हेलो दोस्तो, मेरा नाम निर्मल है। मैं एक स्टैंडेंट हूं और मैं एक अच्छा दिखने वाला लड़का हूं। मेरे लंड का साइज 8.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है, मेरी उम्र 21 साल है और मैं एक स्कूल में पढ़ता हूं, लेकिन मैं अपनी पढ़ाई के साथ-साथ सेक्सी कहानियां पढ़ता हूं और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है। उन्हें पढ़ाकर अपने लंड को हिलाकर शांत कराता हूं और अपने लंड की बहुत देखभाल करता हूं। वैसे दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है, क्योंकि मैंने अब तक सिर्फ कहानियां पढ़ी हैं और पहली बार लिख रहा हूं। दोस्तो, हमारे समय की बात है जब मैं 12वीं क्लास में पढ़ता था। टैब हमारी क्लास में एक साइंस टीचर हमें पढ़ाती थी और उनको देखकर तो सबका लंड एकदम टाइट हो जाता था, लेकिन वो मेडम थोडी कड़क स्वभाव की थी इसलिए सब बच्चे उनसे थोड़ा सा ज्यादा ही डराते थे और अब दोस्तों में आपके उनके फिगर के बारे में मैं बता देता हूं, उनके फिगर का साइज करीब 32-28-34 था और दोस्त उनकी क्या मस्त एकदम सेक्सी गांड है और उनकी गांड को देखकर कोई भी मदहोश हो जाए। हमारी मेडम का नाम पूजा थी और वो शादीशुदा थी। उनकी शादी को 4 साल हो गए थे, लेकिन उनको देखकर लगता नहीं था कि वो शादीशुदा है और वो स्कूल के बाद भी हमारी अलग से क्लास लेती थी और उस समय मेरा गणित में हाल थोड़ा ठीक नहीं था। तो एक दिन मैंने उनसे कहा कि गणित में बहुत काम आता है और मुझे उसमें कुछ भी ज्यादा समझ में नहीं आता। तो मेडम ने कहा कि मैं स्कूल में सिर्फ पढ़ती हूं, लेकिन अपने घर पर सभी विषयों की त्यौंहार देती हूं और अब उन्हें यह बात कहते हुए मेरा भी काम बहुत आसान कर दिया था क्योंकि मैं बहुत समय से मन ही मन उन्हें छोड़ने की इच्छा रखती हूं रख रहा था. फिर मैंने अगले दिन से ही उनके घर पर त्यौंशन पढ़ने जाना शुरू कर दिया और मेडम ने त्यौंशन का टाइम शाम को 6 बजे का दिया था, लेकिन मैंने अगले दिन से ही उनके घर पर शाम को 6 बजे से पहले ही जाना शुरू कर दिया और उस दिन मेडम ने सफेद रंग दिया का सलवार सूट पहनना हुआ था और उसमें वो क्या मस्त लग रही थी? और ऐसे ही मैंने वहां पर एक हफ्ता बिता लिया, क्योंकि मेरे गणित में ठीक नहीं था इसलिए मैडम मुझे बिल्कुल अपने पास बैठाती थी और मेरे गणित के बहाने कभी-कभी उनके स्तन भी देख लिया करता था। जिन्हें देखना मुझे बहुत अच्छा लगता था और हमारे कारण से मेरा पढ़ाई में मन भी लगा रहता था। फिर एक दिन जब मैं उनके घर पर गया तो मैंने देखा कि उनके घर से कुछ लड़ी झगड़े की ज़ोर ज़ोर से आवाज़ आ रही थी और मेडम भी बहुत गुस्से से ज़ोर ज़ोर से किसी को बोल रही थी, लेकिन उस समय मेडम के कमरे का अंदर से दरवाजा बंद होने के कारण मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि वो किस झूठ बोल रही है या किस पर चिल्ला रही है? तभी मैंने कुछ देर बाद ही दरवाजा खोल दिया कि कुंडी खोलने की आवाज सुनी और मैं जल्दी से छुप गया, आकर अपनी जगह पर बैठ गया और जब मेडम बहार आई तो वो मुझे वहां पर देखकर एकादम चकित हो गई और मुझसे पूछने लगी कि तुम कब आए? मैंने कहा कि मैडम में अभी कुछ देर पहले ही आया हूं। तो मेडम ने कहा कि क्या तुम्हें नहीं पता कि आज आप बहुत खुश हैं और मैंने तो कल ही सभी बच्चों को मिसेज कर दिया था कि मैं किसी भी बच्चे को नहीं पढ़ पाऊंगा? तो मैंने मेडम से कहा कि नहीं मेडम मुझे बिल्कुल नहीं पता, क्योंकि मेरा तो फोन पिछले तीन चार दिन पहले खराब हो गया है और मैंने ठीक कारवाने के लिए झूठ बोला है। फिर मेडम मुझसे कहने लगी कि चलो कोई बात नहीं, अब तुम यहां तक आए हो तो अब पढ़कर ही जाना, लेकिन दोस्तों मेडम का उस दिन पढ़ने का बिल्कुल भी मूड नहीं था, वो मुझे उनका चेहरा देखकर खुश हुआ।
मैंने कहा कि मैडम अगर आपका मूड नहीं है तो मैं कल से पढ़ने आ जाऊंगा, आप आज थोड़ा आराम कर लीजिए, आप बहुत थकी हुई सी दिख रही हो? तो मेडम ने कहा कि नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, वैसे भी अब तुम्हारे पेपर भी नजादिक हैं और फिर मेडम ने मुझे कुछ सवाल करने के लिए झूठ बोल दिया, लेकिन मुझसे वो सवाल बहुत देर तक हल नहीं हुए तो मैंने कहा की मेडम आज मेरा भी मूड पढ़ने का नहीं है. तो मेडम कहने लगी कि चलो तुम खुद कुछ देर बैठ कर पढ़ लो और उसके बाद अपने घर पर चले जाना।
मेडम नहाने के लिए बाथरूम के अंदर चली गई और करीब 15 मिनट के बाद मुझे उनकी आवाज आई कि निर्मल में अपना खुद का बाहर ही भूल गई हूं प्लीज तुम मुझे वो पकड़ा देना। फिर मैंने तावल उठाया और उन्हें देने के लिए झूठ बोला गया। मेडम ने तवल पकड़ाने के झूठ अपना एक हाथ बाहर निकाला हुआ था तो मैंने सोचा कि मेडम को आज तो मैं नंगी देख ही सकती हूं? लेकिन मेडम ने सिर्फ अपना एक हाथ बाहर किया हुआ था। मैं उन्हें तावल पकाकर आ गया, लेकिन जब मेडम नहाकर बाथरूम से बाहर आई तो वो मुझे चेहरे से बहुत ही परेशानी दिखा दे रही थी। उनका चेहरा बिल्कुल मुरझाया हुआ था और वो बहुत उदास थी। मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए उनसे पूछा कि मेडम क्या हुआ आपका चेहरा इतना उतारा हुआ क्यों है? तो मेडम ने कहा कि कुछ नहीं, बस थोड़ी सी परेशानी है और फिर मैंने ज्यादा ध्यान ना देते हुए वहां से कुछ देर बाद अपने घर पर आ गया और फिर उसके बाद करीब सात दिन तक में उनके घर पर त्योहार पढ़ने नहीं गया, क्योंकि उस समय मेरी मां की तबियत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी और जब में आखिरी दिन पढ़ने गया तो मैडम ने मुझसे पूछा कि तुम इतने दिन कहां गए थे? तो मैंने उन्हें बता दिया कि पिछले कुछ दिनों से मेरी मां बहुत बीमार थी और घर के थोड़े बहुत कामों में लगा हुआ था। फ़िर मैडम ने मुझसे कहा कि अब तुम्हें ज़्यादा मेहनत करने की ज़रूरत है, क्योंकि अब तुम्हारे पापड़ बहुत नज़ादीक आ रहे हैं तो मैंने कहा कि मैडम ठीक है और फ़िर में एकादम छुपाचप एकदम सीधे बच्चे की तरह बैठ कर पढ़ने लगा और जब एक्जाम को 4 दिन बाकी रह गए तो मेडम मुझे दूसरे बच्चों से ज्यादा पढ़ने लगी वो मुझे उनसे एक घंटा ज्यादा पढ़ती थी और हर रविवर को मैडम छुट्टी करती थी, लेकिन फिर भी उन्होंने मुझे रविवर को अपने घर पर बुला लिया और कहा कि तुम्हें आज से एक घंटा ज़ियादा पढ़ना है तुम अपना मन लगाकर पढ़ाई करो वरना पहले हो जाओगे। मेरे पास करीब तीन घंटे तक लगतार पढ़ता रहा और फिर मेडम ने कहा कि तुम्हारे पेपर में अब दो दिन रह गए हैं इस घर पर भी बैठ कर इसकी तयारी करना और खेलने कूदने की कोशिश मत करना और फिर भी अगर तुम्हें कोई समस्या हो तो मेरे पास आ जाना. अपने घर पर ही दो दिन तक मन लगाकर पढ़ाई करता रहा, क्योंकि सुबह मेरा गणित का सबसे मुश्किल पेपर था, लेकिन वो पेपर मेरा बहुत अच्छा रहा क्योंकि मैंने गणित की बहुत अच्छी पढ़ाई की और फिर पेपर दिया था और उसके बाद मेरे सभी पेपर बहुत अच्छे गए क्योंकि मैंने उनकी भी पढाई बहुत मन लगाकर की थी और इसली उसका रिजाल्ट जल्दी आ गया और फिर में बहुत अच्छे नंबर लेकर पास हो गया और इसी खुशी में मेडम को मिठाई देने उनके घर पर चला गया। मेडम उस दिन की तरह आज भी अपने पति से लड़ रही थी क्योंकि उस दिन दरवाजा खुला हुआ था तो मुझे सब बातें साफ साफ सुनाई दे रही थी और मैं दरवाजा के पीछे खड़ा होकर वो सब कुछ सुन रहा था। तो मेडम उनसे कह रही थी कि तुम में ही कोई कमी है तब भी तुम मुझे अब तक कोई बच्चा नहीं दे सके? तो उसने कहा कि इसामें में क्या कर सकता हूं? तो मेडम ने कहा कि मैं तुम्हारा या जवाब पिछले चार साल से सुन रही हूं प्लीज अब तो कुछ करो, बाहर सब लोग मेरा मज़ाक उड़ाते हैं और मुझे अजीब नज़रों से देखते हैं और वो इतना कहकर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी। दोस्तों अब मुझे अपना सपना साकार होता हुआ नजर आया और फिर उनके पति बहुत गुस्से से बाहर चले गए और मैं भी जब बाहर जाने लगा तो मेडम ने मुझे देख लिया और कहने लगी कि तुम यहां पर किस काम के लिए आए हो? तो मैंने कहा कि मैडम में बहुत अच्छे नंबर से पास हो गया हूं, इसली में आपके झूठ मिठाई लेकर आया हूं। मेडम थोड़ा सा मुस्कुराकर मुझसे शाबाश कहने लगी और मुझे उनके चेहरे पर वो हंसी देखकर बहुत अच्छा लगा और फिर मैंने थोड़ी सी हिम्मत कराके मेडम से कहा कि मेडम क्या कोई समस्या है जो आप इतनी ऊंची आवाज से बोल रही थीं? तो मैडम कहने लगी कि कुछ नहीं बस ऐसे ही और फिर मैंने कहा कि मैंने सब कुछ सुन लिया है।
मेडम मेरी वो बात सुनाकर एकादम से घबरा गई और उनके चेहरे का रंग उड़ गया। फिर वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज तुम ये बात किसी को मत बताना। मैंने उनसे कहा कि ठीक है मेडम आप कहती हो तो मैं किसी से कुछ भी नहीं कहूंगा और फिर मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी समस्या का हल कर सकता हूं, लेकिन अगर आप मेरी थोड़ी मदद करें तो ऐसा हो सकता है? तो वो मुझसे कहने लगी कि वो कैसे और तुम मेरी उसे क्या मदद कर सकते हो? मैंने कहा कि अगर आपके पति में कोई भी कमी है तो क्या हुआ? हम दोनों भी तो मिलकर एक बच्चा पैदा कर सकते हैं और मैं इस काम में आपकी पूरी मदद करने को तैयार हूं, लेकिन तभी मेडम कहने लगी कि नहीं में ऐसा नहीं कर सकती, हां सब बहुत गलत है इसे पूरी दुनिया में हमारी बदनामी हो सकती है मेरे पति को इसके बारे में पता चला तो वो मुझे इस दुनिया से उठा भी सकती है क्योंकि उनका गुस्सा बहुत खराब है जो तुमने अब तक कभी नहीं देखा। फिर मैंने कहा कि मैडम में आपसे पक्का वादा करता हूं कि मैं कभी किसी को कुछ भी नहीं कहूंगा, हां बात हम दोनों के बीच में रहेगी तीसरा कोई भी नहीं तो फिर यह बात बाहर कैसे जाएगी? और फिर मेरे बहुत समझने के बाद मेडम इसके लिए तैयार हो गई और मेडम कहने लगी लेकिन हम यह सब मेरे घर पर नहीं कर सकते, क्योंकि मेरे पति भी कभी आ सकते हैं। फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं, आप हमारे गेस्ट हाउस चलो वो हमेशा ही खाली रहता है और फिर वहां पर कोई आता जाता भी नहीं। तो मेडम ने कहा कि ठीक है तुम कल तैयार रहना और वहां पर जाते समय मुझे भी अपने साथ ले चलना। मैंने कहा कि ठीक है और फिर में अगले दिन सुबह ही उन्हें लेने उनके घर पर चला गया, लेकिन उनके पति के घर पर होने के कारण वो मेरे साथ नहीं आ सके क्योंकि उनके पति की उस दिन छुट्टी थी और फिर मेडम ने मुझे कुछ घंटो के बाद फोन कराके बता दिया कि मैं आज नहीं आ सकती वो आज पूरा दिन घर पर है और हम कल चलेंगे। मैं उनकी हां बात सुनकर थोड़ा सा उदास हो गया, लेकिन अब मैं बहुत बेसबरी से अगले दिन का इंतजार करने लगा। मेरे दिन में भी बिस्तर पर लेते हुए उनकी चुदाई के सपने देखने लगा और उसी रात को करीब दस बजे मैडम का फोन आया कि मैं खुद ही तुम्हारे गेस्ट हाउस आ जाउंगी। तुम मुझे लेने मेरे घर पर मत आना। मैंने कहा कि ठीक है और फिर उसके अगले दिन ठीक 9 बजे मेडम मेरे मरने के बाद हमारे गेस्ट हाउस आ गई। उस दिन भी मेडम ने सलवार सूत पहनना हुआ था, वो उसमें क्या मस्त सेक्सी लग रही थी और उसके स्तन, गांड तो बहुत सेक्सी दिख रहे थे। फिर मैंने मैडम को अंदर बुलाया और पानी पिलाया और उसके बाद हम कमरे के अंदर चले गए। मैंने उसे समय सेक्स की गोली खा ली थी और मैं जाता समय ही उनको किस करने लगा और मेडम भी मेरा साथ देने लगी। करीब 15 मिनट के बाद में उनके स्तनों को ऊपर से ही सहलाने लगा। दोस्तों unake क्या स्तन थे? बिलकुल गोल, मुलायम-मुलायम, बड़े-बड़े। फिर मैंने जल्दी से उनकी कमीज को उतार दिया और अब मेरे सामने मेडम सिर्फ ब्रा और सलवार में थी और मैं ब्रा के ऊपर से अपने स्तनों को दबाने लगा और कुछ समय के बाद मैंने उनकी ब्रा को भी उतार दिया। वाह दोस्तों उनके स्तन क्या मस्त लग रहे थे, मैं आपके शब्दों में नहीं बता सकता? तो मैं कुछ समय पहले ही स्तनों को चूसता रहा। फिर कुछ देर के बाद मेडम ने मुझे खड़ा कर दिया और मेरे कपड़े उतारने लगी और मेडम ने मेरी पैंट को उतारकर मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया और कहने लगी कि तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है और इतना बड़ा तो मेरे पति का भी नहीं है और अब वो मन ही मन मुस्कुराने लगी और मेडम किसी ब्लूफिल्म की हिरोइन की तरह मेरे लंड को चुनने लगी और करीब 10 मिनट के बाद में उनकी चूत को चाटने लगा और जब में चोट चटाने लगा तो मेडम ने झड़कर अपना पानी छोड़ दिया और मैंने मेडम का नमकीन पानी पी लिया और अब मेडम पूरी तरह से गरम हो गई और वो मुझसे कहने लगी कि बस और नहीं, अब मेरी चूत में अपना लंड डाल दो, मैं और देर तक नहीं सह सकती, प्लीज मेरी चूत की अपने लंड से आज प्यास बुझा दो। मैंने अपना आठ इंच का लंबा लंड सीधा उनकी चूत में घुसा दिया, लेकिन बहुत ज़ोर लगाने के बाद भी उनकी चूत में मेरा लंड थोड़ा सा ही लंड अंदर गया, लेकिन मेडम चिल्लाने लगी, चिल्लाने लगी और कहने लगी कि प्लीज अब थोड़ा जल्दी जल्दी से मेरी चूत में सारा लंड डाल दो निर्मल प्लीज़।
दोस्तों मैंने धीरे धीरे से धक्के देकर मेरा सारा लंड पूजा की चूत में डाल दिया। मेरा लंड उसकी चूत में बहुत मुश्किल से पूरा अंदर गया क्योंकि मेरा लंड मोटा था और उसकी चूत का छेद छोटा था, जिसे अब तक मेरा लंड थोड़ा बहुत फैला चुका था। उसकी चूत को देखकर लगता था कि उसके पति ने कभी उसकी चूत को सही तरीके से नहीं छोड़ा, लेकिन मुझे उन सब बातों से क्या? मुझे तो फ्री में एक चूत मिल चुकी थी जिसका अब मेरा लंड अंदर होकर उसे फैलाकर चोद रहा था और अब पूजा दर्द की वजह से तड़पने लगी आहहहहह ऊऊहहहह प्लीज थोड़ा और आआआईईईईईईई जल्दी, तेज तेज करो और फिर मैंने जोश में आकर धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ा दी को बड़ा दिया क्योंकि मैंने सेक्स किया था कि एक गोली खाई हुई थी तो अभी झड़ने वाला नहीं था और फिर में जोर जोर से पूजा को चोदने लगा और पूजा आआआहह ऊऊऊऊऊऊहह ईहा तेज और तेज और हां ऐसे ही और फिर में 30 मिनट बाद पूजा की चूत में ही झड़ गया, लेकिन अब हमारे पास अभी भी बहुत तैम था इसलिए हम कुछ देर आराम करके फिर से शुरू हो गए और इस बार मैंने पूजा को अपने ऊपर ले लिया और उसे अपने लंड के ऊपर बैठने को कहा और फिर पूजा बैठ गई और मैंने इस्तेमाल किया चोदने लगा और फिर वो अपने आप ऊपर नीचे होने लगी और साथ ही साथ आआआआहह आआइइइइइ मां की आवाज निकलती रही, चुदाई की वजह से सारे कमरे में थप्पड़ की आवाज आने लगी और फिर कुछ देर के बाद मैंने अपना लंड बहार निकला और उसे चुना को कहा. फिर मैंने उसकी चूत में फिर से लंड को डाल दिया और अब मैंने पूजा को डॉगी स्टाइल में होने को कहा और 5-10 मिनट के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर उसकी गांड में घुसा दिया। मेरा लंड मोटा होने के कारण उसकी गांड में थोड़ा सा ही गया और इसली में बहार से तेल लेकर आया और थोड़ा थोड़ा उसकी चूत और गांड में लगाया और अपने लंड पर भी लगाया और फिर मैंने धीरे से उसकी गांड में अपना लंड दबाया और फिर पूजा की तड़पने लगी. तो मैंने उसे दर्द की परवा ना करते हुए अपना सारा लंड उसकी गांड में जोर से धक्का देकर डाल दिया और कुछ देर अंदर रखकर आगे पीछे करने लगा और पूजा आह्ह्ह्हह ऊउईईई मान थोड़ा धीरे अह्ह्ह्हह्ह तुम प्लीज जल्दी से बाहर निकालो नहीं तो मेरी गांड फट जाएगी , लेकिन मैंने वैसे ही चोदना शुरू किया और फिर करीब दस मिनट तक लगातर धक्के देकर चोदा और फिर उसकी चूत में लंड डालकर अंदर ही झड़ गया। इस तरह हमने उस दिन तीन बार सेक्स किया और मेडम मेरी चुदाई से बिल्कुल संतुष्ट दिख रही थी और अब वो बहुत खुश होकर अपने घर चली गई और ऐसे ही जब हमारा मन करता तो हम इस तरह से सेक्स करते रहते और करीब 9 महीने बाद पूजा को एक साथ दो बच्चे हुए और उसके बाद भी हमारा लगतार जारी है।