मैं मन ही मन प्रार्थना कर रहा था कि मामी आज भी मेरे ही साथ सोए।
मैंने दुकान से दवा खरीदी और घर आकर उनको दी।
पर मैं उसमें से बुखार की गोली निकाल कर हटा दी।
मामी दवा खा कर सोने चल गई और मैं अपने कमरे में चला गया।
शाम को मैंने मामी से पूछा– अब कैसी है आपकी तबीयत?
वे बोलीं– ठीक है पर ठंड लग रही है!
तो मैंने उनकी हालत देख कर उन्हें खाना बनाने से मना कर दिया और ऑनलाइन ऑर्डर कर दिया।
फ़िर हम दोनों खाना खाए और मैंने मामी को दवा खिलाई।
फिर वे सोने चली गई।
थोड़ी देर बाद मैं आकर देखा तो वे कांप रही थी।
तो मैंने उन्हें मेरे कमरे में चलने को कहा।
तब वे बोलीं– तुम ही अपना कम्बल ले के इसी कमरे में आ जाओ।
मैंने वैसे ही किया।
मैंने अपना भी कंबल उनको ओढ़ा दिया और मैं उनके बगल में सो गया।
मामी मुझसे एकदम चिपक कर सोई हुई थी ताकि उन्हें ठंड न लगे।
मैं बहुत खुश हो रहा था।
आज कुछ भी करके मैं कम से कम उनका चूत छूना चाह रहा था।
कुछ घंटे इंतजार करने के बाद जब मैंने देखा कि मामी सो गई।
तब मैंने अपना एक हाथ उनकी चूची पर रखा और धीरे–धीरे दबाने लगा।
कुछ देर बाद मैं अपना हाथ नीचे ले गया।
उन्होंने आज लैगिस पहनी हुई थी।
मैंने धीरे से उनके लैगिस में हाथ डाला और पैंटी के ऊपर से चूत पर हाथ फेरने लगा।
कुछ देर बाद मैंने उनका लैगिस नीचे करके उनके जांघ तक कर दिया और फ़िर पैंटी को नीचे किया।
फ़िर मैंने अपना हाथ उनके चूत पर रखा।
मुझे जैसे जन्नत मिल गई … मैं पहली बार कोई चूत को छू रहा था।
मैं उनकी चूत को मसलने लगा।
फ़िर मैं अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाल दी।
मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मेरा एक हाथ उनकी चूची पर और दूसरा चूत पर था।
कुछ देर ऐसे ही करने के बाद, मुझे उन्हें चोदने का मन करने लगा।
मैंने अपना पैंट खोला और लंड निकाल कर मामी की चूत पर रगड़ने लगा।
मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मैं ऐसे ही करते–करते थोड़ा सा धक्का दिया और लंड का सुपारा चूत में घुसा दिया और आगे–पीछे करने लगा।
थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद उन्होंने थोड़ी हरकत की तो मैं तुरंत अपना लंड निकाल लिया।
मैं डर गया था।
पर तभी मामी बोलीं– आर्यन, अभी जो कर रहे थे, वहीं करो … अच्छा लग रहा था।
मैं एकदम से चौंक गया।
पर मामी की मुंह से यह सुन के लगा जैसे मुझे न्यू ईयर सेक्स की फ्री टिकट मिल गई हो।
मामी मेरे होंठों को चूमने लगी।
मैं भी उनको चूमने लगा।
मैं उनके ऊपर आ गया और उनका स्वेटर और ब्लाउज खोल दिया।
वे अब मेरे सामने गहरे नीले रंग की ब्रा में थी।
मैंने ब्रा को भी निकाल कर उनके चूची को आजाद कर दिया।
जिस चूची को देख कर मैं मूठ मारा करता था आज वह मेरे सामने थी।
मैंने उनकी लैगिस और पैंटी निकाल दी।
उन्होंने भी मेरे सारे कपड़े निकाल दिए।
ठंडी का मौसम था पर अभी हमें थोड़ी भी ठंड नहीं लग रही था।
मैं नीचे जाकर उनकी चूत चाटने लगा।
उनकी चूत की बहुत मस्त खुशबू थी।
कुछ देर बाद मामी झड़ गई और मैंने उनका सारा माल चाट कर साफ कर दिया।
फ़िर मैंने अपना लंड मामी को मुंह में दिया।
वे उसे बहुत बढ़िया तरह से चूस रही थी।
करीब 10 मिनट के बाद मैं मामी के मुंह में ही झड़ गया पर मामी में मेरा सारा माल उगल दिया।
फ़िर मैं उनके बूबे चूसने लगा।
मामी बोलीं– आर्यन, अब मुझे और इंतजार मत कराओ! मेरी चूत बहुत समय से प्यासी है!
मैंने देर न करते हुए उनके टांगें फैलाई और बीच में आ कर अपना लंड उनकी चूत पर सेट कर के एक जोर से धक्का मारा तो मेरा आधा लंड चूत में घुस गया।
मामी चीख पड़ी क्योंकि वे बहुत महीनों के बाद चुद रही थी और उनकी चूत भी कसी हुई थी।
मैंने एक और जोर से धक्का दिया और पूरा लंड चूत में घुसा दिया।
मामी फ़िर चीख पड़ी।
मैं अब अपने लंड को जोर–जोर से अंदर बाहर करने लगा और उनको चोदने लगा।
मामी गजब की कामुक सिसकारियां ले रही थी- आह … ओओ … और जोर से चोदो, आज फाड़ दो … ओओ … आह!
उनकी सिसकारियां मुझे उत्तेजित कर रही थी।
मैं और तेज़ी से उन्हें चोदने लगा।
मेरे एक हाथ में उनकी चूची थी जिसे मैं मसल रहा था।
करीब 20 मिनट के चुदाई में मामी 2 बार झड़ चुकी थी।
थोड़ी देर बाद मैं भी उनकी चूत में ही झड़ गया।
तब तक उनका शरीर भी गर्म हो चुका था।
उन्हें चोदते समय मुझे लग रहा था कि जैसे मुझे जन्नत मिल गई हो।
उस रात हमने 3 बार सेक्स किया और दिन में भी 2 बार चुदाई की।
फ़िर अभी 2 दिन पहले उनके बच्चे आ गए हैं तो 2 दिन से चुदाई बंद है।
अब बच्चों के स्कूल खुलने का इंतजार है।