Thursday, November 21, 2024
Hindi Midnight Stories

सोती हुई बहन की चुदाई की मैंने

दोस्तो, मैं आपको अपने बारे में बता दूँ कि मेरा नाम अरमान है, ये नाम बदला हुआ है.
मैं पुणे का रहने वाला हूं. मैं एक 28 साल हट्टा-कट्टा हैंडसम और जवान लौंडा हूँ.
मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है.
मैं देखने में आकर्षक और गुड लुकिंग लड़का हूं, रोजाना जिम करता हूं.

मुझे लड़की हो या भाभी आंटी हो … उनकी चूत चुदाई में ही ज्यादा दिलचस्पी है.

मैं सड़क पर जब भी कहीं निकल जाता हूँ तो लड़की हो या आंटी, एक बार मेरी तरफ नजर उठा ही लेती है.

यहां मैं कई सालों से सेक्स कहानियां पढ़ता आ रहा हूं.
तो मैंने सोचा कि मैं भी आज अपने जीवन पर आधारित एक सेक्स कहानी आपसे साझा कर लेता हूं.

यह X सिस फक़ स्टोरी तकरीबन 5 साल पहले की है.
उस वक्त मैं अपने परिवार के साथ गर्मियों की छुट्टी बिताने के लिए खाला के यहां मुंबई गए हुए थे.

दरअसल हम लोग हर बार गर्मियों की छुट्टियों में मुंबई जाया करते थे और उधर हम सबको बहुत मजा आता था.

मेरी खाला को दो लड़कियां और दो लड़के हैं.
उनमें से सबसे छोटी वाली लड़की की उम्र 22 साल की थी, उसका नाम शबनम था.

वह मुझसे बड़ी थी और कहीं जॉब करती थी.

शबनम एकदम कांटा माल थी. वह किसी हीरोइन से कम नहीं थी, बला की खूबसूरत थी.
उसका फिगर 34-32-36 का था.

मुझे याद है कि जब शबनम घर से बाहर जाती तो सारे लड़के उसकी गांड और बूब्स को घूरते रहते थे.
वे सब मन ही मन उसे चोदने का सोचते थे.

शबनम चीज भी ऐसी ही थी कि मिल जाए तो पटक कर चोद दिया जाए.
हालांकि वह किसी को भाव नहीं देती थी.

मैंने पहले पहल उसको उस तरह के नजरिए से ध्यान नहीं दिया था.

लेकिन एक सुबह जब मेरी नजर उस पर गई तो मेरी आंखें खुली की खुली ही रह गईं.

असल में हुआ यूं कि जब एक सुबह नींद से उठ कर मैंने देखा कि मेरे बाजू में शबनम सोई हुई है.
तो मैं उसे देखने लगा.

उस समय वह मैक्सी पहनी थी और नींद में गाफिल थी.

उसी वक्त उसने अपना हाथ अपने सर पर रखा तो मुझे उसकी ढीली सी मैक्सी के अन्दर का सारा नजारा देखने को मिल गया.
एकदम दूध से सफेद चूचे और गुलाबी रंग के के निप्पल … नजारा देखते ही मेरा लंड एकदम रॉकेट की तरह खड़ा हो गया.

मैंने इधर उधर देखा, तो सब सोए पड़े थे.

अब मैं खामोशी से उसके दूध देखता रहा और लंड सहलाता रहा.

करीब दस मिनट बाद जब नहीं रहा गया तो उठ कर बाथरूम में चला गया.
उधर लंड को हाथ में लिए मेरे दिमाग में उसके मस्त मम्मे ही दिखाई दे रहे थे.

तभी मैंने बाथरूम में उसकी पैंटी टंगी देखी और उसको सूंघा तो मादक महक आ रही थी.

मेरी आंखों में शबनम के मम्मों का अक्श आ रहा था और नाक में चूत की महक घुस रही थी.
कामुक होकर मेरा हाथ लौड़े पर चलने लगा और मैंने मुठ मार ली.

कुछ देर बाद खुद को झाड़ कर बाहर आ गया.
उस पूरे दिन मैं उसके बारे में सोचता रहा.

उसके मम्मों को याद करके मुझे अजीब सी खुशी मिल रही थी.
फिर रात मैं सबका बाहर जाने का प्लान बना, मैं नहीं गया क्योंकि मेरे दिमाग में अलग खिचड़ी पक रही थी.

उसका भाई भी नहीं गया था.
वह अपनी बहन के ऑफिस से वापस आने का इंतजार कर रहा था.

कुछ देर बाद शबनम ऑफिस से वापस आई और हम तीनों ने खाना खाया और बातचीत करने लगे.

काफी टाइम तक बात करने के बाद शबनम ने आराम करने की बात कही.
मैं ऊपर सोने चला गया.
शबनम भी आ गई क्योंकि वह और मेरी बहनें ऊपर ही सोती थीं.

मैंने सोने का नाटक किया.

थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि वह सो गई है तो मैं उसके पास को खिसक कर सोने का नाटक करने लगा.

मैं उसे कुछ मिनट तक देखता रहा, फिर मैंने नींद में होने का नाटक करते हुए अपना हाथ उसके ऊपर रख दिया.
उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया.

मैं समझ गया कि वह सोई हुई है.

फिर जैसे उसने मेरी तरफ करवट ली, मैं डर सा गया, तो जरा सजग होकर लेट गया.

कुछ समय बाद मैंने आंखें खोलीं, तो उसके रसभरे गुलाबी होंठ मेरी आंखों के सामने थे.

मैंने हिम्मत करके अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिया.
आह … क्या अहसास था, उसकी गर्म सांसें और कामुक महक मेरे तनबदन को आग सी लगा रही थी.

मैं अन्दर से ही खुद को चुदास से भरा मर्द महसूस कर रहा था.
मन कर रहा था कि चढ़ जाऊं अपनी बहन के ऊपर और चोद दूँ इसे.
लेकिन इतना आसान नहीं था.

मैंने अपने होंठों को उसके होंठों से हटा लिया था.
उसने अब तक कुछ भी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की थी.

कुछ पल तक मैं उसे देखता रहा और मेरी हिम्मत फिर से बढ़ने लगी.
उस वक्त वहां हम दोनों के अलावा और कोई नहीं था.

मैंने उसका हाथ पकड़ा और धीरे से अपनी चड्डी में डाल दिया और उसके हाथ से लंड को सहलवाने लगा.

तब मैंने सोच लिया था कि यदि कुछ हुआ तो भी सीन यह है कि उसका हाथ मेरी चड्डी में है ना कि मेरा हाथ उसकी चड्डी में है.

बस यही सोच कर कुछ देर तक उसके हाथ से अपने लंड को स्पर्श करवा का मजा लेता रहा.
मेरा लंड फूलने लगा था, उसे बहन का लंड बनने की जल्दी थी.

जब कुछ देर तक कोई दिक्कत नहीं हुई, तो मैं जोश में आ गया.
मैंने अपने होंठों को वापस उसके होंठों से चिपका दिया.

वह अब भी मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़े थी.
मैंने ध्यान ही नहीं दिया कि उसका हाथ मेरे लौड़े को सहलाने लगा था.
मैं तो उसके होंठों के रस को चूसने में मस्त था.

उसी बीच मैं काम वासना में इतना अधिक खो गया कि मुझे होश ही न रहा कि मैं क्या कर रहा हूँ.

मैंने अपनी जीभ को उसके मुँह में डाल दी और कुछ मिनट तक जीभ को अन्दर किये हुए उसे चूसता रहा.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.

फिर अचानक से उसकी एक हरकत ने मुझे चौंका दिया.
उसने मेरे कडक लंड को जोर से मसल दिया.
मैं समझ गया कि यह भी मजा ले रही है.

अगले ही पल मैंने उसकी मैक्सी के दो बटनों को खोल दिया.

उस समय गर्मी की वजह से वह अन्दर कुछ नहीं पहनी थी.

मैंने जैसे ही बटन खोले, उसके दोनों चूचे मेरे सामने पसीने से भीगे हुए चमक रहे थे.

अपने होंठों से मैंने उसके मम्मों के सामने के फूले हुए हिस्से को चूमना और चाटना शुरू कर दिया.

ऐसा लग रहा था, जैसे मैं कोई आम चूस रहा हूँ.
उसका जिस्म भी थिरक रहा था पर मुझे अहसास ही नहीं था.

मैं तो बेखौफ अपनी बहन के दोनों मम्मों को हाथ से सहला रहा था और होंठों से चूस रहा था.

मैं कभी हाथ से मम्मों को दबा दे रहा था तो कभी उसके होंठों पर किस कर दे रहा था.

उसकी तरफ से कोई भी विरोध नहीं हो रहा था.
तो अपनी ठरक में मैंने अपने हाथों से उसकी मैक्सी को ऊपर कर दिया.

उसने मैक्सी के नीचे भी कुछ नहीं पहना था.

चांद के उजाले में उसकी क्लीन शेव की हुई गुलाबी चूत दमक रही थी.
उसकी चूत पानी से भीगी हुई थी, शायद उसकी चूत से प्रीकम छूट गया था.

गुलाबी करारी चूत देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया.

मैंने उसके दोनों पैरों को एक झटके से ऊपर किया तो उसकी आह निकली और उसने आखें बिना खोले हुए ही कहा- आराम से करो न!

बस फिर क्या था … अब तो मेरी बहन भी चुदाई का मजा ले रही थी तो मैंने उसकी दोनों टांगों को विपरीत दिशा में फैलाते हुए ऊपर उठा दिया और उसकी नमकीन चूत को चाटना शुरू कर दिया .

वह भी मस्त हो रही थी और इस्स इस्स कर रही थी.
शायद उसे यह सब मजेदार लग रहा था.

मैं अपनी पूरी जीभ को चूत पर ऊपर से नीचे तक फेरते हुए किसी कुत्ते की तरह से चूत चाट रहा था.

क्या मनमोहिनी सुगंध आ रही थी, बता नहीं सकता.
वह पल ही अलग अहसास दे रहा था.

मेरा लंड भी तना कर अकड़ गया था.

कुछ देर चूत चाटने के बाद मैं उसके मुँह के पास आ गया और उसके मुँह पर अपना लंड रख दिया.
उसका मुँह बंद था.

मैंने उसकी नाक को दबा दिया.
जैसे ही नाक को दबाया, उसने मुँह से सांस के लिए मुँह को खोल दिया.

उसी पल मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया और आगे पीछे करने लगा.

वह भी किसी पक्की छिनाल रंडी की तरह अपने भाई का लंड चूस रही थी.

कुछ मिनट तक लंड चुसवाने तक मैं भूल ही गया था कि इसकी चूत में भी लंड पेलना है.
मुझे तो बस मजा आने लगा था तो क्या ही बताऊं कि क्या पल था वह.

अब मेरा लंड पूरा गीला हो चुका था.

मैंने शबनम के मुँह से अपना लंड निकाला और उसके पीछे लेट गया.
उसको मैंने एक तरफ करवट करके लिटा दिया.

अब उसकी गांड मेरी तरफ थी.

मैंने अपना लंड उसकी दोनों टांगों के बीच में रखा कर आगे पीछे किया.

उसने हाथ से लंड को चूत की दरार पर सैट कर दिया.

मैंने अपने लंड को धक्का देकर उसकी चूत में पेल दिया लेकिन लंड अन्दर नहीं गया.

तब मैंने उसकी एक टांग को ऊपर किया और उसने लंड को पकड़ कर छेद पर सैट कर दिया.
उसी समय मैंने एक झटका दे मारा.

मेरा लंड अन्दर घुस गया.
अभी थोड़ा सा ही अन्दर गया था पर मुझे ऐसा लगा जैसे किसी गर्म लावा के ड्रम में मैंने अपना लंड डाल दिया हो, इतनी गर्म चूत थी उसकी.

एक पल बाद दूसरा झटका देने से मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया.
वह एकदम से दर्द से कराही और उठने लगी.

पर मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में घुसा हुआ था … इसलिए वह वापस लेट गई.

अब वह मेरी तरफ देख रही थी.
मैं डर गया कि यह क्या हुआ.

वह बोली- यह क्या कर रहे हो?
मैं डर गया.
मुझे लगा कि यह अभी तक नींद में थी और शायद अपने ब्वॉयफ्रेंड से चुदने का सपना देख रही थी.

मैंने सॉरी कहा.
वह बोली- बाहर निकालो.

मैं धीरे से अपना लंड बाहर निकालने लगा था. वह आह की आवाज निकालने लगी थी.

उसी वक्त मैंने सोचा कि मां की चूत बहन की … जो होगा, सो देखा जाएगा. बस मैंने पुनः से एक करारा झटका दे दिया X सिस फक़ जारी रखते हुए.
उसके मुँह से आह आह की आवाज़ आने लगी.

अब वह मेरा नाम मात्र विरोध कर रही थी.
मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया और मुँह बंद कर दिया.
बस अब मैं स्पीड में धक्का देने लगा था.

वह भी अब मुझसे कुछ बोल नहीं रही थी, पर उसके मुँह से आह आह की आवाज निकलने लगी थी.

मैंने उसकी आह आह सुनी तो अपनी पकड़ और मजबूत कर दी और उसके ऊपर चढ़ गया.

वह मना नहीं कर रही थी और शायद हल्के हल्के से मुझे साथ भी दे रही थी … पर मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था.
कुछ ही देर में वह शायद झड़ चुकी थी इसलिए निढाल हो गई थी.

अब मुझे लगा कि कहीं यह अपने भाई को आवाज ना लगा दे.
मैं उसके होंठों पर अपने होंठ जमा कर उसे किस करता रहा और उसे ताबड़तोड़ चोदने लगा.

अगले दो मिनट बाद ही मैं अपने चरम पर आ गया और मैंने उसकी चूत के अन्दर ही अपना सारा पानी छोड़ दिया.

जब हम दोनों अलग हुए तो उसने लाइट ऑन की.
मैंने देखा कि उसकी चूत में से खून जा रहा है.

वह खून देख कर रोने लगी.
मैं भी डर गया कि यह क्या हुआ!

मैंने उससे माफी मांगी और बोला- प्लीज इसके बारे में किसी से कुछ मत बताना.
वह चुपचाप मुझे देखती रही.

मैंने कहा- तुम जो बोलोगी, मैं वह करूँगा, पर किसी से को कुछ मत बताना.
वह चुपचाप उठी और बाथरूम में चली गई.

मेरी पूरी तरह से फट गई थी कि यह क्या हुआ?

मैं सोच रहा था कि अगर इसने मम्मी को बोल दिया तो मेरा क्या होगा.

वह वापस आई और खामोशी सो गई.
मैं भी गांड दबा कर सो गया.

सुबह जब उठा तो लगा कि अभी तक तो सबको पता चल गया होगा लेकिन उसने किसी से कुछ नहीं बताया था.

फिर जब हम लोग वापस घर के लिए जा रहे थे तो मैंने उसे थैंक्यू बोला और कहा कि आगे से ऐसा कभी नहीं होगा.

वह मुस्कुरा कर बोली- क्यों नहीं होगा … मुझे भी मज़ा आया था!
मैं सन्न था कि क्या बोलूँ!

फिर हम सब मुंबई से निकल कर अपने घर आ गए.

अब हमारी फोन पर बात होती है.
उसने मुझे बताया था कि वह शुरू से मुझसे चुदना चाह रही थी.
यह सुनकर मैं बेहद खुश था.

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