उस दीन कुछ अच्छा नही लग रह था. सुबह से ही मन् में भारीपन लग रहा था. ऐसे ही अलसाई हूई अपने रुम में सोयी पडी थी. काम करने में जीं नहीं लग रह था. तभी ग्ली में शोर होने लगा. अपने पलंग से उठकर बरामदे की खिड़की से ग्ली में झाँकने लगी. बाबु के…
मेरी तीन भाभियाँ
रेखा- अतुल का माल
दो बजने से 5 मिनट पहले ही घंटी बजी। सामने अतुल, उनकी पड़ोसन रेखा और सरीना खड़ी थीं। सरीना के हाथ मैं एक बैग था जिसमें कुछ कपड़े थे।हम लोग अन्दर आ गए, सरीना ने मेरा परिचय अतुल और रेखा से कराया। रेखा एक सांवले बदन की 28-29 साल की छोटी-छोटी चूचियों वाली पतली दुबली…