मेरा नाम सनी है, मैं 22 साल का गुड लुकिंग लड़का हूं … एक कॉलेज में पढ़ता हूं.
मैं अपने मम्मी डैडी का इकलौता लाड़ला लड़का हूं.
मुझे मॉडलिंग करना है और एक्टर बनना है.
मुझे मेरे परिवार वाले हीरो बोलते हैं.
मेरी भाभी जो नई नवेली दुल्हन बन कर घर आई थीं.
वे एकदम पटाखा माल जैसी हैं और दूध के सामान एकदम सफेद हैं.
उनका फिगर 34-28-36 का है.
मतलब इतनी हॉट एंड सेक्सी कि कोई भी उन्हें देख कर अपना खड़ा लंड हाथ में लेकर मुठ मार ले.
मेरे चचेरे भाई को भाभी, दादा जी के नाम और उनकी अथाह प्रॉपर्टी की वजह से मिल गई थीं.
वरना भाई साब पर तो भाभी की इकन्नी भी न भिनभिनाए … उन्हें ऐसी मस्त पटाखा तो मिले ही क्या!
दरअसल यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी नई भाभी को सैट करके चुदाई की कहानी है.
मेरे बड़े पापा के लड़के की शादी हो गई थी.
घर में खूबसूरत बहू के आने से सब लोग खुश थे.
पर कुछ दिनों बाद कुछ बात पर उनके घर में झगड़ा होने लगा और इसी वजह से वे दोनों अलग मकान में रहने लगे.
उनके परिवार में भाभी का अपनी सास के साथ कुछ जम ही नहीं रहा था.
इसलिए भैया ने हमारे घर के पास ही किराए पर एक घर ले लिया.
मैं भाभी के पास अक्सर आया जाया करता था.
मेरे साथ भाभी काफी फ्रेंडली थीं.
उनका यह वाला घर मेरे घर के पास ही था तो मैं उनके घर आता जाता रहा.
भाभी काफी पढ़ी लिखी थीं तो वे मेरे नोट्स बनाने में मेरी मदद करतीं और मम्मी के पास आकर उनके काम में भी उनकी मदद करतीं.
इस तरह से अब सब ठीक चल रहा था.
एक दिन मम्मी ने भाभी को कुछ देने के लिए मुझे उनके घर भेजा.
उस दिन भैया कहीं बाहर गए थे, उनके घर का दरवाजा खुला था.
वह गर्मी का टाइम था इसलिए मैं बिना कुछ आवाज दिए उनके घर के अन्दर चला गया.
भाभी सोई हुई थीं.
मैंने देखा कि भाभी नाइटी में सोई हुई थीं और कूलर चालू होने की वजह से उनकी नाइटी में हवा भर गई थी.
उनकी दोनों टांगों के बीच में कूलर की हवा भर जाने से फुग्गा सा बन गया था और नाइटी घुटनों के ऊपर आ गई थी.
उन्होंने नाइटी के अन्दर कुछ भी नहीं पहना हुआ था तो उनकी गुलाबी रंग की चूत दिख रही थी. दोनों पैर पूरे खुले हुए थे तो सेक्सी भाभी की कसी चूत का नजारा एकदम साफ दिख रहा था.
कुछ समय के लिए तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया.
फिर मैं जो सामान लाया था उसे वहीं रख कर वापस घर आ गया.
मेरे दिमाग में वहीं दृश्य घूम रहा था.
बार बार आंखों के सामने भाभी की पिंक चूत दिख रही थी.
काफी देर तक ऐसी स्थिति रहने के बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैंने कल्पना करके मुठ मार ली.
उस दिन से भाभी के प्रति मेरा नजरिया पूरा बदल गया था.
अब वह जब भी मेरे घर आतीं तो मैं उनके बूब्स और गांड को देखता रहता.
जब वे घर नहीं आतीं तो मैं खुद कोई ना कोई बहाना बना कर उनके घर चला जाया करता.
एक दिन मैं ट्यूशन जाने के लिए अपनी बाइक से जा रहा था.
तो मेरे भाई ने आवाज लगाई- तू कहां जा रहा है?
मैंने उन्हें बताया- ट्यूशन जा रहा हूँ!
तो भाई ने कहा- जरा रुक, एक काम कर … तू अपनी भाभी को भी उसी रास्ते पर अखिल की दुकान पर छोड़ते हुए चले जाना. उसे वहां कुछ काम है.
यह सुनकर मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे कि भैया ने क्या मस्त सेवा दे दी है.
चूंकि किसी लेडी को बाइक पर बिठा कर चलने का यह मेरा पहला अवसर था.
फिर मेरे सपनों की रानी भाभी मेरे साथ बाइक पर बैठ रही थीं तो मैंने उन्हें सही से बिठाया और आगे बढ़ गया.
उनके कोमल बदन का स्पर्श मुझे कामोत्तेजित करने लगा था.
तभी एक गड्डे में बाइक गिरने से मैंने ब्रेक लगाया तो उनकी चूचियां मेरी पीठ से रगड़ खा गईं.
आह मजा आ गया … लंड एकदम से फनफना उठा.
अब मैं जानबूझ कर ब्रेक लगा रहा था और भाभी के बड़े बड़े बूब्स मेरी पीठ पर रगड़ रहे थे.
भाभी शायद कुछ समझ गई थीं वे बोलीं- आराम से चलाओ न!
मैं बोला- भाभी रास्ता खराब है, क्या कर सकते हैं!
तो वे बोलीं- ठीक है.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
कुछ देर बाद मैंने भाभी को उनकी जगह पर छोड़ दिया और कहा- लेने के लिए आऊं?
तो वे बोलीं- नहीं, तेरे भैया आएंगे.
मैं वहां से निकल गया.
यह स्पर्श मुझे काफी सुकून दे गया था.
फिर एक दिन मैं भाभी के घर में गया तो मुझे अन्दर से आवाज़ आ रही थी.
मैं समझ गया कि भैया और भाभी की चुदाई चल रही होगी, चल कर देखता हूँ … कम से कम भाभी के बूब्स तो देखने को मिल ही जाएंगे!
जब मैंने खिड़की से झांक कर देखा तो भाभी पूरी नंगी थीं.
उनके बाल खुले हुए थे और उनके रसभरे दूध ऊपर नीचे उछल उछल कर मस्ती बिखेर रहे थे.
भाभी मस्त चुदवा रही थीं.
पर जब मैंने उन्हें चोदने वाले को देखा, तो मैं अवाक रह गया.
उन्हें चोदने वाला आदमी भैया नहीं थे, वह उनके सामने वाला गूंगा मिस्त्री था.
मैं हैरत भरी नजरों से भाभी की चुदाई देखता रहा.
मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था.
फिर मैंने मोबाइल निकाला और भाभी की चुदाई की वीडियो रिकार्ड करने लगा.
मैंने उनकी चुदाई का पूरा वीडियो बनाया और वहां से चला आया.
घर आया तो पता चला कि नानी की तबीयत खराब है इसलिए मम्मी पापा नानी को देखने जाने के लिए उसी वक्त निकल रहे थे.
मम्मी ने मुझसे सारी बात कही और कहा- वैसे तो हम लोग कल ही लौट आएंगे पर उधर नानी की तबियत जैसी हुई, वैसे आने का देखेंगे.
मेरा पेपर था तो मम्मी ने बताया- मैंने तेरी भाभी को बोल दिया है, वह तेरे लिए सब्जी बना देंगी. रोटी बनी हुई हैं और रात को तेरी भाभी यहीं सोने भी आ जाएगी. तेरे भैया आज बाहर हैं, वे कल सुबह वापस आएंगे.
मैं भाभी के आने के नाम से बड़ा खुश हो गया.
मेरे मन में एक योजना बन गई कि आज तो रंडी भाभी को चोद ही लूँगा. आज पूरा घर अपना.
शाम हुई तो भाभी घर आईं.
मैंने पूरा इंतजाम कर लिया था. खुशबू से घर महक रहा था.
फिर भाभी ने सब्जी बनाई और हम दोनों ने खाना खाया.
मैं भाभी से बात करने लगा.
उस वक्त मैं उनके पास ही बैठा था.
मैंने उनसे बात करते हुए बताया- भाभी, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं.
यह कह कर मैंने उन्हें किस कर दिया.
भाभी ने मुझे दूर किया और गाल पर एक रहपट रसीद कर दिया.
मैं एक्टिंग करने लगा- भाभी, प्लीज किसी को कुछ मत बताना.
वे बोलने लगीं- आने दे तेरी मम्मी को, मैं उन्हें सब कुछ बताऊंगी.
मैंने कहा- भाभी आपके लिए भी कुछ है मेरे पास.
वे बोलीं- क्या है?
मैंने उन्हें वीडियो दिखा दिया.
वे तो एकदम से डर गईं और वीडियो में खुद को उस गूंगे मिस्त्री से चुदवाते देख कर उसे डिलीट करने लगीं.
मैंने कहा- हां बेशक डिलीट कर दीजिए, मेरे पास कई कॉपी हैं.
वे रोने लगीं और एक बोलने लगीं- प्लीज सबको डिलीट कर दो, मैं किसी को मुँह दिखाने लायक नहीं रहूँगी.
मैंने कहा- भाभी मुझे कोई आपत्ति नहीं है कि आप किसके साथ क्या करती हैं. अगर आपको मैकेनिक के साथ चुदवाने में मजा आता है तो मैं कहां मना कर रहा हूँ. मैं बस यह कहना चाहता हूँ कि यदि आपको भैया संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं तो मुझे मौका दीजिए … ऐसी बातें घर में ही सही रहती हैं. मैं आपको आज यह मौका दे रहा हूँ कि मैं आपके काफी काम आ सकता हूँ. बाहरी आदमी आपको बदनाम कर सकता है पर मैं तो आपके घर का हूँ. आप मेरे साथ बिंदास सेक्स कर सकती हैं.
यह सुनकर भाभी ने रोते हुए अपने जोड़ लिए और वे मेरे पास आ गईं.
वे मेरे पैरों में झुकने लगीं और कहने लगीं- मुझसे भूल हो गई. प्लीज मुझे माफ कर दो.
मैंने उन्हें उठाया और उनके सलवार सूट की चुन्नी हटा दी.
अब भाभी के बूब्स साफ दिख रहे थे.
मैंने कहा- ठीक है, मैं वीडियो डिलीट कर दूंगा … पर मुझे भी वही सुख चाहिए जो आपने गलती से उस मिस्त्री को दे दिया.
वे अपने चुन्नी को वापस ओढ़ने लगीं और बोलीं- नहीं, मैं अपनी गलती समझ चुकी हूँ. अब मैं यह सब किसी के साथ नहीं कर सकती हूँ. वैसे भी मैं तेरी भाभी हूँ.
मैंने कहा- ठीक है, मैं अभी यह वीडियो डिलीट नहीं कर रहा हूँ. मगर मुझे आप यह बताओ कि क्या आप घर से इसीलिए अलग हुई थीं कि आप मेरे भाई की कमजोरी के चलते गैर मर्द से अपनी प्यास बुझवा सकें?
वे कुछ नहीं बोलीं.
मैंने कहा- भाभी, मैं आपका देवर हूँ और घर की बात घर में ही रहनी चाहिए. सेक्स की भूख सबको लगती है इसमें बुरा कुछ भी नहीं है. बस मैं आपके साथ सेक्स करना चाहता हूँ और आपको भी एक मजबूत मर्द की जरूरत है.
मेरी बातों से भाभी के ऊपर असर पड़ गया और वे मुझसे चुदने के लिए राजी हो गईं.
उन्होंने कहा- ओके ठीक है, पर तुम प्रॉमिस करो कि वीडियो डिलीट कर दोगे.
मैंने हां कर दी और भाभी मान गईं.
भाभी रात को मेरे कमरे में ही रुकने की बात भी मान गईं.
मैंने पहले तो भाभी को अपनी बांहों में लिया और उनके गुलाबी होंठों पर किस करने लगा.
गुलाब की पंखुड़ियों जैसे मदभरे होंठों को किस करने में मुझे जन्नत का सुख मिलने लगा था.
भाभी भी पूरा साथ देने लगी थीं.
मैंने उन्हें नीचे बैठने को कहा और अपना लंबा व तीन इंच मोटा लौड़ा उनके सामने लहरा दिया.
जैसे ही भाभी ने मेरा लंड देखा, वे बोलीं- अरे बाप रे … यह तो बहुत बड़ा और मोटा है … मैं मर ही जाऊंगी!
मैंने कहा- संसार में आज तक लंड से चुदने में कोई स्त्री नहीं मरी.
वे मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगीं और धीरे से बोलीं- यदि पहले पता होता कि तेरे पास इतने गजब का रॉकेट है, तो मैं अब तक तो इसकी सवारी कब की कर चुकी होती.
मैंने कहा- हां, वह तो मुझे उसी दिन बाइक पर समझ में आ गया था कि काम आसानी से हो जाएगा, पर क्या करूं भाभी … आपके देवर की फट रही थी, इसलिए कभी कुछ कह ही नहीं पाया.
भाभी ने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर सहलाया तो मैंने उन्हें मुँह में लेने को कहा.
उन्होंने मना कर दिया. वे बोलीं- अभी तक मैंने किसी का मुँह में नहीं लिया है.
मैंने कहा- ठीक है. मैं सब सिखा दूंगा … मेरे पास अभी वीडियो है.
भाभी हंस दीं और मेरे लौड़े के टोपे को जीभ से चाटने लगीं.
मैंने पूछा- कैसा लग रहा है?
वे हंस कर बोलीं- मस्त नमकीन है.
मैंने भाभी के होंठों के चारों तरफ लंड का सुपारा घुमाया और उनके मुँह में अपना लंड डाल दिया.
फिर मैंने अपने हाथ से उनके पीछे के बाल पकड़ लिए और आगे पीछे करने लगा.
भाभी के मुँह में लंड पेलने में बहुत मजा आ रहा था.
वे भी मस्ती से लंड चूस रही थीं पर उनका पहली बार था तो जरा आवाज ज्यादा कर रही थीं.
मैंने पूरा लंड उनके हलक तक पेला तो उनके आंसू निकलने लगे थे.
मैं लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ ही देर में मेरा पूरा लंड उनके थूक से भर गया था. मेरा लंड जैसे ही बाहर आता, भाभी के मुँह से पूरा थूक बाहर आकर उनके होंठों पर आ जाता.
फिर मैंने भाभी के बाल पकड़ कर उन्हें खड़ी किया और उनके सारे कपड़े निकाल कर उन्हें पूरी नंगी कर दिया.
उनके रस भरे दूध देख कर मैंने रह ही न पाया और उनके मम्मों को चूसने लगा.
भाभी भी मुझे अपने मम्मों पर दबा कर दूध चुसवा रही थीं.
उनके हल्के किशमिशी रंग के निप्पल एकदम कड़क हो गए थे.
अब मैंने उन्हें लिटा दिया और उनकी चूत में एक उंगली डाल कर उंगली सूंघने लगा.
फिर दो उंगलियां डालकर मैंने चूत को कुरेदा तो वे चीख उठीं.
मैंने भाभी की चूत की खुशबू भी सूंघी और उंगली चाट कर स्वाद भी लिया.
भाभी मुस्कुरा रही थीं.
अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपनी जीभ से चूत को चाटना शुरू कर दिया.
जैसे ही मैंने चूत को चाटना चालू किया, वे उछल पड़ीं और कामुक सिसकारियां भरने लगीं- आह मर गई … आह आह … यह किसी ने नहीं किया था. आह … मजा आ गया. और अन्दर तक चाटो!
इसका मतलब था कि भाभी की चूत को उस गूंगे मिस्त्री ने भी नहीं चूसा था.
इसी वजह से भाभी को अपनी चूत चुसवाने में मजा आने लगा था.
तभी भाभी ने अपने दोनों हाथों को मेरे सर पर रख दिया और मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगीं.
कुछ ही देर में भाभी ने अपना गर्म पानी निकाल दिया.
मैं उनकी चूत का सारा पानी पी गया.
उसके बाद मैंने अपने लंड का टोपा उनकी चूत पर रखा और अन्दर डालने की कोशिश करने लगा.
पर यह आश्चर्य की बात थी कि उनकी चूत में मेरे लंड मोटा होने की वजह से अन्दर नहीं जा रहा था.
मैंने उनसे पूछा- यह क्या पहेली है भाभी?
वे कहने लगीं- उस मिस्त्री का भी कुछ खास नहीं था और उसने उस दिन पहली बार ही मुझे चोदा था. चुदाई के बाद मैंने उसे डांट कर भगा दिया था क्योंकि मुझे संतुष्टि नहीं मिली थी.
मैंने कहा- चलो कोई बात नहीं अब आज मैं आपको पूरा संतुष्ट कर दूंगा.
अपने लंड के टोपे पर मैंने थूक लगाया और उनकी चूत की फाँकों को फैला कर लंड को सैट कर दिया.
मैंने अभी टोपा अन्दर डाला ही था कि वे जोर से चीखने लगीं- उउउई मां मर गई!
मैंने भाभी की कमर को पकड़ा और वापस एक और झटका दे दिया.
बस समझो भाभी की मां चुद गई.
सेक्सी भाभी की कसी चूत से भी ऐसी आवाज आई, जैसे कोई कपड़ा फट गया हो.
मेरा लंड भाभी की चूत को पूरा चीरता हुआ अन्दर समा गया.
मैं आह आह करता हुआ लौड़े को अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ देर बाद भाभी को भी मजा आने लगा.
फिर दस मिनट बाद हम दोनों ने पोजीशन बदल ली.
अब मैं सोफे पर बैठ गया और भाभी मेरे लंड पर बैठ गईं.
मैंने उनकी चूत में लंड पेल कर बैठ गया और उन्हें ऊपर नीचे करते हुए चोदने लगा.
चूत चुदाई के साथ भाभी की रसीली चूचियां मेरे मुँह में थीं जिससे डबल मजा मिल रहा था.
उन्हें चोदने में सच में बहुत मजा आ रहा था.
उनकी आह आह की तेज आवाज को रोकने के लिए मैंने उनके होंठ दबा लिए और अपने हाथों से उनकी गांड को ऊपर नीचे करने लगा.
कुछ मिनट बाद मैंने उन्हें घोड़ी बना कर चोदा.
भाभी कहने लगीं- इस तरह से चुदने में बड़ा मजा आ रहा है.
फिर मैंने उन्हें बिना कुछ बताए अपने लंड के टोपे पर थूक लगा कर अचानक से उनकी गांड में लंड पेल दिया.
वे चीख पड़ीं- आह आह मर गई!
मैं बोला- साली रंडी तेरी गांड में बहुत मस्ती है ना … आज तेरी सारी मस्ती ही निकाल देता हूँ.
और मैं भाभी की गांड चोदता रहा.
जैसे ही मैंने अपना लंड उनकी गांड से बाहर निकाला तो उनकी गांड में बड़ा सा छेदा हो गया था.
अब मैंने उनकी रसीली चूत में लंड डाल दिया और झटके मारने लगा.
वे बोलीं- मैं फिर से झड़ने वाली हूँ!
मैंने कहा- मैं भी.
फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए और किस करके वहीं नंगे सो गए.
जब सुबह उठे, तो भाभी से चलना भी नहीं हो पा रहा था.
मैंने उन्हें उठाया और बाथरूम में ले गया.
हम दोनों साथ में नहाये और फिर बाथरूम सेक्स किया.
फिर वे ब्रेक फास्ट बना रही थीं तो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं.
मैंने उधर ही उनकी टांग उठा कर चोदना चालू कर दिया.
अब तो हम दोनों कभी भी, कहीं सेक्स करने लगते थे और जब मन चाहा, तब कर लेते थे.
भाभी मुझसे बहुत खुश रहने लगी.