मेरी मौसी का नाम सोनिया है.
यह कहानी मेरी और इन्हीं मौसी की है.
बात 2022 साल की है साल का आखिरी दिन यानि कि 31 दिसंबर की रात थी.
मेरी मौसी के घर पर पार्टी थी, सबको बुलाया गया था.
मैं और मेरी पूरी फैमिली के लोग उधर गए थे.
जब हम वहां पहुंचे तो मैं तो मौसी को देखता ही रह गया.
लाल रंग की साड़ी में खड़ी मेरी मौसी एकदम जहर लग रही थीं.
ऐसे तो मैं मौसी को बहुत बार चोद चुका था लेकिन आज भी मौसी एकदम कड़क माल लग रही थीं.
जो पाठक मुझसे नए जुड़े हैं उनको मैं मौसी का फिगर बता देता हूँ.
मौसी के 32 इंच के चूचे थे, लेकिन अब मैंने उन्हें 34 इंच के कर दिए हैं. उनकी 42 की गांड … हाय देखते ही लंड खड़ा हो जाता है.
हम सब अन्दर गए और बच्चों से मिले.
सबने एक दूसरे से मिलना जुलना किया.
पर मेरी नजर तो मौसी पर ही थी और मौसी भी मुझे देख रही थीं.
मुझे मौसी ने कुछ इशारा किया.
मुझे समझ नहीं आया तो मैंने मौसी को मैसेज किया.
मौसी ने कहा- ऊपर छत पर आ जा, मुझको तुझसे कुछ काम है.
मैं समझ गया कि मौसी की चूत में चींटी काट रही है.
मैंने इधर उधर देखा तो सब एक दूसरे से बात करने में व्यस्त थे.
मैं ऊपर छत पर आ गया.
मौसी खुले आसमान में चांद की रोशनी में मेरा इंतजार कर रही थीं.
जब से मैं आया … मैं भी मौसी को किस करने के लिए बेकरार था.
मैंने जाते ही मौसी को अपने सीने से लगाया और बेइंतेहा उनको चूमने लगा गालों पर, माथे और गर्दन पर!
फिर उनके लाल होंठ, जिसमें हल्की ब्राउन कलर की लिपस्टिक लगी हुई थी, उन पर धीरे से अपने होंठ रखे और मौसी को चूमने लगा.
मौसी भी मुझे पागलों की तरह चूमने लगीं.
मुझे मौसी से मिले हुए लगभग 7 महीने हो गए थे.
आग दोनों तरफ लगी थी.
हमने काफी देर तक एक दूसरे को चूमा, फिर एक दूसरे की लार को चाट कर हम दोनों अलग हुए.
मैं मौसी के चूचों को दबाने लगा.
तो मौसी बोलीं- ये सब नहीं, अभी कोई आ जाएगा और देख लेगा.
लेकिन मैं मान नहीं रहा था तो मौसी बोलीं- अभी सब लोग होटल न्यू इयर पार्टी मनाने जाएंगे. तो मैं कोई बहाना बना कर रुक जाऊंगी और फिर तुम्हें जो मन हो, कर लेना.
मैं भी अपनी जान मौसी को आराम से और प्यार से चोदना चाहता था तो मैंने भी जबरदस्ती नहीं की.
फिर हम लोग एक एक करके नीचे आ गए.
रात के 11 बजे सब होटल जाने के लिए निकलने लगे तो मौसी ने कहा- मेरे पेट में दर्द हो रहा है. मैंने अभी ही दवा ली है. आप लोग चले जाएं. मैं नहीं जा पाऊंगी.
मौका देख कर मैंने भी चौका मारा और कहा- मौसी, अगर दर्द ज्यादा है तो आप आराम कीजिए. सेहत देखना पहले जरूरी है.
सब लोग मेरी बात से सहमत हो गए.
अब मैंने एक और चाल चली.
मैंने कहा- मैं मौसी के साथ रुक जाता हूँ … अगर रात को मौसी की तबियत ज्यादा खराब हो गई तो उनके साथ कोई रहना चाहिए ना … और वैसे भी मुझे ये सब पार्टी-वार्टी में कोई इंट्रेस्ट नहीं है.
मौसा जी ने कहा- ठीक है रोनित, तुम मौसी के साथ रुक जाओ और कुछ होगा, तो हमें कॉल करना.
मैंने ओके कहा.
फिर मैं उनको छोड़ने होटल गया.
उधर से वापस आते वक्त मैंने एक शॉप से मेरे और मौसी के लिए चॉकलेट केक लिया और घर आ गया.
आकर देखा कि मौसी मेरा ही इंतजार कर रही थीं.
मैंने जाते ही केक रखा और मौसी को गोद में उठा कर चूमने लगा.
मौसी बोलीं- अच्छा दिमाग लगाया जान … मेरे साथ रुकने के लिए! मैंने तो सोचा था कि तुम जाते और कोई बहाना बना कर आ जाते, लेकिन तुम तो गए ही नहीं!
मैंने कहा- अपनी जान सोनिया मौसी को छोड़ कर कैसे जा सकता हूँ!
वे मेरी बांहों में समा गईं.
मैंने उनके सीने से अपने सीने को दबा लिया.
सच में एक दूसरे के सीने को चिपका लेने से एक गजब सा अहसास हो रहा था और मेरा मन तो मौसी को छोड़ने का हो ही नहीं रहा था.
कुछ पल ऐसे ही सीने से सीने को चिपका कर खड़े रहने से मौसी की सांस रुकने लगी थी.
वे धीरे से बोलीं- मेरी सांस रुक रही है!
मैंने कहा- कोई बात नहीं है जान … मैं हूँ न … तुम्हें अपने मुँह से सांस दे देता हूँ.
इतना कहते हुए मैंने मौसी को थोड़ा ढील दे दी.
वे लंबी सांस लेकर मुस्कुराने लगीं.
मैंने उन्हें देखा और उनके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया.
मौसी ने भी अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और वे मेरी लार को चूसने लगीं.
मैं भी उनकी जीभ को अपनी जीभ से लड़ा रहा था और एक हाथ से उनके एक दूध को कसके मसलने लगा.
वे कहने लगीं- आह धीरे मसल न … क्या उखाड़ ही लेगा!
मैंने कहा- हां उखाड़ लूँगा!
वे बोलीं- फिर क्या दबाएगा?
मैंने कहा- नया उग आएगा.
मौसी हंसने लगीं और बोलीं- कोई धनिया है, जो फिर से उग आएगा!
मैंने उनके दोनों दूध एक साथ पकड़े और पकड़ कर कहा- मुझे अपने दूध दे दे जानी!
वे हंसी और बोलीं- यह ठाकुर के हाथ नहीं हैं मेरी जान! तुम्हारी महबूबा के दूध हैं.
मैंने कहा- हां यार सोनिया डार्लिंग … हैं तो ये दूध लेकिन मेरे लिए तो मस्त गुबारे हैं, जिनके साथ मुझे खेलते रहने का बड़ा मन करता है.
वे बोलीं- चल आज तू मेरे बूब्स के साथ ही कोई मस्त खेल खेल ले!
मैंने कहा- और चूत के साथ?
वे हंस दीं और बोलीं- वह तो सबसे जरूरी खेल है. न जाने कब से तेरे लंड के लिए तड़फ रही हूँ.
मैंने फिर से मौसी को अपनी बांहों में भर लिया और उन्हें चूमने लगा.
हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे.
मैं मौसी के चूचे फिर से दबाने लगा. उनके चूचों को दबाने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
ऐसे ही रात के 12 गए और एक जनवरी 2023 आ गया.
हम दोनों अलग हुए और केक कट करने लगे.
मैंने मौसी से कहा- मौसी पहले हम अपने कपड़े उतार लेते हैं.
उन्होंने पूछा- ऐसा क्यों?
मैंने कहा- ये रात हम दोनों की है और इस रात हम लोग बहुत एंजॉय करने वाले हैं, तो आप सवाल मत पूछो … बस जो मैं बोल रहा हूँ, करती जाओ.
वे मान गईं.
मैंने मौसी के कपड़े उतारने शुरू किये.
पहले उनकी साड़ी, फिर पेटीकोट. मौसी ब्रा और पैंटी में थीं.
मैंने जैसे ही उतारने के लिए हाथ आगे किया, वे बोलीं- ये बाद में … पहले तुम अपने कपड़े उतारो.
मैंने कहा- आप ही उतार दो न!
तो वे मेरे कपड़े उतारने लगीं.
जब वे मेरी चड्डी उतार रही थीं तो उन्होंने चड्डी के ऊपर से ही मेरे लंड को चूम लिया और मेरी चड्डी उतार दी.
मेरा 8 इंच का लंड मौसी के किस करने से खड़ा होने लगा था.
फिर मैंने उनकी ब्रा और पैंटी उतारी और हम दोनों केक कट करने लगे.
मौसी ने केक कट करके मुझे खिलाया मैंने मौसी को और फिर हमारी चुदाई का कार्यक्रम शुरू हुआ.
मैंने उनको बेड पर लिटाया और केक को लेकर उनकी पूरी बॉडी पर लगा दिया; चेहरे पर, गर्दन पर, चूचों पर, पेट पर चूत पर, पैरों में … हर जगह केक लगा कर पूरा उनको केक में सान दिया और उनके ऊपर लेट गया.
अब मैं केक चाट कर खाने लगा.
सबसे पहले मैंने निप्पलों पर लगा केक चाटना शुरू किया.
मौसी मचलने लगीं.
उन्हें यह अहसास बहुत सुख देने वाला लग रहा था.
फिर मैंने उनके पूरे दूध को अपने मुँह से चाटा और चूस लिया.
उसके बाद मैंने उनकी टांगों पर लगा लगा केक चाटा, फिर उनकी चूत पर लगा केक चाटा.
जैसे ही मैंने चूत पर जीभ लगाई, उनकी कामुक सिसकारियां निकलने लगीं ‘आह उई अह रोनित उम्म्म आह.’
मैंने अपनी पूरी जीभ उनकी चूत में डाल दी और चाट कर केक खाने लगा.
सोनिया मौसी की चूत के दाने पर भी केक लगा था तो मैंने उनकी चूत के दाने को अपने होंठों में भर लिया और जोर से खींचा.
इससे मौसी की आह निकल गई और वे अपनी गांड उठा कर उन्ह आह करने लगीं.
चूत के साथ ही मैं उनके चूचे भी दबा रहा था.
कुछ देर बाद उनकी सिसकारियां और बढ़ने लगीं और वे मेरे मुँह में ही झड़ गईं.
अब मैंने असली खेल शुरू किया.
उनके ऊपर आकर उनके चेहरे पर लगे केक को खाने लगा, उनके चेहरे को पूरा चाटने लगा.
उनकी नाक में घुसे केक को भी मैं चाट रहा था.
हम दोनों के होंठ आपस में लग गए और हम दोनों एक दूसरे को खाने लगे.
दोनों की जीभें आपस में लड़ने लगीं.
उसके बाद मैं उनकी गर्दन को चूमते हुए दोनों चूचों को बारी बारी से चूसने लगा.
उम्म … बहुत ज्यादा मजा आ रहा था. मैं बयान नहीं कर सकता उस फीलिंग को!
उसके बाद मौसी उठीं और मुझे सोने को बोलीं. मैं लेट गया.
मौसी ने पूरा केक उठा कर मेरा लंड उसमें घुसा दिया और पूरा लंड मुँह में भर कर चूसने लगीं.
लंड मौसी के मुँह में जाते ही मेरी आवाजें निकलने लगीं- उम्म्म्म आह उम्म् मौसी जान … आराम से बहुत मजा आ रहा है.
वे पूरे केक को चाट गईं.
अब मैं उठा और मौसी की चूत में अपने लंड को सैट कर दिया. मैं आराम आराम से धक्के लगाने लगा.
जैसे ही लंड चूत में अच्छे से सैट हो गया, मैंने एक जोर का धक्का मारा और लंड चूत में.
मौसी की तो मानो जान निकल गई.
वे चिल्लाने लगीं, पर मैं कहां रुकने वाला था.
लगभग 20 मिनट तक चुदाई करने के बाद मैंने पोजीशन चेंज की और उन्हें अपने ऊपर ले लिया.
मौसी लंड पर उछल उछल कर अपनी चूत चुदवाने लगीं.
मैं उनके चूचों के साथ खेलने लगा. मैं उन्हें दबाता, नोचता, चूसता.
मौसी भी जोश में आ गई थीं.
एक घंटा की घमासान चुदाई के बाद मेरा पानी निकलने को हुआ.
मैंने मौसी की चूत में ही सारा माल डाला और उनके ऊपर गिर कर उनको चूमने लगा.
मैंने मौसी को देर तक स्मूच किया … क्योंकि चुदाई में स्मूच मेरा फेवरेट पार्ट है.
इस तरह फुल नाईट सेक्स विद आंटी का मजा लेते हुए अलग तरीके से 3 बार चोदा.