मेरा नाम अभिनव है, यह नाम बदला हुआ है.
मेरी उम्र 26 वर्ष है.
मेरी पत्नी का नाम रीतिका है, यह भी बदला हुआ नाम है.
रीतिका के भाई का नाम सुदीप है. सुदीप एक सीमेंट फैक्ट्री में काम करता है.
सुदीप की पत्नी का नाम सीमा है.
मेरी एक साली भी है साक्षी.
साक्षी की शादी और सुदीप की शादी एक दिन के अंतर से हुई थी.
सुदीप को फैक्ट्री में काम करने के दौरान दारू पीने की लत लग गई थी.
रीतिका और मेरी शादी तीन साल पहले हुई थी.
मुझे पतली लड़कियां पसंद थीं पर रीतिका पतली नहीं थी.
रीतिका के बूब्स और गांड मस्त थे लेकिन पेट भी ज्यादा निकला हुआ था. रीतिका के बूब्स 34, कमर 32 और गांड 36 की थी.
रीतिका की भाभी सीमा बहुत हॉट है, वह पतली थी, रंग गेहुंआ, कमर 28 की, बूब्स 32 के और गांड 34 की थी.
सुदीप का लंड 5 इंच का था. यह मुझे उसकी बीवी ने चुदाई के दौरान बताया था.
मेरी शादी के बाद ही मेरा सीमा पर दिल आ गया था लेकिन उसे सीधा पटा पाना खतरे से खाली नहीं था.
हालांकि वह मुझे प्यार भरी नजरों से देखती थी लेकिन ससुराल में सलहज तो जीजा जी से प्यार भरी नजरों से देख कर बातें करती ही हैं. उसका गलत अर्थ लगा कर कुछ उल्टा सीधा कर दिया तो मान सम्मान की मां चुदने में जरा भी देर नहीं लगती है.
मेरी शादी को 3 साल हो गए थे.
पत्नी की चूत में ज्यादा गर्मी होने के कारण सेक्स में मजा नहीं आ रहा था.
उसकी चूत में गर्मी की वजह को मैं आगे लिखूँगा.
मेरी साली साक्षी का पति भी बहुत दारू पीता था इसके कारण उसके पति की मृत्यु हो गई तो साक्षी की ससुराल मुझे और सीमा को भेजा गया.
साली की ससुराल मेरी ससुराल से 60 किलोमीटर दूर थी.
मैं बाइक चला रहा था, पीछे से सीमा बैठी थी.
वह मुझसे खूब बातें कर रही थी और अपनी ससुराल की प्रॉब्लम बता रही थी.
धीरे धीरे मेरी बातें सुनकर उसको मुझसे भी प्यार होने लगा लेकिन वह खुल कर बोल नहीं सकती थी.
फिर मैंने कहा- हम दोनों दोस्त की तरह रह सकते हैं और बेफिक्र होकर बातें कर सकते हैं.
अब उसने अपना घूँघट हटा दिया और मुझसे सट कर बैठ गई.
जैसे ही वह मुझसे सट कर बैठी, मेरे लंड में उफान आना शुरू हो गया.
मेरे ख्याल से सीमा की चूत में भी रस आने लगा था लेकिन सीमा कह नहीं सकती थी कि वह मुझसे चुदना चाहती है.
मुझे भी उसके दूध अपनी पीठ में गड़ते हुए बड़ा मजा दे रहे थे.
मैं बस उसकी चूचियों से अपनी पीठ को रगड़ते हुए ही बाइक चला रहा था.
उस दिन मैं सारे दिन साक्षी के घर पर रीती रिवाज करके सीमा के साथ ससुराल वापस आ गया.
मुझे पता था कि सीमा छत पर बने कमरे में सोती है.
गर्मियों के दिन थे इसलिए मैंने रीतिका से कहा कि मेरे बिस्तर भी ऊपर लगा दो.
रीतिका ने ऊपर बिस्तर लगा दिया और वह अपनी मां के पास सो गई.
मैं सोने के लिए ऊपर छत पर चला गया.
सीमा छत पर बने कमरे के अन्दर सो रही थी.
उस दिन सुदीप की नाइट ड्यूटी थी तो वह अपनी नौकरी पर गया था.
मैंने सीमा को बुलाया और कहा- बाहर आ जाओ सीमा, यहीं बातें करते हैं.
फिर सीमा और मैं पास बैठकर बातें करने लगे.
धीरे-धीरे मैंने अपना हाथ सीमा के गले में डाल दिया.
सीमा को अच्छा लगने लगा.
वह हंसने लगी.
मैंने कहा- मेरा हाथ अच्छा लग रहा है, या खराब?
वह मुस्कुराने लगी.
मैंने कहा- बताओ न सीमा?
वह मेरे मुँह से पहली बार सीमा सुनकर काफी मस्त हो गई थी.
उसने यही कहा भी कि मुझे आपके मुँह से सीमा सुनकर काफी अच्छा लगा.
मैंने अपने हाथ को उसके दूध पर हल्के से स्पर्श करा दिया, तब भी उसने कुछ नहीं कहा.
वह मेरी तरफ कुछ ज्यादा ही सरक आई.
मैंने उसके गाल से अपना गाल सटाते हुए कहा- यहीं सो जाओ मेरे पास!
वह बोली- हां सो जाऊंगी.
मैंने उसे अपने साथ ही लिटा लिया.
सीमा भी मेरे पास चिपक कर लेट गई और हम दोनों लेटे हुए ही बातें करने लगे.
कुछ ही पलों में वह मुझसे लता सी चिपक गई और मैं भी सीमा के ऊपर चढ़ कर लेट गया.
मैं उसे चुंबन करने लगा तो वह भी मेरा साथ देने लगी.
सीमा को मेरे साथ यह सब अच्छा लग रहा था.
वह मुझे किस करने लगी.
मैं भी उसके होंठों को किस करने लगा.
धीरे-धीरे हम दोनों गर्म हो गए.
लेकिन दुर्भाग्यवश कुछ लोग पड़ोस की छत पर आ गए थे तो हमारा काम नहीं बन पाया.
उसने कहा भी कि कमरे में चलते हैं.
लेकिन उसी वक्त बिजली चली गई और मेरी बीवी ने भी छत पर आने के लिए आवाज दी कि जीने का दरवाजा खोल दो, मुझे भी ऊपर आना है.
इसलिए सीमा के साथ चुदाई नहीं हो सकी.
फिर तीज के त्यौहार पर मेरी सास ने मुझे और रीतिका को बुलाया.
हम दोनों ही उस रात उधर रुक गए.
उस रात मैं फिर से ऊपर जाकर सो गया.
सीमा भी मेरे पास आ गई.
सीमा को पता था कि आज चुदाई होगी इसलिए उसने नीचे कुछ नहीं पहना था.
इस बार मैंने बातें कम की और उसको गर्म करना शुरू कर दिया.
मेरा लंड उफान मार रहा था.
मेरे लंड की साइज काफी अच्छी है. यह 7 इंच लम्बा है 2.5 इंच मोटा है.
मैंने कहा- चलो आज चुदाई शुरू करते हैं.
सीमा ने कहा- कमरे के अन्दर चलो, यहां खुली छत पर सेक्स करना ठीक नहीं है.
मैंने कहा- ठीक है.
फिर हम दोनों कमरे के अन्दर आ गए.
दोनों ने चुम्मा चाटी शुरू कर दी.
वह मुझे बहुत शिद्दत से किस कर रही थी.
मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए.
सीमा बोली- यह गलत है यार! मैं अपने पति को धोखा दे रही हूँ.
मैंने कहा- कुछ गलत नहीं है. तुम किसी को धोखा नहीं दे रही हो … बस यूं समझो कि आज घर की जगह होटल में खाना खा रही हो!
वह कुछ नहीं बोली.
अब मैंने उसकी चूत में लंड डाल दिया.
उसकी चूत में जैसे ही लंड अन्दर गया तो उसको दर्द होने लगा.
पर धीरे-धीरे उसे मेरे साथ चूत चुदवाने में मजा आने लगा.
वह गांड उठाती हुई लंड से टक्कर लेने लगी.
हम दोनों ने सारी रात में 3 बार जीजा साली का सेक्स किया.
उस रात मैंने उससे पूछा- क्या तुमको सुदीप से चुदवाने में मजा नहीं आता है?
वह बोली- उसका लंड छोटा भी है और जल्दी ही झड़ जाता है इसलिए उसके साथ मजा नहीं आता है. वह जबरदस्ती भी बहुत करता है इसलिए मैं नहीं करवाती हूँ.
फिर मैंने कहा- अब तुम सिर्फ मेरी हो और मेरी ही रहोगी!
वह भी मेरे सीने से चिपक कर सो गई.
अब बताता हूँ मैं अपनी पत्नी रीतिका की सेक्स प्रॉब्लम क्या है.
शुरूआत से ही रीतिका को सेक्स में इंटरेस्ट नहीं था … ना ही उसे सेक्स का कोई ज्ञान था.
फिर मैंने ही रीतिका को सेक्स का ज्ञान दिया.
सुहागरात को उसे अपने लंड के बारे में बताया और उसकी सील तोड़ कर पूरी रात 4 बार चुदाई की.
अब वह मेरी खास पसंद घोड़ी बनकर चुदाई करवाने लगी थी और मेरा लंड भी मजे से चूसती थी.
साथ ही रीतिका को घोड़ी बनकर चुदाई करवाना भी काफी अच्छा लगता था.
यह स्टाइल मेरी भी पसंद की थी.
हालांकि वह मोटी है, फिर भी मैं उसे खूब चोदता हूं.
फिलहाल मैं रीतिका के साथ में 3 साल से सेक्स कर रहा हूं लेकिन रीतिका की चूत पता नहीं क्यों, धीरे-धीरे टाइट होने लगी है.
अब तो उसकी एमसी भी बंद हो गई है. इससे हुआ यह कि उसके पेट में बच्चा होने की संभावना ही खत्म हो गई.
मैंने बहुत कोशिश की पर उसकी चूत ढीली ही नहीं हो पा रही थी.
ऐसा क्यों था, पता नहीं.
शायद किसी शारीरिक कारण से ऐसी स्थिति हुई थी.
मैंने रीतिका को डॉक्टर को भी दिखाया.
डॉक्टर ने दवाईयां भी दीं, पर उन दवाइयों से रीतिका के शरीर में बहुत गर्मी हो गई.
अब उसके साथ सेक्स करना मुश्किल हो गया जबकि शुरू शुरू में रीतिका के साथ चुदाई में मजा खूब आता था.
उसको भी चुदाई में बिल्कुल मजा नहीं आता है, उसको सिर्फ दर्द ही दर्द होता है.
जबकि मेरा स्टैमिना भी बहुत देर तक चुदाई करने वाला है.
आप यूं समझो कि पहला शॉट 20 मिनट तक चलता है और दूसरी बार में 40 मिनट तक सेक्स करने पर भी मेरा लंड ढीला नहीं होता है.
मैं जब भी अपनी बीवी को चोदता हूँ तो पहली बार में लंड पेलने में लंड में दर्द होने लगता है और सेक्स करने के बाद तो लंड में बहुत ज्यादा जलन होती है.
ऐसा लगता है कि किसी कमसिन लड़की के साथ सेक्स कर रहा हूं और उसकी सील तोड़ रहा हूँ.
ये थी रीतिका की प्रॉब्लम ओर मेरी सेक्स समस्या.
अब वापस सीमा की तरफ चलते हैं.
एक दिन मैं और सीमा वीडियो कॉलिंग से बातें कर रहे थे.
तो सीमा बता रही थी- शुरूआत में सुदीप का लंड भी अच्छी कंडीशन में था. उस समय उसका लंड 6 इंच लम्बा था और हम दोनों खूब सेक्स भी किया करते थे. फिर 6 महीने बाद ही पहला बच्चा पेट में आ गया था. उसके बाद एक बच्ची भी हुई थी लेकिन ऑक्सीजन ना मिल पाने के कारण वह खराब हो गई.
मैंने कहा- ओके, फिर?
सीमा- इसी सबके कारण सुदीप ने दारू पीना शुरू कर दिया. अब जब तीसरा बच्चा लगा, उस दिन सुदीप का एक्सिडेंट हो गया और सात दिन तक ये और मैं हॉस्पिटल में पड़े रहे. फिर सब ठीक होने लगा. लेकिन अब सुदीप दारू ज्यादा पीने लगा था, इसलिए उसकी सेक्स क्षमता खत्म होने लगी थी.
मैं उसको सुन रहा था.
सीमा- अब सुदीप अक्सर दारू पीकर घर आता है और मेरे साथ जबरदस्ती करने लगता था. मुझे दारू पीने वाले से नफरत है तो इसके साथ चुदाई करने का मेरा मन उतर गया. फिर जब से मैंने आपको देखा, तब से मेरा मन कर रहा था कि आपसे प्यार करूं, लेकिन इतनी हिम्मत नहीं हुई. पर साक्षी के ससुराल जाते टाइम आपसे बात करके बहुत खुशी मिली और रात को आपका साथ व स्पर्श पाकर बहुत अच्छा भी लगा. फिर तीज को जब आपके साथ पहला सेक्स किया, तब मेरी सालों की कामना पूरी हो गई. अब मैं बहुत खुश हूँ. अब तो आप जैसा प्यार से, बिना नशा किए चुदाई करने वाला मर्द मिल गया है. आई लव यू जान.
मैंने भी उसे लव यू जान कहा और हम दोनों वापस फोन सेक्स में लग गए.
उसके बाद अब तक हम दोनों कई बार सेक्स कर चुके हैं.